राज्य निशानेबाजी के मुकाबले राजधानी की माना शूटिंग रेंज में २९ अक्टूबर से प्रारंभ होंगे। इसके लिए वहां की रेंज को नए सिरे से तैयार किया गया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश रायफल संघ के दुर्गेश वष्शिठ ने बताया कि इस बार रेंज में १०, २५ और ५० मीटर के लिए अलग-अलग जोन बना दिए हैं। उन्होंने बताया कि माना शूटिंग रेंज को बहुत अच्छा बनाने का काम हमारे संघ ने किया है ताकि खिलाडिय़ों को परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि पहले अलग-अलग वर्ग के लिए जोन न होने से परेशानी होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और तीनों वर्गों के मुकाबले एक साथ हो सकेंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि रायफल की थ्री पोजीशन में एक खिलाड़ी को कम से कम १६० के आस-पास गोलियों की जरुरत पड़ती है। उन्होंने बताया कि यही एक ऐसा वर्ग है जिसमें खिलाड़ी को करीब साढ़े तीन घंटे एक लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि रेपिड फायर में ८०, प्रोन में ७५ से ८०, सेंटर फायर में ७५ गोलियां एक खिलाड़ी को लग जाती हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए कम मुकाबले होते हैं।
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गुरुवार, 28 अक्टूबर 2010
बुधवार, 28 अप्रैल 2010
पदक जीतने की तैयारी करें
छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों के लिए निशानेबाजी में पदक जीतने के लिए अभी से योजना बनाकर काम करना चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण देने क्या-क्या सुविधाएं चाहिए इसकी पूरी योजना बनाकर खेल विभाग के सामने संघ को रखनी चाहिए।
ये बातें यहां पर चार जिलों की राज्य जिला निशानेबाजी स्पर्धा के उद्घाटन अवसर पर खेल संचालक जीपी सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में २०१३-१४ में राष्ट्रीय खेल होंगे। इन खेलों में छत्तीसगढ़ को पदक तालिका में नंबर वन बनाने के लिए अभी से प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि निशानेबाजी में भी पदक जीतने की तैयारी की जाए। निशानेबाजी में राज्य के खिलाडिय़ों को पदक कैसे मिल सकते हैं इसकी योजना बनाने का काम प्रदेश संघ को करना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि उनका विभाग हर खेल संघ से अपनी योजना बनाकर देने की बात कह रहा है। उन्होंने कहा कि मेजबान को पदक तालिका में अगर अहम स्थान पाना है तो यह बात तय है कि इसके लिए अभी से प्रयास करने होंगे।
खेल संचालक ने कहा कि उनको इस बात की खुशी है कि निशानेबाजी संघ ने उनके सुझाव पर अमल करते हुए पहली बार जिला स्तर पर स्पर्धा का आयोजन किया है। मैं जब यहां पर पिछले साल राज्य स्पर्धा के समापन में आया था तो मैंने कुछ सुझाव दिए थे, उन सुझावों में सबसे अहम सुझाव जिला स्तर पर स्पर्धा के आयोजन का था और अब पहली बार जिला स्तर की स्पर्धा हो रही है।
कोच दुर्गेश वशिष्ठ ने बताया कि स्पर्धा में रायपुर के साथ बिलासपुर, दुर्ग और दंतेवाड़ा के खिलाड़ी खेलने आए हैं। दो दिनों के अभ्यास सत्र के बाद २८ अप्रैल को पदकों के लिए मुकाबले होंगे। उन्होंने बताया कि हर जिले के लिए अलग-अलग मुकाबलों के साथ पुरस्कार भी अलग दिए जाएँगे। इस स्पर्धा में चुने गए खिलाडिय़ों को राज्य स्पर्धा में खेलने का मौका मिला। यह स्पर्धा जून में होगी।
ये बातें यहां पर चार जिलों की राज्य जिला निशानेबाजी स्पर्धा के उद्घाटन अवसर पर खेल संचालक जीपी सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में २०१३-१४ में राष्ट्रीय खेल होंगे। इन खेलों में छत्तीसगढ़ को पदक तालिका में नंबर वन बनाने के लिए अभी से प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि निशानेबाजी में भी पदक जीतने की तैयारी की जाए। निशानेबाजी में राज्य के खिलाडिय़ों को पदक कैसे मिल सकते हैं इसकी योजना बनाने का काम प्रदेश संघ को करना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि उनका विभाग हर खेल संघ से अपनी योजना बनाकर देने की बात कह रहा है। उन्होंने कहा कि मेजबान को पदक तालिका में अगर अहम स्थान पाना है तो यह बात तय है कि इसके लिए अभी से प्रयास करने होंगे।
खेल संचालक ने कहा कि उनको इस बात की खुशी है कि निशानेबाजी संघ ने उनके सुझाव पर अमल करते हुए पहली बार जिला स्तर पर स्पर्धा का आयोजन किया है। मैं जब यहां पर पिछले साल राज्य स्पर्धा के समापन में आया था तो मैंने कुछ सुझाव दिए थे, उन सुझावों में सबसे अहम सुझाव जिला स्तर पर स्पर्धा के आयोजन का था और अब पहली बार जिला स्तर की स्पर्धा हो रही है।
कोच दुर्गेश वशिष्ठ ने बताया कि स्पर्धा में रायपुर के साथ बिलासपुर, दुर्ग और दंतेवाड़ा के खिलाड़ी खेलने आए हैं। दो दिनों के अभ्यास सत्र के बाद २८ अप्रैल को पदकों के लिए मुकाबले होंगे। उन्होंने बताया कि हर जिले के लिए अलग-अलग मुकाबलों के साथ पुरस्कार भी अलग दिए जाएँगे। इस स्पर्धा में चुने गए खिलाडिय़ों को राज्य स्पर्धा में खेलने का मौका मिला। यह स्पर्धा जून में होगी।
शनिवार, 24 अप्रैल 2010
रायपुर में जुटेंगे निशानेबाज
प्रदेश की स्पर्धा में निशाने लगाने की पात्रता पाने के लिए तीन जिलो के निशानेबजों का जमावड़ा माना शूटिंग रेंज में २६ अप्रैल से लगेगा। इसकी जोरदार तैयारी प्रदेश रायफल संघ कर रहा है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के राकेश गुप्ता ने बताया कि पहली बार जिला स्तर पर स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। रायपुर में होने वाली स्पर्धा में रायपुर के साथ दुर्ग और बिलासपुर के निशानेबाजी भी हिस्सा लेंगे। इसी के साथ अगर और किसी जिले के खिलाड़ी खेलना चाहते हैं खेल सकते हैं। उन्होंने बताया कि रायपुर के बाद रायगढ़ में चांपा, कोरबा और रायगढ़ के निशानेबाजों के लिए स्पर्धा का आयोजन होगा। इन स्पर्धाओं में चुने गए खिलाड़ी जून में राजधानी में होने वाली राज्य स्पर्धा में भाग लेंगे। कोच दुर्गेश वशिष्ठ ने बताया कि पहली बार जिला स्तर पर आयोजन करने का मकसद नए खिलाडिय़ों को सामने लाना है। उन्हांने कहा कि लंबे समय से वही पुराने चेहरे नजर आते हैं, इसी के साथ निशोनबाजों को सीदे राज्य स्पर्धा में खेलने में परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि २६ और २७ को खिलाडिय़ों के लिए अभ्यास सत्र होगा। मुकाबले २८ से प्रारंभ होंगे। सभी जिलों के लिए अलग-अलग मुकाबलों का आयोजन होगा। विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के राकेश गुप्ता ने बताया कि पहली बार जिला स्तर पर स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। रायपुर में होने वाली स्पर्धा में रायपुर के साथ दुर्ग और बिलासपुर के निशानेबाजी भी हिस्सा लेंगे। इसी के साथ अगर और किसी जिले के खिलाड़ी खेलना चाहते हैं खेल सकते हैं। उन्होंने बताया कि रायपुर के बाद रायगढ़ में चांपा, कोरबा और रायगढ़ के निशानेबाजों के लिए स्पर्धा का आयोजन होगा। इन स्पर्धाओं में चुने गए खिलाड़ी जून में राजधानी में होने वाली राज्य स्पर्धा में भाग लेंगे। कोच दुर्गेश वशिष्ठ ने बताया कि पहली बार जिला स्तर पर आयोजन करने का मकसद नए खिलाडिय़ों को सामने लाना है। उन्हांने कहा कि लंबे समय से वही पुराने चेहरे नजर आते हैं, इसी के साथ निशोनबाजों को सीदे राज्य स्पर्धा में खेलने में परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि २६ और २७ को खिलाडिय़ों के लिए अभ्यास सत्र होगा। मुकाबले २८ से प्रारंभ होंगे। सभी जिलों के लिए अलग-अलग मुकाबलों का आयोजन होगा। विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा।
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