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शनिवार, 27 जून 2009

छत्तीसगढ़ को खेलों में नंबर वन बनायेंगे

प्रदेश की खेलमंत्री सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ को खेलों में नंबर वन बनाने के लिए सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है। अब प्रदेश में किसी भी खेल के खिलाड़ी को सुविधाओं के लिए जूङाना नहीं पड़ेगा। सरकार भी खिलाडिय़ों को गोद लेने की योजना बना चुकी है इसी के साथ प्रतिभा खोज के तहत सभी खेलों के लिए खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा।
सुश्री उसेंडी यहां पर शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा आयोजित फुटबॉल प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर बोल रही थीं। उन्होंने शेरा समिति को इसलिए बधाई दी कि उसने राजधानी में फुटबॉल का स्कूल प्रारंभ करने का काम किया है। इस स्कूल के लिए ही प्रशिक्षण शिविर से ५५ खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इन खिलाडिय़ों के नामों की घोषणा करते हुए खेल मंत्री ने कहा कि इन खिलाडिय़ों को बधाई और साथ ही इन खिलाडिय़ों से यह उम्मीद है कि वे फुटबॉल स्कूल में प्रशिक्षण लेकर अपने राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन करें। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी बात है कि खेलों के लिए काम करने वाली संस्था ने फुटबॉल स्कूल खोलने का ऐसा काम किया है जैसा काम प्रदेश में अब तक किसी ने नहीं किया है। उन्होंने बताया कि सरकार भी इसी तरह की योजना पर काम कर रही है। सरकार ने भी खिलाडिय़ों को गोद लेने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि प्रतिभाखोज कार्यक्रम के तहत गांवों से लेकर जिलों तक प्रतिभाओं की खोज करके उनको निखारने के लिए प्रशिक्षण दिलाने का काम सरकार करेगी। सरकार की भी बोर्डिंग की योजना है। इसके लिए भी जहां योजना बना ली गई है, वहीं भारतीय खेल प्राधिकरण की मदद से प्रदेश में कई स्थानों पर साई के प्रशिक्षण केन्द्र खोले जा रहे हैं। खेलमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार खेलों को इतनी मदद करना चाहती है कि छत्तीसगढ़ खेलों में नंबर वन हो जाए। अंत में उन्होंने शेरा समिति के लिए ५० हजार रुपए देने की घोषणा की।


इससे पहले खेलमंत्री के साथ जहां कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महापौर सुनील सोनी , विधायक कुलदीप जुनेजा औैर नगर निगम के सभापति के साथ फुटबॉल मैच खेलने वाली महिला और पुरुष टीमों के खिलाडिय़ों से परिचय प्राप्त किया, वहीं प्रशिक्षण शिविर के खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र के साथ पुरस्कार देकर सम्मानित किया। शेरा समिति के बारे में जानकारी समिति के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने दी। उन्होंने बताया कि समिति अब फुटबॉल के बाद हॉकी का भी डे बोर्डिंग स्कूल प्रारंभ करेगी।



५५ खिलाडिय़ों का चयन
फुटबॉल स्कूल के लिए पूर्व में ४५ खिलाडिय़ों का चयन किया जाना था, पर खिलाडिय़ों की संख्या को देखते हुए ५५ खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इन खिलाडिय़ों के नामों की घोषणा खेलमंत्री लता उसेंडी ने की। चुने गए खिलाड़ी इ प्रकार हैं- अमित कुमार, राजादीप, सतीश दीप, सुनील तांड़ी, राकेश ध्रुव, साबर, दीपक जाल, प्रेम कुमार, नीलकंठ, कुंदम दीप, पद्मनम बघेल, बंटी बघेल, सुभाष, लतेश्वर यादव, विक्की क्षत्रीय, अयाज अहमद, धीरेन्द्र बघेल, अंजर खान, नितिन दीप, करण ठाकुर, रजत पाल, अतुल जगत, हेमंत जगत, जय मुलवानी, लोकनाथ यादव, नितीन सोनी, सनी बंछोर, प्रणीण सिधार, रोहित अठवानी, सचिन चिलमवार, मिर्जा नवाज, भास्कर, पांडे, प्रभजोत सिंह, हिमालय सेंदरे, शिव उपाध्याय, अर्श उल्ला खान, सोनु यादव, विवेक यदु, समीर, प्रणय डेकाटे, बृजेश जैन, तुषार गुप्ता, आशुतोष, षभ दुबे, अनिकेत अतुलकर, गौरव शिवहरे, आशुतोष पाल, टिकेश्वर वर्मा, सिद्धार्थ तांडी, रोहित जाल, राजेश वर्मा और शंभूं तांडी। इन चुने गए खिलाडिय़ों को १५ अगस्त से डे बोर्डिंग स्कूल में प्रशिक्षण दिया जाएगा।



न तुम जीते न हम हारे
शिविर के समापन जूनियर बालक और जूनियर बालिकाओं के साथ ही सीनियर महिला खिलाडिय़ों और पुरुष खिलाडिय़ों के बीच एक दोस्ताना मैच खेला गया। इन मैचों की सबसे बड़ा खासियत यह रही कि जहां दोनों मैच काफी साफ-सुधरे रहे। जूनियरों का मैच तो मैच गोल रहित बराबर रहा। ऐसा नहीं है कि गोल करने के लिए प्रयास नहीं किए गए। दोनों टीमों ने मैच जीतने की पूरी कोशिश की, पर सफलता किसी को नहीं मिली। लेकिन सीनियरों के मैच में जरूर पुरुष वर्ग ने ३-० से बाजी मार ली।


शनिवार, 13 जून 2009

तलाश कर तराशेंगे प्रतिभाएं

प्रदेश के खेल विभाग ने अब गांव-गांव में दस्तक देकर खेल की प्रतिभाओं को तलाश कर तराशने की योजना बनाई है। इस योजना में स्कूल स्तर के साथ विकासखंड और जिले के बाद राज्य स्तर पर प्रतिभाओं को परखने के बाद ही चुना जाएगा। चुनी गई सभी प्रतिभाओं को उनकी रूचि के मुताबिक खेलों में प्रशिक्षण दिलाने का काम सरकार करेगी। इस योजना के पहले चरण के अंत में कम से कम ५० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा।

इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की खेल नीति में ही ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने की बात है। ऐसे में प्रतिभा खोज योजना के तहत प्रदेश के हर गांव में प्रतिभाएं तलाशने के लिए विस्तृत योजना बना ली गई है। इस योजना के अंत में राज्य स्तर पर चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना चार चरणों में होगी। पहले चरण में स्कूल स्तर को रखा गया है, इसके बाद विकासखंड स्तर फिर जिला स्तर और अंत में राज्य स्तर है। इस योजना में १० से १४ साल के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि बच्चा किसी खेल से जुड़ा हो, लेकिन उसकी खेलों में रूचि होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जो खिलाड़ी सब जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं उनको सीधे प्रवेश की पात्रता होगी।

स्कूल-विकासखंड में ऐसी होगी प्रक्रिया - खेल संचालक जीपी सिंह ने पूछने पर बताया कि स्कूल स्तर पर प्रतिभाओं के चयन के लिए जिम्मा स्कूलों के प्रधान पाठक को दिया जाएगा। इसके लिए प्रतिभाओं की लंबाई के साथ उनकी तेजी देखने के लिए ५० मीटर की दौड़ करवाई जाएगी। इसमें १० से लेकर १४ वर्ष तक के बच्चों के लिए हर वर्ग में अलग-अलग चयन किया जाएगा। हर वर्ग में बालक और बालिकाओं में पहले तीन स्थानों पर आने वालों का चयन होगा। विकासखंड स्तर पर हर वर्ग में ५-५ बालक-बालिकाओं का चयन किया जाएगा। यहां भी बच्चों की लंबाई के साथ दौड़ में उनकी तेजी देखी जाएगी। विकासखंड स्तर पर चयन का जिम्मा विकासखंड अधिकारियों को दिया जाएगा। स्कूल स्तर पर जहां खेल दिवस के दिन २९ अगस्त को सभी गांवों में प्रतिभा खोज दौड़ का आयोजन किया जाएगा, वहीं विकासखंड स्तर पर चयन गांधी जयंती पर दो अक्टूबर को होगा।

जिला स्तर की प्रक्रिया होगी कड़ी- स्कूल स्तर और विकासखंड स्तर से आने वाले खिलाडिय़ों की प्रतिभाओं को परखने के लिए जिला स्तर पर आयोजन किया जाएगा। हर जिले में यह जिम्मा जिले के खेल अधिकारियों का होगा। यहां पर भी जहां बच्चों की लंबाई को देखा जाएगा, वहीं ५० मीटर की दौड़ के अतिरिक्त क्रिकेट बॉल को फेंकने की प्रतिस्पर्धा होगी। इन तीनों के अंक जोड़कर ही जिनके अंक ज्यादा होंगे उनका चयन किया जाएगा। यहां पर हर वर्ग से ४-४ प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। ये प्रतिभागी ही राज्य स्तर की चयन स्पर्धा में शामिल हो सकेंगे।

राज्य स्तर की चयन प्रक्रिया होगी कठिन- हर जिले से हर वर्ग के जो बच्चे चुनकर आएंगे उनके लिए एक चयन स्पर्धा का आयोजन राजधानी रायपुर में किया जाएगा। दो दिनों की इस प्रतिस्पर्धा में पूरे राज्य से कम से कम ४०० प्रतिभागी शामिल होंगे। इन प्रतिभागियों में से हर वर्ग में ५-५ खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा, यानी कम से कम ५० प्रतियोगियों का अंतिम चयन होगा। यहां पर चयन प्रक्रिया कुछ ज्यादा कठिन होगी। चयन के पहले दिन सबसे पहले लंबाई के बाद प्रतियोगियों का सीना देखा जाएगा कि उनका सीना फूलाने पर कितना होता है। इसके बाद लंबी कूद में प्रतियागियों को परखा जाएगा। यहां पर बास्केटबॉल को बैठकर थ्रो करने की प्रतियोगिता होगी। इसके अलावा ८०० मीटर की दौड़ होगी। यह दौड़ साधारण जूतों के साथ या फिर नंगे पैर होगी। दूसरे दिन खड़े होकर कूदने की प्रतियोगिता के साथ क्रिकेट बॉल थ्रो, ३० मीटर की तेज दौड़ के साथ ही १० मीटर जाना और १० मीटर वापस आने की दौड़ होगी। इन सब मुकाबलों में जिनके ज्यादा होंगे वही पहले पांच स्थानों पर आने वाले प्रतियोगी चुने जाएंगे। यहां पर प्रतियोगियों के चयन के लिए एक चयन समिति बनाई जाएगी। किसी भी स्तर पर शामिल होने वाले प्रतियोगियों के परिजनों से यह लिखवाया जाएगा कि उनका चयन होने पर उनको वे छात्रावास में रहने की अनुमति दे रहे हैं। राज्य स्तर का चयन नवंबर माह में करवाने की योजना है। प्रतियोगियों के चयन के बाद उनकी खेलों में रूचि के हिसाब से उनको प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था खेल विभाग करेगा। इस योजना में हर साल प्रतिभाओं की खोज की जाएगी।

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