जंप रोप के गुर सीखने के लिए एमजीएम स्कूल में छोटे-बड़े खिलाडिय़ों का जमावड़ा लगा है। हर खेल के बेस के रूप में जाने जाने वाले इस खेल को सीखने का उत्साह खिलाडिय़ों में है।
जंप रोप में प्रदेश के तीन खिलाडिय़ों को भारतीय टीम में चयन होने के बाद इस नए खेल के प्रति खिलाडिय़ों में उत्साह बढ़ गया है। कोच अखिलेश दुबे बताते हैं कि इन दिनों एमजीएम स्कूल में खिलाडिय़ों को इस खेल का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिविर में ८ साल से लेकर १८ साल के स्कूली खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं।
श्री दुबे ने बताया कि खिलाडिय़ों को सुबह ६ से ८ बजे तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खिलाडिय़ों को इस खेल का लाभ मिल सके इसके लिए स्कूल के प्राचार्य ने स्कूल का हॉल नि:शुल्क उपलब्ध करवाया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस नए खेलों को बढ़ाने के लिए एमजीएम स्कूल के साथ रेयान, द्रोणाचार्य स्कूल के अलावा भाटापारा, जांजगीर चांपा, दुर्ग और कांकेर में भी शिविर लगाए जाएंगे, ताकि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा इस खेल से जुड़कर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर कर सके। शिविर में भारतीय टीम के लिए विश्व कप के लिए चुने गए खिलाड़ी राजदीप हरगोत्रा के सथ सुधीर पिल्ले, वरूण पांडे भी मदद कर रहे हैं।
सोमवार, 3 मई 2010
रविवार, 2 मई 2010
५० कमरों का हास्टल बन रहा
प्रदेश के खेल विभाग ने राजधानी रायपुर में खिलाडिय़ों के ठहराने की व्यवस्था न होने के कारण होने वाली परेशानी को देखते हुए साइंस कॉलेज में खेल भवन के पास ५० कमरों वाले एक हास्टल का निर्माण प्रारंभ किया है। दो करोड़ ३१ लाख की लागत से बन रहे इस हास्टल का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बनने के बाद राजधानी में किसी भी बड़े आयोजन के लिए खिलाडिय़ों को ठहराने की जगह की कमी नहीं रहेगी।
छत्तीसगढ़ के बनने के बाद से ही राजधानी रायपुर में किसी भी राष्ट्रीय या राज्य स्तर के आयोजन के लिए खिलाडिय़ों को ठहराने में भारी परेशानी का सामान करना पड़ता था। हर खेल संघ के पदाधिकारियों को हमेशा एक ही शिकायत रहती थी कि राजधानी में जब खिलाडिय़ों के ठहरने की व्यवस्था ही नहीं है तो यहां पर आयोजन कैसे किए जाए। कई आयोजनों से राजधानी इसी वजह से वंचित होती रही है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खेल विभाग ने खिलाडिय़ों के ठहराने के लिए एक ५० कमरों वाला हास्टल बनवाना प्रारंभ कर दिया है।
इस हास्टल के बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि इस हास्टल का निर्माण खेल विभाग की पहल पर लोक निर्माण विभाग द्वारा साइंस कॉलेज में खेल भवन के ठीक पास में किया जा रहा है। तीन मंजिले इस हास्टल में ५० कमरों के साथ एक बड़ा सा डाइनिंग हाल और किचन भी है। वैसे तो एक कमरे में दो पलंग रहेंगे और यह हास्टल १०० खिलाडिय़ों के ठहराने की क्षमता वाला होगा। लेकिन किसी भी बड़े आयोजन के समय अगर कमरों में पलंग के स्थान पर गद्दे बिछा दिए जाएंगे तो हास्टल में आराम से ३०० से ४०० खिलाडिय़ों को ठहराया जा सकता है। अगर राजधानी में कोई राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा होती है तो आधे से ज्यादा खिलाड़ी यहां ठहराए जा सकते हैं। इसी के साथ इस हास्टल के बनने के बाद खेल विभाग को भी अपने राज्य स्तर के आयोजनों के लिए किराए से भवन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। श्री सिंह ने बताया कि विभाग ने जब क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देने का कार्याक्रम आयोजित किया तो इसके लिए स्पोट्र्स काम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम के कमरों के साथ बूढ़ेश्वर मंदिर के हाल को भी किराए से लेना पड़ा था। अब ऐसे किसी भी आयोजन के लिए हमें किराए के भवन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पायका योजना में जहां लगातार क्रीड़ाश्री राजधानी आते रहेंगे, वहीं पायका के साथ अन्य राज्य स्तर की स्पर्धाओं के साथ किसी भी खेल के प्रशिक्षण शिविर के लिए खिलाडिय़ों को हास्टल में ठहराया जा सकेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा और उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा छह माह के अंदर यह हास्टल तैयार हो जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग के भी किसी खेल के आयोजन के लिए हास्टल दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के बनने के बाद से ही राजधानी रायपुर में किसी भी राष्ट्रीय या राज्य स्तर के आयोजन के लिए खिलाडिय़ों को ठहराने में भारी परेशानी का सामान करना पड़ता था। हर खेल संघ के पदाधिकारियों को हमेशा एक ही शिकायत रहती थी कि राजधानी में जब खिलाडिय़ों के ठहरने की व्यवस्था ही नहीं है तो यहां पर आयोजन कैसे किए जाए। कई आयोजनों से राजधानी इसी वजह से वंचित होती रही है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खेल विभाग ने खिलाडिय़ों के ठहराने के लिए एक ५० कमरों वाला हास्टल बनवाना प्रारंभ कर दिया है।
इस हास्टल के बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि इस हास्टल का निर्माण खेल विभाग की पहल पर लोक निर्माण विभाग द्वारा साइंस कॉलेज में खेल भवन के ठीक पास में किया जा रहा है। तीन मंजिले इस हास्टल में ५० कमरों के साथ एक बड़ा सा डाइनिंग हाल और किचन भी है। वैसे तो एक कमरे में दो पलंग रहेंगे और यह हास्टल १०० खिलाडिय़ों के ठहराने की क्षमता वाला होगा। लेकिन किसी भी बड़े आयोजन के समय अगर कमरों में पलंग के स्थान पर गद्दे बिछा दिए जाएंगे तो हास्टल में आराम से ३०० से ४०० खिलाडिय़ों को ठहराया जा सकता है। अगर राजधानी में कोई राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा होती है तो आधे से ज्यादा खिलाड़ी यहां ठहराए जा सकते हैं। इसी के साथ इस हास्टल के बनने के बाद खेल विभाग को भी अपने राज्य स्तर के आयोजनों के लिए किराए से भवन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। श्री सिंह ने बताया कि विभाग ने जब क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देने का कार्याक्रम आयोजित किया तो इसके लिए स्पोट्र्स काम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम के कमरों के साथ बूढ़ेश्वर मंदिर के हाल को भी किराए से लेना पड़ा था। अब ऐसे किसी भी आयोजन के लिए हमें किराए के भवन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पायका योजना में जहां लगातार क्रीड़ाश्री राजधानी आते रहेंगे, वहीं पायका के साथ अन्य राज्य स्तर की स्पर्धाओं के साथ किसी भी खेल के प्रशिक्षण शिविर के लिए खिलाडिय़ों को हास्टल में ठहराया जा सकेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा और उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा छह माह के अंदर यह हास्टल तैयार हो जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग के भी किसी खेल के आयोजन के लिए हास्टल दिया जाएगा।
शनिवार, 1 मई 2010
ओवरएज खिलाडिय़ों की खैर नहीं
प्रदेश नेटबॉल संघ ने अपने खिलाडिय़ों पर लगाम कसते हुए अब ओवरएज खिलाडिय़ों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। नेटबॉल संघ ही ऐसा संघ है जिसने तीन साल पहले जूनियर राष्ट्रीय स्पर्धा में पांच राज्यों की टीमों को ओवरएज खिलाडिय़ों के कारण स्पर्धा से ही बाहर कर दिया था। वैसे छत्तीसगढ़ में अब तक नेटबॉल में ओवरएज खिलाडिय़ों का मामला सामने नहीं आया है, पर फिर भी संघ ने सावधानी बरतते हुए ऐसा फैसला किया है।
प्रदेश नेटबॉल संघ के सचिव संजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश संघ की बैठक में सबसे अहम फैसला यह किया गया है कि अगर किसी भी जिले से कोई खिलाड़ी ओवरएज पाया जाता है तो उस खिलाड़ी के साथ उस जिले के संघ पर भी कार्रवाई की जाएगी। श्री शर्मा ने पूछने पर बताया कि वैसे तो अब तक नेटबॉल में किसी भी खिलाड़ी के ओवरएज होने का मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सावधानीवश ऐसा फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि जब देश के कई राज्यों में ओवरएज खिलाड़ी खेल पर रहे हैं तो ऐसे में संभव है कि अपने राज्य में खिलाड़ी ऐसा करें। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि प्रदेश में नेटबॉल में न सही और कई खेलों में ओवरएज खिलाडिय़ों के मामले यदा-कदा सामने आते रहे हैं। नेटबॉल में यहां पर तब ओवरएज खिलाडिय़ों का मामला सामने आया था जब २००६-०७ में रायपुर में राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस समय कुछ राज्यों के खिलाडिय़ों के ओवरएज होने की शिकायत होने पर खिलाडिय़ों की मेडिकल जांच की गई और हरियाणा, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश सहित पांच राज्यों की टीमों में ओवरएज खिलाड़ी पाए जाने पर इन टीमों को बाहर कर दिया गया था। तब देश में इस तरह का यह पहला फैसला हुआ था कि किसी राष्ट्रीय स्पर्धा से पांच राज्यों की टीमों को ओवरएज खिलाडिय़ों के कारण बाहर किया गया था। ऐसे में बाहर किए गए राज्यों की टीमों के खिलाडिय़ों ने भारी हंगामा भी किया था, लेकिन छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ इस मामले में कड़ाई से पीछे नहीं हटा था।
बहरहाल अब छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ ने अपने राज्य के खिलाडिय़ों के लिए भी कड़ाई करने का फैसला किया है। श्री शर्मा ने बताया कि सामान्य सभा की बैठक में रायपुर जिला रायपुर कारपोरेशन, राजनांदगांव बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, महासमुंद व बस्तर कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे। बैठक संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा पूर्व मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक में आगामी माह आयोजित होने वाली सब जूनियर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के संबंध में चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त नेटबॉल को राज्य में बढ़ावा देने हेतु जिला इकाईयों को क्लब कल्चर को बढ़ावा देने पर विचार किया गया । इससे प्रत्येक जिलों में विकास खण्ड में नेटबॉल को बढ़ावा मिलेगा और विकास खण्ड स्तर पर नेटबॉल शुरू हो सकेगा। ऐसे जिले जहां नेटबॉल शुरू नहीं हुआ वहां पर नेटबाल के प्रचार-प्रसार हेतु प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में निर्णायक कमेटी, तकनीकी कमेटी, अनुशासन कमेटी, चयन समिति, के संबंध में आम सहमति से स्वीकृति प्रदान किया गया । इसके साथ ही प्रत्येक जिले में कम से कम २ ब्लाक एवं ३ क्लब बनाने का निर्णय तथा निर्देश जिला संघ को दिया गया । सीनयर जूनियर और सब जूनियर के प्रतियोगिता के आयोजन के लिए मई से जुलाई के मध्य में कराये जाने का निर्णय लिया गया । राष्टीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले नेटबॉल टीम के सभी सदस्यों का बीमा कराकर टीम भेजने का निर्णय लिया गया । बैठक के अंत में सचिव संजय श्र्मा ने आभार प्रदर्शन किया तथा कामनवेल्थ गेम के प्रशिक्षण शिविर में शामिल खिलाड़ी प्रीति बंछोर एवं नेहा बजाज को सभी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी । इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा, संजय शर्मा सचिव, सुधीर वर्मा, उपाध्यक्ष, रमेश राव प्रवीण निछारिया नेशनल रेफरी विनय पालिवाल जांजगीर, पियूष पाण्डे कोरबा, आनंद बिलासपुर, शिपेन्द्र पाण्डे रायगढ़ एवं राष्टीय खिलाड़ी पिताम्बर, एश्वर्या पाठक, अंकित पाठक, अमर पिल्ले एवं अन्य जिले के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
प्रदेश नेटबॉल संघ के सचिव संजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश संघ की बैठक में सबसे अहम फैसला यह किया गया है कि अगर किसी भी जिले से कोई खिलाड़ी ओवरएज पाया जाता है तो उस खिलाड़ी के साथ उस जिले के संघ पर भी कार्रवाई की जाएगी। श्री शर्मा ने पूछने पर बताया कि वैसे तो अब तक नेटबॉल में किसी भी खिलाड़ी के ओवरएज होने का मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सावधानीवश ऐसा फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि जब देश के कई राज्यों में ओवरएज खिलाड़ी खेल पर रहे हैं तो ऐसे में संभव है कि अपने राज्य में खिलाड़ी ऐसा करें। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि प्रदेश में नेटबॉल में न सही और कई खेलों में ओवरएज खिलाडिय़ों के मामले यदा-कदा सामने आते रहे हैं। नेटबॉल में यहां पर तब ओवरएज खिलाडिय़ों का मामला सामने आया था जब २००६-०७ में रायपुर में राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस समय कुछ राज्यों के खिलाडिय़ों के ओवरएज होने की शिकायत होने पर खिलाडिय़ों की मेडिकल जांच की गई और हरियाणा, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश सहित पांच राज्यों की टीमों में ओवरएज खिलाड़ी पाए जाने पर इन टीमों को बाहर कर दिया गया था। तब देश में इस तरह का यह पहला फैसला हुआ था कि किसी राष्ट्रीय स्पर्धा से पांच राज्यों की टीमों को ओवरएज खिलाडिय़ों के कारण बाहर किया गया था। ऐसे में बाहर किए गए राज्यों की टीमों के खिलाडिय़ों ने भारी हंगामा भी किया था, लेकिन छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ इस मामले में कड़ाई से पीछे नहीं हटा था।
बहरहाल अब छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ ने अपने राज्य के खिलाडिय़ों के लिए भी कड़ाई करने का फैसला किया है। श्री शर्मा ने बताया कि सामान्य सभा की बैठक में रायपुर जिला रायपुर कारपोरेशन, राजनांदगांव बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, महासमुंद व बस्तर कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे। बैठक संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा पूर्व मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक में आगामी माह आयोजित होने वाली सब जूनियर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के संबंध में चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त नेटबॉल को राज्य में बढ़ावा देने हेतु जिला इकाईयों को क्लब कल्चर को बढ़ावा देने पर विचार किया गया । इससे प्रत्येक जिलों में विकास खण्ड में नेटबॉल को बढ़ावा मिलेगा और विकास खण्ड स्तर पर नेटबॉल शुरू हो सकेगा। ऐसे जिले जहां नेटबॉल शुरू नहीं हुआ वहां पर नेटबाल के प्रचार-प्रसार हेतु प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में निर्णायक कमेटी, तकनीकी कमेटी, अनुशासन कमेटी, चयन समिति, के संबंध में आम सहमति से स्वीकृति प्रदान किया गया । इसके साथ ही प्रत्येक जिले में कम से कम २ ब्लाक एवं ३ क्लब बनाने का निर्णय तथा निर्देश जिला संघ को दिया गया । सीनयर जूनियर और सब जूनियर के प्रतियोगिता के आयोजन के लिए मई से जुलाई के मध्य में कराये जाने का निर्णय लिया गया । राष्टीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले नेटबॉल टीम के सभी सदस्यों का बीमा कराकर टीम भेजने का निर्णय लिया गया । बैठक के अंत में सचिव संजय श्र्मा ने आभार प्रदर्शन किया तथा कामनवेल्थ गेम के प्रशिक्षण शिविर में शामिल खिलाड़ी प्रीति बंछोर एवं नेहा बजाज को सभी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी । इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा, संजय शर्मा सचिव, सुधीर वर्मा, उपाध्यक्ष, रमेश राव प्रवीण निछारिया नेशनल रेफरी विनय पालिवाल जांजगीर, पियूष पाण्डे कोरबा, आनंद बिलासपुर, शिपेन्द्र पाण्डे रायगढ़ एवं राष्टीय खिलाड़ी पिताम्बर, एश्वर्या पाठक, अंकित पाठक, अमर पिल्ले एवं अन्य जिले के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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