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गुरुवार, 16 सितंबर 2010

१५ निर्णायक-अधिकारी जाएंगे कामनवेल्थ में

दिल्ली में अक्टूबर से होने वाले कामनवेल्थ खेलों के लिए एथलेटिक्स में छत्तीसगढ़ के १० निर्णायकों के साथ पांच अधिकारी का चयन किया गया है। इनमें रायपुर के सुशांत पाल और पवन धनकर भी शामिल हैं।
यह जानकारी देते प्रदेश एत्थलेटिक्स संघ के सचिव आरके पिल्ले ने बताया कि दिल्ली में कामनवेल्थ खेल ३ अक्टूबर से हो रहे हैं। इसमें होने वाले एथलेटिक्स के मुकाबलों में ही सबसे ज्यादा निर्णायकों और अधिकारियों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के १० निर्णायकों को मौका मिला है। इनमें शामिल आरके पिल्ले, पीजे सेबस्टिन, एमसी बैजामिंन अंतरराष्ट्रीय अंपायर है। इनके अलावा रायपुर के सुशांत पाल, पवन धनकर, भिलाई के शंकर नारायण दलाई, ईटी राज, के. श्रीनिवास, बिलासपुर के अमरनाथ सिंह, पीजी जयकृष््रणन, कोरबा के डी, सुरेश क्रिस्टोफर, कांकेर के सुशील कुमार मिश्रा, बस्तर के अजय मूिर्त राष्ट्रीय निर्णायक और अधिकारी के रूप में बुलाए गए हैं। सभी को २७ सितंबर तक दिल्ली पहुंचने कहा गया है। दिल्ली में सभी निर्णायकों को दो दिनों तक प्रशिक्षण दिया जाएगा कि उनको किस तरह से स्पर्धा के आयोजन में काम करना है। श्री पिल्ले ने बताया कि उनके साथ जो और अंतरराष्ट्रीय निर्णायक जा रहे हैं उनको ३ अक्टूबर को ही दिल्ली पहुंचना है। उन्होंने बताया कि सभी की वहां १५ अक्टूबर तक रहना होगा। श्री पिल्ले ने कहा कि यह राज्य के लिए बड़े गौरव की बात है कि एथलेटिक्स में इतने ज्यादा निर्णायकों को कामनवेल्थ जैसे आयोजन में मौका मिल रहा है।
यहां यह बताना लीाजिमी होगा कि कामनवेल्थ में खिलाडिय़ों के रूप में नेटबॉल की प्रीति बंछोर, नेहा बजाज के साथ भारोत्तोलन में रुस्तम सारंग का चयन हुआ है।

रविवार, 5 सितंबर 2010

प्रीति-नेहा की नजरें अब टॉप सेवन पर

कामनवेल्थ के लिए भारतीय नेटबॉल टीम में चुनी गई छत्तीसगढ़ की खिलाडिय़ों प्रीति बंछोर और नेहा बजाज का अब अंतिम लक्ष्य टीम की टॉप सेवन में स्थान बनाकर कामनवेल्थ के हर मैच में खेलने का है।
इन दोनों खिलाडिय़ों ने बताया कि अब कामनवेल्थ में नेटबॉल चैंपियनशिप के प्रारंभ होने से पहले तक दिल्ली में टीम के लिए चुनी गई १२ खिलाडिय़ों का शिविर चलेगा। इन्होंने बताया कि इस शिविर में हम लोग इतनी ज्यादा मेहनत करेंगी कि हमें हर मैच में खेलने का मौका मिल जाए। इन्होंने पूछने पर बताया कि भारतीय टीम पदक जीत पाएगी या नहीं अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। इन्होंने बताया कि टीम को किस पूल में रखा जाता है उसके ऊपर बहुत कुछ निर्भर रहेगा। प्रदेश संघ के संजय शर्मा ने बताया कि टीम में दिल्ली की खिलाडिय़ों को ज्यादा मौका मिला है। टीम इस प्रकार है- प्रीति बंछोर, नेहा बजाज (छत्तीसगढ़), हरविंदर कौर, किरणदीप कौर (पंजाब), सिरीन(महाराष्ट्र), मनीषा, नेहा कंसलस दहिया (दिल्ली), रविंदर कौर, संतोष साकरा (हरियाणा), लीलीएचएफ (कर्नाटक)।

शनिवार, 7 नवंबर 2009

राजू-सुमन की नजरें कामनवेल्थ खेलों पर

भारत में २०१० में होने वाले कामनवेल्थ खेलों के लिए छत्तीसगढ़ के दो मुक्केबाज आर। राजु और डी. सुमन भारतीय टीम में आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। राजु को तो भारत की संभावित टीम में स्थान मिल गया है और वे पटियाला में लगने वाले प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने जाएंगे। इसी के साथ सुमन राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण जीत चुके हैं।

छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत राजु-सुमन ने गुरुवार को बात करते हुए बताया कि वे अब कामनवेल्थ खेलों में भारतीय टीम में स्थान पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। राजु ने कहा कि वे हाल ही में हैदराबाद में खेली गई ३१वीं सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे और इसी के साथ उनका चयन भारत की संभावित टीम में हो गया है। उन्होंने पूछने पर बताया कि भारतीय टीम का प्रशिक्षण शिविर अगले माह पटियाला में लगने वाला है। यहां के शिविर के बाद भारतीय टीम विदेश में खेलने जाएगी। अभी यह तय नहीं है कि भारतीय टीम कहां खेलने जाएगी। उन्होंने पूछने पर बताया कि उनको सीनियर चैंपियनशिप में हरियाणा के मुक्केबाज प्रमोद कुमार से हार का सामना करना पड़ा। बाद में यही मुक्केबाज चैंपियन बना।

प्रदेश के गुंडाधूर पुरस्कार ने २००७ में सम्मानित इस खिलाड़ी ने बताया कि उनको राष्ट्रीय खेलों में भी खेलने की पात्रता मिल गई है। अब राष्ट्रीय खेलों में पदक मिलने पर कामनवेल्थ दल में शामिल होने का मौका मिल जाएगा।

इधर उड़ीसा में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ६१ किलो वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले डी. सुमन कहते हैं कि उनकी नजरें अब केरल में होने वाले राष्ट्रीय खेलों पर हैं। इन खेलों में वे पदक जीतकर कामनवेल्थ के दल में शामिल होने की तैयारी में जुटे हैं। इन दोनों मुक्केबाजों बताया कि वे भिलाई में ओलंपियन राजेन्द्र प्रसाद से मुक्केबाजी के गुर सीखते हैं। पुलिस विभाग में कार्यरत ये मुक्केबाज बताते हैं कि उनको यहां तक पहुंचने में डीजी विश्व रंजन के साथ दुर्ग के एसपी दीपांश काबरा का विशेष सहयोग मिला है।

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