साई सेंटर रायपुर के तीन बैडमिंटन खिलाड़ियों का चयन सेंट्रल जोन की टीम में किया गया है। तीनों खिलाड़ी लखनऊ में 6 सितंबर से प्रारंभ हो रही राष्ट्रीय साई स्पर्धा में खेलने गए हैं।
यह जानकारी देते हुए रायपुर सेंटर के प्रभारी एसएस भदोरिया ने बताया कि धार में अंतर साई चैंपियनशिप में खेलने गए रायपुर सेंटर के खिलाड़ियों ने वहां पर पहला और दूसरा स्थान प्राप्त कर जोन की टीम में स्थान बनाया। अंडर 19 साल वर्ग में रायपुर के वैभव तांबे दूसरे स्थान पर रहे। अंडर 15 में पहला स्थान रायपुर के अमोल करकरे पहले और रायपुर के ही प्रखर द्विवेदी दूसरे स्थान पर रहे। स्पर्धा के बाद धार में जोनल टीम का प्रशिक्षण शिविर लगा वहां से खिलाड़ी कोच ज्योति ठाकुर के साथ लखनऊ गए हैं। कोच ज्योति ठाकुर ने बताया कि तीनों खिलाड़ी अच्छे हैं और राष्ट्रीय स्पर्धा में इनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
जूडो के मुकाबले 8 से
अंतर साई जूडो के मुकाबले रायपुर में 8 सितंबर को होंगे। इन मुकाबलों में रायपुर सेंटर के 23 खिलाड़ियों के साथ भोपाल सेंटर के 8 खिलाड़ी और जबलपुर के पांच बालक पांच बालिका खिलाड़ी भाग लेंगे। यहां पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर टीम चुनी जाएगी जो प्रशिक्षण के बाद कांजीवली मुंबई में होने वाली राष्ट्रीय साई जूडो चैंपियनशिप में खेलने जाएगी।
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मंगलवार, 6 सितंबर 2011
रविवार, 26 जून 2011
राजधानी में बैडमिंटन के मुकाबले कल से
राजधानी रायपुर में बैडमिंटन के मुकाबले 27 जून से प्रारंभ होंगे। सप्रे बैडमिंटन हॉल में नया सिंथेटिक और वुडन कोर्ट बनने के बाद यह पहली स्पर्धा होगी। स्पर्धा को लेकर खिलाड़ियों में उत्साह है।
रायपुर जिला बैडमिंटन संघ के कविता और अनुराग दीक्षित ने बताया कि राज्य स्पर्धा से पहले जिले की टीम का गठन करने सबसे पहले सब जूिनयर वर्ग की बालक और बालिकाओं की स्पर्धा की आयोजन 27 से 29 जून तक किया जा रहा है। इस स्पर्धा के बाद जूनियर वर्ग की स्पर्धा एक से तीन जुलाई तक होगी। दोनों वर्गाें में खेलने वाले खिलाड़ी पंजीयन करवा रहे हैं। सब जूिनयर वर्ग में 50 से ज्यादा खिलाड़ियों के संभावना है। इन्होंने बताया कि सप्रे बैडमिंटन हॉल में अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों ने लिए जाने वाले शुल्क से ही हॉल में एक कोर्ट में सिंथेटिक और एक कोर्ट में वुडन लगाया गया है। हॉल में लाइट लगाने का काम निगम ने अपने बजट से किया है। हॉल के कोर्ट में ही साई सेंटर के खिलाड़ियों को भी नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
रायपुर जिला बैडमिंटन संघ के कविता और अनुराग दीक्षित ने बताया कि राज्य स्पर्धा से पहले जिले की टीम का गठन करने सबसे पहले सब जूिनयर वर्ग की बालक और बालिकाओं की स्पर्धा की आयोजन 27 से 29 जून तक किया जा रहा है। इस स्पर्धा के बाद जूनियर वर्ग की स्पर्धा एक से तीन जुलाई तक होगी। दोनों वर्गाें में खेलने वाले खिलाड़ी पंजीयन करवा रहे हैं। सब जूिनयर वर्ग में 50 से ज्यादा खिलाड़ियों के संभावना है। इन्होंने बताया कि सप्रे बैडमिंटन हॉल में अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों ने लिए जाने वाले शुल्क से ही हॉल में एक कोर्ट में सिंथेटिक और एक कोर्ट में वुडन लगाया गया है। हॉल में लाइट लगाने का काम निगम ने अपने बजट से किया है। हॉल के कोर्ट में ही साई सेंटर के खिलाड़ियों को भी नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मंगलवार, 7 जून 2011
सिंथेटिक और वुडन कोर्ट की सौगात
राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ियों को सप्रे स्कूल के बैडमिंटन हॉल में सिंथेटिक कोर्ट के साथ वुडन कोर्ट और जिम की सौगात मिली है। इसका लोकार्पण सोमवार की शाम को महापौर किरणमयी नायक ने किया। इस कोर्ट में लाइट लगाने पर निगम ने चार लाख की राशि भी खर्च की। कोर्ट निर्माण जिला बैडमिंटन संघ ने कराया है।
सप्रे बैडमिंटन हॉल में जिला बैडमिंटन संघ ने सिंथेटिक कोर्ट बनाने पर 35 हजार और वुडन कोर्ट बनाने पर 65 हजार की राशि खर्च की है। संघ के अनुराग और कविता दीक्षित ने बताया कि इन दो कोर्ट को ठीक करने के साथ संघ ने एक जिम भी लगाया है। पांच स्टेशन वाले इस जिम की लागत महज 32 हजार है। इन्होंने बताया कि बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए यह छोटा जिम पर्याप्त है। संघ ने जो राशि खर्च की है, वह खिलाड़ियों से लिए जाने वाले शुल्क से की गई है। श्री दीक्षित ने बताया कि हॉल में लाइट लगाने की काम निगम ने अपने खर्च पर किया है। लाइट पर लगाने पर करीब चार लाख की राशि खर्च हुई है। इस सुविधायुक्त हॉल के कोर्ट और जिम का लोकार्पण किरणमयी नायक ने किया।
सप्रे बैडमिंटन हॉल में जिला बैडमिंटन संघ ने सिंथेटिक कोर्ट बनाने पर 35 हजार और वुडन कोर्ट बनाने पर 65 हजार की राशि खर्च की है। संघ के अनुराग और कविता दीक्षित ने बताया कि इन दो कोर्ट को ठीक करने के साथ संघ ने एक जिम भी लगाया है। पांच स्टेशन वाले इस जिम की लागत महज 32 हजार है। इन्होंने बताया कि बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए यह छोटा जिम पर्याप्त है। संघ ने जो राशि खर्च की है, वह खिलाड़ियों से लिए जाने वाले शुल्क से की गई है। श्री दीक्षित ने बताया कि हॉल में लाइट लगाने की काम निगम ने अपने खर्च पर किया है। लाइट पर लगाने पर करीब चार लाख की राशि खर्च हुई है। इस सुविधायुक्त हॉल के कोर्ट और जिम का लोकार्पण किरणमयी नायक ने किया।
शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2010
अंतर क्लब बैडमिंटन १५ से
राजधानी के यूनियन क्लब में पहली बार अंतर क्लब बैडमिंटन स्पर्धा का आयोजन किया गया है। यह स्पर्धा १५ से १८ अक्टूबर तक खेली जाएगी। इसके पहले यूनियन क्लब में राज्य रैंकिंग लॉन टेनिस का आयोजन ९ अक्टूबर से होगा।
यह जानकारी देते हुए यूनियन क्लब के सचिव गुरुचरण सिंह होरा ने बताया कि पहली बार अंतर क्लब बैडमिंटन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें राजधानी के सभी क्लबों के खिलाड़ी शामिल होंगे। स्पर्धा में एकल वर्ग के साथ युगल वर्ग के भी मुकाबले खेले जाएंगे। उन्होंने बताया कि १५ की शाम को राज्य रैंकिंग लॉन टेनिस के समापन होगा और बैडमिंटन स्पर्धा का उद्घाटन होगा।
इधर राज्य रैंकिंग लॉन टेनिस स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह सिसोदिया के साथ सचिव गुरुचरण सिंह होरा ने बताया कि इस पहली राज्य रैंकिंग स्पर्धा में जूनियर वर्ग के साथ सीनियर वर्ग के तो मुकाबले होंगे ही साथ ही वेटरन वर्ग के भी मुकाबले होंगे। इन्होंने बताया कि महिला वर्ग में एकल मुकाबले होंगे, जबकि पुरुष वर्ग में एकल के साथ युगल मुकाबले भी होंगे। टेनिस स्पर्धा को पूर्व खिलाड़ी राजेन्द्र पटेल ने प्रायोजित किया है।
यह जानकारी देते हुए यूनियन क्लब के सचिव गुरुचरण सिंह होरा ने बताया कि पहली बार अंतर क्लब बैडमिंटन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें राजधानी के सभी क्लबों के खिलाड़ी शामिल होंगे। स्पर्धा में एकल वर्ग के साथ युगल वर्ग के भी मुकाबले खेले जाएंगे। उन्होंने बताया कि १५ की शाम को राज्य रैंकिंग लॉन टेनिस के समापन होगा और बैडमिंटन स्पर्धा का उद्घाटन होगा।
इधर राज्य रैंकिंग लॉन टेनिस स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह सिसोदिया के साथ सचिव गुरुचरण सिंह होरा ने बताया कि इस पहली राज्य रैंकिंग स्पर्धा में जूनियर वर्ग के साथ सीनियर वर्ग के तो मुकाबले होंगे ही साथ ही वेटरन वर्ग के भी मुकाबले होंगे। इन्होंने बताया कि महिला वर्ग में एकल मुकाबले होंगे, जबकि पुरुष वर्ग में एकल के साथ युगल मुकाबले भी होंगे। टेनिस स्पर्धा को पूर्व खिलाड़ी राजेन्द्र पटेल ने प्रायोजित किया है।
मंगलवार, 22 जून 2010
ग्रामीण खिलाडिय़ों को भी तराश रहे
बैडमिंटन जैसे महंगे खेल में भी हमारा संघ सरगुजा और कोरिया जैसे आदिवासी जिलों के ग्रामीण खिलाडिय़ों को तराशने का काम कर रहा है। जूनियर के साथ सीनियर वर्ग में भी इन जिलों के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा दिखाने का काम कर रहे हैं। यहां की प्रतिभाओं को निखारने के लिए ही संघ ने अगले साल एक राष्ट्रीय रैंकिंग स्पर्धा की मेजबानी लेने का फैसला किया है। इसके लिए अभी से प्रयास करेंगे। वैसे राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए चार कोर्ट वाले मैदान की जरूरत होती है जो अपने छत्तीसगढ़ में नहीं है। राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के इंडोर स्टेडियम में जरूर ६ से ८ कोर्ट बन सकते हैं। इसके बनने के बाद यहां पर राष्ट्रीय स्पर्धा करवाने के साथ अकादमी खोलने में भी मदद मिलेगी।
ये बातें यहां पर खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश बैडमिंटन संघ के एक बार फिर से अध्यक्ष चुने गए गुरुप्रीत सिंह भाटिया ने कहीं। उन्होंने संघ के सचिव संजय मिश्रा के साथ कोषाध्यक्ष श्रीधर मुदलियार के साथ बताया कि संघ ने छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद राज्य में बैडमिंटन के लिए काफी कुछ किया है और आदिवासी और पिछड़े जिलों के खिलाडिय़ों को भी राज्य की टीम में स्थान देकर उनको राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। इन्होंने बताया कि इस समय राज्य के जूनियर खिलाडिय़ों में सरगुजा के देवांश और Ÿोयांश जायसवाल के साथ कोरिया की अंकिता गुप्ता और दीपाली गुप्ता प्रदेश की टीम से खेल रही हंै। इसी के साथ सीनियर वर्ग में सरगुजा के वेंकट गौरव और हिमांशु वर्मा का नाम है। इन जिलों के साथ रायपुर, भिलाई और राजनांदगांव के खिलाड़ी भी लगातार प्रदेश की टीम से खेल रहे हैं। श्री भाटिया ने बताया कि खिलाडिय़ों को तराशने के लिए हमारा संघ हर जिले में अपने खर्च पर एक माह का प्रशिक्षण शिविर लगाता है और इन शिविरों से प्रतिभाशाली खिलाड़ी चुने जाते हैं।
राष्ट्रीय रैंकिंग की लेंगे मेजबानी
एक सवाल के जवाब में श्री भाटिया ने बताया कि संघ ने अगले साल एख राष्ट्रीय रैंकिंग की मेजबानी लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक चार कोर्ट वाले मैदान की जरूरत होती है जो छत्तीसगढ़ में नहीं है। संजय मिश्रा ने बताया कि राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में बन रहे इंडोर स्टेडियम में ६ से ८ कोर्ट बनाए जा सकते हैं। इसके लिए नगर निगम से बात की जाएगी। निगम के सहमत होने पर जहां राष्ट्रीय रैंकिंग की मेजबानी मिलने में आसानी होगी वहीं राजधानी में एक अकादमी खोलने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद यहां पर चार राष्ट्रीय स्पर्धाओं का आयोजन संघ ने करवाया है। एक राष्ट्रीय स्पर्धा के आयोजन में २० लाख का खर्च लग जाता है।
खिलाडिय़ों का संघ है
संघ के अध्यक्ष श्री भाटिया के साथ संघ के सचिव अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संजय मिश्रा ने बताया कि उनका संघ एक ऐसा संघ है जिसमें संघ के ज्यादातर पदाधिकारी खिलाड़ी हैं। श्री भाटिया और मिश्रा की जोड़ी २००७ में एडीलेड में मास्टर्स चैंपियनशिप में खेली है और इस जोड़ी ने युगल स्पर्धा में रजत और मिश्रित युगल में कांस्य जीता था। प्रदेश में बैडमिंटन संघ ही एक मात्र ऐसा संघ है जिस संघ के अध्यक्ष और सचिव ने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में खेलकर पदक जीता है।
संघ नहीं लेता शासन से आर्थिक मदद
बैडमिंटन संघ में एक खास बात यह भी है कि यह संघ अपने अध्यक्ष गुरुप्रीत सिंह भाटिया के साथ कार्यकारी अध्यक्ष विजय अग्रवाल की मदद ेसे ही पिछले एक दशक से चल रहा है। इस संघ का सारा खर्च यही दोनों उठाते हैं। संघ को खेल विभाग से मान्यता तो है, पर संघ के अध्यक्ष और सचिव कहते हैं कि खेल विभाग की खानापूर्ति इतनी ज्यादा है कि अनुदान लेने का कोई मतलब नहीं है। इनका कहना है कि खेल विभाग को नियमों बदलाव करना चाहिए।
हमारे खिलाडिय़ों को भी मिले पुरस्कार
संघ के अध्यक्ष और सचिव का कहना है कि खेल विभाग को खेलों के हिसाब से खेल पुरस्कार के नियम बनाने चाहिए। विभाग के जो नियम हंै यदि वही रहे तो बैडमिंटन जैसे महंगे और कठिन खेल में किसी खिलाड़ी को कभी पुरस्कार नहीं मिल पाएगा। इनका कहना है कि राष्ट्रीय स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचना ही कठिन होता है। ऐसे में बैडमिंटन जैसे खेल के लिए खेल विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर क्वार्टर फाइनल में खेलने वाले खिलाडिय़ों को पुरस्कार का पात्र माना जाना चाहिए।
तीसरी बार बने भाटिया अध्यक्ष
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी गुरुप्रीत भाटिया का बैडमिंटन के प्रति समर्पण देखते हुए एक बार फिर से उनको संघ की कमान दी गई है। इसी के साथ संजय मिश्रा फिर से सचिव बने हैं। अन्य पदाधिकारियों में सरंक्षक आरएस विश्वकर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष विजय अग्रवाल, कोषाध्यक्ष श्रीधर मुदलियार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिल धगट, विवेक छिब्बा, उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, पीके तरफदार, अकरम खान, केशव पोद्दार, सहसचिव कविता दीक्षित एमएल चन्द्राकर, सतीश त्रिपाठी, अनुराग दीक्षित, सलाहकार इंदरचंद धाड़ीवाल पीआरओ परमजीत सिंह दत्ता के साथ कार्यकारिणी में नौ सदस्य रखे गए हैं। आज पत्रकार वार्ता के बाद बेंगलुरु खेलने जाने वाली टीम के खिलाडिय़ों के ट्रेक शूट के साथ २० हजार की राशि अध्यक्ष ने दी।
ये बातें यहां पर खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश बैडमिंटन संघ के एक बार फिर से अध्यक्ष चुने गए गुरुप्रीत सिंह भाटिया ने कहीं। उन्होंने संघ के सचिव संजय मिश्रा के साथ कोषाध्यक्ष श्रीधर मुदलियार के साथ बताया कि संघ ने छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद राज्य में बैडमिंटन के लिए काफी कुछ किया है और आदिवासी और पिछड़े जिलों के खिलाडिय़ों को भी राज्य की टीम में स्थान देकर उनको राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। इन्होंने बताया कि इस समय राज्य के जूनियर खिलाडिय़ों में सरगुजा के देवांश और Ÿोयांश जायसवाल के साथ कोरिया की अंकिता गुप्ता और दीपाली गुप्ता प्रदेश की टीम से खेल रही हंै। इसी के साथ सीनियर वर्ग में सरगुजा के वेंकट गौरव और हिमांशु वर्मा का नाम है। इन जिलों के साथ रायपुर, भिलाई और राजनांदगांव के खिलाड़ी भी लगातार प्रदेश की टीम से खेल रहे हैं। श्री भाटिया ने बताया कि खिलाडिय़ों को तराशने के लिए हमारा संघ हर जिले में अपने खर्च पर एक माह का प्रशिक्षण शिविर लगाता है और इन शिविरों से प्रतिभाशाली खिलाड़ी चुने जाते हैं।
राष्ट्रीय रैंकिंग की लेंगे मेजबानी
एक सवाल के जवाब में श्री भाटिया ने बताया कि संघ ने अगले साल एख राष्ट्रीय रैंकिंग की मेजबानी लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक चार कोर्ट वाले मैदान की जरूरत होती है जो छत्तीसगढ़ में नहीं है। संजय मिश्रा ने बताया कि राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में बन रहे इंडोर स्टेडियम में ६ से ८ कोर्ट बनाए जा सकते हैं। इसके लिए नगर निगम से बात की जाएगी। निगम के सहमत होने पर जहां राष्ट्रीय रैंकिंग की मेजबानी मिलने में आसानी होगी वहीं राजधानी में एक अकादमी खोलने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद यहां पर चार राष्ट्रीय स्पर्धाओं का आयोजन संघ ने करवाया है। एक राष्ट्रीय स्पर्धा के आयोजन में २० लाख का खर्च लग जाता है।
खिलाडिय़ों का संघ है
संघ के अध्यक्ष श्री भाटिया के साथ संघ के सचिव अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संजय मिश्रा ने बताया कि उनका संघ एक ऐसा संघ है जिसमें संघ के ज्यादातर पदाधिकारी खिलाड़ी हैं। श्री भाटिया और मिश्रा की जोड़ी २००७ में एडीलेड में मास्टर्स चैंपियनशिप में खेली है और इस जोड़ी ने युगल स्पर्धा में रजत और मिश्रित युगल में कांस्य जीता था। प्रदेश में बैडमिंटन संघ ही एक मात्र ऐसा संघ है जिस संघ के अध्यक्ष और सचिव ने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में खेलकर पदक जीता है।
संघ नहीं लेता शासन से आर्थिक मदद
बैडमिंटन संघ में एक खास बात यह भी है कि यह संघ अपने अध्यक्ष गुरुप्रीत सिंह भाटिया के साथ कार्यकारी अध्यक्ष विजय अग्रवाल की मदद ेसे ही पिछले एक दशक से चल रहा है। इस संघ का सारा खर्च यही दोनों उठाते हैं। संघ को खेल विभाग से मान्यता तो है, पर संघ के अध्यक्ष और सचिव कहते हैं कि खेल विभाग की खानापूर्ति इतनी ज्यादा है कि अनुदान लेने का कोई मतलब नहीं है। इनका कहना है कि खेल विभाग को नियमों बदलाव करना चाहिए।
हमारे खिलाडिय़ों को भी मिले पुरस्कार
संघ के अध्यक्ष और सचिव का कहना है कि खेल विभाग को खेलों के हिसाब से खेल पुरस्कार के नियम बनाने चाहिए। विभाग के जो नियम हंै यदि वही रहे तो बैडमिंटन जैसे महंगे और कठिन खेल में किसी खिलाड़ी को कभी पुरस्कार नहीं मिल पाएगा। इनका कहना है कि राष्ट्रीय स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचना ही कठिन होता है। ऐसे में बैडमिंटन जैसे खेल के लिए खेल विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर क्वार्टर फाइनल में खेलने वाले खिलाडिय़ों को पुरस्कार का पात्र माना जाना चाहिए।
तीसरी बार बने भाटिया अध्यक्ष
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी गुरुप्रीत भाटिया का बैडमिंटन के प्रति समर्पण देखते हुए एक बार फिर से उनको संघ की कमान दी गई है। इसी के साथ संजय मिश्रा फिर से सचिव बने हैं। अन्य पदाधिकारियों में सरंक्षक आरएस विश्वकर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष विजय अग्रवाल, कोषाध्यक्ष श्रीधर मुदलियार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिल धगट, विवेक छिब्बा, उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, पीके तरफदार, अकरम खान, केशव पोद्दार, सहसचिव कविता दीक्षित एमएल चन्द्राकर, सतीश त्रिपाठी, अनुराग दीक्षित, सलाहकार इंदरचंद धाड़ीवाल पीआरओ परमजीत सिंह दत्ता के साथ कार्यकारिणी में नौ सदस्य रखे गए हैं। आज पत्रकार वार्ता के बाद बेंगलुरु खेलने जाने वाली टीम के खिलाडिय़ों के ट्रेक शूट के साथ २० हजार की राशि अध्यक्ष ने दी।
मंगलवार, 15 सितंबर 2009
फाइनल मुकाबले आज
प्रदेश की बैडमिंटन टीम में स्थान पाने के लिए राज्य के अंडर १३ और १६ साल के बालक और बालिका खिलाडिय़ों में होड़ लगी है। सोमवार को हुए मुकाबलों के बाद अब मंगलवार को फाइनल मुकाबले होंगे, इसके बाद शाम को पुरस्कार वितरण का कार्यकम होगा।
जिला बैडमिंटन संघ द्वारा सप्रे बैडमिंटन हॉल में राज्य जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप का आज प्रारंभ हुआ। अंडर १३ साल बालक वर्ग के क्वार्टर फाइनल में यश योगी ने प्रखर त्रिवेदी को २१-१४, १९-२१, २१-१ से, सिद्धार्थ सिंह ने अंजनेश गुप्ता को २१-१०, २१-९ से हराया बालिका वर्ग में तनवी शुक्ला ने अरूणी चौहान को २१-१०, २१-१२ से, दीक्षा चौधरी ने Ÿोया योगी को २१-१९, २१-१० से, अंकिता गुप्ता ने शुंभागी गुप्ता को २१-११, २१-१८ से हराया। रूबी सिंह को एश्वर्या यदु के चोटग्रस्त होने से सेमीफाइनल में स्थान मिल गया।
अंडर १६ साल के बालक वर्ग में देवांश जायसवाल ने अतुल श्रीवास्तव को २१-१०, २१-९, Ÿोयांश जायसवाल ने विक्रांत को २१-१४, २१-१५, संयम शुक्ला ने अनुज गोरेला को २१-१०, २१-१५ और यश भुरलियार ने आदित्य नायर को कड़े मुकाबले में १९-२१, २१-१८, २१-१९ से मात दी।
जिला संघ के अमनुराग दीक्षित ने बताया कि स्पर्धा में फाइनल मुकाबले मंगलवार को होंगे। इसके बाद शाम को होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्यअतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी होंगी।
जिला बैडमिंटन संघ द्वारा सप्रे बैडमिंटन हॉल में राज्य जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप का आज प्रारंभ हुआ। अंडर १३ साल बालक वर्ग के क्वार्टर फाइनल में यश योगी ने प्रखर त्रिवेदी को २१-१४, १९-२१, २१-१ से, सिद्धार्थ सिंह ने अंजनेश गुप्ता को २१-१०, २१-९ से हराया बालिका वर्ग में तनवी शुक्ला ने अरूणी चौहान को २१-१०, २१-१२ से, दीक्षा चौधरी ने Ÿोया योगी को २१-१९, २१-१० से, अंकिता गुप्ता ने शुंभागी गुप्ता को २१-११, २१-१८ से हराया। रूबी सिंह को एश्वर्या यदु के चोटग्रस्त होने से सेमीफाइनल में स्थान मिल गया।
अंडर १६ साल के बालक वर्ग में देवांश जायसवाल ने अतुल श्रीवास्तव को २१-१०, २१-९, Ÿोयांश जायसवाल ने विक्रांत को २१-१४, २१-१५, संयम शुक्ला ने अनुज गोरेला को २१-१०, २१-१५ और यश भुरलियार ने आदित्य नायर को कड़े मुकाबले में १९-२१, २१-१८, २१-१९ से मात दी।
जिला संघ के अमनुराग दीक्षित ने बताया कि स्पर्धा में फाइनल मुकाबले मंगलवार को होंगे। इसके बाद शाम को होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्यअतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी होंगी।
सोमवार, 31 अगस्त 2009
बालिकाओं की खिताबी तिकड़ी
क्षेत्रीय शालेय बैडमिंटन में रायपुर जिले की टीमों ने चार खिताब जीत लिए। अंडर १४ साल में बालिका टीम के साथ बालकों की टीम ने भी खिताब जीत लिया। इसके बाद अंडर १७ और अंडर १९ में बालिका वर्ग के खिताब भी रायपुर के खाते में गए।
द्रोणाचार्य स्कूल में आयोजित स्पर्धा में अंडर १४ साल बालिका वर्ग में रायपुर ने फाइनल में महासमुन्द को सीधे सेटों में २-० से मात दी। इसके पहले खेले गए मैचों में रायपुर ने जहां धमतरी को मात दी, वहीं धमतरी ने बलौदाबाजार को और महासमुन्द ने बलौदाबाजार को २-१ से और रायपुर ने भी बलौदाबाजार को २-० से हराया। बालिका वर्ग में रायपुर ने धमतरी को मात देकर खिताब जीता। रायपुर ने धमतरी को २-१, महासमुन्द को २-०, और बलौदाबाजा को भी २-० से हराया। उपवजिता रहने वाली धमतरी की टीम ने बलौदाबाजार को २-०, महासमुन्द को २-० से हराया। अन्य मैचों में बलौदाबाजार ने महासमुन्द को २-० से हराया।
अंडर १७ साल बालिका में रायपुर ने धमतरी को २-०, महासमुन्द ने बलौदाबाजार को, महासमुन्द ने धमतरी को, रायपुर ने महासमुन्द को हरया। इसमें रायपुर की टीम विजेता और महासमुन्द की टीम उपविजेता रही। अंडर १९ साल बालिका में रायपुर ने धमतरी, महासमुन्द और बलौदाबाजार को मात देकर खिताब जीता। मैचों के निर्णायक संजय भंसाली और सुधीर पिल्ले थे। इसके पहले स्पर्धा का उद्घाटन प्रदेश ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष विजय अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के अध्यक्ष बहादूर आर्य ने की।
द्रोणाचार्य स्कूल में आयोजित स्पर्धा में अंडर १४ साल बालिका वर्ग में रायपुर ने फाइनल में महासमुन्द को सीधे सेटों में २-० से मात दी। इसके पहले खेले गए मैचों में रायपुर ने जहां धमतरी को मात दी, वहीं धमतरी ने बलौदाबाजार को और महासमुन्द ने बलौदाबाजार को २-१ से और रायपुर ने भी बलौदाबाजार को २-० से हराया। बालिका वर्ग में रायपुर ने धमतरी को मात देकर खिताब जीता। रायपुर ने धमतरी को २-१, महासमुन्द को २-०, और बलौदाबाजा को भी २-० से हराया। उपवजिता रहने वाली धमतरी की टीम ने बलौदाबाजार को २-०, महासमुन्द को २-० से हराया। अन्य मैचों में बलौदाबाजार ने महासमुन्द को २-० से हराया।
अंडर १७ साल बालिका में रायपुर ने धमतरी को २-०, महासमुन्द ने बलौदाबाजार को, महासमुन्द ने धमतरी को, रायपुर ने महासमुन्द को हरया। इसमें रायपुर की टीम विजेता और महासमुन्द की टीम उपविजेता रही। अंडर १९ साल बालिका में रायपुर ने धमतरी, महासमुन्द और बलौदाबाजार को मात देकर खिताब जीता। मैचों के निर्णायक संजय भंसाली और सुधीर पिल्ले थे। इसके पहले स्पर्धा का उद्घाटन प्रदेश ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष विजय अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के अध्यक्ष बहादूर आर्य ने की।
मंगलवार, 23 जून 2009
सायना की जीत से छलका उत्साह

छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी जोश में
भारत की बैडमिंटन की सुपर स्टार सायना नेहवाल के धमाकेदार प्रदर्शन से राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ी भी उत्साहित हैं। सभी खिलाडिय़ों का एक स्वर में मानना है कि सायना की जीत छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि पूरे देश के खिलाडिय़ों को एक नई राह दिखाएगी। खिलाडिय़ों का ऐसा मानना है कि सभी खिलाड़ी चाहेंगे कि वे भी सायना की तरह सफलता की राह पर जाएं ताकि वे भी अपने राज्य और देश का नाम कर सकें।
भारत की बैडमिंटन की सुपर स्टार सायना नेहवाल के धमाकेदार प्रदर्शन से राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ी भी उत्साहित हैं। सभी खिलाडिय़ों का एक स्वर में मानना है कि सायना की जीत छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि पूरे देश के खिलाडिय़ों को एक नई राह दिखाएगी। खिलाडिय़ों का ऐसा मानना है कि सभी खिलाड़ी चाहेंगे कि वे भी सायना की तरह सफलता की राह पर जाएं ताकि वे भी अपने राज्य और देश का नाम कर सकें।
सायना ने इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीत कर इतिहास रचा है। सायना की इस जीत को राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ी बैडमिंटन के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानते हैं। खिलाडिय़ों को बैडमिंटन के गुर सिखाने वाली पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कविता दीक्षित के साथ अनुराग दीक्षित का ऐसा मानना है कि जिस तरह से लॉन टेनिस में सानिया मिर्जा के साथ लिएंडर पेस और महेश भूपति की सफलता से एक बूम आया है, उसी तरह का बूम अब बैडमिंटन में भी आने की पूरी संभावना है। एक बार देश में तब बैडमिंटन में बूम आया था जब प्रकाश पादुकोण ने आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीत कर इतिहास रचा था। सायना ने तो बैडमिंटन के इतिहास में काफी आगे जाने का काम किया है। इंडोनेशिया ओपन के पहले उनका ओलंपिक में किया गया प्रदर्शन कौन भूल सकता है। तभी से ऐसा लगा था कि सायना कुछ भी कमाल कर सकती हैं।
३२ बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाली राखी अलोनी के साथ उनकी बहन रश्मि अलोनी कहती हैं कि वह बता नहीं सकती हैं सायना की जीत के बाद उनमें कितना जोश आ गया है। राखी इस समय भोपाल में अपने माता-पिता के पास हैं। वह कहती हैं कि उनको ऐसा लग रहा है कि कब मैं रायपुर आऊं और बैडमिंटन कोर्ट में जाकर खेलना प्रारंभ कर दूं। उनका कहना है कि सायना की यह जीत छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों में इतना ज्यादा उत्साह भर देगी कि यहां के खिलाड़ी भी चाहेंगे कि उनको भी ऐसी कोई सफलता मिल जाए। राष्ट्रीय खिलाड़ी देवव्रत दास गुप्ता के साथ सप्रे बैडमिंटन हॉल में नियमित अभ्यास करने वाले खिलाड़ी वैभव ताम्बे, प्रखर दीक्षित, संयम शुक्ला के साथ अनुंशा पिल्ले, करिश्मा चौधरी, विशाळ मुरङाानी, स्नेहीत चटर्जी, दीक्षा चौधरी एवं एश्वर्या यदु का एक स्वर में मानना है कि उनको जब से मालूम हुआ है कि सायना ने इंडोनेशिया ओपन की सुपर सीरीज जीती तो सभी खिलाड़ी उत्साहित हैं। इन्होंने एक स्वर में कहा कि हम लोगों का भी मनोबल बढ़ा है कि जब अपने देश की एक खिलाड़ी जीत सकती हैं तो हम लोग भी उनकी तरह मेहनत करें तो हम लोगों को भी सफलता क्यों नहीं मिल सकती है। इन खिलाडिय़ों ने बताया कि वैसे भी जब सायना को ओलंपिक में सफलता मिली थी, तब से राजधानी में बैडमिंटन के प्रति लोगों में दीवानगी बढ़ी है। महंगा खेल होने के बाद भी प्रशिक्षण शिविर में ५० से ज्यादा खिलाड़ी आए थे। खिलाडिय़ों ने बताया कि यहां रोज कई खिलाड़ी नियमित अभ्यास करने आते हैं। इनका ऐसा मानना है कि अब जबकि सायना को इतनी बड़ी सफलता मिली है इसका एक फायदा यह भी होगा कि खिलाडिय़ों में बैडमिंटन का क्रेज बढ़ेगा।
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शुक्रवार, 5 जून 2009
महंगे खेल बैडमिंटन में भी खिलाडिय़ों की रूचि
सप्रे स्कूल के बैडमिंटन हॉल में छोटे-छोटे खिलाड़ी बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेने में मशगुल हैं। इस महंगे खेल के प्रति भी खिलाडिय़ों में रूचि कम नहीं है। खिलाड़ी कहते हैं कि खेल भले महंगा है, पर बैडमिंटन जैस कोई खेल नहीं है। इस खेल से फिटनेस अच्छी रहती है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे २१ खेलों के प्रशिक्षण शिविर में एक खेल बैडमिंटन भी शामिल है। इस खेल को सबसे महंगा खेल माना जाता है। लेकिन खिलाडिय़ों का रूङाान इस खेल की तरफ देखते हुए लगता नहीं है कि इस महंगे खेल से खिलाडिय़ों का मोह भंग हो गया है। महंगा खेल होने के बाद भी इस खेल में जिस तरह से फिटनेस अच्छी रहती है उसी को देखते हुए इस खेल की तरफ खिलाड़ी खींचे चले आते हैं। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने काम पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कविता दीक्षित के साथ उनके पति अनुराग दीक्षित कर रहे हैं। करीब ३० बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी खिलाडिय़ों का एक स्वर में कहना है कि वे नियमित खेलना चाहते हैं। वैसे भी सप्रे हॉल में नियमित रूप में प्रशिक्षण चलता रहता है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे २१ खेलों के प्रशिक्षण शिविर में एक खेल बैडमिंटन भी शामिल है। इस खेल को सबसे महंगा खेल माना जाता है। लेकिन खिलाडिय़ों का रूङाान इस खेल की तरफ देखते हुए लगता नहीं है कि इस महंगे खेल से खिलाडिय़ों का मोह भंग हो गया है। महंगा खेल होने के बाद भी इस खेल में जिस तरह से फिटनेस अच्छी रहती है उसी को देखते हुए इस खेल की तरफ खिलाड़ी खींचे चले आते हैं। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने काम पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कविता दीक्षित के साथ उनके पति अनुराग दीक्षित कर रहे हैं। करीब ३० बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी खिलाडिय़ों का एक स्वर में कहना है कि वे नियमित खेलना चाहते हैं। वैसे भी सप्रे हॉल में नियमित रूप में प्रशिक्षण चलता रहता है।
शनिवार, 11 अप्रैल 2009
चार हजार खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा

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