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गुरुवार, 9 सितंबर 2010

हर खेल को मिलेंगे प्रशिक्षक

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के बाद प्रदेश का खेल विभाग अब हर खेल के लिए प्रशिक्षक रखने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए जहां एक तरफ भर्ती नियम बनाने की कवायद चल रही है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ ऐसे राज्यों से नियम मंगवाने का काम हो रहा है जहां पर प्रशिक्षकों की संविदा भर्ती या अनुबंध के आधार पर भर्ती की गई है।
छत्तीसगढ़ की मेजबानी में ३७वें राष्ट्रीय खेल २०१३-१४ में होने हैं। इसी तैयारी में अभी से खेल विभाग जुट गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को जब ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने इस पद का विवधित पदभार ग्रहण किया तो उसी दिन उनके सामने यह बात आई कि अपने राज्य में प्रशिक्षकों का इतना ज्यादा टोटा है कि इनके दम पर राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने तत्काल खेल विभाग को निर्देश दिए कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के ऐसे प्रशिक्षकों की भर्ती की जाए जिनके दम पर छत्तीसगढ़ को अपनी मेजबानी में ज्यादा से ज्यादा पदक मिल सके। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशा है कि राज्य में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में मेजबान छत्तीसगढ़ पदक तालिका में टॉप पर रहे। इसके लिए सबसे पहली जरूरत खिलाडिय़ों को खेल की सुविधाओं के साथ प्रशिक्षक दिलवाना है।
मुख्यमंत्री के सामने प्रशिक्षकों के टोटे की बात वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान ने हरिभूमि का हवाला देते हुए ही रखी थी। हरिभूमि ने ही सबसे प्रदेश में प्रशिक्षकों की कमी का मामला उठाया था। मुख्यमंत्री ने इस बात को गंभीरता से लिया और प्रशिक्षकों की व्यवस्था करने के निर्देश खेल विभाग को दिए हैं।
अच्छे प्रशिक्षक रखे जाएंगे
खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि राष्ट्रीय खेलों में मेजबान छत्तीसगढ़ पदक तालिका में टॉप में आ सके इसके लिए राष्ट्रीय के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक रखने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए किस राज्य में क्या नियम है उनको मंगवाने के साथ भारतीय खेल प्राधिकरण से भी बात की जा रही है। उन्होंने बताया कि साई से पूछा गया है कि क्या उनके यहां पर संविदा में प्रशिक्षक रखने का काम किया जाता है और इसके लिए कोई नियम बनाए गए हैं तो उन नियमों की जानकारी भेजी जाए। बकौल श्री सिंह सभी स्थानों से नियम आने के बाद उनका अध्ययन किया जाएगा और देखा जाएगा कि यहां किस तरह के नियम बनाए जाने से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि हमारे विभाग का ऐसा मानना है कि हर खेल के लिए अच्छे से अच्छे प्रशिक्षक रखें जाएंगे।
सुविधाएं भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की हों
एक तरफ जहां खेल विभाग हर खेल के लिए अच्छे प्रशिक्षक रखने की कवायद में जुटा हुआ है, वहीं खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ खिलाडियों का ऐसा मानना है कि खिलाडिय़ों को सुविधाएं भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की देनी होगी। महज प्रशिक्षकों की व्यवस्था करने से ही मेजबान पदक तालिका में टॉप में आ जाएगा, यह सोचना गलत है। इसके लिए पूरी योजना बनाने की जरुरत पड़ेगी। अभी से अगर तैयारी करनी है तो सुविधाएं भी अभी से जुटानी होगी। सुविधाओं के साथ मैदानों की कमी को भी दूर करना पड़ेगा। राज्य में मैदानों की कमी के कारण खिलाड़ी अभ्यास ही नहीं कर पाते हैं। अगर तैयारी में अभी से जुटे से अभ्यास नियमिच करना पड़ेगा और अभ्यास के लिए मैदान जरूरी है।

गुरुवार, 23 जुलाई 2009

राज्य पुरस्कारों के ९८ दावेदार

प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के जूनियर, सीनियर खिलाडिय़ों के साथ प्रशिक्षकों और निर्णायकों को दिए जाने वाले पुरस्कारों के लिए ९८ दावेदारों से आवेदन किए हैं। आवेदन खेल संघों की अनुशंसा पर लिए गए हैं। अब आवेदन की तिथि समाप्त होने के बाद एक सप्ताह के अंदर ऐसे खिलाड़ी और प्रशिक्षक खेल विभाग में सीधे आवेदन कर सकते हैं जिनके आवेदन खेल संघों ने नहीं भेजे हैं।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग प्रदेश के जूनियर खिलाडिय़ों को एक लाख का शहीद कौशल यादव पुरस्कार, सीनियर खिलाडिय़ों को दो लाख पच्चीस हजार का शहीद राजीव पांडे पुरस्कार, प्रशिक्षकों और निर्णायकों को एक-एक लाख का हुनमान सिंह पुरस्कार देता है। इसी के साथ ऐसे खेलों में जिनमें पदक नहीं मिल पाते हैं लेकिन इन खेलों के खिलाड़ी लगातार पांच साल से राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल रहे हैं, उनको २५ हजार की राशि का शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार और खेलों को जीवन समर्पित करने वालों को २५ हजार का खेल विभूति पुरस्कार दिया जाता है। इन पुरस्कारों के लिए खेल विभाग ने २० जुलाई तक आवेदन मंगाए थे। अब निर्धारित तिथि निकलने के बाद यह नियम है कि ऐसे खिलाड़ी और प्रशिक्षक और कोच जिनको यह मालूम होता है कि उनके आवेदन खेल संघ ने जमा नहीं किए हैं, वे अपने आवेदन एक सप्ताह के अंदर सीधे खेल विभाग में जमा कर सकते हैं। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया चल रही है और पात्र आवेदनों को जांचा जा रहा है। चुने गए खिलाडिय़ों को २९ अगस्त को सम्मानित किया जाएगा।
राज्य के पुरस्कारों के लिए खेल विभाग में कुल ९८ आवेदन आए हैं। जिन खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों-निर्णायकों के आवेदन आएं हैं, वे इस प्रकार हैं।

शहीद राजीव पांडे पुरस्कार- सीमा सिंह (बास्केटबॉल), शीतल मवार, रक्षा घोष, कल्याणी देवी मरकाम (कराते), अजय दीप सारंग (भारोत्तोतलन), कुमारी आसु (पावरलिफ्टिंग), सत्यनारायण, अशोक कुमार पटेल (एथलेटिक्स), ए।संतोष (टेबल टेनिस), ओमप्रकाश सिंह (हैंडबॉल), नेटबॉल टीम के सदस्य- ऐशवर्य पाठक, अमर पिल्ले, अंकित पाठक, कैलास रेड्डी, निमिष जैन, गिरशकांत, रशीद खान, जानकीशरण कुशवाहा, जागेश्वर सिंह, अंशुल शर्मा (सभी नेटबॉल), सायकल पोलो दल- एमएस करिश्मा, स्मृति कनेरिया, शुभांगी दुबे, सोनाली साव, मृदुला साहू।

शहीद कौशल यादव- पुरनम गेहलोत (कराते), सूर्या ठाकुर (फुटबॉल), शैला आलम (क्रिकेट), छायारानी, अमनदीप सिंग (पावरलिफ्टिंग), अंकित पाणिग्रही, कविता। किरण पाल सिंह, शुंभागी सिंह , तृप्ति सिंह राठौर, एल. दीपा (सभी बास्केबॉल), अजय दीप सारंग (भारोत्तोलन), शारदा (मुक्केबाजी), शिवम (कबड्डी), साक्षी राजपूत (बेसबॉल), सिद्धार्थ मिश्रा (वेटलिफ्टिंग), पी. कामराजू (थ्रोबाल), कमलेश निषाद (विकलांग क्रिकेट) विनोद उरांव (एथलेटिक्स), संतोष कुमार (वालीबॉल), जूबेर खान (शरीर सौष्ठव), सायकल पोलो टीम- एम. एस. करिश्मा, स्मृति कनेरिया, सुदीप्ति केशरिया, प्रीति यादव, काजल उइके। बालक दल प्रतीक कृष्णणन, संकल्प वर्मा, चन्द्रकांत साहू, एस. संतोष राव एवं निखिल जायसवाल।

हनुमान सिंह पुरस्कार- हरीनाथ, केएस अनिल जीत (पावरलिफ्टिंग), नीता डुमरे (हॉकी), पी। रत्नाकर (भारोत्तोलन), विजय कुमार (कैरम) , सुधीर वर्मा (नेटबॉल), जी रवि राजा (महिला क्रिकेट), अम्लेन्द तालुकदार (कराते), अरूण द्विवेदी (जूडो), विनोद नायर (वालीबॉल), शेख मौला (हैंडबॉल), टीकम दास अंदानी।

खेल विभूति सम्मान- संसार चंद, बाबूलाल राय (एथलेटिक्स), आरआर शुक्ला (हॉकी), गौरव कुमार चंदा (तीरंदाजी), राम बिसाल साहू (कबड्डी), गुलाब महबूब हसन (हॉकी, फुटबॉल, हैंडबॉल), अब्दुल सईद खान (कराते), एके श्रीवास्तव, एसएन नेमा (वालीबॉल), आजाद अहमद खान (टेनिस बॉल क्रिकेट)।
शहीद पंकज विक्रम- दुर्गा प्रसाद जंघेल (भारोत्तोलन), रंजना मांडले (तीरंदाजी), आनंद कुमार चंदलिया (रग्बी), प्रकाश दास मानिकपुरी (कुश्ती), डाली क्षत्रीय, प्रेरणा मिश्रा (फुटबॉल), लाखन सोनी (कैरम), पी। किशोर, शेख शरीफ (जूडो), रेखा पद्म, सचिन गुमास्ता (वालीबॉल), प्रमोद फरीकार (कयाकिंग), दीपिका वैरागड़े (हॉकी), चितेश्वरी ध्रुव (हैंडबॉल), प्रदीप साहू, टी। निंगराज रेड्डी (साफ्टबॉल), वरूण , धनराज यादव, गौरव दीवान (सभी टेनीक्वाइट)।

शहीद पंकज विक्रम- दुर्गा प्रसाद जंघेल (भारोत्तोलन), रंजना मांडले (तीरंदाजी), आनंद कुमार चंदलिया (रग्बी), प्रकाश दास मानिकपुरी (कुश्ती), डाली क्षत्रीय, प्रेरणा मिश्रा (फुटबॉल), लाखन सोनी (कैरम), पी. किशोर, शेख शरीफ (जूडो), रेखा पद्म, सचिन गुमास्ता (वालीबॉल), प्रमोद फरीकार (कयाकिंग), दीपिका वैरागड़े (हॉकी), चितेश्वरी ध्रुव (हैंडबॉल), प्रदीप साहू, टी. निंगराज रेड्डी (साफ्टबॉल), वरूण ङाा, धनराज यादव, गौरव दीवान (सभी टेनीक्वाइट)।

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