प्रदेश के खेल पुरस्कारों के नियमों को लेकर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं। खेलमंत्री लता उसेंडी के साथ खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि नियमों में कुछ विसंगतियां सामने आ रही हैं, ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि नियमों में बदलाव नहीं होगा। खेल संघों के साथ खिलाडिय़ों से चर्चा करके नियमों में बदलाव किया जाएगा। अगले साल से जरूर उन खिलाडिय़ों को शिकायत नहीं रहेगी जिन खिलाडिय़ों को इस बार नियमों को लेकर शिकायतें रहीं। ये शिकायतें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तक भी गई हैं। मुख्यमंत्री ने भी महसूस किया है कि इस साल कुछ पात्र खिलाड़ी वंचित रह गए हैं। खेल अंलकरण समारोह में उन्होंने कहा भी कि कुछ और खिलाडिय़ों को पुरस्कार मिलने थे लेकिन नहीं मिल पाए, अगले साल ऐसा नहीं होगा।
राज्य के खेल पुरस्कारों के चयन में इस बार भी खेल विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गए हैं। लाख कोशिशों के बाद भी विभाग इस बार पुरस्कारों का चयन उतने साफ तरीके से नहीं कर पाया। विभाग ने तो एक डोपिंग के दोषी को ही पुरस्कार के लिए चुन लिया था। अब यह बात अलग है कि इसके लिए विभाग को दोषी नहीं माना जा सकता है, लेकिन विभाग द्वारा तय जूरी ने जिस तरह से एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को नजरअंदाज किया था उससे यह सवाल जरूर खड़े हो गया है कि क्या विभाग जूरी के सामने कुछ नहीं कर पाता है।
टीम खेलों को पुरस्कार देने का विरोध
राज्य के खेल पुरस्कारों के लिए जब सबसे पहले नियम बना था तो शहीद राजीव पांडे के साथ शहीद कौशल यादव और गुंडाधूर के लिए यह तय किया गया था कि ये पुरस्कार व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे। लेकिन अचानक २००७ में इसके नियमों में बदलाव करके टीम खेलों को भी इन पुरस्कारों का पात्र बना दिया गया। इसके बाद तो ये पुरस्कार टीम खेलों को मिलने लगे। इस बार पुरस्कार मिलने से पहले ही इस बात का विरोध प्रारंभ हो गया था टीम खेलों को पुरस्कार न दिए जाए। राजीव पांडे पुरस्कार से सम्मानित भारोत्तोलन के खिलाड़ी तेजा सिंह साहू ने इस बारे में लिखित शिकायत राज्यपाल शेखर दत्त के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और खेलमंत्री लता उसेंडी से की थी। श्री साहू ने अपने पत्र में मांग की थी कि राज्य के पुरस्कारों को टीम खेल को देकर पुरस्कार की गरिमा का अपमान न किया जाए। ऐसे में इस बार टीम खेल के खिलाडिय़ों को पुरस्कार नहीं दिए गए।
नियमों में विसंगतियां हैं: खेल संचालक
खेल संचालक जीपी सिंह के पास जब यह शिकायत पहुंची कि टीम खेलों को पुरस्कार देना गलत है तो उन्होंने इसका परीक्षण करवाया तो पाया कि वास्तव में नियमों में विसंगतियां हंै। श्री सिंह कहते हैं कि व्यक्तिगत खेलों के लिए तो तीन साल में से एक साल राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतना अनिवार्य है। जबकि टीमों खेलों में एक साल पदक मिलने पर ही ये पुरस्कार दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो नियम व्यक्तिगत खेलों के लिए हैं, वहीं नियम टीम खेलों के लिए भी लागू होने चाहिए, पर ऐसा न करके नियमों के विपरीत अब तक पुरस्कार दिए गए हैं। श्री सिंह के साथ इस बार जूरी ने भी यह महसूस किया कि व्यक्तिगत खेलों के नियमों के हिसाब से टीम खेलों की टीमें खरी नहीं उतरती हैं, ऐसे में इस बार टीम खेलों को पुरस्कारों से वंतित किया गया।
टीम खेलों के लिए हो अलग पुरस्कार
खेल के जानकारों का साफ कहना है कि खिलाडिय़ों के लिए व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर तय किए गए पुरस्कारों को पूरी टीम को देना गलत है। अगर टीम को पुरस्कार देना है तो इसके लिए अलग से पुरस्कार की व्यवस्था की जाए। इस बात से खेल संचालक जीपी सिंह भी सहमत हैं और कहते हैं कि खेल संघों की तरफ से मांग आने पर इसके बारे में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा सकता है।
अंकों पर आधारित हों पुरस्कार
मप्र में राज्य के खेल पुरस्कारों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए प्रदर्शन के लिए अंक तय रहते हैं। इन अंकों के आधार पर ही पुरस्कार तय किए जाते हैं। लेकिन यहां पर ऐसा न होने के कारण भी परेशानी हो रही है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ में खिलाडिय़ों के राष्ट्रीय स्कूली चैंपियनशिप और अखिल भारतीय विश्व विद्यालयीन चैंपियनशिप को शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में इन स्पर्धा में खेलने का फायदा खिलाडिय़ों को नहीं मिल पाता है। खिलाडिय़ों की मानें तो इन स्पर्धाओं को भी पुरस्कारों का चयन करते समय शामिल करके इनके लिए भी अंक देने चाहिए। खेल संचालक जीपी सिंह भी अंकों पर आधारित पुरस्कार की चयन प्रणाली को सही मानते हैं। वे कहते हैं कि अंकों पर आधारित चयन प्रक्रिया होने पर गलतियों की संभावना कम रहेगी।
जांच के लिए पर्याप्त समय हो
जिस तरह से डोपिंग के दोषी खिलाड़ी का मामला सामने आया है उसके बाद अब यह बात उठने लगी है कि खिलाडिय़ों के आवेदनों की जांच के लिए पर्याप्त समय होना चाहिए। फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान, कराते संघ के अजय साहू और भारोत्तोलन के तेजा सिंह साहू का कहना है कि खिलाडिय़ों के आवेदन ३० जून के स्थान पर ३० मई तक मंगाए जाए तभी पर्याप्त समय मिलेगा। इसी के साथ जिन खिलाडिय़ों के आवेदन आते हैं उनके नामों को अखबारों के माध्यम से सार्वजनिक किया जाए ताकि कोई गलत खिलाड़ी आवेदन करता है तो उसके बारे में खुलासा हो सके।
दूसरे खेलों पर भी ध्यान दें
वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान का कहना है कि जिस तरह से नियम बने हुए हैं उन नियमों के कारण चंद खेलों के खिलाडिय़ों को ही पुरस्कार मिल पा रहे हैं। जिन खेलों के खिलाडिय़ों को पुरस्कार नहीं मिल पाते हैं उनके लिए भले शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार तय किया गया है, लेकिन इसके बाद भी इस बात की जरूरत है कि जिन टीम खेलों जैसे वालीबॉल, फुटबॉल, हॉकी के साथ व्यक्तिगत खेलों लॉन टेनिस, टेबल टेनिस, बैडमिंटन आदि में खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत नहीं पाते हैं उनके लिए राष्ट्रीय खेलों के लिए पात्रता पाने के तय मापदंड को मानते हुए राष्ट्रीय चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली टीमों और खिलाडिय़ों को पुरस्कार का पात्र मानना चाहिए। भले इनके लिए भी कोई अलग पुरस्कार रखा जाए।
नियमों में संशोधन करेंगे:लता
खेलमंत्री लता उसेंडी का कहना है कि जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं उससे लगता तो है कि नियमों में कुछ खामियां हैं। इन खामियों को दूर करने के लिए जो भी आवश्यक होंगे नियमों में बदलाव किए जाएंगे।
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बुधवार, 1 सितंबर 2010
रविवार, 29 अगस्त 2010
पुरस्कारवीरों का आज सम्मान
प्रदेश के राज्य खेल पुरस्कार विजेताओं का रविवार की शाम को यहां पर मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह सम्मान करेंगे। पुरस्कार विजेताओं में जूनियर, सीनियर खिलाडिय़ों के साथ पुराने खिलाड़ी और प्रशिक्षक और निर्णायक शामिल हैं। इसी के साथ प्रदेश ३१७ ऐसे खिलाडिय़ों का भी सम्मान किया जाएगा जिनको राष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीतने पर नकद राशि दी जा रही है।
प्रदेश का खेल एवं युवा कल्याण विभाग राज्य के जूनियर खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले शहीद कौशल यादव यादव पुरस्कार में एक लाख की इनाम राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। इसके लिए इस बार राजनांदगांव के शतरंज खिलाड़ी Ÿोयांस डाकलिया, रायपुर की अंतरराष्ट्रीय नेटबॉल खिलाड़ी नेहा बजाज, भारोत्तोलन की खिलाड़ी दल्ली राजहरा की अनिता शिंदे, पावरलिफ्टिंग की खिलाड़ी दल्लीराजहरा की प्रेरणा राणे, मुक्केबाजी के रामदास राजभर का चयन किया गया है। सीनियर खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले पुरस्कार शहीद राजीव पांडे में दो लाख पच्चीस हजार की नकद राशि दी जाती है। इस पुरस्कार के लिए इस बार चार ही खिलाडिय़ों का चयन किया जा सका क्योंकि पांचवां पात्र खिलाड़ी मिला ही नहीं। इस पुरस्कार के लिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी राजनांदगांव के मृणाल चौबे, बास्केटबॉल के खिलाड़ी भिलाई किरणपाल सिंह, मुक्केबाजी के खिलाड़ी भिलाई के आर. राजू, पावरलिफ्टिंग की खिलाड़ी दुर्ग की छायारानी शिवाने का चयन किया गया है।
प्रशिक्षकों और निर्णायकों को दिए जाने वाले वीर हनुमान सिंह पुरस्कार के लिए कैरम के निर्णायक रायपुर के विजय कुमार और मुक्केबाजी के प्रशिक्षक भिलाई के केके शर्मा का चयन किया गया है। जिन खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय स्तर पर पदक नहीं मिल पाते हैं लेकिन उनका प्रदर्शन पांच साल तक अच्छा रहता है और राष्ट्रीय स्पर्धा में लगातार खेलते हैं ऐसे खिलाडिय़ों को शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार के साथ पच्चीस हजार की राशि दी जाती है। इस बार यह पुरस्कार सात खिलाडिय़ों को दिया गया है। इनमें वालीबॉल की खिलाड़ी बिलासपुर की यामिनी जायसवाल, फुटबॉल खिलाड़ी रायपुर की प्रेरणा मिश्रा, बेसबॉल खिलाड़ी बिलासपुर के अख्तर खान, कैनाइंग-कयाकिंग खिलाड़ी रायपुर के नवीन कुमार साहू, कैरम खिलाड़ी रायपुर के लाखन सोनी, साफ्टबॉल खिलाड़ी रायपुर के टी. निंगराज रेड्डी, हैंडबॉल खिलाड़ी भिलाई की रूपा साहू शामिल हैं।
५५ साल से ज्यादा उम्र के खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले खेल विभूति सम्मान के लिए वालीबॉल के एके श्रीवास्तव, तैराकी के रामभरोस कैवत्र्य और हॉकी के रामनारायण विश्वकर्मा का चयन किया गया है। इन खिलाडिय़ों को भी पच्चीस हजार की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
इन सभी खिलाडिय़ों को पुरस्कार से रविवार की शाम को रविशंकर विश्व विद्यालय के सभागृह में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित अन्य अतिथि सम्मानित करेंगे। सम्मान समारोह की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेगे। विशेष अतिथि नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत, खेलमंत्री लता उसेंडी, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष सुभाष राव और रविवि के कुलपति शिवकुमार पांडे होंगे।
प्रदेश का खेल एवं युवा कल्याण विभाग राज्य के जूनियर खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले शहीद कौशल यादव यादव पुरस्कार में एक लाख की इनाम राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। इसके लिए इस बार राजनांदगांव के शतरंज खिलाड़ी Ÿोयांस डाकलिया, रायपुर की अंतरराष्ट्रीय नेटबॉल खिलाड़ी नेहा बजाज, भारोत्तोलन की खिलाड़ी दल्ली राजहरा की अनिता शिंदे, पावरलिफ्टिंग की खिलाड़ी दल्लीराजहरा की प्रेरणा राणे, मुक्केबाजी के रामदास राजभर का चयन किया गया है। सीनियर खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले पुरस्कार शहीद राजीव पांडे में दो लाख पच्चीस हजार की नकद राशि दी जाती है। इस पुरस्कार के लिए इस बार चार ही खिलाडिय़ों का चयन किया जा सका क्योंकि पांचवां पात्र खिलाड़ी मिला ही नहीं। इस पुरस्कार के लिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी राजनांदगांव के मृणाल चौबे, बास्केटबॉल के खिलाड़ी भिलाई किरणपाल सिंह, मुक्केबाजी के खिलाड़ी भिलाई के आर. राजू, पावरलिफ्टिंग की खिलाड़ी दुर्ग की छायारानी शिवाने का चयन किया गया है।
प्रशिक्षकों और निर्णायकों को दिए जाने वाले वीर हनुमान सिंह पुरस्कार के लिए कैरम के निर्णायक रायपुर के विजय कुमार और मुक्केबाजी के प्रशिक्षक भिलाई के केके शर्मा का चयन किया गया है। जिन खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय स्तर पर पदक नहीं मिल पाते हैं लेकिन उनका प्रदर्शन पांच साल तक अच्छा रहता है और राष्ट्रीय स्पर्धा में लगातार खेलते हैं ऐसे खिलाडिय़ों को शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार के साथ पच्चीस हजार की राशि दी जाती है। इस बार यह पुरस्कार सात खिलाडिय़ों को दिया गया है। इनमें वालीबॉल की खिलाड़ी बिलासपुर की यामिनी जायसवाल, फुटबॉल खिलाड़ी रायपुर की प्रेरणा मिश्रा, बेसबॉल खिलाड़ी बिलासपुर के अख्तर खान, कैनाइंग-कयाकिंग खिलाड़ी रायपुर के नवीन कुमार साहू, कैरम खिलाड़ी रायपुर के लाखन सोनी, साफ्टबॉल खिलाड़ी रायपुर के टी. निंगराज रेड्डी, हैंडबॉल खिलाड़ी भिलाई की रूपा साहू शामिल हैं।
५५ साल से ज्यादा उम्र के खिलाडिय़ों को दिए जाने वाले खेल विभूति सम्मान के लिए वालीबॉल के एके श्रीवास्तव, तैराकी के रामभरोस कैवत्र्य और हॉकी के रामनारायण विश्वकर्मा का चयन किया गया है। इन खिलाडिय़ों को भी पच्चीस हजार की राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
इन सभी खिलाडिय़ों को पुरस्कार से रविवार की शाम को रविशंकर विश्व विद्यालय के सभागृह में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित अन्य अतिथि सम्मानित करेंगे। सम्मान समारोह की अध्यक्षता शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेगे। विशेष अतिथि नगरीय प्रशासन मंत्री राजेश मूणत, खेलमंत्री लता उसेंडी, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष सुभाष राव और रविवि के कुलपति शिवकुमार पांडे होंगे।
शुक्रवार, 27 अगस्त 2010
सिद्धार्थ का अवार्ड अब अनिता को
डोपिंग के दोषी भिलाई के भारोत्तोलक सिद्धार्थ मिश्रा का नाम अवार्ड पाने वालों की सूची से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलक दल्लीराजहरा की अनिता शिंदे को अब शहीद कौशल यादव पुरस्कार देने का फैसला जूरी ने किया है।
प्रदेश के खेल पुरस्कार चयन समिति की आकस्मिक बैठक गुरुवार को खेल सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में भारतीय भारोत्तोलन संघ ने मंगवाए गए वे सारे दस्तावेज रखे गए जिनमें सिद्धार्थ मिश्रा को डोपिंग का दोषी बताते हुए उनको फेडरेशन ने निलंबित कर दिया है। सारे दस्तावेजों का पुरस्कारों की जूरी ने अवलोकन करने के बाद अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए जूरी के अध्यक्ष और खेल सचिव सुब्रत साहू ने बताया कि जूरी ने सिद्धार्थ मिश्रा का नाम पुरस्कारों की सूची से खारिज करके उनके बाद की पात्र खिलाड़ी अनिता शिंदे को पुरस्कार देने का फैसला किया है। अब जूरी के फैसला पर खेलमंत्री का अनुमोदन होना ही बाकी है।
प्रदेश संघ को कारण बताओ नोटिस
इस सारे मामले में खेल विभाग को अंधेरे में रखते हुए सिद्धार्थ मिश्रा के डोपिंग में पकड़े जाने की बात छुपाने के लिए गुरुवार को खेल विभाग ने प्रदेश संघ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इसके बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि संघ को २१ दिनों का समय दिया गया है कि वह यह बताए कि किस वजह से खेल विभाग से सच्चाई छुपाते हुए डोपिंग के दोषी खिलाड़ी के नाम का अनुमोदन पुरस्कार पाने के लिए किया गया था। २१ दिनों में सही कारण न बताए जाने पर विभाग संघ के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगा। इधर संघ के सचिव सुखलाल जंघेल का कहना है कि कार्यकारिणी का बैठक के बाद खेल विभाग को जवाब दिया जाएगा।
राजतंत्र में देखे डोपिंग के दोषी का अवार्ड छिनवाया
प्रदेश के खेल पुरस्कार चयन समिति की आकस्मिक बैठक गुरुवार को खेल सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में भारतीय भारोत्तोलन संघ ने मंगवाए गए वे सारे दस्तावेज रखे गए जिनमें सिद्धार्थ मिश्रा को डोपिंग का दोषी बताते हुए उनको फेडरेशन ने निलंबित कर दिया है। सारे दस्तावेजों का पुरस्कारों की जूरी ने अवलोकन करने के बाद अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए जूरी के अध्यक्ष और खेल सचिव सुब्रत साहू ने बताया कि जूरी ने सिद्धार्थ मिश्रा का नाम पुरस्कारों की सूची से खारिज करके उनके बाद की पात्र खिलाड़ी अनिता शिंदे को पुरस्कार देने का फैसला किया है। अब जूरी के फैसला पर खेलमंत्री का अनुमोदन होना ही बाकी है।
प्रदेश संघ को कारण बताओ नोटिस
इस सारे मामले में खेल विभाग को अंधेरे में रखते हुए सिद्धार्थ मिश्रा के डोपिंग में पकड़े जाने की बात छुपाने के लिए गुरुवार को खेल विभाग ने प्रदेश संघ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इसके बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि संघ को २१ दिनों का समय दिया गया है कि वह यह बताए कि किस वजह से खेल विभाग से सच्चाई छुपाते हुए डोपिंग के दोषी खिलाड़ी के नाम का अनुमोदन पुरस्कार पाने के लिए किया गया था। २१ दिनों में सही कारण न बताए जाने पर विभाग संघ के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगा। इधर संघ के सचिव सुखलाल जंघेल का कहना है कि कार्यकारिणी का बैठक के बाद खेल विभाग को जवाब दिया जाएगा।
राजतंत्र में देखे डोपिंग के दोषी का अवार्ड छिनवाया
शनिवार, 21 अगस्त 2010
खेल पुरस्कार पाने वालों के नाम तय
राज्य के खेल पुरस्कार पाने वालों के नाम शुक्रवार को मंत्रालय में पुरस्कार चयन समिति की मैराथन बैठक के बाद तय कर दिए गए। अभी नामों की घोषणा नहीं की गई है।
प्रदेश का खेल विभाग सीनियर खिलाडिय़ों को शहीद राजीव पांडे, जूनियर खिलाडिय़ों को शहीद कौशल यादव, प्रशिक्षकों और निर्णायकों को वीर हनुमान सिंह, पदक न जीत पाने खिलाडिय़ों को शहीद पंकज विक्रम, ६० साल से ज्यादा उम्र के खिलाडिय़ों के लिए वीके चौबे खेल विभूति सम्मान दिया जाता है। इन सभी पुरस्कारों के लिए खेल विभाग में ७१ खिलाडिय़ों ने आवेदन किए थे। इन आवेदनों में से पात्र खिलाडिय़ों की चयन करके शुक्रवार को मंत्रालय में पुरस्कार चयन समिति के सामने रखा गया। यह चयन समिति खेलसचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में बनी है। समिति में खेल संचालक जीपी सिंह के साथ विश्व कप हॉकी में खेल चुके विसेंट लकड़ा, खेल विभूति सम्मान प्राप्त एलएन पांडे, रविवि शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व संचालक एनके उपाध्याय, प्रदेश ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा, भारतीय खेल प्राधिकरण के राजनांदगांव सेंटर के राजेश्वर राव के साथ यूनीसेफ और नेहरू युवा केन्द्र के एक-एक प्रतिनिधि को रखा गया था। इस समिति के सामने पात्र खिलाडिय़ों की सूची रखी गई और मैराथन बैठक के बाद अंतत: खिलाडिय़ों के नाम तय कर दिए गए हैं। किन खिलाडिय़ों का चयन किन पुरस्कारों के लिए किया गया है अभी ये नाम घोषित नहीं किए गए हैं। तय नामों की सूची खेलमंत्री लता उसेंडी के सामने रखने के बाद उनका अनुमोदन लेकर सूची घोषित की जाएगी। बैटन रिले के आयोजन में लगे होने के बाद भी खेल विभाग ने इस बार खेलमंत्री लता उसेंडी के निर्देश पर खेल पुरस्कारों की सूची जल्द तय कर दी है। एक दो दिनों में नामों की घोषणा किए जाने की संभावना है।
प्रदेश का खेल विभाग सीनियर खिलाडिय़ों को शहीद राजीव पांडे, जूनियर खिलाडिय़ों को शहीद कौशल यादव, प्रशिक्षकों और निर्णायकों को वीर हनुमान सिंह, पदक न जीत पाने खिलाडिय़ों को शहीद पंकज विक्रम, ६० साल से ज्यादा उम्र के खिलाडिय़ों के लिए वीके चौबे खेल विभूति सम्मान दिया जाता है। इन सभी पुरस्कारों के लिए खेल विभाग में ७१ खिलाडिय़ों ने आवेदन किए थे। इन आवेदनों में से पात्र खिलाडिय़ों की चयन करके शुक्रवार को मंत्रालय में पुरस्कार चयन समिति के सामने रखा गया। यह चयन समिति खेलसचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में बनी है। समिति में खेल संचालक जीपी सिंह के साथ विश्व कप हॉकी में खेल चुके विसेंट लकड़ा, खेल विभूति सम्मान प्राप्त एलएन पांडे, रविवि शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व संचालक एनके उपाध्याय, प्रदेश ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा, भारतीय खेल प्राधिकरण के राजनांदगांव सेंटर के राजेश्वर राव के साथ यूनीसेफ और नेहरू युवा केन्द्र के एक-एक प्रतिनिधि को रखा गया था। इस समिति के सामने पात्र खिलाडिय़ों की सूची रखी गई और मैराथन बैठक के बाद अंतत: खिलाडिय़ों के नाम तय कर दिए गए हैं। किन खिलाडिय़ों का चयन किन पुरस्कारों के लिए किया गया है अभी ये नाम घोषित नहीं किए गए हैं। तय नामों की सूची खेलमंत्री लता उसेंडी के सामने रखने के बाद उनका अनुमोदन लेकर सूची घोषित की जाएगी। बैटन रिले के आयोजन में लगे होने के बाद भी खेल विभाग ने इस बार खेलमंत्री लता उसेंडी के निर्देश पर खेल पुरस्कारों की सूची जल्द तय कर दी है। एक दो दिनों में नामों की घोषणा किए जाने की संभावना है।
रविवार, 30 अगस्त 2009
५०० पदक ला हू
राज्य के खेल पुरस्कारों से नवाजे गए खेल सितारे
प्रदेश के खेल सितारों को खेल पुरस्कार से सम्मानित करते हुए राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने पहली बार छत्तीसगढ़ी में बोलते हुए खिलाडिय़ों से आव्हान किया कि अगली बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ५०० पदक जीतकर लाएं।
रविवि के प्रेक्षागृह में राज्यपाल ने जब छत्तीसगढ़ी में बोलना प्रारंभ किया तो सबको आश्चर्य मिश्रित खुशी हुई। उन्होंने कहा कि उनको जानकारी मिली है कि जब छत्तीसगढ़ बना था तब पहले साल में राष्ट्रीय स्तर पर दो ही पदक मिले थे। इसके बाद पदकों की बारिश होने लगी है। पिछले साल जहां २०० से ज्यादा पदक मिले, वहीं इस साल २८३ पदक मिले हैं। मैं अब चाहता हूं कि खिलाड़ी अगले साल के लिए ५०० पदकों का लक्ष्य लेकर चलें। राज्यपाल ने कहा कि मैंने दो साल पहले बृजमोहन अग्रवाल से कहा था कि खिलाडिय़ों के प्रोत्साहन के लिए स्कूली परीक्षाओं में बोनस अंक देने चाहिए। जिसकी घोषणा आज उन्होंने की है।
इसके पहले बृजमोहन अग्रवाल ने यह जानकारी दी कि स्कूली खिलाडिय़ों के लिए परीक्षाओं में बोनस देने का फैसला किया गया है। खेल मंत्री लता उसेंडी ने बताया कि हमारी सरकार ने खेलों के बजट में १० गुना इजाफा कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब काफी कम खेल बचे हैं जिनमें छत्तीसगढ़ को पदक नहीं मिले हैं। आने वाले सालों में इन खेलों में भी खिलाड़ी पदक लेकर आए। इस अवसर पर महापौर सुनील सोनी, रविवि के कुलपति शिवकुमार पांडे, डीपीजी विश्व रंजन, खेल सचिव सुब्रत साहू, खेल संचालक जीपी सिंह के साथ जिन शहीदों के नाम से खेल पुरस्कार दिए जाते हैं उनके परिजन भी उपस्थित थे।
इनको मिला पुरस्कार
खेल विभूति सम्मान- संसार चंद, एसडी दलजीत, आरएन बैनर्जी, बाबूलाल राय, टीकम दास अंदानी।
हनुमान सिंह पुरस्कार- नीता डुमरे (हॉकी) सुधीर वर्मा (नेटबॉल)।
शहीद कौशल यादव- अजय दीप सारंग (वेटलिफ्टिंग), छाया रानी (पावरलिफ्टिंग), बास्केटबॉल दल- अंकित पाणिग्रही, किरण पाल सिंह, के। राजेश कुमार, प्रभदीप सिंह, लुमेन्द्र साहू, मनोज सिंह, आशुतोष सिंह, राहुल राय, सुनील सिंह, पवन तिवारी, श्याम सुंदर। बालिका खिलाड़ी कविता और शोषण तिर्की। बेसबॉल टीम के सदस्य- साक्षी राजपूत, तरन्नुम खान, ज्योति शर्मा, शिखा रजक, काजल शंकर, सोनाली ताम्रकार, ज्योति पैकरा, शहाना परवीन, शबीना बेगम, शैल वर्मा, मनीषा विश्वमकर्मा, शालिनी, भूमिका यादव और ङारना देवांगन। क्रिकेट (महिला) शैला आलम।
शहीद राजीव पांडे पुरस्कार- कुमारी सीमा गोप (पावरलिफ्टिंग), अशोक कुमार पटेल (एथलेटिक्स), ओमप्रकाश सिंह (हैंडबॉल)। नेटबॉल टीम के सदस्य- पिताम्बर चौधरी, ऐश्वर्य पाठक, अमर पिल्ले, अंकित पाठक, कैलाश रेड्डी, निमिष जैन, गिरीशकांत, रशीद खान, जानकीशरण कुशवाहा, जागेश्वर सिंह, अंशुल शर्मा, सुनील आदित्य (सभी नेटबॉल)। महिला वर्ग में भावना खंडारे (नेटबॉल)। सायकल पोलो दल- एमएस करिश्मा, स्मृति कनेरिया, शुभांगी दुबे, सोनाली साव, मृदुला साहू, पूनम वर्मा, मोनिका वर्मा, हाजरा बेगम।
शहीद पंकज विक्रम- सचिन गुमास्ता (वालीबॉल), प्रदीप साहू, (साफ्टबॉल), रवीन्द्र सिंह ठाकुर (तीरंदाजी)।
शुक्रवार, 28 अगस्त 2009
६६ खिलाडिय़ों को खेल पुरस्कार
प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के जूनियर, सीनियर खिलाडिय़ों के साथ प्रशिक्षकों और निर्णायकों को दिए जाने वाले पुरस्कारों के लिए ६६ खिलाडिय़ों का चयन किया है। इन चुने गए खिलाडिय़ों को खेल दिवस के दिन २९ अगस्त को प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन खेल पुरस्कार देकर सम्मानित करेंगे।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग प्रदेश के जूनियर खिलाडिय़ों को एक लाख का शहीद कौशल यादव पुरस्कार, सीनियर खिलाडिय़ों को दो लाख पच्चीस हजार का शहीद राजीव पांडे पुरस्कार, प्रशिक्षकों और निर्णायकों को एक-एक लाख का हुनमान सिंह पुरस्कार देता है। इसी के साथ ऐसे खेलों में जिनमें पदक नहीं मिल पाते हैं लेकिन इन खेलों के खिलाड़ी लगातार पांच साल से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल रहे हैं, उनको २५ हजार की राशि का शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार और खेलों को जीवन समर्पित करने वालों को २५ हजार का खेल विभूति पुरस्कार दिया जाता है। इन सभी पुरस्कारों के लिए खेल विभाग में जो आवेदन आए थे, उन आवेदनों में से पात्र खिलाडिय़ों का चयन करके उसको पुरस्कारों का चयन करने वाली जूरी के सामने २२ अगस्त को रखा गया। इस जूरी के फैसले के बाद चुने गए खिलाडिय़ों की सूची अनुमोदन के लिए खेल मंत्रालय भिजवाई गई। वहां से सूची का अनुमोदन करके खेल मंत्री लता उसेंडी के पास भेजा गया उनके अनुमोदन के बाद खेल विभाग ने गुरुवार को दोपहर यह सूची जारी कर दी है। इस सूची के मुताबिक शहीज राजीव पांडे पुरस्कार २४ खिलाडिय़ों, शहीद कौशल यादव ३२ खिलाडिय़ों, हनुमान सिंह अवार्ड एक प्रशिक्षक और एक निर्णायक को दिया गया है। इसी के साथ खेल विभूति सम्मान ५ पुराने खिलाडिय़ों और पंकज विक्रम पुरस्कार तीन खिलाडिय़ों को दिया गया है।
पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी इस प्रकार हैं- शहीद कौशल यादव- अजय दीप सारंग (वेटलिफ्टिंग), छाया रानी (पावरलिफ्टिंग), बास्केटबॉल दल- अंकित पाणिग्रही, किरण पाल सिंह, के। राजेश कुमार, प्रभदीप सिंह, लुमेन्द्र साहू, मनोज सिंह, आशुतोष सिंह, राहुल राय, सुनील सिंह, पवन तिवारी, श्याम सुंदर। बालिका खिलाड़ी कविता और शोषण तिर्की। बेसबॉल टीम के सदस्य- साक्षी राजपूत, तरन्नुम खान, ज्योति शर्मा, शिखा रजक, काजल शंकर, सोनाली ताम्रकार, ज्योति पैकरा, शहाना परवीन, शबीना बेगम, शैल वर्मा, मनीषा विश्वमकर्मा, शालिनी, भूमिका यादव और ङारना देवांगन। क्रिकेट (महिला) शैला आलम।
शहीद राजीव पांडे पुरस्कार- कुमारी सीमा गोप (पावरलिफ्टिंग), अशोक कुमार पटेल (एथलेटिक्स), ओमप्रकाश सिंह (हैंडबॉल)। नेटबॉल टीम के सदस्य- पिताम्बर चौधरी, ऐश्वर्य पाठक, अमर पिल्ले, अंकित पाठक, कैलाश रेड्डी, निमिष जैन, गिरीशकांत, रशीद खान, जानकीशरण कुशवाहा, जागेश्वर सिंह, अंशुल शर्मा, सुनील आदित्य (सभी नेटबॉल)। महिला वर्ग में भावना खंडारे (नेटबॉल)। सायकल पोलो दल- एमएस करिश्मा, स्मृति कनेरिया, शुभांगी दुबे, सोनाली साव, मृदुला साहू, पूनम वर्मा, मोनिका वर्मा, हाजरा बेगम।
हनुमान सिंह पुरस्कार- नीता डुमरे (हॉकी) सुधीर वर्मा (नेटबॉल)। ।
खेल विभूति सम्मान- संसार चंद, एसडी दलजीत, आरएन बैनर्जी, बाबूलाल राय, टीकम दास अंदानी।
शहीद पंकज विक्रम- सचिन गुमास्ता (वालीबॉल), प्रदीप साहू, (साफ्टबॉल), रवीन्द्र सिंह ठाकुर (तीरंदाजी)।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग प्रदेश के जूनियर खिलाडिय़ों को एक लाख का शहीद कौशल यादव पुरस्कार, सीनियर खिलाडिय़ों को दो लाख पच्चीस हजार का शहीद राजीव पांडे पुरस्कार, प्रशिक्षकों और निर्णायकों को एक-एक लाख का हुनमान सिंह पुरस्कार देता है। इसी के साथ ऐसे खेलों में जिनमें पदक नहीं मिल पाते हैं लेकिन इन खेलों के खिलाड़ी लगातार पांच साल से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल रहे हैं, उनको २५ हजार की राशि का शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार और खेलों को जीवन समर्पित करने वालों को २५ हजार का खेल विभूति पुरस्कार दिया जाता है। इन सभी पुरस्कारों के लिए खेल विभाग में जो आवेदन आए थे, उन आवेदनों में से पात्र खिलाडिय़ों का चयन करके उसको पुरस्कारों का चयन करने वाली जूरी के सामने २२ अगस्त को रखा गया। इस जूरी के फैसले के बाद चुने गए खिलाडिय़ों की सूची अनुमोदन के लिए खेल मंत्रालय भिजवाई गई। वहां से सूची का अनुमोदन करके खेल मंत्री लता उसेंडी के पास भेजा गया उनके अनुमोदन के बाद खेल विभाग ने गुरुवार को दोपहर यह सूची जारी कर दी है। इस सूची के मुताबिक शहीज राजीव पांडे पुरस्कार २४ खिलाडिय़ों, शहीद कौशल यादव ३२ खिलाडिय़ों, हनुमान सिंह अवार्ड एक प्रशिक्षक और एक निर्णायक को दिया गया है। इसी के साथ खेल विभूति सम्मान ५ पुराने खिलाडिय़ों और पंकज विक्रम पुरस्कार तीन खिलाडिय़ों को दिया गया है।
पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी इस प्रकार हैं- शहीद कौशल यादव- अजय दीप सारंग (वेटलिफ्टिंग), छाया रानी (पावरलिफ्टिंग), बास्केटबॉल दल- अंकित पाणिग्रही, किरण पाल सिंह, के। राजेश कुमार, प्रभदीप सिंह, लुमेन्द्र साहू, मनोज सिंह, आशुतोष सिंह, राहुल राय, सुनील सिंह, पवन तिवारी, श्याम सुंदर। बालिका खिलाड़ी कविता और शोषण तिर्की। बेसबॉल टीम के सदस्य- साक्षी राजपूत, तरन्नुम खान, ज्योति शर्मा, शिखा रजक, काजल शंकर, सोनाली ताम्रकार, ज्योति पैकरा, शहाना परवीन, शबीना बेगम, शैल वर्मा, मनीषा विश्वमकर्मा, शालिनी, भूमिका यादव और ङारना देवांगन। क्रिकेट (महिला) शैला आलम।
शहीद राजीव पांडे पुरस्कार- कुमारी सीमा गोप (पावरलिफ्टिंग), अशोक कुमार पटेल (एथलेटिक्स), ओमप्रकाश सिंह (हैंडबॉल)। नेटबॉल टीम के सदस्य- पिताम्बर चौधरी, ऐश्वर्य पाठक, अमर पिल्ले, अंकित पाठक, कैलाश रेड्डी, निमिष जैन, गिरीशकांत, रशीद खान, जानकीशरण कुशवाहा, जागेश्वर सिंह, अंशुल शर्मा, सुनील आदित्य (सभी नेटबॉल)। महिला वर्ग में भावना खंडारे (नेटबॉल)। सायकल पोलो दल- एमएस करिश्मा, स्मृति कनेरिया, शुभांगी दुबे, सोनाली साव, मृदुला साहू, पूनम वर्मा, मोनिका वर्मा, हाजरा बेगम।
हनुमान सिंह पुरस्कार- नीता डुमरे (हॉकी) सुधीर वर्मा (नेटबॉल)। ।
खेल विभूति सम्मान- संसार चंद, एसडी दलजीत, आरएन बैनर्जी, बाबूलाल राय, टीकम दास अंदानी।
शहीद पंकज विक्रम- सचिन गुमास्ता (वालीबॉल), प्रदीप साहू, (साफ्टबॉल), रवीन्द्र सिंह ठाकुर (तीरंदाजी)।
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