गुरुवार, 30 जून 2011

उधार के मैदानों में चल रहा प्रशिक्षण

राजधानी रायपुर में साई सेंटर का प्रारंभ तो हो गया है, लेकिन सेंटर परेशानियों के भंवर में फंसा हुआ है। एक तरफ हास्टल के खिलाड़ी सीवर लाइन के चोक होने से परेशान हैं, दो दूसरी तरफ खिलाड़ियों को उधार के मैदान में अभ्यास करने मजबूर होना पड़ रहा है। साई को निगम ने इंडोर अभ्यास के लिए देने की बात कही थी, लेकिन अब तक निगम से इंडोर में अभ्यास के लिए मंजूरी नहीं मिल सकी है। सेंटर की समस्याओं को लेकर सेंटर के प्रभारी पिछले तीन दिनों से निगम आयुक्त से मुलाकात का प्रयास कर रहे हैं पर उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही है।
रायपुर के साई सेंटर में सात खेलों का प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ किया गया है। इन खेलों में से दो खेलों फुटबॉल और जूडो का ही प्रशिक्षण सेंटर के आउटडोर स्टेडियम में दिया जा रहा है, बाकी खेलों के लिए उधार के मैदानों का सहारा लेना पड़ रहा है। वालीबॉल के लिए खिलाड़ियों को पुलिस लाइन के मैदान, बैडमिंटन के लिए सप्रे स्कूल के बैडमिंटन हॉल और भारोत्तोलन के लिए नेताजी स्टेडियम जाना पड़ रहा है। एथलेटिक्स का मैदान तो कहीं भी उपलब्ध नहीं है। वैसे भी इस खेल के लिए दो ही खिलाड़ियों का चयन हुआ है और इनको भोपाल के सेंटर भेजने का प्रयास चल रहा है।
सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने बताया कि साई सेंटर के प्रारंभ होने से पहले ही निगम के पूर्व आयुक्त ओपी चौधरी से इस बारे में बात हुई थी तो उन्होंने अभ्यास के लिए सुबह और शाम के सत्र में इंडोर स्टेडियम देने की बात की थी। उनके जाने के बाद नए आयुक्त आए हैं, उनको भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु पत्र लिख चुके हैं कि अभ्यास के लिए इंडोर स्टेडियम उपलब्ध कराया जाए। श्री खान ने बताया कि वे पिछले तीन दिनों से निगम आयुक्त से मिलने का प्रयास कर रहे हैं, पर उनकी व्यस्तता के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही है। निगम आयुक्त के मिलने पर उनके सामने जहां इंडोर स्टेडियम की मांग रखी जाएगी, वहीं आउटडोर स्टेडियम के हास्टल में हो रही परेशानियों से भी उनको अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इंडोर स्टेडियम मिलने पर वहां बैडमिंटन और वालीबॉल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। भारोत्तोलन का प्रशिक्षण भोपाल से सामान आने पर आउटडोर स्टेडियम में ही दिया जाएगा।
चैंबरों में पानी निकासी का रास्ता ही नहीं
हास्टल के खिलाड़ियों की परेशानियों को देखते हुए एक खेल संघ के पदाधिकारियों और खिलाड़ियों ने सीवर लाइन को ठीक करने का प्रयास किया था। उनके प्रयास से चैंबरों में पड़ा भारी मात्रा में कचरा तो साफ कर लिया गया है, लेकिन इसी के साथ एक बात यह सामने आई है कि सीवर लाइन के चैंबरों से पानी निकासी का रास्ता ही नहीं है जिसके कारण गंदा पानी वापस हो रहा है और लेट-बाथ चोक हो जा रहे हैं। सेंटर के प्र्रभारी निगम आयुक्त को इस बात से भी अवगत कराएंगे और उनसे इस समस्या का समाधान करने की मांग करेंगे।

साई सेंटर के खिलाड़ियों की पढ़ाई का जिम्मा पालकों का

साई सेंटर के बोर्डिंग में प्रशिक्षणरत 90 खिलाड़ियों की पढ़ाई का जिम्मा उनके पालकों को ही उठाना पड़ेगा। साई में खिलाड़ियों की पढ़ाई का खर्च उठाने का कोई प्रावधान नहीं है। साई एक खिलाड़ी को रसीद प्रस्तुत करने पर साल में एक हजार रुपए की सहायता करता है। वैसे सेंटर के खिलाड़ियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने की कवायाद प्रारंभ हो गई है और इसका जिम्मा प्रशिक्षकों को दिया गया है।
रायपुर के साई सेंटर में जो 39 खिलाड़ी बोर्डिंग और 51 डे-बोर्डिंग में हैं, इन खिलाड़ियों की पढ़ाई के लिए कवायद प्रारंभ तो हो गई है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए यह दुखद खबर है कि उनको पढ़ाई के खर्च के लिए पालकों का सहारा लेना पड़ेगा। साई सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान बताते हैं कि साई में खिलाड़ियों के पढ़ाई का खर्च उठाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। वे बताते हैं कि सेंटर में प्रवेश देने से पहले ही खिलाड़ियों के सामने इस बात का खुलासा कर दिया जाता है कि उनको पढ़ाई का खर्च नहीं मिलेगा। वे बताते हैं कि साई से एक हजार की मदद हर खिलाड़ी को साल में एक बार दी जाती है, लेकिन इसके लिए स्कूल की रसीद प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
प्रवेश दिलाने का जिम्मा प्रशिक्षकों को
श्री खान पूछने पर बताते हैं कि वैसे तो खिलाड़ियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने का जिम्मा उनके पालकों का होता है, लेकिन मानवता के नाते जिन खेलों से खिलाड़ी जुड़े होते हैं, उनके प्रशिक्षकों से कहा गया है कि वे ऐसे स्कूलों में खिलाड़ियों को प्रवेश दिलाने की व्यवस्था करें जिन स्कूलों में खिलाड़ियों को खेलने के लिए समय देने में परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि नूतन स्कूल, हिन्दू हाई स्कूल, कालीबाडी, राष्ट्रीय विद्यालय, बालाजी, खालसा स्कूल आदि में खिलाड़ियों को प्रवेश दिलाने के लिए चर्चा की जा रही है। जहां उपयुक्त होगा वहां प्रवेश दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शाम के सत्र में 4.30 बजे से प्रशिक्षण सत्र रहता है, ऐसे खिलाड़ियों को जिन स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा, उनसे कहा जाएगा कि खिलाड़ियों को 3.30 बजे छुट्टी दे दें।
भारोत्तोलन के कोच से पद संभाला
भारोत्तोलन के कोच गजेन्द्र पांडे ने सोमवार को सेंटर में प्रशिक्षक का पद संभाल लिया। वैसे तो श्री पांडे साई के ही कोच हैं, लेकिन वे अपने सेवाएं राज्य के खेल विभाग में दे रहे थे। साई से पत्र जाने के बाद खेल विभाग ने उनको भार मुक्त करके सेंटर में पद संभालने का पत्र जारी कर दिया है। खेल विभाग से फुटबॉल की प्रशिक्षक सरिता कुजूर को भी साई ने मांगा है, लेकिन इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इधर सेंटर के प्रभारी श्री खान ने बताया कि बहुत जल्द एथलेटिक्स के एक कोच भी आने वाले हैं।

बुधवार, 29 जून 2011

फाइनल मुकाबले आज

सब जूनियर बैडमिंटन में रोमांचक मुकाबलों का दौर जारी है। स्पर्धा में चार खिताबों का फैसला होना है। फाइनल मुकाबले बुधवार की शाम को होंगे।
सप्रे बैडमिंटन हॉल में चल रही स्पर्धा में अंडर 15 बालिका वर्ग में एश्वर्या यदु ने फाइनल में स्थान बना लिया है। एश्वर्या ने सेमीफाइनल में मिरीनयामी को 21-5, 21-4 से हराया। इसके पहले क्वार्टर फाइनल में एश्वर्या ने प्रज्ञा ताम्रकार को 21-5 21-6 से दिव्या चांडक ने ऊर्जा लड्ढा को 21-9, 21-12 से हराया। अंडर 13 के सेमीफाइनल में दिव्या चांडक ने ऊजाज्ञ लड्ढा को 21-9, 21-12 और दीक्षा चौधरी ने मिरीनयामी को21-5, 21-3 से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। बालकों के अंडर 13 के क्वार्टर फाइनल मैचों में मोहित राज शर्मा ने जे.सिंह को 22-20, 21-15, अंजनेय गुप्ता ने सारस मिश्रा को 21-5, 21-4, इशान भटनागर ने निकुंज राठी को 21-18, 21-15, से हराया। पहले सेमीफाइनल में इशान भटनागर ने निकुंज राठी को 21-18, 21-15 से और अंजनेय गुप्ता ने वैभव मुकीम को 21-3, 21-1 से परास्त कर फाइनल में स्थान बनाया। अंडर 15 के क्वार्टर फाइनल मैचों में सिद्धार्थ प्रताप सिंह ने मोहित शर्मा को 21-13, 18-21, 21-9, अंजनेय गुप्ता ने मोहित राज शर्मा को 21-8, 21-13, प्रखर त्रिवेदी ने उदय डेकाटे को 21-15, 21-12 और अमोल करकरे ने अंकुर को 21-11, 21-15 से हराया।
जिला संघ के अनुराग दीक्षित ने बताया कि स्पर्धा में बुधवार को शाम पांच बजे से फाइनल मुकाबले खेले जाएंगे। मैचों के बाद होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्यअतिथि युवा उद्योगपति संजय बाजपेयी होंगे।

मंगलवार, 28 जून 2011

साई सेंटर के खिलाड़ियों की पढ़ाई का जिम्मा पालकों का

साई सेंटर के बोर्डिंग में प्रशिक्षणरत 90 खिलाड़ियों की पढ़ाई का जिम्मा उनके पालकों को ही उठाना पड़ेगा। साई में खिलाड़ियों की पढ़ाई का खर्च उठाने का कोई प्रावधान नहीं है। साई एक खिलाड़ी को रसीद प्रस्तुत करने पर साल में एक हजार रुपए की सहायता करता है। वैसे सेंटर के खिलाड़ियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने की कवायाद प्रारंभ हो गई है और इसका जिम्मा प्रशिक्षकों को दिया गया है।
रायपुर के साई सेंटर में जो 39 खिलाड़ी बोर्डिंग और 51 डे-बोर्डिंग में हैं, इन खिलाड़ियों की पढ़ाई के लिए कवायद प्रारंभ तो हो गई है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए यह दुखद खबर है कि उनको पढ़ाई के खर्च के लिए पालकों का सहारा लेना पड़ेगा। साई सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान बताते हैं कि साई में खिलाड़ियों के पढ़ाई का खर्च उठाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। वे बताते हैं कि सेंटर में प्रवेश देने से पहले ही खिलाड़ियों के सामने इस बात का खुलासा कर दिया जाता है कि उनको पढ़ाई का खर्च नहीं मिलेगा। वे बताते हैं कि साई से एक हजार की मदद हर खिलाड़ी को साल में एक बार दी जाती है, लेकिन इसके लिए स्कूल की रसीद प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
प्रवेश दिलाने का जिम्मा प्रशिक्षकों को
श्री खान पूछने पर बताते हैं कि वैसे तो खिलाड़ियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने का जिम्मा उनके पालकों का होता है, लेकिन मानवता के नाते जिन खेलों से खिलाड़ी जुड़े होते हैं, उनके प्रशिक्षकों से कहा गया है कि वे ऐसे स्कूलों में खिलाड़ियों को प्रवेश दिलाने की व्यवस्था करें जिन स्कूलों में खिलाड़ियों को खेलने के लिए समय देने में परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि नूतन स्कूल, हिन्दू हाई स्कूल, कालीबाडी, राष्ट्रीय विद्यालय, बालाजी, खालसा स्कूल आदि में खिलाड़ियों को प्रवेश दिलाने के लिए चर्चा की जा रही है। जहां उपयुक्त होगा वहां प्रवेश दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शाम के सत्र में 4.30 बजे से प्रशिक्षण सत्र रहता है, ऐसे खिलाड़ियों को जिन स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा, उनसे कहा जाएगा कि खिलाड़ियों को 3.30 बजे छुट्टी दे दें।
भारोत्तोलन के कोच से पद संभाला
भारोत्तोलन के कोच गजेन्द्र पांडे ने सोमवार को सेंटर में प्रशिक्षक का पद संभाल लिया। वैसे तो श्री पांडे साई के ही कोच हैं, लेकिन वे अपने सेवाएं राज्य के खेल विभाग में दे रहे थे। साई से पत्र जाने के बाद खेल विभाग ने उनको भार मुक्त करके सेंटर में पद संभालने का पत्र जारी कर दिया है। खेल विभाग से फुटबॉल की प्रशिक्षक सरिता कुजूर को भी साई ने मांगा है, लेकिन इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इधर सेंटर के प्रभारी श्री खान ने बताया कि बहुत जल्द एथलेटिक्स के एक कोच भी आने वाले हैं।

चार खिताबों के लिए 192 खिलाड़ी मैदान में

सब जूनियर जिला बैडमिंटन चैंपियनशिप के चार खिताबों के लिए ही 192 खिलाड़ी मैदान में हैं। स्पर्धा में पहले दिन से ही खिताबों के लिए रोमांचक मुकाबलों का दौर प्रारंभ हो गया है।
सप्रे बैडमिंटन हॉल में सोमवार से प्रारंभ हुई स्पर्धा में बहुत ज्यादा संख्या में खिलाड़ी मैदान में हैं। बालक वर्ग में अंडर 13 के साथ 15 वर्ग में 64-64 खिलाड़ी खेल रहे हैं। बालिका वर्ग में दोनों वर्गाें में 32-32 खिलाड़ी खेल रही हैं। जिला संघ के कविता और अनुराग दीक्षित ने बताया कि सप्रे बैडमिंटन हॉल में लगाए गए नए सिंथेटिक और वुडन कोर्ट के कारण खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा उत्साह है जिसके परिणाम स्वरूप सब जूनियर वर्ग में इतने ज्यादा खिलाड़ी खेलने आए हैं। इन्होंने बताया कि साई सेंटर में बैडमिंटन को शामिल करने की वजह से भी खिलाड़ी उत्साहित हैं। खिलाड़ी अब सफल होकर साई सेंटर में स्थान बनाने के बारे में सोच रहे हैं।
पहले दिन हुए मुकाबलों में अंडर 13 बालक वर्ग में सारस मिश्रा ने वैभव मंधानी को 21-8, 21-8, आकाश मांकड़े ने अनिकेत पारख को 21-19, 21-10, अंडर 15 में कंचरण बोस ने वैभव मंधानी को 21-15, 21-10, अविरल राठी ने देवांश मिश्रा को 21-8, 21-5, आयुश् वर्मा ने वैभव मुकिम को 21-11, 21-17 से हराया। बालिका वर्ग के अंडर 13 में ऊर्जा लड्ढा ने प्रियंका पंजोड़े को 21-10, 21-15, तान्या पारख ने वंसीका भंडारकर को 21-2, 21-2 और अंडर 15 में साक्षी पांडे ने बी. निहारिका को 21-10, 21-15 से हराया। स्पर्धा का उद्घाटन शाम को विधायक कुलदीप जुनेजा ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने की। स्पर्धा में मंगलवार को सुबह 8 बजे से मुकाबले प्रारंभ होंगे।

रविवार, 26 जून 2011

साई सेंटर ने फिजियो मांगा

राजधानी रायपुर में साई सेंटर के नियमित प्रारंभ होने के बाद सेंटर के लिए एक फिजियो की मांग की गई है। सेंटर के प्रभारी ने इसके लिए भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय को पत्र लिखा है। इधर बालिका खिलाड़ियों का हास्टल जल्द तैयार की मांग सोमवार को निगम के आयुक्त के सामने रखी जाएगी।
रायपुर से साई सेंटर में 17 जून से सात खेलों का नियमित प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। अभी सात खेलों में से सेंटर में दो खेलों के प्रशिक्षक नहीं हंै। जूडो के लिए नरेन्द्र कम्बोज, भारोत्तोलन के लिए गजेन्द्र पांडे, बैडमिंटन के लिए शाहनवाज खान, कयाकिंग के लिए नवीन साहू, फुटबॉल के लिए अस्थाई स्वप्निश पाठक और वालीबॉल के लिए अजीत कुट्टन हैं। एथलेटिक्स में कोई प्रशिक्षक नहीं हैं। एथलेटिक्स के खिलाड़ियों को भोपाल भेजने की योजना है, ऐसे में उनके प्रशिक्षक की फिलहाल नियुक्ति की संभावना भी नहीं है। वालीबॉल के प्रशिक्षक चंदर सिंह का आना तय है, लेकिन अब तक दिल्ली से उनके यहां आने के आर्डर नहीं निकल सके हैं। चंदर सिंह इस समय जोधपुर में पदस्थ हैं। फुटबॉल के लिए स्थाई प्रशिक्षक के रूप में खेल विभाग की प्रशिक्षक सरिता कुजूर को मांगा गया है।
सेंटर के प्रभारी ने बताया कि खिलाड़ियों के चोटिल होने को देखते हुए हमने क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल को शनिवार को एक पत्र लिखकर फिजियो की मांग की है।
Justify Fullआयुक्त से मिलेंगे सोमवार को
सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने बताया कि सेंटर के बालिका हास्टल को जल्द तैयार की मांग वे सोमवार को निगम के आयुक्त से मिलकर करेंगे। उनसे चर्चा के बाद ही बालिका खिलाड़ियों की सूची जारी करके उनको मूल्यांकन शिविर के लिए बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु ने भी निगम आयुक्त को पत्र लिखकर हास्टल का अधूरा काम जल्द पूरा करने की मांग की है।

राजधानी में बैडमिंटन के मुकाबले कल से

राजधानी रायपुर में बैडमिंटन के मुकाबले 27 जून से प्रारंभ होंगे। सप्रे बैडमिंटन हॉल में नया सिंथेटिक और वुडन कोर्ट बनने के बाद यह पहली स्पर्धा होगी। स्पर्धा को लेकर खिलाड़ियों में उत्साह है।
रायपुर जिला बैडमिंटन संघ के कविता और अनुराग दीक्षित ने बताया कि राज्य स्पर्धा से पहले जिले की टीम का गठन करने सबसे पहले सब जूिनयर वर्ग की बालक और बालिकाओं की स्पर्धा की आयोजन 27 से 29 जून तक किया जा रहा है। इस स्पर्धा के बाद जूनियर वर्ग की स्पर्धा एक से तीन जुलाई तक होगी। दोनों वर्गाें में खेलने वाले खिलाड़ी पंजीयन करवा रहे हैं। सब जूिनयर वर्ग में 50 से ज्यादा खिलाड़ियों के संभावना है। इन्होंने बताया कि सप्रे बैडमिंटन हॉल में अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों ने लिए जाने वाले शुल्क से ही हॉल में एक कोर्ट में सिंथेटिक और एक कोर्ट में वुडन लगाया गया है। हॉल में लाइट लगाने का काम निगम ने अपने बजट से किया है। हॉल के कोर्ट में ही साई सेंटर के खिलाड़ियों को भी नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

शनिवार, 25 जून 2011

साई सेंटर में बालिकाओं का प्रशिक्षण केंद्र जल्द

राजधानी के साई सेंटर में अब अगले माह से बालिकाओं का भी प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ हो जाएगा। केंद्र के लिए तीन खेलों में 34 खिलाड़ियों का चयन भी हो गया है, बस इंतजार है कि नगर निगम हास्टल का बचा काम पूरा कर दे तो केंद्र शुरू किया जाए।
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के आउटडोर स्टेडियम में बनाए गए साई सेंटर में सात खेलों का प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ किया गया है। अभी सेंटर में बालकों को 17 जून से फुटबॉल, वालीबॉल, जूडो, भारोत्तोलन, एथलेटिक्स, बैडमिंटन और कयाकिंग का नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन खेलों में बोर्डिंग के साथ डे-बोर्डिंग वाले खिलाड़ी भी शामिल हैं। दो खेलों बैडमिंटन और कयाकिंग में मात्र डे-बोर्डिंग वाले खिलाड़ी हैं।
बालकों के बाद अब सेंटर में बालिकाओं के लिए भी प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ करने की कवायद चल रही है। भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडू ने बताया कि रायपुर में एथलेटिक्स, वालीबॉल और जूडो में बालिका खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वैसे तो हमारी योजना बालक खिलाड़ियों के साथ ही बालिका खिलाड़ियों के केंद्र को भी प्रारंभ करने की थी, लेकिन नगर निगम अब तक बालिका खिलाड़ियों के हास्टल को तैयार करके नहीं दे सका है। उन्होंने बताया कि निगम के आयुक्त को पत्र लिखकर जल्द से जल्द हास्टल का बचा काम पूरा कराने का आग्रह किया गया है। श्री नायडु ने कहा कि काम पूरा होते ही बालिकाओं का प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस केंद्र के लिए एथलेटिक्स में 12, वालीबॉल में 14 और जूडो में 8 खिलाड़ियों का चयन किया जा चुका है। श्री नायडु ने उम्मीद जताई कि जुलाई के दूसरे सप्ताह में केंद्र प्रारंभ हो जाएगा।
खेल विभाग से मांगा फुटबॉल कोच
साई सेंटर के लिए खेल विभाग से महिला फुटबॉल कोच सरिता कुजूर को मांगा गया है। सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने बताया कि वैसे तो इसके लिए आरके नायडु और खेल संचालक जीपी सिंह में औपचारिक बात हो चुकी है, लेकिन हम अधिकृत रूप से खेल विभाग को पत्र भेजकर सरिता कुजूर की सेवाएं साई को देने की मांग कर रहे हैं। सरिता कुजूर कुछ दिनों पहले ही हंगरी से विशेष प्रशिक्षण लेकर लौटी हैं।

हैंडबॉल अकादमी में 14 का चयन

राष्ट्रीय हैंडबॉल अकादमी के लिए 14 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। इन खिलाड़ियों में तीन खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के हैं। खिलाड़ियों को पांच जुलाई को आयु प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर स्थाई प्रवेश दिया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए अकादमी के प्रभारी बशीर अहदम खान ने बताया कि अकादमी में वर्ष 2011 से 2014 तक के लिए खिलाड़ियों का चयन आयोजित चयन प्रक्रिया, जिसमें फिजिकल, बैटरी टेस्ट, मेडिकल एवं स्कील व प्लेइंग के आधार पर भाग लेने वाले 74 खिलाड़ियों में से 14 खिलाड़ियों का चयन अस्थाई रुप से किया गया। जिन्हें भारत सरकार के भारतीय खेल प्राधिकरण साई के द्वारा निर्धारित मापदंड के आधार पर साई से संबंधित विभिन्न राज्यों के जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन के द्वारा खिलाड़ियों को आयु प्रमाणित प्रपत्र में परीक्षण करा कर प्रस्तुत करने के पश्चात् वरिष्ठता के आधार पर खिलाड़ियों को राष्टीय हैण्डबॉल अकादमी में नियमित रुप से प्रवेश दिया जाएगा। चयनित खिलाड़ियों को 5 जुलाई 2011 तक अपना आयु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया है, चुए गए खिलाड़ी इस प्रकार है हरिंदर सिंह, राजेश कुमार, विकाश, संदीप,Þ हरीश, सुनील मल्लिक हरियाणा, रोहित और बसंत दिल्ली, एनरामू आंध्र प्रदेश, कुमार गौरव झारखंड, विनोद राजस्थान,आशी खुशवाहा महासमुंद, राहुल ठाकुर अंबिकापुर, समृद्व भिलाई।
श्री खान ने बताया कि एनएमडीसी द्वारा प्रत्येक वर्ष अकादमी पर सात लाख रुपए आवश्यकतानुसार हैंडबॉल संघ के माध्यम से व्यय किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008-09 से वर्ष 2010-11 तक कुल 21 लाख में से 19 लाख राष्ट्रीय हैण्डबॉल अकादमी के खिलाड़ियों एवं राज्य के अन्य खिलाड़ियों के नियमित प्रािक्षण के लिए खर्च किया गया। भिलाई में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आउट डोर रबर कोटेड मैदान का निर्माण किया गया है, आगामी दिसंबर 2011 में बंगलादेश, राष्ट्रीय हैण्डबॉल अकादमी एवं प्रदेश की हैंडबॉल टीमों के मध्य टेस्ट मैच भिलाई, रायपुर एवं ढ़ाका में खेले जाएंगे। जिस पर लगभग चार लाख व्यय होने का अनुमान है।

शुक्रवार, 24 जून 2011

अंतर क्लब फुटबॉल लीग राजधानी में

फुटबॉल को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए अब प्रदेश में भी अंतर क्लब फुटबॉल लीग का आयोजन प्रारंभ किया जा रहा है। रायपुर जिला संघ ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। राजधानी में इसका आयोजन जुलाई के पहले सप्ताह में होगा।
यह जानकारी देते हुए जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि भारतीय फुटबॉल फेडरेशन ने फुटबॉल को लोकप्रिय करने के लिए अंतर क्लब लीग फुटबॉल का आयोजन करने का फैसला किया है। जिन राज्यों में ऐसा आयोजन किया जाना है, उनमें छत्तीसगढ़ को भी शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिलों में जिला स्तर के आयोजन के बाद राज्य स्तर का आयोजन होना है। रायपुर जिले में इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। श्री प्रधान ने बताया कि राजधानी में जिला स्तर का आयोजन जुलाई के पहले सप्ताह में होगा। इस आयोजन में खेलने वाले क्लबों का जिला संघ से पंजीकृत होना अनिवार्य है। जो क्लब पंजीकृत नहीं हैं, वे आयोजन से पहले अपना पंजीयन करवा सकते हैं। स्पर्धा में प्रदर्शन के आधार पर जिले की टीम बनेगी जो राज्य स्पर्धा में खेलेगी।
श्री प्रधान ने बताया कि अंतर क्लब चैंपियनशिप के ठीक बाद 35 से65 साल के खिलाड़ियों के लिए सेवन ए साइड चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा। इस स्पर्धा के आयोजन का मकसद पुराने खिलाड़ियों को खेल और मैदान से जोड़े रखना है।

हॉकी-वालीबॉल के मैदान बनाने मांगे 18 लाख

साइंस कॉलेज के मैदान में खेल विभाग हॉकी और वालीबॉल के मैदान बनाने जा रहा है। इसी के साथ तीरंदाजी के लिए सेड लगाया जाएगा। तीन खेलों के मैदानों की सुविधाओं के लिए विभाग ने 17 लाख 92 हजार 779 रुपए का प्रस्ताव बनाकर खेल मंत्रालय को भेजा है।
साइंस कॉलेज के मैदान में खेल विभाग को करीब 34 एकड़ जमीन मिली है। इसी जमीन पर हॉकी के दो मैदान बनाए जाएंगे। 120 मीटर चौड़े और 100 मीटर लंबे दो मैदानों के लिए सात लाख 14 हजार की राशि मांगी गई है। हॉकी मैदान में करीब ढाई फीट की दीवार चारों तरफ उठाई जाएगी। वालीबॉल के तीन मैदान बनाने के लिए 6 लाख 92 हजार मांगे गए हैं। वालीबॉल मैदानों में एक मैदान रेत का होगा। इस मैदान पर बीच वालीबॉल की सुविधाएं होंगी। वालीबॉल के मैदानों में 9 फीट ऊंची लोहे की जाली लगाई जाएगी। इसी के साथ तीरंदाजी के लिए एक सेड बनाया जाएगा। सेड 30 मीटर चौड़ा और पांच मीटर लंबा होगा। सेड में जमीन में फ्लोरिंग की जाएगी।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि हम साइंस कॉलेज के मैदान को खेल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमने यहां पर तीरंदाजी का नियमित प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया है अब हॉकी और वालीबॉल का भी नियमित प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगे। वैसे हॉकी का प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। इन तीनों खेलों के विभाग के पास एनआईएस कोच हैं।


तीन और प्रशिक्षक नियुक्त होंगे

प्रदेश के खेल विभाग को तीन और प्रशिक्षकों की भर्ती करने की शासन से मंजूरी मिल गई है। अगस्त तक प्रशिक्षकों की भर्ती करने की तैयारी चल रही है। इस समय 2002 के सेटअप के अनुसार विभाग में पांच प्रशिक्षक हैं। चार प्रशिक्षकों की भर्ती इस सत्र में हुई है।
छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने विभाग में 2002 के सेटअप में खाली पड़े 8 में से सात प्रशिक्षकों के पदों की भर्ती करने के लिए शासन से मंजूरी मांगी थी। इस मंजूरी के पहले चरण में चार प्रशिक्षकों कीभर्ती को मंजूरी मिली थी। पहले प्रशिक्षक के रूप में उत्कृष्ट खिलाड़ी तीरंदाजी के कोच टेकलाल पुर्रे की भर्ती की गई। इसके बाद हॉकी के दो प्रशिक्षक रश्मि तिर्की और राकेश टोपो के साथ वालीबॉल के प्रशिक्षक हरगुलशन सिंह की नियुक्ति पिछले माह ही की गई है। अब खेल विभाग को शासन से खाली पड़े तीन प्रशिक्षकों के पद भरने की मंजूरी मिली है। इस मंजूरी के बाद अब खेल विभाग विज्ञापन निकालने की तैयारी में है। इस समय खेल संचालक जीपी सिंह टेÑनिंग पर गए हुए हैं, उनके आते ही 15 जुलाई में विज्ञापन निकालने के बाद अगस्त तक प्रशिक्षकों के पद भरे जाने की बात खेल विभाग के अधिकारी कह रहे हैं। प्रशिक्षकों के साथ विभाग को छह भृत्य और एक वाहन चालक के पद की भी स्वीकृति मिली है।

गुरुवार, 23 जून 2011

प्रशिक्षण शिविर प्रदेश के रिकॉर्ड 21 खिलाड़ी

भारतीय बास्केटबॉल फेडरेशन द्वारा दिल्ली में अमरीका के प्रशिक्षकों से दिलाए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर में छत्तीसगढ़ के रिकॉर्ड 21 खिलाड़ियों को शामिल किया गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के सचिव राजेश पटेल ने बताया कि भारत में बास्केटबॉल को आगे बढ़ाने हेतु विशेष रुप से अमरीका से चार प्रशिक्षक भारत के 25 पुरुष, 25 महिला, एवं 30 यूथ बालक, 30 बालिका खिलाड़ियों को 4 माह का विशेष प्रशिक्षण दिल्ली में दे रहे हैं। चारों वर्गाें की एशियन स्पर्धा अगस्त से लेकर अक्टूबर में होगी। शिविर 110 खिलाड़ी में सर्वाधिक 21 खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के हैं। इन खिलाड़ियों13 खिलाड़ी भिलाई इस्पात संयंत्र के हंै जो इस प्रकार है जैलना जौस, अजय प्रताप सिंह, जानकी रामनाथ, पूनम चतुर्वेदी, अंजना डेजी इक्का, पूजा अम्बिठ, शरणजीत कौर, संगीता कौर, ए कविता, संगीता दास, दिनेश मिश्रा, मी मुरली, लोकेश शर्मा, पांच खिलाड़ी एम पुष्पा, भारती नेताम, कविता, अरूणा किन्डो, किरण पाल सिंह दपूमध्यरेल्वे बिलासपुर की हैं । तीन यूथ खिलाड़ी संजीव कुमार, आकाश भसीन, ओम जायसवाल राजनांदगांव के हंै।


फाइनल मुकाबले आज

स्वर्गीय सतीश मोदी स्मृति टेबल टेनिस में फाइनल मुकाबले अब गुरुवार को खेले जाएंगे। खिलाड़ियों की संख्या ज्यादा होने के कारण फाइनल आज नहीं करवाया गया।
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में खेली जा रही स्पर्धा में बुधवार को भी रोमांचक मुकाबले हुए 35 साल से ज्यादा वर्ग के पहले सेमीफाइनल में हरजीत सिंह ने किशोर जाधवानी को कड़े मुकाबले में 3-2 से मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। दूसरे सेमीफाइनल में राजेश लूनिया का मुकाबला गिरीराज बागड़ी से होगा।
पुरुष वर्ग में विजय बैसवाड़े ने दिव्यम और गिरीराज बागड़ी को 3-1 से, भावेश आप्टे ने आदित्य कुलकर्णी को 3-1, आदित्य कुलकर्णी ने सागर घाटगे को 3-1 से हराया। जूनियर वर्ग में दिव्यम ने सूरज, पुष्कर को 3-0, भावेश ने सूरज और प्रणव गोयल को 3-0, प्रणव गोयल ने पुष्कर, नवजोत और गजेन्द्र को 3-0 से हराया। यूथ वर्ग में आदित्य कुलकर्णी ने सूरत तिवारी को 3-0, और सूरज तिवारी ने दिव्यम पेंढ़ारकर को 3-0 से हराया।

रवीना-मल्लेश्वरी के साथ दौड़ेगी राजधानी

शहीद भगत सिंह चौक से गुरुवार की सुबह 8.00 बजे छोटे-बड़े खिलाड़ियों को ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी और फिल्म स्टार रवीना टंडन के साथ दौड़ने का मौका मिलेगा। दौड़ेंगे साथ, रचेंगे इतिहास के साथ ओलंपिक दिवस पर ऐतिहासिक दौड़ में प्रदेश के 800 से ज्यादा धावक भाग लेंगे।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ ने ओलंपिक दिवस पर ऐतिहासिक दौड़ का आयोजन किया है। इस दौड़ को यादगार बनाने के लिए फिल्म स्टार रवीना टंडन और ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी बुधवार को ही राजधानी पहुंच चुकी हैं। प्रदेश संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया ने बताया कि दौड़ में पूरे राज्य के खिलाड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया गया है। 22 जून की शाम तक 800 से ज्यादा खिलाड़ियों का पंजीयन हो गया है। दौड़ में राजधानी के धावकों के साथ बस्तर, दल्लीराजहरा, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, चांपा, तिल्दा, कसडोल, गुडरदेही के खिलाड़ी दौड़ेंगे। इसके अलावा खेल संघों से जुड़े लोग, छत्तीसगढ़ फिल्मों के कलाकार, सामाजिक, व्यापारिक संस्थाओं के लोग भी दौड़ में शामिल होंगे। ओपन वर्ग के साथ जूनियर वर्ग के खिलाड़ियों के लिए भी पुरस्कार है।
राज्यपाल दिखाएंगे हरी झंडी
दौड़ का प्रारंभ शहीद भगत सिंह चौक से होगा। खिलाड़ियों को सात बजे तक पहुंचने कहा गया है। ठीक 8 बजे राज्यपाल शेखर दत्त दौड़ को हरी झंडी दिखाएंगे। फ्लैग आॅफ में कार्यक्रम की अध्यक्षता खेल मंत्री लता उसेंडी करेंगी। विशेष अतिथि महापौर किरणमयी नायक होंगी। 10.30 बजे होने वाले समापन समारोह के मुख्यअतिथि भी राज्यपाल शेखर दत्त होंगे। अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह करेंगे। विशेष अतिथियों में विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद रमेश बैस, ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत, खेल मंत्री लता उसेंडी, नेता प्रतिपक्ष विधानसभा रवीन्द्र चौबे, महापौर किरणमयी नायक और विधायक कुलदीप जुनेजा होंगे।
किसको कितना इनाम
महिला और पुरुष वर्ग में 8 किलो मीटर की दौड़ होगी। इसमें टॉप टेन को इनाम में नकद राशि दी जाएगी। पहले स्थान के लिए 15, दूसरे के लिए 11, तीसरे के लिए 9, चौथे के लिए 8, पांचवें के लिए 7, छठे के लिए 6, सातवें के लिए 5, आठवें के लिए 4, नवें के लिए 3 और दसवें स्थान पर रहने वालों के लिए दो-दो हजार की इनामी राशि रखी गई है। 1 से 15 साल के खिलाड़ियों के लिए चार किलो मीटर दौड़ होगी। इसमें पहले स्थान पर रहने वाले बालक-बालिका खिलाड़ियों को दो हजार पांच सौ, दूसरे स्थान पर रहने वालों को दो हजार, तीसरे स्थान पर रहने वालों को एक हजार पांच सौ, चौथे स्थान पर रहने वालों को एक-एक हजार का नकद इनाम दिया जाएगा।

बुधवार, 22 जून 2011

राष्ट्रीय खेलों की तैयारी है ओलंपिक दौड़

छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के रुप में ओलंपिक दौड़ का ऐतिहासिक आयोजन कर रहे हैं। इस दौड़ के बाद भी ऐसे आयोजन लगातार करेंगे जिससे प्रदेश के खेल संघों में एकजुटता बनी रहे और जब छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय खेल हों तो वे ऐसे ऐतिहासिक और यादगार हों जिसे कोई न भूल पाए।
ये बातें ओलंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया ने कहीं। उन्होंने कहा कि संघ के अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय खेल ऐतिहासिक और यादगार हों। ऐसे में हमने खेल संघों को एकजुट करने ही ओलंपिक दिवस पर 23 जून को होने वाली दौड़ को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी की है। दौड़ के लिए सभी खेल संघ जुटे हुए हैं।
रचेंगे इतिहास दौड़ेंगे साथ
श्री भाटिया ने बताया कि ओलंपिक दौड़ के लिए संघ ने स्लोगन दिया है रचेंगे इतिहास दौड़ेंगे साथ। इस ऐतिहासिक दौड़ में पूरे प्रदेश के 700 से ज्यादा छोटे-बड़े धावक तो शामिल होंगे ही, साथ ही छत्तीसगढ़ फिल्मों के कलाकार, सामाजिक संस्थों से जुड़े लोग, राजनेता, अफसर हर क्षेत्र से जुड़े लोग एक साथ दौड़ेंगे। 21 जून की शाम तक 400 से ज्यादा धावकों ने पंजीयन करवा लिया है। उन्होंने बताया कि जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों के साथ बुजुर्ग महिला और पुरुष धावकों के लिए भी विशेष पुरस्कार है। श्री भाटिया ने बताया कि दौड़ में एक बड़ा फ्लैग 12 गुणा 8 मीटर का बनाया जा रहा है, इसमें सभी के हस्ताक्षर लिए जाएंगे।
पदक विजेता तैयार करेंगे
श्री भाटिया ने पूछने पर बताया कि छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय खेलों में हम किसी भी कीमत पर दूसरे राज्यों से खिलाड़ी आयात करने के पक्ष में नहीं हैं। संघ के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से बात हुई है, प्रदेश के हर खेल के खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के भारतीय कोच बुलाए जाएंगे। हमने खिलाड़ियों को ए, बी और सी वर्ग में बांटा है। खेल संघों से कहा गया है कि वे अपने खिलाड़ियों की सूची दें। एक बार खेल संघों से कहने के बाद कुछ ही खेल संघों ने जानकारी दी है, अब उनको एक माह का समय दिया गया है कि वे निर्धारित समय में जानकारी दें। संघों से जानकारी मिलने के बाद योजना बनाई जाएगी किस खेल में किस तरह के प्रशिक्षकों और साधनों की जरुरत है।
पंजीयन कराने उमड़े खिलाड़ी
ओलंपिक दौड़ में जैसे ही रवीना टंडन के आने की खबर मिली तो प्रदेश ओलंपिक संघ के कटोरा तालाब के कार्यालय में सुबह से ही खिलाड़ी पंजीयन कराने उमड़ पड़े। मंगलवार शाम तक 400 से ज्यादा खिलाड़ियों ने पंजीयन करवा लिया है। संघ के कोषाध्यक्ष विष्णु श्रीवास्तव ने बताया कि फोन से दूसरे जिलों से जानकारी आ रही है। बस्तर से करीब 30 धावक और दल्ली राजहरा से 50 धावकों ने पंजीयन करवाया है। बाहर से आने वाले खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था की गई है।

खिलाड़ी जुटे सीवर लाइन ठीक कराने में

साई सेंटर की सीवर लाइन को दो माह बाद भी नगर निगम द्वार ठीक न कर पाने के बाद सेंटर के खिलाड़ियों की परेशानी को देखते हुए एक खेल संघ और खिलाड़ी ही लाइन ठीक करवाने में जुट गए। पहले ही दिन दो बड़े चेंबर से भारी मात्रा में कचरा निकाला गया है।
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के आउटडोर स्टेडियम के कमरों से जुड़े लेट-बाथ की सीवर लाइन को ठीक करवाने के लिए मंगलवार की सुबह से ही एक खेल संघ के पदाधिकारी और खिलाड़ी स्वीपरों की टीम को लेकर पहुंचे और शाम तक खड़े होकर सफाई करवाते रहे। दो बड़े चेंबरों से भारी मात्रा में मलमा निकाला गया। इतना काम करने के बाद भी खेल संघ के पदाधिकारी और खिलाड़ी चाहते हैं कि उनका नाम न लिखा जाए। सभी ने एक स्वर में कहा कि जो काम निगम को करना चाहिए, वो हमें इसलिए करना पड़ा क्योंकि दस साल के इंतजार के बाद राजधानी को साई सेंटर की सौगात मिली है। इस सेंटर में रहने वाले खिलाड़ी पिछले एक सप्ताह से परेशान हैं, उनको लेट-बाथ चोक होने के कारण बाहर जाना पड़ रहा है।
निगम दो माह में नहीं कर पाया ठीक
साई सेंटर के 6 जून से आरंभ होने से पहले ही निगम से साई के अधिकारीं लेट-बाथ की सीवर लाइन को ठीक करने का आग्रह करते रहे हैं। पूर्व में सेंटर का प्रारंभ 21 मई से होना था, लेकिन सीवर लाइन ठीक न होने के कारण इसकी तिथि 6 जून की गई थी। 6 जून से पहले सीवर लाइन को ठीक करने की बात स्टेडियम के प्रभारी इंजीनियर राजेश शर्मा ने की थी, लेकिन लाइन ठीक नहीं हो पाई। अस्थाई तौर पर लेट-बाथ को ठीक किया गया था, लेकिन एक सप्ताह में ही लेट-बाथ फिर से चोक हो गया। इसको ठीक करने के लिए साई के अधिकारी निगम के अधिकारियों से लगातार मांग करते रहे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। साई सेंटर में रहने वाले खिलाड़ियों की परेशानियों को देखते हुए एक खेल संघ के साथ खिलाड़ियों ने ही सीवर लाइन को ठीक करने का जिम्मा उठाया है।
शासन-प्रशासन को ध्यान देना चाहिए
वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान कहते हैं कि आउटडोर स्टेडियम को साई को दे तो दिया गया है, लेकिन स्टेडियम की अव्यवस्था को ठीक करने के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आने वाले समय में प्रदेश में 37वें राष्ट्रीय खेल होने हैं, ऐसे में जिस सेंटर में पदक विजेता खिलाड़ी तैयार होने हैं, उस सेंटर पर ही ध्यान नहीं दिया जाएगा तो उस सेंटर में खिलाड़ी कैसे आना पसंद करेंगे।

विजेता का फैसला आज

स्वर्गीय सतीश मोदी समर लीग टेबल टेनिस में विजेताओं का फैसला बुधवार की शाम को होगा। स्पर्धा में रोमांचक मुकाबलों का दौर जारी है।
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में चल रही स्पर्धा में पुरुष वर्ग में सागर घाटगे ने भावेश आप्टे को 3-1, गिरीराज बागड़ी, दिव्यम, हरजीत सिंह, किशोर जाधवानी और हीरा सिंहानी को 3-0, भावेश आप्टे ने राजेश लूनिया को और सौरभ मोदी को कड़े मुकाबले में 3-2, विजय बैसवाड़े ने भावेश आप्टे, गौरव बागड़ी को 3-0, आदित्य कुलकर्णी ने दिव्यम, गौरव और सुरेश शाडिजा को 3-0 से हराया। 35 साल से ज्यादा वर्ग में गिरीराज बागड़ी ने हरजीत सिंह, विमल नायर, सुरेश शाडिजा, गोविंद सिंघानिया, सैफी को 2-0, हरजीत सिंह ने हीरा सिंहानी, गोविंद और सैफी को 2-0, सुरेश ने हीरा, सैफी, गोविंद को 2-0, किशोर जाधवानी ने अरूण खाखरिया, प्रदीप जोशी, प्रदीस दास गुप्ता, बृजेश शुक्ला को 2-0, प्रदीप दास गुप्ता ने प्रदीप जोशी को 2-1, बृजेश और नवरतन अग्रवाल को 2-0 से हराया। स्पर्धा में लीग मुकाबलों के बाद विजेता का फैसला बुधवार की शाम को होगा। मैचों के बाद पुरस्कार वितरण होगा।

मंगलवार, 21 जून 2011

जूनियर धावकों को अलग इनाम

Justify Fullओलंपिक दिवस पर राजधानी में होने वाली ओलंपिक दौड़ में अब जूनियर खिलाड़ियों के लिए अलग से नकद इनाम देने की घोषणा की गई है। जूनियर खिलाड़ियों के लिए चार किलो मीटर और ओपन वर्ग के खिलाड़ियों के लिए 8 किला मीटर की दूरी तय की गई है।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित ओलंपिक दौड़ के बारे में संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया ने बताया कि संघ के पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद तय किया गया है कि जूनियर खिलाड़ियों को अलग से इनाम दिया जाएगा। 11 से 15 साल के खिलाड़ियों के लिए चार किलो मीटर दौड़ होगी। इसमें पहले स्थान पर रहने वाले बालक-बालिका खिलाड़ियों को दो हजार पांच सौ, दूसरे स्थान पर रहने वालों को दो हजार, तीसरे स्थान पर रहने वालों को एक हजार पांच सौ, चौथे स्थान पर रहने वालों को एक-एक हजार का नकद इनाम दिया जाएगा। इधर ओपन वर्ग में जो महिला और पुरुष वर्ग में पांच-पांच विशेष इनाम एक-एक हजार के रखे गए थे, वे अब नहीं दिए जाएंगे। दौड़ का प्रारंभ शहीद भगत सिंह चौक से 7.30 बजे होगा। खिलाड़ियों को सात बजे पहुंचने कहा गया है।
खेल विभाग जुटा खिलाड़ी जुटाने में
ओलंपिक संघ से सहयोग मांगे जाने का पत्र मिलने के बाद राजधानी का खेल विभाग खिलाड़ी जुटाने में लग गया है। वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि जिले के 15 विकासखंडों से जुड़े नोडल अधिकारियों के साथ पायका के सभी कीड़ाश्री को दौड़ के लिए खिलाड़ी भेजने की सूचना दे रहे हैं।

80 खिलाड़ियों से सीखे कराते के गुर

प्रदेश कराते संघ ने राजधानी में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में छोटे-बड़े 80 खिलाड़ियों को कराते के गुर सिखाए। इन खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास करने की सलाह प्रदेश संघ के अध्यक्ष विजय अग्रवाल से समापन अवसर पर दी।
प्रदेश संघ के सचिव अजय साहू ने बताया कि राजधानी के कराते खिलाड़ियों को खेल की बारीकियों से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन साहू भवन बैरनबाजार में किया गया था। यहां पर संघ पिछले दस साल से ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन कर रहा है, वैसे यहां पर कराते की नियमित क्लास चलती है। ग्रीष्मकालीन शिविर में कई नए खिलाड़ी भी जुड़ते हंै। शिविर के समापन अवसर पर प्रदेश संघ के अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कहा कि शिविर में जितने भी नवोदित खिलाड़ी आए हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि वे भी नियमित अभ्यास करें। कराते जहां आत्म रक्षा के काम आता है, वहीं यह इसे खेल के रूप में आप अपना कर अपने राज्य और देश का नाम रौशन कर सकते हैं।
शिविर के सभी खिलाड़ियों को प्रमाणपत्र देने के साथ पुरस्कार भी दिया गया। शिविर में राज्य स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ी इशान अग्रवाल, भाविका साहू, रूशाली बजाज, दुर्गेश नंदनी, समर्थ कोरी, सृष्टि शर्मा ने भी भाग लिया।


विजय, सौरभ, सुरभि की आसान जीत

स्वगीय सतीश मोदी स्मृति समर लीग टेबल टेनिस के मुकाबलों में प्रदेश के नामी खिलाड़ी विजय बैसवाड़े, सौरभ और सुरिभ मोदी ने आसानी से अपने-अपने मैच जीतकर खिताब की तरफ कदम बढ़ाए।
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में पुरुष और महिला वर्ग के साथ 35 साल से ज्यादा ुउम्र के खिलाड़ियों के लिए मुकाबलों का आयोजन किया गया है। सीनियर वर्ग में विजय बैसवाड़े ने हरजीत और हीरा सिंहानी को 3-0, सौरभ मोदी ने हरजीत, किशोर और हीरा को 3-0, आदित्य कुलकर्णी ने राजेश लूनिया, गिरीराज, हरजीत, किशोर को 3-0, राजेश लूनिया ने सुरेश सतीजा को 3-0, भावेश आप्टे ने गिरीराज और हरजीत को 3-0 से परास्त किया। इस वर्ग में 20 खिलाड़ी मुकाबले में हैं। सभी को एक-दूसरे से लीग मैच खेलने हैं। सबसे ज्यादा मैच जीतने वाला खिलाड़ी विजेता बनेगा।
महिला वर्ग में 10 खिलाड़ियों के बीच खिताब के लिए मुकाबला हो रहा है। राष्ट्रीय खिलाड़ी सुरिभ मोदी ने सोनल जाधवानी, दिव्या और पुरिंदा तांबे को 3-0 से, प्रियंका सिंह ने भी सोनल, दिव्या और पुरिंदा को 3-0 से हराया।
35 साल से ज्यादा के वर्ग में राजेश लूनिया ने योगेश प्रधान, अरूण बावरिया, प्रदीप जोशी, बृजेश शर्मा, नवरतन अग्रवाल को 2-0, योगेश प्रधान ने अरूण और नवरतन को 2-0, हीरा सिंहानी ने विमल नायर को 2-1 और गोविंद सिंघानिया को 2-0 से, विमल नायर ने गोविंद और सैफी को 2-0 से मात दी।

सोमवार, 20 जून 2011

65 प्रतियोगी परीक्षा देंगे साई में

Justify Fullभारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के छह सप्ताह के प्रमाणपत्र कोर्स के अंतिम चरण में छत्तीसगढ़ के 65 प्रतियोगी अगले सप्ताह परीक्षा देंगे। छत्तीसगढ़ के प्रतियोगियों को साई ने विशेष मौका दिया है। यह मौका छत्तीसगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए दिया गया है।
खेल विभाग की पहल पर प्रदेश के आदिमजाति कल्याण विभाग के स्कूलों के करीब 50 खेल शिक्षकों के साथ खेलों से जुड़े अन्य 15 लोगों को साई
के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय में प्रमाणपत्र कोर्स के लिए पिछले माह भेजा गया था। इन प्रतियोगियों के बारे में साई में पहले यह आपति सामने आई की ये बीपीएड किए हुए हैं और कोर्स के लिए पात्र नहीं हैं। ऐसे में क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु ने सभी का खेल का बैकगाऊंड मंगाया और पटियाला में खबर करने के साथ वहां बताया गया कि छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए इनको तैयार किया जा रहा है और इनका सारा खर्च खेल विभाग उठा रहा है।
आरके नायडु ने संपर्क करने पर बताया कि छत्तीसगढ़ के किसी भी प्रतियोगी को बाहर नहीं किया गया है और सभी अगले सप्ताह परीक्षा देने वाले हैं। परीक्षा देने के बाद जो परीक्षा में पास होंगे उनको प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि साई के अपने नियम हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रतियोगियों की स्थिति को देखते हुए उनको विशेष मौका दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैसे भी जो प्रतियोगी आए हैं, सभी किसी न किसी स्कूल में 18 से 20 साल से नौकरी कर रहे हैं, किसी का भी मकसद नौकरी पाना नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में मदद करना है। इस मकसद को देखते हुए ही छत्तीसगढ़ के प्रतियोगियों को विशेष मौका दिया गया है।


रविवार, 19 जून 2011

राष्ट्रीय कैरम की मेजबानी का दावा

प्रदेश कैरम संघ ने राष्ट्रीय कैरम चैंपियनशिप की मेजबानी का दावा किया है। मेजबानी देने के लिए पहले राष्ट्रीय फेडरेशन ने सर्वसुविधा युक्त हॉल का इंजताम करने कहा गया है। आयोजन के लिए संघ ने इंडोर स्टेडियम मांगा है।
प्रदेश कैरम संघ के महासचिव विजय कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय सीनियर कैरम की मेजबानी का दावा हमने भारतीय फेडरेशन के सामने रखा है। इसके लिए फेडरेशन ने पहले एक सर्वसुविधायुक्त हॉल की बुकिंग करके हम तिथि बताने कहा है। हमने स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का इंडोर स्टेडियम निगम से जनवरी में मांगा है। छह दिनों के आयोजन के लिए स्टेडियम बिना एसी के करीब 44 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मिलेगा। स्टेडियम दिए जाने का निगम से पत्र मिलने के बाद हम यह पत्र फेडरेशन को भेजेंगे तब हमें वहां से मेजबानी दी जाएगी। विजय कुमार ने बताया कि मेजबानी मिली तो राष्ट्रीय चैंपियनशिप में देश के सभी राज्यों के 750 खिलाड़ी और निर्णायक आएंगे।
विजय कुमार ने पूछने पर बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद सबसे पहले संघ ने 2002-03 में फेडरेशन कप के साथ सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन किया था। इसके बाद 2005-06 में ईस्ट जोन राष्ट्रीय चैंपियनशिप हुई और 2007 में एशियन चैंपियनशिप का आयोजन 5 से 7 सितंबर तक किया गया। अब सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप करने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में होने वाले अब तक के आयोजनों से फेडरेशन संतुष्ट है और छत्तीसगढ़ को मेजबानी जरूर मिलेगी, लेकिन उसके लिए संघ को फेडरेशन की शर्त के मुताबिक हॉल की बुकिंग की जानकारी देनी होगी। उन्होंने बताया कि यह जानकारी हम अगले सप्ताह फेडरेशन को भेज देंगे उसके बाद हमें मेजबानी का पत्र मिल जाएगा।


शनिवार, 18 जून 2011

छत्तीसगढ़ को दो कांस्य

राष्ट्रीय सीनियर साफ्ट टेनिस में छत्तीसगढ़ की पुरुष टीम के साथ महिला वर्ग के युगल में मृदुला भट्टाचार्य और महिमा माहेश्वरी ने शानदार खेलते हुए कांस्य पदक जीते।
लुधियाना में खेली गई स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के सचिव प्रमोद सिंह ठाकुर ने बताया कि टीम वर्ग में छत्तीसगढ़ ने पांडिचेरी को 2-0, पश्चिम बंगाल को 2-0 से परास्त कर क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया। यहां पर छत्तीसगढ़ ने मप्र को 2-0 से परास्त कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ को कड़े मुकाबले में महाराष्ट्र से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में छत्तीसगढ़ ने गुजरात को 3-0 से मात देकर कांस्य अपने नाम किया। इधर महिला वर्ग के युगल में छत्तीसगढ़ की जोड़ी ने भी कांस्य अपने नाम किया।
छत्तीसगढ़ की टीमें इस प्रकार थीं- पुरुष- लारेंस सेंटियागो, हेनरी सेंटियागो, रोहिन सेंटियागो, डेनिस बॉर्टन, दिलीप विश्वकर्मा, राजेश पाटिल, शुभांकर भट्टाचार्य, नील शुक्ला, हरप्रीत वारिया, अभय बख्शी। कोच प्रमोद सिंह
ठाकुर, मैनेजर राकेश प्रधान।
महिला टीम- मृदुला भट्टाचार्य, महिमा माहेश्वरी, किरण प्रधान, स्वीकृति ठाकुर, शामभवी ठाकुर, नुपूर चन्द्राकर, सुप्रिया पांडे, एश्वर्या देवनानी, नयन वर्मा, रौशनी सिंह। टीम के कोच रविधनगर, मैनेजर श्रीमती रेखा सेंटियागो।


शुक्रवार, 17 जून 2011

ट्रायल में जुटेंगे देश भर के खिलाड़ी

राष्ट्रीय हैंडबॉल अकादमी में स्थान पाने छत्तीसगढ़ के साथ देश भर के खिलाड़ी शुक्रवार से जुटेंगे। छत्तीसगढ़ के करीब दो दर्जन खिलाड़ियों के अलावा देश भर से 100 से ज्यादा खिलाड़ियों के आने की संभावना है।
यह जानकारी देते हुए अकादमी के प्रभारी बशीर अहमद खान ने बताया कि अकादमी के लिए 25 खिलाड़ियों का चयन किया जाना है। जो खिलाड़ी 6 फीट या इससे ज्यादा लंबाई के होंगे उन खिलाड़ियों का किसी भी तरह का टेस्ट लिए बिना उनको सीधे प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अकादमी में प्राथमिकता प्रदेश के खिलाड़ियों को दी जाएगी, ताकि छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों में राज्य के लिए खिलाड़ी पदक जीतने में मदद कर सकें। छत्तीसगढ़ के करीब दो दर्जन खिलाड़ियों का चयन ट्रायल के लिए किया गया है। इसी के साथ देश के हर राज्य के खिलाड़ी ट्रायल में शामिल होने आ रहे हैं। करीब 150 खिलाड़ियों के ट्रायल में शामिल की संभावना है।
चयन ट्रायल की पात्रता के बारे में उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों की उम्र 13 से 17 साल होनी चाहिए। लंबाई 168 सेंटी मीटर। खिलाड़ियों के लिए होने वाले बैटरी टेस्ट में स्टैडिंग ब्रांड जंप 215 सेंटी मीटर , 30 मीटर की दौड़ 4.5 सेंकेड में, 6 से 10 मीटर शटल रन 16 सेकेंड में, वर्टिकल जंप 42 सेंटी मीटर, 1600 मीटर दौड़ 7 मिनट से कम, लचीलापन 8सेंटी मीटर, हैंडबॉल खेलने में दक्षता। जो खिलाड़ी चयन ट्रायल में शामिल होंगे उनके 17 से 21 जून तक रहने और खाने की व्यवस्था की गई है। बैटरी टेस्ट के 6 में से चार टेस्ट पास करने वालों को यात्रा व्यय भी दिया जाएगा। खिलाड़ियों को जन्म प्रमाणपत्र के लिए 5वीं, 8वीं और 10वीं की अंक सूची लानी होगी।

पदक जीतने की तैयारी में जुटे खिलाड़ी

राष्ट्रीय जूनियर बास्केटबॉल में पदक जीतने की तैयारी में प्रदेश के खिलाड़ी जुट गए हैं। प्रदेश की बालक टीम में 18 और और बालिका टीम में 16 संभावित खिलाड़ियों का चयन किया गया है। प्रशिक्षण शिविर के बाद अंतिम टीम की घोषणा की जाएगी।
प्रदेश संघ के सचिव राजेश पटेल ने बताया कि 5 जुलाई से त्यागराज इन्दौर स्टेडियम में 62वीं राष्ट्रीय जूनियर बास्केटबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। प्रतियोगिता में भाग लेने के पूर्व प्रदेश की टीमों का 21 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया है।
राजेश पटेल ने बताया की हमारी दोनो वर्गों की टीमें अच्छी हंै। 21 दिवसीय प्रािक्षण शिविर में दोनों टीमों बहुत कड़ा अभ्यास कराया जाएगा। इसमें ड्रिवलिंग, पासिंग, शूटिंग, रिवाउडिंग, डिफेंस, स्क्रीनिंग, स्पीड वर्क, मेडीसीन बाल टेनिंग पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखा जाएगा। पिछले साल टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं था। बालिका टीम को चौथा एवं बालक टीम का सातवां स्थान था। इस बार दोनों टीमों से उम्मीद है कि टीमें पदक लाने में सफल होंगी।
संभावित बालिका खिलाड़ी इस प्रकार है- शालिनी श्रीवास्तव, पुष्पा निषाद, संगीता मंडल, ए कविता, संगीता कौर, शरणजीत कौर, पूनम चतुर्वेदी, अंजना डेजी इक्का, सागरिका महापात्रा सभी भिलाई इस्पात संयंत्र, प्रियंका बडाडे, मधुराज राजनांदगाव, अमिता मिंज रायपुर, पूजा कश्यप, शुभांगी सिंह जांजगीर, सिमरन तिवारी बिलासपुर, संगीता दास दुर्ग। टीम के मुख्य प्रशिक्षक अंतरराष्ट्रीय कोच राजेष पटेल हैं।
बालक टीम के संभावित-अजय प्रताप सिंह, समीर कुमार राय, विनय जनबन्धु, जानकी रामनाथ, दिनेश मिश्रा, के राजेश कुमार, पी मुरली, अभिलाष टी सज्जी, विवेक राजु सभी भिलाई इस्पात संयंत्र, बाबी सिंह, आनंद सिंह दुर्ग,आकाश भसीन, पंकज कुमार, संजीव कुमार, बी दिनेश, सैफ हुसैन राजनांदगाव, प्रतीक बिलासपुर, नवीन सिंह

गुरुवार, 16 जून 2011

दो एथलीट साई सेंटर भोपाल जाएंगे

राजधानी के साई सेंटर में चुने गए दो एथलीटों को भोपाल साई सेंटर में भेजने का फैसला किया गया है। यह फैसला खिलाड़ियों की कम संख्या के कारण किया गया है। इसी के साथ अभी साई सेंटर में एथलेटिक्स का न तो ट्रेक है और न ही अब तक प्रशिक्षक नियुक्त किया जा सका है। इधर दस दिनों के मूल्यांकन शिविर के बुधवार को समाप्त होने के बाद गुरुवार को खिलाड़ियों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। शुक्रवार से खिलाड़ियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रायपुर के साई सेंटर में सात खेलों को शामिल किया गया है। इन खेलों में एथलेटिक्स ऐसा खेल है जिसके लिए महज दो खिलाड़ी ही मिले हैं। इन खिलाड़ियों का भी मूल्यांकन शिविर में परीक्षण किया गया है। अब इन खिलाड़ियों को भोपाल के सेंटर में भेजने की तैयारी की जा रही है। इनका वहां के सेंटर में भेजा जाना तय है। सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान बताते हैं कि अब तक एथलेटिक्स के लिए कोच की व्यवस्था नहीं हो सकी है, इसी के साथ अभी हमारे पास ट्रेक भी नहीं है। वैसे आउटडोर स्टेडियम में ट्रेक बनाया जाएगा, लेकिन यह अभी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि वे भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु से बात करके दो एथलीटों को भोपाल भेज देंगे ताकि उनको वहां पर अच्छी तरह से प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने बताया कि ये खिलाड़ी भले वहां के सेंटर में रहेंगे, लेकिन इनका सारा खर्च यहां का सेंटर करेगा। जब यहां पर एथलेटिक्स का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा तो इन खिलाड़ियों को वापस बुला लिया जाएगा। श्री खान ने बताया कि जब सेंटर में बालिका खिलाड़ियों को शामिल कर लिया जाएगा तो एथलेटिक्स का भी प्रशिक्षण शुरू होगा। एथलेटिक्स में बालिका खिलाड़ियों की ही संख्या ज्यादा है।
4-5 खिलाड़ी होंगे बाहर
दस दिनों के मूल्यांकन शिविर के बाद खिलाड़ियों की रिपोर्ट सभी खेलों के प्रशिक्षक गुरुवार को जमा कर देंगे। इसके बाद पात्र खिलाड़ियों की सूची बनाकर भोपाल अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। शाहनवाज खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर में शामिल 95 खिलाड़ियों में से 4 या 5 खिलाड़ी ही अपात्र होने की संभावना है। लेकिन इसका फैसला सभी खिलाड़ियों की रिपोर्ट आने के बाद होगा। जिन खिलाड़ियों के अपात्र होने की संभावना है उन खिलाड़ियों के पास खेलों के प्रमाणपत्र नहीं हैं। खिलाड़ियों को अपने प्रमाणपत्र जमा करने का समय मूल्यांकन शिविर के अंतिम दिन तक दिया गया था। इसके बाद भी प्रमाणपत्र जमा न करने वाले खिलाड़ियों के बारे में यही माना जाएगा कि उनके पास प्रमाणपत्र नहीं हैं और उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।

कामनवेल्थ की पदक विजेता का सम्मान न करने का आरोप

प्रदेश भारोत्तोलन संघ पर कामनवेल्थ में पदक जीतने वाली सिंपल कौर भामरा का सम्मान न करने का आरोप संघ की महिला विंग की पूर्व अध्यक्ष गुरमीत धनई ने लगाया है। संघ के संयुक्त सचिव तेजा सिंह साहू का कहना है कि संघ ने तो 2010-11 में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का सम्मान किया है, ऐसे में 2006 की पदक विजेता का सम्मान कैसे किया जाता।
गुरमीत धनई से पत्रकार वार्ता में छत्तीसगढ़ भारोत्तोलन संघ द्वारा 12 जून को खिलाड़ियों के सम्मान समारोह पर सवाल उठाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाने वाले सिंपल कौर भामरा का सम्मान न करके संघ ने गलत किया है। उन्होंने बताया कि भले सिंपल कौर महाराष्ट्र की खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्होंने छत्तीसगढ़ से खेलकर भारतीय टीम में स्थान बनाया और 2006 में आस्ट्रेलिया में हुए कामनवेल्थ में 75 किलो से ज्यादा वजन वर्ग में 241 किलो वजन उठाकर रजत पदक जीता। श्रीमती धनई ने कहा कि सिंपल कौर ओलंपिक खेल में पदक जीतने वाली छत्तीसगढ़ की पहली खिलाड़ी हैं, ऐसे में संघ को उनका भी सम्मान करना था।
इस संबंध में संघ के संयुक्त सचिव तेजा सिंह साहू ने कहा कि अगर संघ पदक विजेता सभी खिलाड़ियों को सम्मान करता तो जरूर सिंपल कौर का भी सम्मान किया जाता, लेकिन संघ ने पिछले साल 2010-11 में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का ही सम्मान किया है तो ऐसे में किसी एक पुरानी खिलाड़ी का सम्मान कैसे संभव था। उन्होंने कहा कि संघ की नई कार्यकारिणी पिछले साल ही बनी है और संघ ने अपने कार्यकाल में ही पदक जीतने वालों का सम्मान किया है। सम्मान समारोह में किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया गया है।


बुधवार, 15 जून 2011

जिलों में ही तय होंगे खेलवृत्ति के खिलाड़ी

प्रदेश के खिलाड़ियों को मिलने वाली खेलवृत्ति के साथ नकद राशि पुरस्कारों के पात्र खिलाड़ियों के चयन का जिम्मा अब सीधे जिला खेल अधिकारियों को दिया गया है। पूर्व में सभी जिलों से आवेदनों को खेल संचालनालय भेज दिया जाता था, जहां पर खिलाड़ियों की चयन किया जाता था।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक ओपी शर्मा ने बताया कि खेलवृति के लिए खिलाड़ियों के चयन का अधिकार सभी जिलों के खेल अधिकारियों को दिया गया है। इसी के साथ नकद राशि पुरस्कार में मिलने वाले खेल शिखर, खेल गौरव और खेल अंकुर के पात्र खिलाड़ियों का भी चयन जिला खेल अधिकारी करेंगे। खेल शिखर पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर वर्ग में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है। इस पुरस्कार में स्वर्ण विजेताओं को 25 हजार, रजत विजेताओं को 20 हजार, और कांस्य विजेतओं को 10 हजार की राशि दी जाती है। जूनियर खिलाड़ियों के खेल गौरव में स्वर्ण विजेताओं को 15 हजार, रजत विजेताओं को 10 हजार और कांस्य विजेताओं को सात हजार की राशि मिलती है। सब जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण जीतने वालों को 10 हजार, रजत जीतने वालों को पांच हजार और कांस्य जीतने वालों को चार हजार की राशि मिलती है।
खेलवृत्ति में जिला स्तर पर सब जूनियर खिलाड़ियों को 18 सौ, जूनियर खिलाड़ियों को 24 सौ, सीनियर खिलाड़ियों को तीन हजार की राशि दी जाती है। राज्य स्तर के पदक विजेताओं को सब जूनियर में 24 सौ, जूनियर में तीन हजार और सीनियर में तीन हजार छह सौ की राशि दी जाती है। खेलवृत्ति के लिए एक जिले में 25 खिलाड़ियों की संख्या तय है। वैसे खेल संचालक को अधिकार है कि वे इस संख्या को वे प्रतिभाओं के हिसाब से बढ़ा भी सकते हैं।
उपसंचालक ने बताया कि अब सभी जिलों में खेलवृति और नकद राशि पुरस्कारों के आवेदनों की छटनी होगी और पात्र खिलाड़ियों की सूची खेल संचालनालय भेजी जाएगी। इस सूची के आधार पर संचालनालय जिलों को राशि आबंटित करेगा।




मंगलवार, 14 जून 2011

मूल्यांकन शिविर में न आने वाले 20 खिलाड़ी बाहर

साई सेंटर के मूल्यांकन शिविर में न आने वाले 20 खिलाड़ियों के लिए अब साई के रास्ते बंद हो गए हैं। अब कम से कम उनको इस सत्र में तो साई में स्थान नहीं मिल पाएगा। अभी जो 94 खिलाड़ी शिविर में हैं उनका परीक्षण अंतिम चरण में है। इनकी रिपोर्ट बनाकर भोपाल कार्यालय भेजी जाएगी, फिर वहीं से अंतिम नाम अनुमोदित होंगे।
राजधानी के साई सेंटर में सात खेलों के लिए 119 खिलाड़ियों का चयन किया गया था। 6 जून से प्रारंभ हुए मूल्यांकन शिविर में पहले दिन तो महज 53 खिलाड़ी आए, लेकिन दूसरे दिन से खिलाड़ियों की संख्या बढ़ गई। इस समय शिविर में 94 खिलाड़ी हैं जिनको जांचा और परखा जा रहा है। सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने बताया कि शिविर में जो 20 खिलाड़ी नहीं आ पाए हैं उनको अब कम से कम इस सत्र में तो मौका नहीं दिया जाएगा। वे कहते हैं कि मूल्यांकन शिविर में शामिल हुए बिना खिलाड़ियों का प्रवेश साई में संभव नहीं होता है।
हर खिलाड़ी की बन रही है रिपोर्ट
सात खेलों में प्रशिक्षक हर खिलाड़ी की अलग-अलग रिपोर्ट बना रहे हैं। 15 जून को शिविर के समापन के बाद सभी खिलाड़ियों की रिपोर्ट 16 जून को सौंप दी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर खिलाड़ियों की सूची बनाकर भोपाल भेजी जाएगी। शाहनवाज खान कहते हैं कि सूची पर अनुमोदन के बाद ही खिलाड़ियों की सूची जारी होगी। उन्होंने बताया कि कुछ खिलाड़ियों को छोड़कर बाकी के प्रमाणपत्र जमा हो गए हैं। जिन खिलाड़ियों के प्रमाणपत्र जमा नहीं हुए हैं उनको 15 जून तक प्रमाणपत्र जमा करने होंगे।
वालीबॉल के कोच चंदर सिंह आएंगे
15 जून को मूल्यांकन शिविर के समाप्त होने के बाद 17 जून से नियमित प्रशिक्षण प्रारंभ हो जाएगा। सात खेलों में से जिन खेलों के प्रशिक्षक यहां हैं उसके अलावा बाकी खेलों के प्रशिक्षक साई भेजेगा। भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु बताते हैं कि वालीबॉल के लिए चंदर सिंह का नाम तय हो गया है, उनको जल्द रायपुर भेजा जाएगा। इसी के साथ एथलेटिक्स के लिए कोच दिल्ली से मांगा गया है। अन्य खेलों में जूडो के लिए नरेन्द्र कम्बोज, भारोत्तोलन के लिए गजेन्द्र पांडे, फुटबॉल के लिए खेल विभाग की एनआईएस कोच सरिता कुजूर, बैडमिंटन के लिए सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान, कयाकिंग के लिए नवीन साहू रायपुर में हैं।


मास्टर विजन तैयार करने के निर्देश

पायका योजना में जिलों के खेल अधिकारियों को एक मास्टर विजन बनाने के निर्देश खेल विभाग के उपसंचालक ओपी शर्मा ने दिए हैं। खेल भवन में हुई बैठक में पायका की जानकारी देने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए ही यह फैसला किया गया है कि अब सभी जिला खेल अधिकारी एक मास्टर विजन बनाकर रखेंगे जिसमें जानकारी दी जाएगी।
खेल भवन में हुई बैठक में 15 जिलों के खेल अधिकारी शामिल हुए। इनसे कहा गया कि पायका की ज्यादातर जानकारी के जो बिन्दु हैं, वो हमेशा एक से होते हैं। ऐसे में बार-बार इसके बारे में जानकारी बनाने में परेशानी होती है। इसलिए अब ऐसा किया जाए कि सभी खेल अधिकारी एक मास्टर विजन तय करके अपने कंप्यूटरों में रखे लें और जब भी जानकारी मांगी जाए तो उसी फार्मेट में जानकारी भरकर भेज देें। इससे समय भी बचेगा और जानकारियों के बारे में सबको याद भी रहेगा।
खेल अधिकारियों को पायका के साथ मास्टर विजन का उपयोग खेल विभाग द्वारा करवाई जाने वाली स्पर्धाएं जिनमें महिला खेल, राज्य स्कूली खेल, युवा उत्सव और मैराथन में करने के लिए कहा गया। बैठक में पायका की स्पर्धाओं का कैलेंडर बनाने, राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की सूची बनाने, पिछले साल पायका में पुरस्कृत खिलाड़ियों की सूची बनाने, खेल आयोजन कराने में सक्षम प्रबंधकों की सूची बनाने, राज्य स्तरीय स्पर्धा की मेजबानी के प्रस्ताव देने, मनरेगा में गांवों में मैदान बनाने, मास्टर टेÑनिंग में भेजने वालों की सूची बनाने, 2011-12 में जिला स्पर्धाओं के व्यय का प्रस्ताव भेजने, ब्लाक स्तरीय स्पर्धाओं के लिए खेलों का चयन, चिहिंत गांवों में समिति बनाने आदि मुद्दों पर भी चर्चा हुई। खेल अधिकारियों को खेलवृत्ति और नकद राशि पुरस्कार की सूची जिलों ही बनाने के लिए भी कहा गया है।

रविवार, 12 जून 2011

ओलंपिक दिवस पर इनामी दौड़ की तैयारी

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ की नई कार्यकारिणी अपने पहले कार्यक्रम के रूप में ओलंपिक दिवस पर 23 जून को इनामी दौड़ का आयोजन करने की तैयारी में है। इस पर चर्चा करने के लिए 12 जून को नए विश्राम गृह में दोपहर 3 बजे बैठक का आयोजन किया गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया ने बताया कि संघ ने राज्य में ओलंपिक दिवस के दिन राजधानी में एक भव्य इनामी दौड़ करने का मन बनाया है। इस दौड़ में एक लाख पचास हजार के पुरस्कार बांटे जाएंगे। महिला और पुरुष वर्ग में टॉप टेन खिलाड़ियों के साथ दोनों वर्गाें में पांच-पांच अन्य खिलाड़ियों को इनाम दिया जाएगा। अभी यह तय नहीं है। किस स्थान पर रहने वालों को कितना इनाम दिया जाएगा। इसी के साथ दौड़ को ऐतिहासिक बनाने के लिए क्या होना चाहिए, इसी पर चर्चा करने के लिए 12 जून को ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी की बैठक रखी गई है। बैठक में प्रदेश से जुड़े मान्यता प्राप्त के साथ गैरमान्यता प्राप्त खेल संघों के भी अध्यक्ष और सचिवों को आमंत्रित किया गया है। इसी के साथ जिला ओलंपिक संघों के भी अध्यक्ष और सचिव बैठक में शामिल होंगे। बैठक में सभी से सुझाव लिए जाएंगे कि दौड़ को कैसे ऐतिसाहिक बनाया जाए।
दौड़ में प्रदेश के हर खेल के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को भी बुलाया जाएगा। नामी खिलाड़ियों को भी दौड़ में बुलाने पर चर्चा होगी।


पहले दिन रायपुर का दबदबा

राज्य कराते के पहले दिन हुए मुकाबलों में मेजबान रायपुर के खिलाड़ियों का दबदबा रहा। स्पर्धा में 8 जिलों के 250 से ज्यादा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
छत्तीसगढ़ कराते संघ द्वारा राज्य कराते स्पर्धा का आयोजन अग्रसेन भवन में किया गया है। इसमें पहले दिन सब जूनियर और जूनियर वर्ग के बालक-बालिकाओं के मुकाबले हुए। काता वर्ग के ज्यादातर मुुकाबलों में रायपुर के खिलाड़ियों ने स्वर्ण, रजत और कांस्य पर कब्जा किया। आदिवासी क्षेत्र बस्तर के खिलाड़ी भी पदक जीतने में सफल हुए।
पहले दिन सबसे पहले 10 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों में काता के मुकाबले हुए। इसमें बालिका वर्ग में तीनों पदक रायपुर के नाम रहे। स्वर्ण दर्गेश नंदनी, रजत आशी श्रीवास्तव और कांस्य सृष्टि शर्मा ने जीता। बालक वर्ग में स्वर्ण रायपुर के किशन सांडेकर, रजत बस्तर के गोपाल सार्दुल और कांस्य रायपुर के शिवम अग्रवाल ने जीता। अन्य मुकाबलों में 10 से 12 साल बालिका वर्ग स्वर्ण भाविका साहू, रजत हेमोलिका रेयांग, कांस्य मानसी पटेल (तीनों रायपुर), बालक स्वर्ण मनोज चूरा रायपुर, रजत संजय ध्रुव बस्तर, कांस्य अंकित घोष बस्तर। 12 से 14 साल बालिका स्वर्ण निधी दहाके, रजत प्रतिभा थावसील, कांस्य टिकेश्वरी साहू (तीनों रायपुर)। 14 से 16 बालिका स्वर्ण जीजीवी बहम रायपुर, रजत विनीता सेन राजनांदगांव, कांस्य प्राची पाटिल रायपुर।
प्रदेश संघ के सचिव अजय साहू ने बताया कि स्पर्धा के दूसरे दिन जूनियर वर्ग के साथ सीनियर वर्ग के मुकाबले होंगे। शाम को चार बजे होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्यअतिथि खेलमंत्री लता उसेंडी होंगी।
स्कूली खेलों में शामिल होगा कराते
स्पर्धा के उद्घाटन अवसर पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कराते संघ से प्रस्ताव मिलते ही कराते को राज्य के स्कूली खेलों में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य में खेलों को बढ़ाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। हमने 37वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी ली है और इसकी तैयारी भी प्रारंभ हो गई है। अब राज्य में मैदानों की भी कमी नहीं रहेगी। उन्होंने आयोजन के लिए संघ को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे ही आयोजनों से खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरती है। इसके पहले प्रदेश संघ के अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने कराते को राज्य के स्कूली खेलों में शामिल करने की मांग करते हुए बताया था कि राष्ट्रीय स्कूली खेलों में कराते को शामिल कर लिया गया है, ऐसे में राज्य में स्कूली खेलों में कराते को शामिल करने से ही प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेलने जा सकेंगे।


शनिवार, 11 जून 2011

हॉकी-वालीबॉल मैदान बनाने का प्रस्ताव

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा साइंस कॉलेज मैदान में हॉकी और वालीबॉल के दो-दो मैदान बनाने का प्रस्ताव खेल मंत्रालय को भेजा जा रहा है। इसी के साथ तीरंदाजी के लिए एक सेड भी बनाने की योजना है। इन तीनों खेलों के प्रशिक्षक खेल विभाग ने नियुक्त किए हैं। वैसे तीरंदाजी और हॉकी का प्रशिक्षण प्रारंभ भी कर दिया गया है।
खेल संचालनालय में हॉकी के दो प्रशिक्षक राकेश टोपो और रश्मि तिर्की के साथ वालीबॉल के एक प्रशिक्षक हरगुलशन सिंह की नियुक्ति की गई है। इसके पहले तीरंदाजी के कोच टेकलाल पुर्रे की नियुक्ति की गई थी। इन प्रशिक्षकों को नियमित मैदान दिलाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की योजना खेल संचालक जीपी सिंह ने बनाई है। इस योजना की पहली कड़ी में पिछले एक माह से तीरंदाजी का नियमित प्रशिक्षण केंद्र भी चलाया जा रहा है। इन केंद्र में 50 बच्चे प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं। इन केन्द्र के बाद अब हॉकी के दो मैदान बनाने के साथ वालीबॉल के भी दो मैदान बनाने के लिए खेल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। हॉकी मैदान में करीब ढाई फीट की दीवाल भी खड़ी करने की योजना है ताकि बॉल बाहर न जा सके। वालीबॉल मैदान में बॉल को बाहर जाने से रोकने के लिए नेट लगाने की योजना है। वैसे अभी हॉकी की कोच रश्मि तिर्की ने बिना मैदान के ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देना भी प्रारंभ कर दिया है।
खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि जब तक साइंस कॉलेज में एस्ट्रो टर्फ न लग जाए तब तक खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए मैदान दिलाने की योजना है। हमारे पास जब दो प्रशिक्षक आ गए हैं तो उसका फायदा खिलाड़ियों को मिलना ही चाहिए। वे कहते हैं कि एस्ट्रो टर्फ लगने के बाद हॉकी अकादमी भी प्रारंभ की जाएगी। हॉकी और वालीबॉल मैदान के सथ तीरंदाजी के लिए एक सेड बनाने का भी प्रस्ताव है ताकि बारिश में भी नियमित अभ्यास जारी रह सके।

राजधानी में आज जुटेंगे कराते खिलाड़ी

प्रदेश के 8 जिलों के 350 से ज्यादा कराते खिलाड़ी 11 जून से राजधानी में जुटेंगे। इनके बीच होने वाले मुकाबलों से पहले स्पर्धा का उद्घाटन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अध्यक्ष विजय अग्रवाल और सचिव अजय साहू ने बताया कि अग्रसेन भवन जवाहर नगर में आयोजित स्पर्धा में 8 जिलों मेजबान रायपुर के साथ बिलासपुर, राजनांदगांव, धमतरी, दुर्ग, जांजगीर, रायगढ़ के 350 से ज्यादा बालक और बालिका खिलाड़ी खेलने आएंगे। स्पर्धा का उद्घाटन 12 बजे शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। स्पर्धा में व्यक्तिगत काता के साथ कुमिते के मुकाबले होंगे। काता और कुमिते में 10 वर्ष से कम, 10 से 12 वर्ष, 12 से 14 वर्ष, 14 से 16 वर्ष, 16 से 18 वर्ष और 18 साल से ज्यादा के मुकाबले होंगे। ओपन काता में 50 किलो, 50 से 55, 55से 60 और 60 किलो से ज्यादा वर्ग में मुकाबले होंगे। स्पर्धा में मुकाबलों से पहले सुबह के सत्र में रेफरी क्लीनिक का आयोजन किया जाएगा। स्पर्धा में राष्ट्रीय खिलाड़ी निर्णायक का काम करेंगे।

शुक्रवार, 10 जून 2011

खेल पुरस्कार-खेलवृत्ति के लिए आवेदन 29 तक

प्रदेश के खेल विभाग द्वारा दिए जाने वाले राज्य के खेल पुरस्कारों के साथ खेलवृति के लिए आवेदन जमा करने की राजधानी के कार्यालय में अंतिम तिथि 29 जून है।
यह जानकारी देते हुए राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि खेल विभाग द्वारा राज्य के जूनियर खिलाड़ियों के लिए एक लाख का शहीद कौशल यादव, सीनियर खिलाड़ियों के लिए दो लाख पच्चीस हजार का शहीद राजीव पांडे, प्रशिक्षकों और निर्णायकों के लिए एक-एक लाख के वीर हुनमान सिंह पुरस्कार के साथ सीनियर खिलाड़ियों के लिए पच्चीस हजार की नकद राशि वाला शहीद पंकज विक्रम और 60 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ियों के लिए 25 हजार की खेल विभूति सम्मान दिया जाता है। इन सभी पुरस्कारों के लिए जिला और राज्य स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए विभाग खेलवृत्ति देता है। इन सभी के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि रायपुर के जिला कार्यालय में 29 जून तय की गई है। खिलाड़ी खेल संचालनालय में 30 जून की शाम तक भी सीधे आवेदन जमा कर सकते हैं। श्री डेकाटे ने बताया कि जिला स्तर पर सब जूनियर खिलाड़ियों को 1800,राज्य स्तर पर 2400, जूनियर खिलाड़ियों को जिला स्तर पर 2400, राज्य स्तर पर 3000 और सीनियर खिलाड़ियों को जिला स्तर पर 3000 और राज्य स्तर पर 3600 की खेलवृत्ति दी जाती है।

प्रदेश की थ्रोबॉल टीम होशंगाबाद रवाना

राष्ट्रीय सब जूनियर थ्रोबॉल में खेलने प्रदेश के बालक और बालिकाओं की टीम होशंगाबाद के लिए गुरुवार को रवाना हो गई। टीम के रवाना होने से पहले प्रदेश संघ के अध्यक्ष हरमिंदर सिंह होरा ने टीम को किट प्रदान की।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के सचिव अतुल शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन 10 से 12 जून तक किया गया है। इसमें शामिल होने जाने से पहले प्रदेश की टीमों का प्रशिक्षण शिविर स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के आउटडोर स्टेडियम में लगाया गया। टीम के अंतिम खिलाड़ियों का चयन गुरुवार को किया गया।
टीम इस प्रकार है- बालिका टीम- रौशनी, नेहा, गीता डेहरे, आकृति राजपूत, सत्यभामा शर्मा, मोनिका भोईहार, योग्यता सेन, निष्ठा जोशी, लिलिमा बाग, दिग्जया जैन, चंचला जैन और आशु। बालक टीम- अब्दुल साजिद, चमन यदु, नौशादुद्दीन, दीपांशु, सुमित चौरसिया, गरुरुदेव सिंह, विजय कुमार वर्मा, एमडी इकबाल, कोमल सिंह, कुलदीप देवांगन, विकास सिंग, नितिन बरड़िया। कोच जावेद और अल्का दुबे, मैनेजर मारूती नंदन मरकाम हैं।

गुरुवार, 9 जून 2011

फुटबॉल में मिला एक अपात्र खिलाड़ी

साई सेंटर के मूल्यांकन शिविर में कोंडागांव का एक फुटबॉल खिलाड़ी अपात्र मिला है। इस खिलाड़ी को प्रमाणपत्र लाने कहा गया है, अगर खिलाड़ी स्पर्धा में खेलने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं कर पाता है तो उसे सेंटर से बाहर किया जाएगा। इधर सेंटर में अब तक 92 खिलाड़ी आ चुके हैं और बचे खिलाड़ियों का आना जारी है। खिलाड़ियों के मूल्यांकन का दौर भी चल रहा है।
सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर में जांच के दौरान कोंडागांव से जुड़े एक फुटबॉल खिलाड़ी को अपात्र पाया गया है। इस खिलाड़ी के पास जिला स्तर पर खेलने का भी प्रमाणपत्र नहीं है। उन्होंने बताया कि सेंटर के नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर खेले खिलाड़ियों के बाद राज्य स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को ही प्रवेश दिया जाता है। सेंटर के लिए जिन 119 खिलाड़ियों का चयन हुआ है सभी को राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने के आधार पर चुना गया है। ऐसे में एक खिलाड़ी के पास प्रमाणपत्र न होने पर उनको मूल्यांकन शिविर के समाप्त होने से पहले प्रमाणपत्र लाने कहा गया है। श्री खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर का मकसद ही ऐसे खिलाड़ियों की छटनी करना है जो चयन ट्रायल में गलती से चुन लिए गए हैं।
खिलाड़ियों की संख्या हुई 92
सेंटर के प्रभारी ने बताया कि पहले दिन तो 53 खिलाड़ी ही आ सके थे, लेकिन बुधवार को खिलाड़ियों की संख्या 92 हो गई है। उन्होंने एक बार फिर से हैरानी जताते हुए कहा कि मप्र, उप्र और राजस्थान के खिलाड़ियों को तो सूचना मिल गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को कैसे नहीं मिली। उन्होंने बताया कि आज रात तक राजस्थान के खिलाड़ी भी आ जाएंगे। उन्होंने किसी भा हालत में मूल्यांकन शिविर को लंबे करने से इंकार किया और कहा कि 16 जून से नियमित क्लास प्रारंभ हो जाएगी।
जारी है खिलाड़ियों को परखना
मूल्यांकन शिविर में खिलाड़ियों को परखने का कम्र जारी है। अलग-अलग मैदानों में सुबह के सत्र में खिलाड़ियों की फिटनेस पर ध्यान दिया जा रहा है। शाम के सत्र में खिलाड़ियों में खेल की बारीकियों को परखा जा रहा है, इसी के साथ उनको खेल के बारे में बताया जा रहा है।
मिशन जयहिंद
सेंटर के खिलाड़ियों को अभिवादन के लिए जय हिंद ही बोलने की इजाजत है। जब भी खिलाड़ी अपने प्रशिक्षकों से मिलते हैं तो वे जयहिंद कहते हैं। इसी के साथ खिलाड़ियों को यह भी हिदायत है कि किसी भी बड़े से वे बात करें तो अभिवादन में जयहिंद का ही उपयोग करें। सेंटर के प्रभारी ने बताया कि यह नियम देश के हर सेंटर में लागू है।

रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव अंतिम 8 में

राज्य जूनियर बास्केटबॉल के बालिका वर्ग में रायपुर, भिलाई और राजनांदगांव की टीमों ने अंतिम 8 में स्थान बना लिया है। बालक वर्ग में भिलाई की टीम से क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाने में सफल रही, लेकिन रायपुर की टीम क्वार्टर में स्थान नहीं बना सकी।
जांजगीर चांपा में बुधवार से प्रारंभ हुई स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के राजेश पटेल ने बताया कि बालिका वर्ग में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ियों से सजी भिलाई ने पहले मैच में जांजगीर को 62-19, रायगढ़ को 74-21 से हराया। भिलाई के लि अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी ए. किवता ने 12, साढ़े छह फीट की पूनम चतुर्वेदी ने 16 और संगीता मंडल ने 10 अंक बनाए। अन्य मैचों में दुर्ग ने रायपुर को 65-34, रायपुर ने जांजगीर नगर निगम को 38-25 और राजनांदगांव ने रायपुर नगर निगम को 58-14 से हराया। बालक वर्ग में भिलाई ने अपने दोनों मैच जीतकर अंतिम 8 में स्थान बनाया। पहले मैच में भाटापारा को 36-10 और दूसरे मैच में कवर्धा को 33-11 से मात दी। अन्य मैचों में राजनांदगांव ने रायपुर को 45-12, राजनांदगांव नगर निगम ने रायपुर नगर निगम को 49-10, दुर्ग ने जांजगीर को 34-16 और रायगढ़ को 32-20, बिलासपुर ने दुर्ग नगर निगम को 58-10, जांजगीर ने रायगढ़ को 51-25 परास्त किया।

खेल विभाग का हास्टल अंतिम चरण में

खेल विभाग के 100 बिस्तर वाले हास्टल का काम अंतिम चरण में चल रहा है। ट्रांसफार्मर लगाने जहां 5 लाख 88 हजार की राशि मंजूर हो गई है, वहीं इंटीरियल के काम के लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मंत्रालय भेजा है। इंटीरियल के काम के बाद हास्टल प्रारंभ कर दिया जाएगा।
राजधानी में आयोजनों के लिए खिलाड़ियों को ठहराने में होने वाली परेशानी से बचने के लिए खेल विभाग ने साइंस कॉलेज के मैदान में मिली जमीन 100 बिस्तरों वाले हास्टल का निर्माण कराया है। इसका काम अब अंतिम चरण में है। हास्टल में इंटीरियल के काम के साथ विद्युत व्यवस्था का ही काम शेष है। विद्युत व्यवस्था करने हास्टल के पास ही विद्युत मंडल से ट्रांसफार्मर लगाने के लिए मंत्रालय से 5 लाख 88 हजार की राशि मिल गई है। ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए बुधवार को ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने हास्टल का निरीक्षण करके स्थान तय किया है। ट्रांसफार्मर लगने के बाद इंटीरियल का काम किया जाएगा और फिर हास्टल की सौगात खिलाड़ियों को दी जाएगी। हास्टल बनते ही साइंस कॉलेज मैदान में हॉकी और तीरंदाजी की अकादमी प्रारंभ करने की योजना है।

बुधवार, 8 जून 2011

मैदान में जान लेवा खुला नाला

स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के आउटडोर स्टेडियम के फुटबॉल मैदान के चारों तरफ जान लेवा खुला नाला है। इस नाले के ओचित्य पर खेल विशेषज्ञ सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आज के आधुनिक दौर में इतने बड़े नाले की क्या जरूरत थी। नाला बना भी दिया गया तो कम से कम उनको ढक दिया जाता। नाले के खुले रहने से खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा है। इसी के साथ स्टेडियम का वाटर लेबल भी सही नहीं होने की बात की जा रही है। साई सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान तो कहते हैं कि मैदान को नए सिरे से बनाने की जरूरत है।
आउटडोर स्टेडियम को साई सेंटर के लिए दिए जाने के बाद इस सेंटर के लिए आए विशेषज्ञों ने इस बात पर सवाल खड़े किए हैं कि आखिर नगर निगम ने स्टेडियम के मैदान में इतना चौड़ा नाला क्या सोच कर बनाया है। फुटबॉल के कोच स्नप्निश पाठक, विक्रम दस्तीदार, मुश्ताक अली प्रधान, वालीबॉल के अजीत कुट्टन, जूडो की कोच नरेन्द्र कम्बोज को इस बात की हैरानी है कि आखिर आज के आधुनिक समय में इतना बड़ा नाला क्यों बनाया गया है। हंगरी से दो दिन पहले ही कयाकिंग में लेबल 3 कोर्स करने लौटने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और कोच नवीन साहू कहते हैं कि ऐसे मैदान तो बरसों पहले तब बनते थे, जब लोगों को जानकारी नहीं थी, लेकिन आज आधुनिक समय में ऐसे मैदान की कल्पना नहीं की जा सकती है। नवीन बताते हैं कि ऐसे स्टेडियमों के बीच में फुटबॉल मैदान होता है और उसके बाद चारों तरफ एथलेटिक्स का ट्रेक निकाला जाता है। इस ट्रेक के अंतिम सिरे में ही एक छोटा सा नाला पानी निकासी के लिए रहता है। लेकिन यहां तो बहुत बड़ा नाला बना दिया गया है। इससे खिलाड़ियों के लिए हमेशा चोटिल होने का खतरा रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर निगम से इतना बड़ा नाला बना ही दिया है तो कम से कम उसको ढक तो दिया जाए ताकि किसी भी तरह से घटना से बचा जा सके। विशेषज्ञ एक मत से कहते हैं कि मैदान का वाटर लेबल भी ठीक नहीं है जिसके कारण मैदान का पानी मैदान में ही रह जाएगा।
नए सिरे से बनाना पड़ेगा मैदान
साई सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान कहते हैं कि मैदान बहुत खराब है, इसे नए सिरे से बनाने की जरूरत है। वे बताते हैं कि निगम के साथ साई का जो एमओयू हुआ है, उसमें यह शर्त है कि मैदान सही बनाकर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में निगम के अधिकारियों से बात करेंगे कि मैदान ठीक करके दिया जाए। श्री खान ने कहा कि वे मैदान के नाले के बारे में भी बात करेंगे कि इसको ढक दिया जाए।

खिलाड़ियों का मूल्यांकन शुरू

साई सेंटर में खिलाड़ियों का मूल्यांकन करने का दौर मंगलवार से प्रारंभ हुआ। सुबह खिलाड़ियों के फिटनेस टेस्ट के बाद शाम से मैदानों में खिलाड़ियों के खेल को परखने का क्रम प्रारंभ हुआ।
राजधानी से साई सेंटर में सात खेलों के खिलाड़ियों का चयन बोर्डिंग और डे-बोर्डिंग के लिए किया गया है। सेंटर में आए खिलाड़ियों का सुबह के सत्र में फिटनेस टेस्ट किया गया। खिलाड़ियों की क्षमता को परखने के बाद शाम को अलग-अलग मैदानों में प्रशिक्षकों ने खिलाड़ियों की स्कील को परखना शुरू किया। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में फुटबॉल और जूडो, बूढ़ातालाब में कैनाइंग-कयाकिंग, पुलिस मैदान में वालीबॉल, सप्रे बैडमिंटन हॉल में बैडमिंटन खिलाड़ियों को खेल के बारे में बताया जा रहा है और देखा जा रहा है कि किस खिलाड़ी में खेल का कितना ज्ञान है। हर खिलाड़ी का मूल्यांकन करके प्रशिक्षक रिपोर्ट तैयार करेंगे। खिलाड़ियों को परखने का क्रम 15 जून तक चलेगा इसके बाद 16 जून के खिलाड़ियों का नियमित अभ्यास प्रारंभ होगा। इसके पहले हर खेल के लिए नियमित प्रशिक्षक नियुक्ति हो जाएंगे।

मंगलवार, 7 जून 2011

सूचना के अभाव में आधे खिलाड़ी ही आए

साई सेंटर के मूल्यांकन शिविर में सूचना के अभाव में आधे खिलाड़ी ही आ पाए हैं। इन खिलाड़ियों में से भी ज्यादातर को डाक से सूचना नहीं मिल पाई, जिसके कारण वे प्रमाणपत्रों के बिना ही पहुंचे हैं, बोर्डिंग के खिलाड़ियों को चार दिन और डे बोर्डिंग के खिलाड़ियों को दो दिन का समय मूल प्रमाणपत्र लाने के लिए दिया गया है। खिलाड़ियों को सूचना न मिलने का कारण सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने डाक विभाग को बताया है। 25 मई को भेजे गए पत्र छत्तीसगढ़ के आस-पास के खिलाड़ियों को नहीं मिल सके हैं।
राजधानी के साई सेंटर में सुबह से बोर्डिंग और डे बोर्डिंग वाले खिलाड़ी जुटे। खिलाड़ियों से जब उनके मूल प्रमाणपत्र मांगे गए तो इस बात का खुलासा हुआ कि ज्यादातर खिलाड़ी प्रमाणपत्र लेकर आए ही नहीं हैं। कारण जानने पर मालूम हुआ कि किसी भी खिलाड़ी को इस बात का पत्र ही नहीं मिला था कि उनको क्या-क्या लाना है। खिलाड़ियों ने बताया कि वे तो अखबारों में प्रकाशित खबरों से जानकारी होने पर आए हैं। सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने हैरानी जताई कि 25 मई को सभी को पत्र भेजे दिए गए थे, फिर कैसे उनको पत्र नहीं मिले। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों में तो खिलाड़ियों को पत्र मिलने की उनके पास सूचना है, लेकिन छत्तीसगढ़ के आस-पास के जिलों में खिलाड़ियों को कैसे पत्र नहीं मिल, यह बात समझ से परे हैं।
प्रमाणपत्र जमा करने दिया समय
जब खिलाड़ियों से इस बात का पता चला कि उनको पत्र ही नहीं मिले हैं, तब यह बात समझ आई कि 119 खिलाड़ियों का चयन हुआ है और आए सिर्फ 53 खिलाड़ी हैं। ऐसे में जहां उपस्थित खिलाड़ियों को फिर से पत्र दिए गए, वहीं जो खिलाड़ी नहीं आए हैं, उनको फिर सूचना भेजी जा रही है। खिलाड़ियों को मूल प्रमाणपत्र जमा करने के लिए समय दिया गया है। बोर्डिंग वाले खिलाड़ियों को अपने परिजनों से संपर्क करके चार दिनों और डे-बोर्डिंग वाले खिलाड़ियों को दो दिनों में प्रमाणपत्र जमा करने कहा गया है।
किस खेल में कितने खिलाड़ी
सात खेलों के सेंटर में जहां एथलेटिक्स के एकमात्र खिलाड़ी भिलाई के आए हैं, वहीं उप्र के चुने गए दो खिलाड़ी अभी नहीं पहुंचे हैं। भारोत्तोलन का एक भी खिलाड़ी नहीं पहुंचा है। फुटबॉल में सबसे ज्यादा खिलाड़ियों का चयन हुआ है। बोर्डिंग ने लिए चुने गए 22 में से 16 खिलाड़ी और डे-बोर्डिंग के लिए चुने गए 10 में से 4 खिलाड़ी आए हैं। इसी तरह से वालीबॉल में बोर्डिंग और डे-बोर्डिंग में 13-13 खिलाड़ी चुने गए थे, इनमें से 8-8 खिलाड़ी, जूडो में बोर्डिंग में 9 और डे-बोर्डिंग में 10 का चयन हुआ था, इनमें से 6-6 आए हैं। बैडमिंटन के डे-बोर्डिंग में सात का चयन हुआ था, इनमें से पांच आए हैं। कैनाइंग कयाकिंग ही ऐसा खेल है जिसमें डे-बोर्डिंग के लिए चुने गए 15 खिलाड़ियों में से सभी आए हैं। इनमे 11 बालक और 4 बालिका खिलाड़ी हैं।
आज से होगा खिलाड़ियों का मूल्यांकन
मूल्यांकन शिविर के पहले दिन खिलाड़ियों शाम को खिलाड़ियों से वार्मअप करवाया गया। अब 7 जून से खिलाड़ियों का मूल्यांकन प्रारंभ होगा। बोर्डिंग वाले खिलाड़ियों को सुबह 6 बजे आने कहा गया है। खिलाड़ियों का मूल्यांकन करने का काम जूडो में नरेन्द्र कम्बोज, फुटबॉल में स्नप्निश पाठक, विक्रम दस्तीदार, वालीबॉल में अजीत कुट्टन, बैडमिंटन में शाहनवाज खान, और कयाकिंग में नवीन साहू करेंगे।

पुरस्कार मिले, चेहरे खिले

राजधानी के साथ जिले के आधा दर्जन विकासखंडों में लगाए गए 20 खेलों के प्रशिक्षण शिविर में चुने गए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का सम्मान किया गया। पुरस्कार पाकर सभी खिलाड़ियों के चेहरे खिल उठे। जिन खिलाड़ियों को पुरस्कार नहीं मिल सका, उन खिलाड़ियों को आगे मेहनत करने की सलाह कार्यक्रम के मुख्यअतिथि छत्तीसगढ़ वेयर हाउसिंग के अध्यक्ष अशोक बजाज ने दी।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 20 खेलों का 21 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर राजधानी के मैदानों के साथ जिले के छह विकासखंडों आरंग, धरसीवा, भाटापारा, तिल्दा, गरियाबंद और कसडोल में लगाया गया था। इन शिविरों में प्रशिक्षकों ने खिलाड़ियों की प्रतिभा का मूल्यांकन करके हर खेल से एक बालक और एक बालिका खिलाड़ी का चयन किया। इन चुने गए खिलाड़ियों को एक-एक किट बैग और प्रमाणपत्र साथ ही प्रशिक्षकों को टी-शर्ट के साथ सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह के मुख्यअतिथि अशोक बजाज थे। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि जिन खिलाड़ियों का चयन पुरस्कार के लिए नहीं हुआ है उनको निराश होने की जरुरत नहीं है। खिलाड़ियों को निरंतर प्रयास कराना चाहिए कि उनको खेल अच्छा हो। उन्होंने खेल विभाग की तारीफ करते हुए कहा कि यह अपने आप में बड़ी बात है कि रायपुर जिले में 1780 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया है। श्री बजाज ने कहा कि खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविर के बाद चुप न बैठे बल्कि अपनी प्रतिभा का उपयोग करते खेल को जारी रखे और राज्य के साथ देश का नाम रौशन करने का प्रयास करें। हमारे राज्य के लिए वह दिन खुशी का होगा जब अपने प्रदेश के यही खिलाड़ी एक दिन अंतराराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए टीवी में नजर आएंगे। वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी देने के साथ आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सभी खेल के प्रशिक्षक और खिलाड़ी उपस्थित थे।

सिंथेटिक और वुडन कोर्ट की सौगात

राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ियों को सप्रे स्कूल के बैडमिंटन हॉल में सिंथेटिक कोर्ट के साथ वुडन कोर्ट और जिम की सौगात मिली है। इसका लोकार्पण सोमवार की शाम को महापौर किरणमयी नायक ने किया। इस कोर्ट में लाइट लगाने पर निगम ने चार लाख की राशि भी खर्च की। कोर्ट निर्माण जिला बैडमिंटन संघ ने कराया है।
सप्रे बैडमिंटन हॉल में जिला बैडमिंटन संघ ने सिंथेटिक कोर्ट बनाने पर 35 हजार और वुडन कोर्ट बनाने पर 65 हजार की राशि खर्च की है। संघ के अनुराग और कविता दीक्षित ने बताया कि इन दो कोर्ट को ठीक करने के साथ संघ ने एक जिम भी लगाया है। पांच स्टेशन वाले इस जिम की लागत महज 32 हजार है। इन्होंने बताया कि बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए यह छोटा जिम पर्याप्त है। संघ ने जो राशि खर्च की है, वह खिलाड़ियों से लिए जाने वाले शुल्क से की गई है। श्री दीक्षित ने बताया कि हॉल में लाइट लगाने की काम निगम ने अपने खर्च पर किया है। लाइट पर लगाने पर करीब चार लाख की राशि खर्च हुई है। इस सुविधायुक्त हॉल के कोर्ट और जिम का लोकार्पण किरणमयी नायक ने किया।


सोमवार, 6 जून 2011

पदक जीतने की कवायद में जुटीं खिलाड़ी

राष्ट्रीय फेडरेशन कप साफ्टबॉल में पदक जीतने की तैयारी में प्रदेश की खिलाड़ी लगातार अभ्यास में जुटीं हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भले हमें पांचवां स्थान मिला था, लेकिन फेडरेशन कप में जरूर पदक जीतने का प्रयास करेंगी।
प.रविशंकर विश्व विद्यालय के मैदान में अभ्यास में जुटीं खिलाड़ी मोंटी तिड़के, आसिया परवीन, करूणा वर्मा, नेहा तिड़के, रेशमा साहू, रौशनी निषाद, जूली वर्मा, प्रीति वर्मा, कविता साहू, संध्या साहू, खुशबू शर्मा, के. अनिशा, नीलिमा और प्रीति सिंह ने एक स्वर में कहा कि फेडरेशन कप में खेलने वाली टीमों में पंजाब, केरल, महाराष्ट्र की टीमें बहुत मजबूत हैं। इन टीमों में अनुभवी खिलाड़ियों की भरमार रहती है। अनुभव की कमी के कारण हम मात खा जाती हैं। लेकिन इसके बाद भी हमारा प्रयास रहता है कि अच्छा से अच्छा प्रदर्शन किया जाए। इन्होंने बताया कि फेडरेशन कप में खेलने का मौका चंडीगढ़ में खेली गई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पांचवां स्थान प्राप्त करने पर मिला है। इस चैंपियनशिप में केरल की टीम विजेता बनी थी। फेडरेशन में कप में महाराष्ट्र, मणिपुर, पंजाब, मप्र, केरल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, आन्ध्र प्रदेश की टीमें खेलेंगी। लीग में सभी टीमों को मुकाबला एक-दूसरे से होगा।
खिलाड़ियों का कहना है कि हमारे पास प्रशिक्षक की कमी नहीं है, हमें एनआईएस कोच निंगराज रेड्डी से प्रशिक्षण मिल रहा है। प्रशिक्षक श्री रेड्डी का कहना है कि खिलाड़ी सुबह के समय करीब तीन घंटे अभ्यास कर रही हैं। कुछ खिलाड़ी बाहर की हैं, जो नहीं आ सकी हैं, बाकी खिलाड़ी नियमित रूप से अभ्यास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बार टीम अच्छी है और उम्मीद है कि जब हमारी टीम अमृतसर में 10 जून से होने वाले फेडरेशन कप में खेलने जाएगी तो वहां से पदक लेकर लौटेगी।

हॉकी का भी प्रशिक्षण केन्द्र शुरू

साइंस कॉलेज के मैदान में सुबह के समय अब महिला हॉकी खिलाड़ियों को एनआईएस कोच रश्मि तिर्की के साथ राकेश टोपो प्रशिक्षण दे रहे हैं। फिलहाल तो इस प्रशिक्षण केन्द्र में एक दर्जन खिलाड़ी ही आ रही हैं। आगे जानकारी होने पर और खिलाड़ियों के आने की उम्मीद प्रशिक्षक जता रहे हैं। यह प्रशिक्षण केन्द्र अब नियमित चलेगा। फिलहाल अस्थाई रुप से मैदान बनाया गया है। यहां पर दो मैदान बनाने की योजना है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग में नियुक्त की गई हॉकी की एनआईएस कोच रश्मि तिर्की ने पहल करते हुए साइंस कॉलेज के मैदान में हॉकी का प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ कर दिया है। इस प्रशिक्षण केन्द्र में एक दर्जन खिलाड़ियों को वह सुबह के सत्र में रोज प्रशिक्षण देने का काम कर रही हैं। उनके साथ हॉकी के ही एनआईएस कोच राकेश टोपो भी खिलाड़ियों को खेल के गुर सिखाने में मदद कर रहे हैं। वैसे साइंस कॉलेज के इस मैदान में खेल विभाग की हॉकी के दो मैदान बनाकर बालक और बालिका खिलाड़ियों को नियमित प्रशिक्षण देने की योजना है। हॉकी के प्रशिक्षण के लिए सामान भी मंगा लिया गया है, लेकिन खेल संचालक जीपी सिंह के ट्रेनिंग में जाने की वजह से मैदान निर्माण नहीं हो पा रहा है। श्री सिंह दो माह बाद लौटेंगे। ऐसे में हॉकी की प्रशिक्षक रश्मि तिर्की ने सोचा कि समय खराब करना बेकार है और उन्होंने बिना गोल पोस्ट और मैदान की मार्किंग किए बिना ही पुलिस मैदान में अभ्यास करने वाली कुछ जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों को एकत्रित करके प्रशिक्षण केन्द्र का आगाज कर दिया है। रश्मि कहती हैं कि जब खिलाड़ियों को तैयार करना है तो इसके लिए इंतजार क्या करना। खेल विभाग में मेरी नियुक्ति हुई है तो मुझे काम करना ही है, लंबे समय तक खाली बैठने की मतलब नहीं है, ऐसे में मैंने विभाग के अधिकारियों से बात करके अस्थाई रुप से मैदान प्रारंभ कर दिया है।
खेल संचालक जीपी सिंह ने साइंस कॉलेज के मैदान में तीरंदाजी का तो नियमित प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ करा दिया है। इसके बाद हॉकी और वालीबॉल के प्रशिक्षकों की नियुक्ति के साथ उन्होंने दोनों खेलों के नियमित प्रशिक्षण केन्द्र की योजना बना रखी है, लेकिन उनके ट्रेनिंग में जाने के कारण यह योजना अटकी हुई है, उनके वापस आने पर ही इस योजना पर सही तरीके से अमल होगा।

रविवार, 5 जून 2011

आज से आएंगे खिलाड़ी

राजधानी में साई सेंटर का प्रारंभ 6 जून से हो रहा है। सात खेलों के सेंटर के लिए बोर्डिंग वाले खिलाड़ी 5 जून से आने लगेंगे। डे-बोर्डिंग वाले खिलाड़ियों को सीधे 6 जून को आने कहा गया है। आउटडोर स्टेडियम के कमरों को तैयार करने का काम निगम ने प्रारंभ तो कर दिया है, पर सीवर लाइन के ठीन न होने के कारण अब खिलाड़ियों को ठहराने की व्यवस्था इंडोर में की जाएगी, इसके लिए निगम आयुक्त ने सहमति भी दे दी है।
दस साल के लंबे इंतजार के बाद अंतत: अब रायपुर में साई सेंटर प्रारंभ हो रहा है। वैसे सेंटर पर अब भी संकट मंडरा रहा है, लेकिन यह संकट बड़ा नहीं है, इसे साई और निगम दूर करने में लगे हैं। सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने बताया कि बोर्डिंग के लिए जिन खिलाड़ियों के नाम तय किए गए हैं, वे खिलाड़ी 5 जून से आएंगे। डे-बोर्डिंग में चूंकि राजधानी के ही खिलाड़ी रखे गए हैं, ऐसे में उनको सीधे 6 जून की सुबह ही आने के लिए कहा गया है। मूल्यांकन शिविर के बारे में उन्होंने बताया कि हर खेल के विशेषज्ञ आ चुके हैं, ये खिलाड़ियों का मूल्यांकन करेंगे। मूल्यांकन शिविर में पहले दिन सुबह से खिलाड़ियों के मूल प्रमाणपत्रों की जांच होगी। शाम को सभी खिलाड़ियों को मूल्यांकन शिविर के बारे में जानकारी दी जाएगी और फिर सात जून से प्रांरभ होगा हर खिलाड़ी का मूल्यांकन। मूल्यांकन शिविर के मुख्य मकसद के बारे में श्री खान ने बताया कि भूलवश अगर चयन ट्रायल में किसी गलत खिलाड़ी का चयन हो गया होगा तो उसकी पहचान इस शिविर में करके उनसे बाहर कर दिया जाएगा।
इधर आउटडोर स्टेडियम में शनिवार को निगम के कर्मचारियों ने काम प्रारंभ कर दिया। लेट-बाथ में पानी तो आने लगा है, लेकिन उसकी सीवर लाइन अब भी चोक है। इसे ठीक करने में अभी कम से कम एक सप्ताह लगने की बात निगम के इंजीनियर राजेश शर्मा कर रहे हैं। ऐसे में यह तय है कि अब मूल्यांकन शिविर के लिए आने वाले बोर्डिंग के खिलाड़ियों को इंडोर के कमरों में ठहरा जाएगा, इसके लिए निगम के आयुक्त राजेश टोपो ने सहमति भी दे दी है। आउटडोर स्टेडियम में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है, इसके बारे में सेंटर के प्रभारी ने बताया कि निगम की मदद से टेंकर से इसकी कमी को फिलहाल पूरा किया जाएगा। बोर्डिंग के खिलाड़ियों के लिए खाना बनाने वाली मेस की टीम शनिवार को भोपाल से रायपुर पहुंची है और उसने मेस का काम प्रारंभ कर दिया है।

आज सम्मानित होंगे खिलाड़ी

खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायपुर ने राजधानी के साथ करीब आधा दर्जन विकासखंडों में 20 खेलों के प्रशिक्षण शिविरों से चुने गए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का सम्मान नेताजी स्टेडियम में 5 जून को शाम 5 बजे होगा।
वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि रायपुर जिले में रायपुर के साथ 6 विकासखंडों में कुल 20 खेलों का प्रशिक्षण शिविर 15 मई से 4 जून लगाया गया। इन शिविरों में बास्केटबॉल के 150, टेनीक्वाइट के 140, ताइक्वांडो के 120, वालीबॉल के 70, हॉकी के 30, हैंडबॉल के 55, कराते के 40, बैडमिंटन के 50, फुटबॉल के 150, जंप रोप के 40, वूशू के 65, जूडो के 25, नेटबॉल के 85, थ्रोबॉल के 50, कबड्डी के 50, टेबल टेनिस के 90, साफ्टबॉल के 50, तीरंदाजी के 45 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसी तरह से तिल्दा में 100, धरसीवां में 50, फिंगेश्वर में 50, भाटापारा में 50,गरियाबंद में 50, कसडोल में 100, आरंग में 30 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण शिविरसमापन समारोह में के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ वेयर हाउसिंग के अध्यक्ष अशाोक बजाज होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष सुभाष तिवारी करेंगे।


प्रदेश की हैंडबॉल टीम हिमाचल रवाना

34वीं राष्ट्रीय जूनियर हैंडबॉल चैंपियनशिप में खेलने खेलने प्रदेश के बालकों की टीम सुंदर नगर हिमाचल प्रदेश रवाना हो गई। वहां पर पांच जून से स्पर्धा का प्रारंभ होगा।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के सचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि स्पर्धा में खेलने के लिए 18 सदस्यों की टीम रवाना हुई है। खेलने जाने से पहले टीम का प्रशिक्षण शिविर भिलाई में लगाया गया था। टीम को खेल विभाग ने ट्रेक शूट और एनएमडीसी ने प्लेइंग किट दी है।
टीम इस प्रकार है- सलमान खान, मो. सोहेल अख्तर, संजीव, पी. दिनकर, संदीप कुमार (राष्ट्रीय हैंडबॉल अकादमी), मंजीत सिंह, प्रतीक आनंद, कुलदीप, देवेश गांवरे, अनुभव आर्य, संजय सिंह, कुमार स्वामी, मोहसिन खान, मोहनिश वर्मा (दुर्ग), राहुल ठाकुर (सरगुजा), अनुभव तिवारी (रायपुर)। प्रशिक्षक बीडी करुपति, मैनेजर विजय बहादुर।

शनिवार, 4 जून 2011

राष्ट्रीय हैंडबॉल की मेजबानी छत्तीसगढ़ को

भारतीय हैंडबॉल फेडरेशन से छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय सीनियर हैंडबॉल के साथ अंतर जोनल स्पर्धा की मेजबानी मिली है। सीनियर स्पर्धा का आयोजन भिलाई में 3 अक्टूबर से और अंतर जोनल का जगदलपुर में अगले साल जनवरा में कराने का फैसला प्रदेश हैंडबॉल संघ ने किया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के सचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि संघ की सामान्य सभा में यह तय किया गया है कि राष्ट्रीय सीनियर पुरुष हैंडबॉल स्पर्धा का आयोजन भिलाई में किया जाएगा। भिलाई में आयोजन करने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि भिलाई में खिलाड़ियों को ठहराने के स्थान की कमी नहीं है। स्पर्धा को राजधानी में कराने की मांग की जा रही थी, लेकिन राजधानी में सबसे बड़ी समस्या खिलाड़ियों को ठहराने की होती है, ऐसे में अंत में भिलाई में आयोजन कराने पर सभी जिलों ने सहमति दी। श्री खान ने बताया कि संघ को अंतर जोनल राष्ट्रीय स्पर्धा की भी मेजबानी मिली है। इसका आयोजन जगदलपुर में किया ेजाएगा। यह स्पर्धा अगले साल जनवरी में होगी। श्री खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए एक अखिल भारतीय आमंत्रण चैंपियनशिप के भी आयोजन का फैसला किया गया है। यह स्पर्धा बचेली में होगी, इसकी तिथि अभी तय नहीं है। तिथि देश में होने वाली स्पर्धाओं को देखने के बाद टीमों की उपलब्धता के आधार पर की जाएगी।
श्री खान ने बताया कि संघ ने पहली बार राज्य बीच हैंडबॉल का आयोजन भी करने का फैसला किया है। इसका आयोजन 10 से 12 जुलाई तक आरंग या फिर राजिम की नदी में किया जाएगा। यह स्पर्धा सीनियर वर्ग में महिला और पुरुष दोनों वर्गा में होगी। स्पर्धा के बाद चुनी गई टीमें राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने जाएगी।


राज्य कराते 11 से

छत्तीसगढ़ कराते संघ द्वारा राज्य कराते का आयोजन राजधानी में 11 जून से किया गया है। यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अध्यक्ष विजय अग्रवाल और सचिव अजय साहू ने बताया कि अग्रसेन भवन जवाहर नगर में आयोजित स्पर्धा में व्यक्तिगत काता के साथ कुमिते के मुकाबले होंगे। स्पर्धा में काता और कुमिते में 10 वर्ष से कम, 10 से 12 वर्ष, 12 से 14 वर्ष, 14 से 16 वर्ष, 16 से 18 वर्ष और 18 साल से ज्यादा के मुकाबले होंगे। ओपन काता में 50 किलो, 50 से 55, 55से 60 और 60 किलो से ज्यादा वर्ग में मुकाबले होंगे। स्पर्धा का उद्घाटन 11 जून को 12 बजे होगा। इसके पहले रेफरी क्लीनिक का आयोजन किया जाएगा।

राजधानी में एथलीटों का टोटा

राजधानी रायपुर के साथ प्रदेश में एथलीटों का बहुत ज्यादा टोटा है। इस बात का खुलासा साई सेंटर के लिए चुने गए प्रदेश के महज दो खिलाड़ियों से हुआ है। पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी, प्रशिक्षक और जिला एथलेटिक्स संघ के संरक्षक रवि धनकर का कहना है कि एथलेटिक्स में बहुत ज्यादा मेहनत लगती है इसलिए खिलाड़ी अब इस खेल से कतराते हैं।
रायपुर में खुलने वाले साई सेंटर में मदर गेम के रूप में जाने वाले एथलेटिक्स को भी शामिल किया गया है। लेकिन इस खेल में चयन ट्रायल के बाद खिलाड़ियों की जो सूची जारी की गई है, उस सूची तीन खिलाड़ी चुने गए हैं। इनमें से दो खिलाड़ी उप्र के हैं और एक मात्र खिलाड़ी बोर्डिंग के लिए मनोज कुमार भिलाई के हैं। डे बोर्डिंग में एक मात्र खिलाड़ी रायपुर का गणेश राम चुना गया है। राजधानी को देखते हुए साई ने इस खेल के लिए डे बोर्डिंग की भी सुविधा दी थी, लेकिन राजधानी में तो एथलेटिक्स के खिलाड़ी ही नहीं हैं। एक तरफ जहां साई सेंटर के लिए खिलाड़ी नहीं मिले हैं, वहीं खेल विभाग द्वारा लगाए गए 20 खेलों के प्रशिक्षण शिविर में भी एथलेटिक्स के खिलाड़ी न मिलने के कारण इस खेल का शिविर नहीं लगाया गया है।
खिलाड़ियों के न मिलने का कारण जानने जब प्रशिक्षक रवि धनगर से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि एथलेटिक्स ही ऐसा खेल है जिसमें सबसे ज्यादा मेहनत लगती है। यही वजह है कि इस खेल में पालक अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहते हैं। आज के बच्चे भी कम मेहनत वाले खेलों से जुड़ना ज्यादा पसंद करते हंै। इसी के साथ एक बात यह भी है कि इस खेल का अपने यहां कोई एनआईएस कोच भी नहीं है। एक जो सबसे बड़ी कमी है, वह है मैदान की। एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रेक जरूरी होता है, ऐसा ट्रेक रायपुर क्या पूरे प्रदेश में कहीं नहीं है।

शुक्रवार, 3 जून 2011

छत्तीसगढ़ खिताब से चूका


राष्ट्रीय यूथ बास्टकेबॉल के खिताबी मुकाबले में छत्तीसगढ़ को कांटे के संघर्ष में केरल से 70-61 से हार का सामना करना पड़ा। केरल की अनुभवी खिलाड़ियों के सामने छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी ठहर नहीं पाई और केरल ने लगातार दूसरी बार खिताब जीत लिया। छत्तीसगढ़ पिछले साल सातवें स्थान पर रहा था, लेकिन इस बार वह उपविजेता रहा।
नागपुर में खेले गए फाइनल में केरल और छत्तीसगढ़ के बीच पहले क्वार्टर से ही जोरदार मुकाबला देखने को मिला। इस क्वार्टर में एक समय स्कोर 12-12 से बराबर हो गया था, लेकिन केरल की अनुभवी खिलाड़ियों ने अंतत: छत्तीसगढ़ को इस क्वार्टर में 16 अंकों पर रोक दिया और अपने 21 बनाकर पांच अंकों की बढ़त ले ली। यह बढ़त अंत तक कम नहीं हो सकी। दूसरे क्वार्टर में केरल ने 15 अंक जुटाकर अपना स्कोर 36 कर लिया, जबकि छत्तीसगढ़ की टीम 9 अंक ही जुटा सकी। मध्यांतर में केरल की टीम 36-25 से आगे रही।
तीसरे क्वार्टर में छत्तीसगढ़ ने वापसी का एक प्रयास किया और इस क्वार्टर में उसने 17 अंक बनाने दिए जबकि उसने 20 अंक बनाए। यह क्वार्टर केरल के पक्ष में 53-45 से रहा। आठ अंकों की बढ़त को पाटने का प्रयास छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने अंतिम और निर्णायक क्वार्टर में किया, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल सकी। अंतिम क्वार्टर में केरल ने 17 अंक बनाकर अपना स्कोर 70 कर लिया, छत्तीसगढ़ की टीम ने 16 अंक जुटाए लेकिन तीसरे क्वार्टर की आठ अंकों की बढ़त उस पर भारी पड़ी और 9 अंकों से हार के साथ खिताब खोना पड़ा। विजेता टीम के लिए पूजा मल ने सबसे बेहतरीन खेल दिखाया। छत्तीसगढ़ की खिलाड़ियों में साढ़े छह फीट की पूनम चतुर्वेदी का खेल दर्शनीय रहा, लेकिन वह ज्यादा अंक बनाने में सफल नहीं हुईं। अंजना डेजी एक्का के साथ टीम की कप्तान संगीता दास का खेल भी सराहनीय रहा, लेकिन इन खिलाड़ियों ने भी बास्केट करने के कई मौके गंवाए जिसके कारण छत्तीसगढ़ के हाथ खिताब नहीं लग सका। छत्तीसगढ़ के लिए एक सुखद बात यही रहा कि उसे पिछले साल सातवां स्थान मिला था, इस बार उसे फाइनल खेलने का मौका मिला। छत्तीसगढ़ अब तक 11 चैंपियनशिप में से 10 बार फाइनल में पहुंचा है और 6 बार खिताब जीते हैं। यह चौथा मौका है जब उसे उपविजेता के खिताब से संतोष करना पड़ा।


इंडोर में कमरे मांगे साई ने

राजधानी के साई सेंटर में 6 जून से होने वाले मूल्यांकन शिविर में आने वाले खिलाड़ियों के लिए साई ने नगर निगम से इंडोर के कमरे मांगे हैं। सेंटर के लिए दिए गए आउटडोर स्टेडियम में चोक सीवर लाइन का काम अब प्रारंभ नहीं किया गया है ऐसे में खिलाड़ियों को ठहराने में होने वाली परेशानी से बचने के लिए साई ने यह कदम उठाया है।
सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान ने बताया कि आउटडोर स्टेडियम में हम जो हास्टल प्रारंभ करेंगे उसके लिए बने कमरों के लेट-बाथ चोक हैं, इसको ठीक करने के लिए निगम से लगातार आग्रह किया जा रहा है। लेकिन आज दो जून होने के बाद भी इसका काम प्रारंभ नहीं हो सका है, ऐसे में पूरी संभावना है कि पांच जून तक इसका काम हो पाना संभव नहीं है। बोर्डिग के लिए चुने गए 63 खिलाड़ी पांच जून को आ जाएंगे क्योंकि 6 जून से मूल्यांकन शिविर प्रारंभ होगा, ऐसे में हमारी सामने सबसे बड़ी परेशानी यह है कि हम खिलाड़ियों को कहां ठहराएंगे। श्री खान ने कहा कि हम निगम के आयुक्त को पत्र देकर इंडोर स्टेडियम के कुछ कमरें मूल्यांकन शिविर तक मांग रहे हैं ताकि खिलाड़ियों को ठहराने में परेशानी न हो। इस बीच निगम से उम्मीद है कि वह आउटडोर स्टेडियम की सीवर लाइन की समस्या को ठीक कर देगा। मू्ल्यांकन शिविर 15 जून तक चलेगा इसके बाद सेंटर प्रारंभ किया जाएगा।
भोपाल से आएंगे प्रशिक्षक
सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर में खिलाड़ियों का परीक्षण करने के लिए भोपाल से प्रशिक्षक आएंगे। वहां से कौन से प्रशिक्षक आएंगे, अभी तय नहीं है। जिन खेलों के प्रशिक्षक यहां नहीं हैं वहां से आएंगे। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन शिविर में एक-एक खिलाड़ी का अलग से परीक्षण करके उसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी, यह रिपोर्ट खेल की जानकारी के साथ फिजिकल भी होगी। शिविर में खिलाड़ियों के मूल प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी ताकि किसी भी गलत खिलाड़ी का चयन न हो सके।

गुरुवार, 2 जून 2011

छत्तीसगढ़ को 10 खेलों की मेजबानी

स्कूल फेडरेशन आफ इंडिया ने छत्तीसगढ़ को 10 खेलों की मेजबानी दी है। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने दस खेलों की मेजबानी का प्रस्ताव दिया था। छत्तीसगढ़ को अपने प्रस्ताव के कुछ खेल नहीं मिल सके, लेकिन दूसरे खेल जरूर मिल गए।
गोवा में राष्ट्रीय स्कूली खेलों की मेजबानी तय करने के लिए हुई बैठक में शामिल होकर लौटे शिक्षा विभाग के सहायक संचालक खेल एसआर कर्ष ने बताया कि हमने बैठक के पहले ही स्कूल फेडरशन आॅफ इंडिया को दस खेलों जिनमें बास्केटबॉल 17 और 19 साल, हॉकी 17 साल, कबड्डी 14 साल, थ्रोबॉल 17 साल, साफ्टबॉल 19 साल, बालिका क्रिकेट 19 साल, भारोत्तोलन 14, 17 और 19 साल, हैंडबॉल 17 साल, सायकल पोलो 19 साल और बेसबॉल 19 साल शामिल हैं कि मेजबानी का दावा किया था।
बैठक में सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा विभागों के बीच तय हुई मेजबानी में हमारे हाथ 10 खेलों की मेजबानी लगी। जिन खेलों की हमें मेजबानी मिली है उनमें साफ्टबॉल 17 साल बालक-बालिका, हॉकी 17 साल बालक-बालिका, बास्केटबॉल 14 साल बालक-बालिका, भारोत्तोलन 17 और 19 साल बालिका, हैंडबॉल 17 साल बालक-बालिका, बेसबॉल 17 साल बालक-बालिका, नेटबॉल 19 साल बालक-बालिका, सायकल पोलो 19 साल बालक-बालिका, कैरम 19 साल बालक-बालिका, रोप स्पीकिंग 19 साल बालक-बालिका शामिल हैं। इन खेलों में कैरम, रोप स्कीपिंग और नेटबॉल ऐसे खेल हैं जिनकी मेजबानी की दावा पहले नहीं किया गया था, लेकिन बैठक में इन खेलों को छत्तीसगढ़ को सौंपा गया। छत्तीसगढ़ को कबड्डी, थ्रोबॉल और बालिका क्रिकेट की मेजबानी नहीं मिल सकी।
शिक्षा मंत्री तय करेंगे मेजबान शहर
छत्तीसगढ़ की मिले 10 खेलों में से कौन से खेल कहां होंगे यह शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के साथ विभाग की होने वाली बैठक में तय किया जाएगा। श्री कर्ष ने पूछने पर बताया कि अभी बैठक तय नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही बैठक का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभागीय मंत्री की मंशा के अनुरूप ही हमेशा मेजबान शहर तय किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा खेल राजधानी में हों।


साई सेंटर संकट में

सीवर लाइन का काम अब तक अधूरा
राजधानी रायपुर में 6 जून से प्रारंभ होने वाले साई सेंटर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सेंटर के हास्टल में खिलाड़ियों को ठहराने जाने वाले कमरे तो ठीक हो गए हैं, लेकिन सीवर लाइन का काम अब भी निगम ने पूरा नहीं किया है जिसकी वजह से सेंटर के प्रभारी इस सोच में हैं कि पांच जून से खिलाड़ी आने लगेंगे तो क्या होगा। पूर्व में भी एक बार सीवर लाइन की वजह से सेंटर को प्रारंभ करने की तिथि बढ़ चुकी है, लेकिन अब तिथि बढ़ाना संभव नहीं होगा क्योंकि खिलाड़ियों को आने की सूचना भेजी जा चुकी है।
रायपुर में खुलने वाले साई सेंटर के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण को नगर निगम ने 30 साल के एमओयू के साथ स्पोर्ट्स कांप्लेक्स का आउटडोर स्टेडियम दिया है। आउटडोर स्टेडियम तो दे दिया गया है, पर अब तक उसमें कुछ काम बाकी है। सबसे बड़ी परेशानी सीवर लाइन को लेकर है। हास्टल के लिए बनाए गए कमरों में जो लेट-बाथ बनाए गए हैं उसकी सीवर लाइन इस तरह से बनाई गई है कि वह प्रारंभ से ही काम नहीं कर रही है। इसको ठीक करने की कवायद निगम काफी समय से कर रहा है, पर इसको ठीक नहीं किया जा सका है। सीवर लाइन की वजह से ही साई सेंटर 22 मई के स्थान पर 6 जून से प्रारंभ किया जा रहा है, लेकिन अब तक सीवर लाइन के ठीक न होने से सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान परेशान हैं। वे एक दिन पहले ही नगर निगम के आयुक्त से मिल चुके हैं और उनके सामने अपनी समस्या रख कर उसका निदान कराने की मांग की है। आयुक्त से सेंटर के प्रभारी को आश्वसान तो मिला है कि काम जल्द हो जाएगा, लेकिन एक जून को भी काम प्रारंभ न होने से यह माना जा रहा है कि पांच जून तक काम हो पाना संभव नहीं होगा। शहनवाज खान कहते हैं कि अगर पांच जून तक हमें लेट-बाथ ठीक होकर नहीं मिले तो हमारे लिए परेशानी हो जाएगी, हमने हास्टल के लिए चुने गए सभी खिलाड़ियों को मूल्यांकन शिविर में शामिल होने के लिए पत्र भेज दिए हैं। ऐसे में हम खिलाड़ियों को कहां ठहराएंगे।
सीवर लाइन जल्द ठीक कर देंगे
आउटडोर स्टेडियम के प्रभारी इंजीनियर राजेश शर्मा का कहना है कि हम प्रयास में हैं कि किसी भी तरह से पांच जून से पहले सीवर लाइन को ठीक कर दिया जाए। किसी कारण से ऐसा नहीं हो पाता है तो लेट-बाथ को ऐसा कर दिया जाएगा कि वो चोक नहीं होंगे।

एक करोड़ का कबड्डी लीग

देशी खेल कबड्डी को नई ऊंचाई देने के लिए भारतीय कबड्डी फेडरेशन ने एक करोड़ के कबड्डी लीग का आयोजन 8 जून से विजयवाड़ा में किया है। इसमें विजेता टीम को दस लाख की इनामी राशि दी जाएगी।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश कबड्डी संघ के सचिव रामबिसाल साहू ने बताया कि आईपीएल की तर्ज पर कबड्डी फेडरेशन भी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ियों को मैच फीस देकर 8 टीमों के बीच लीग चैंपियनशिप करवा रहा है। सभी टीमों की कमान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को दी गई है। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ियों को उनके स्तर के अनुसार मैच फीस दी जाएगी। कुल 20 लाख की राशि खिलाड़ियों को मैच फीस के रूप में दी जाएगी। विजेता टीम के लिए दस लाख और उपविजेता टीम के ळिए पांच लाख की राशि के साथ और कई व्यक्तिगत नकद पुरस्कार रखे गए हैं।
एक सवाल के जवाब में श्री साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ऐसे स्तर के खिलाड़ी तो नहीं है जिनको लीग में शामिल किया जाता। लेकिन अब लीग का आगाज हो रहा है तो छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को भी पेशेवर बनाने के प्रयास होंगे। हमारा संघ प्रयास करेगा कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी विजयवाड़ा जाए और देखे कि किस तरह से देश में पेशवर खिलाड़ी हैं जिन पर अब पैसे बरस रहे हैं।

बुधवार, 1 जून 2011

छत्तीसगढ़ सेमीफाइनल में

राष्ट्रीय यूथ बास्केटबॉल में छत्तीसगढ़ की बालिका टीम के साथ बालकों की टीम ने भी शानदार खेल दिखाते हुए सेमीफाइनल में स्थान बना लिया। लीग में दो मैच हारने वाली छत्तीसगढ़ की बालिका टीम ने जोरदार खेल दिखाते हुए अंतिम लीग में तमिलनाडु को मात देकर पहले क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया फिर क्वार्टर फाइनल में कर्नाटक को हराकर अंतिम चार में प्रवेश किया।
नागपुर में खेली जा रही स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए बालिका टीम के कोच राजेश पटेल ने बताया कि क्वार्टर फाइनल में छत्तीसगढ़ ने कर्नाटक को आसानी से एकतरफा मुकाबले में 68-44 से परास्त किया। इस मैच में विजेता टीम के लिए संगीता दास ने 12, पूनम चतुर्वेदी ने 10, अंजना डेजी एक्का ने 32, निशा नेताम ने 8, साधना आर्य ने 8 बनाए। बालकों के वर्ग में छत्तीसगढ़ ने पंजाब को काफी संघर्षपूर्ण मुकाबले में 82-78 से हराया। इस मैच में आकाश भसीन ने सबसे ज्यादा 45 अंक कृष्णा पांडेय और यू अजय ने 8-8 अंक बनाए। बालिकाओं का सेमीफाइनल बुधवार को 3 बजे और बालकों का सात बजे खेला जाएगा। इन मैचों को डीडी स्पोर्ट्स पर सीधा प्रसारण होगा।


छोटे बच्चे भी बास्केटबॉल के दीवाने

Justify Fullबास्केटबॉल की दीवानगी छोटे-छोटे बच्चों के भी सिर चढ़कर बोल रही है। पुलिस मैदान में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में दूसरी क्लास से लेकर 12 वींं क्लास तक की छात्राएं प्रशिक्षण ले रही हैं। ये छात्राएं महज समर कैम्प के लिए नहीं आईं हैं बल्कि बास्केटबॉल नियमित खेलना चाहती हैं।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे 21 खेलों के प्रशिक्षण शिविरों में से बास्केटबॉल का प्रशिक्षण शिविर पुलिस मैदान में चलाया जा रहा है। इस शिविर में 60 से ज्यादा लड़कियों प्रशिक्षण लेने आ रही हैं। प्रशिक्षण लेने वाली खिलाड़ी हर उम्र की हैं। इन खिलाड़ियों में दूसरी क्लास की भी छात्राएं हैं। आलविया परवीन, जागृति और पायल दीप दूसरी की छात्राएं हैं। इसी तरह से काजल तीसरी, रोमा यादव चौथी छात्रा हैं। अन्य खिलाड़ियों में तानिया यादव, शैबी सुकैन खान, आस्था गोलछा, अन्नु थामस, शारदा बारले. सुकन्या यादव, रौशनी खनूजा, अपूर्वा जैन, मनीषा ध्रुव शामिल हैं। ये सारी की सारी खिलाड़ी पहली बार प्रशिक्षण शिविर में आई हैं और इनका कहना है कि अब वे नियमित रूप से बास्केटबॉल खेलना चाहती हैं।
खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने वाली सीनियर ज्योति सिंह बताती हैं यह बास्केटबॉल के लिए काफी अच्छी बात है कि कम उम्र की खिलाड़ी खेलने आ रही हैं, लेकिन इनको प्रशिक्षण देना आसान नहीं है। बास्केटबॉल लंबे खिलाड़ियों का खेल माना जाता है, ऐसे में कम उम्र की खिलाड़ियों के लिए बास्केट करना कठिन है, इसके बाद भी इनको प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इन्होंने पूछने पर बताया कि खिलाड़ियों को बास्केटबॉल के बैस के बारे में बताया जा रहा है। खिलाड़ियों को ड्रिब्लिंग, पासिंग और शूटिंग सिखाई जा रही है। खिलाड़ियों की टीमें बनाकर उनके बीच मैच भी करवाए जा रहे हैं। खिलाड़ियों के फिटनेस के लिए जहां मैदान के बाहर एक चक्कर लगाने कहा जाता है, वहीं मैदान के पांच चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्होंने बताया कि शिविर के लिए सारा सामाना खेल विभाग ने दिया है। खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने में सीनियर खिलाड़ी सुष्मिता बुंदेल और दिपाली मतेलकर भी मदद कर रही हैं। पुलिस मैदान का प्रशिक्षण शिविर शाम को 5 बजे से प्रारंभ होता है।

मेजबानी का फैसला अब 10 को

हॉकी इंडिया की बैठक में भी राष्ट्रीय जूनियर हॉकी की मेजबानी का फैसला नहीं हो सका। अब इसका फैसला 10 जून को होने वाली बैठक में होगा। आज की बैठक में अजलान शाह हॉकी में भारतीय टीम की हार पर लंबी चर्चा चली जिसके कारण मेजबानी का फैसला टल गया।
बैठक में शामिल हुए छत्तीसगढ़ हॉकी के सचिव और समीक्षा समिति के सदस्य फिरोज अंसारी ने बताया कि अजलान शाह की हार पर ही इतनी लंबी चर्चा हो गई कि राष्ट्रीय स्पर्धा की मेजबानी पर चर्चा संभव नहीं थी। ऐसे में अब 10 जून की बैठक में इसका फैसला होगा। उन्होंने बताया कि भले छत्तीसगढ़ में एस्टो टर्फ नहीं है, लेकिन हमारे संघ ने दमदारी से मेजबानी का दावा किया है और छत्तीसगढ़ में होने वाले हर आयोजन को देश भर के खिलाड़ी सराहते हैं, ऐसे में उम्मीद है कि हमें मेजबानी मिल जाएगी। छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड और हैदराबाद ने भी मेजबानी मांगी है।
बैठक में भारतीय टीम को मिल रही लगातार हार पर टीम के मुख्य प्रशिक्षक के साथ चार अन्य प्रशिक्षक और ओलंपियनों के साथ मिलकर हॉकी इंडिया के पदाधिकारियों से मैराथन बैठक करके हॉकी को नई दिशा देने के लिए सबके सुझाव भी लिए और हार के हर पहलू पर चर्चा की।

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