रविवार, 5 जुलाई 2009

राजधानी में मचेगा फुटबॉल का घमासान

राजधानी रायपुर में बालक वर्ग में तीन वर्गों की फुटबॉल चैंपियनशिप के साथ बालिका फुटबॉल चैंपियनशिप की भी तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। इस सेवन-ए-साइड वाली चैंपियनशिप का आयोजन शेरा क्लब करेगा। इस चैंपियनशिप में ४० से ज्यादा स्कूलों की १०० टीमें भाग लेंगी। चैंपियनशिप का यह चौथा साल है और इस बार चैंपियनशिप को और ज्यादा भव्य बनाने की तैयारी है।
यह जानकारी देते हुए शेरा क्लब के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि क्लब ने प्रयोग के तौर पर सेवन-ए-साइड फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया था। इस चैंपियनशिप पहले साल ही मिली सफलता के बाद इसको नियमित कर दिया गया है। अब इस चैंपियनशिप को चौथे साल में और ज्यादा भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि चैंपियनशि में ४० से ज्यादा स्कूलों की १०० से ज्यादा टीमें खेलेंगी। हर स्कूल से कम से कम तीन टीमें खेलेंगी ही। उन्होंने बताया कि चैंपियनशिप अंडर १४ साल, १७ साल और १९ साल के वर्ग समहू में होगी। उन्होंने बताया कि पहली बार महिला टीमों के लिए भी चैंपियनशिप करवाई जा रही है। चैंपियनशिप पहले लाकआउट होगी, इसके बाद हर वर्ग की ६-६ टीमों के बीच लीग मुकाबलों के बाद सेमीफाइनल और फाइनल मैच खेले जाएंगे। पिछले साल १४ साल वर्ग में विवेकानंद विद्या पीठ विजेता और राजकुमार कॉलेज की टीम उपविजेता बनी थी। इसी तरह से १७ साल वर्ग में वामनराव लाखे स्कूल विजेता और विवेकानंद विद्या पीठ की टीम उपविजेता बनी थी। सीनियर वर्ग में बैरनबाजार होलीक्रास स्कूल की ही टीमें विजेता और उपविजेता बनी थी।
उन्होंने बताया कि इस बार चैंपियनशिप में खिलाडिय़ों को ज्यादा इनाम देने की भी योजना है। उन्होंने पूछने पर बताया कि इस चैंपियनशिप का मकसद सब जूनियर और जूनियर खिलाडिय़ों को प्रतिस्पर्धा देना है। इन वर्ग के खिलाडिय़ों को खेलने के मौके बहुत कम मिलते हैं।

शनिवार, 4 जुलाई 2009

खेलों के विकास के लिए केन्द्र करेगा मदद


केन्द्रीय खेलमंत्री गिल से लता उसेंडी की लंबी चर्चा
छत्तीसगढ़ को खेलों में जिस तरह की भी मदद की जरूरत है उसके लिए केन्द्र सरकार तैयार है। छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता के साथ भारतीय खेल प्राधिकरण की योजनाओं का पूरा लाभ दिलाया जाएगा। यह आश्वासन केन्द्रीय खेलमंत्री एमएस गिल से प्रदेश की खेलमंत्री सुश्री लता उसेंडी को दिया। दोनों मंत्रियों के बीच एक घंटे से भी ज्यादा समय तक हुई चर्चा में केन्द्रीय मंत्री ने एक-एक बिन्दु पर गंभीरता से चर्चा की है। राजनांदगांव के साई सेंटर को भी जल्द प्रारंभ करने का आश्वासन दिया है।
दिल्ली में केन्द्रीय खेलमंत्री से चर्चा करने के बाद सुश्री उसेंडी ने दूरभाष पर चर्चा करते हुए बताया कि वह जिस उम्मीद के साथ केन्द्रीय खेलमंत्री के पास मदद के लिए आई थीं, वह उम्मीद पूरी हुई है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में साई द्वारा राजनांदगांव में जो ४० करोड़ की लागत से सेंटर बनाया जा रहा है, मुख्य रूप से उसको जल्द प्रारंभ करवाना लक्ष्य था। इसमें सफलता मिली है। केन्द्रीय खेलमंत्री ने इसके लिए जल्द बजट देने की बात की है और कहा है कि इसके अलावा साई की जितनी भी योजनाएं छत्तीसगढ़ में प्रारंभ करवाई जाएंगी, उनमें मदद करेंगे। श्री गिल के कहने पर ही योजनाओं के बारे में साई के निदेशक सयान चटर्जी से खेल संचालक जीपी सिंह ने लंबी चर्चा की।

सुश्री उसेंडी ने बताया कि श्री गिल के साथ उनकी एक-एक बिंदु पर चर्चा हुई है। श्री गिल को यह जानने में विशेष रूचि थी कि छत्तीसगढ़ खेलों के विकास के लिए क्या कर रहा है। उनको प्रदेश सरकार की प्रतिभा खोज योजना के बारे में विस्तार के बताया गया कि किस तरह से सरकार प्रतिभावान खिलाडिय़ों की खोज करके उनको गोद लेने की योजना पर काम कर रही है। श्री गिल से इन खिलाडिय़ों के लिए साई के सेंटरों में प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की भी चर्चा की गई। इस योजना के लिए उन्होंने साई से मदद दिलाने की बात कही। श्री गिल के सामने छत्तीसगढ़ में साई का एनआईएस कोच का प्रमाणपत्र कोर्स भी प्रारंभ करवाने का एक प्रस्ताव रखा गया।

उन्होंने सारे प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करके मदद करने की बात कही है। सुश्री उसेंडी ने बताया कि राजनांदगांव के सेंटर की आधारशिला रखने का न्यौता भी श्री गिल को दिया गया है। केन्द्र सरकार की पाइका योजना पर भी चर्चा की गई। इस योजना के लिए प्रदेश सरकार ने अपना बजट दे दिया है। अब केन्द्र सरकार ने भी पहले चरण के लिए कुछ बजट छत्तीसगढ़ को भेज दिया है। प्रदेश सरकार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का भी प्रस्ताव भारतीय ओलंपिक संघ के पास भेजने वाली है, ऐसे में राष्ट्रीय खेलों के लिए केन्द्र से क्या-क्या मदद मिल सकती है इस पर भी चर्चा की गई। सुश्री उसेंडी ने बताया कि कुल मिलाकर श्री गिल का रूख छत्तीसगढ़ के प्रति काफी सकारात्मक है और वे केन्द्र से हर संभव मदद दिलाने को तैयार हैं।

धमतरी में जुटेंगे प्रदेश के १२५ से ज्यादा खिलाड़ी

पहली राज्य रैंकिंग टेबल टेनिस का आयोजन धमतरी में ४ से ६ जुलाई तक किया गया है। इस चैंपियनशिप में कई जिलों के १२५ से ज्यादा खिलाड़ी पांच वर्गों में खिताब के लिए मैदान में होंगे।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष शरद शुक्ला के साथ महासचिव अभिताभ शुक्ला ने बताया कि संघ की पहली रैंकिंग चैंपियनशिप का आयोजन धमतरी में शनिवार से किया जा रहा है। इस पहली चैंपियनशिप में मेजबान धमतरी के साथ रायपुर, बिलासपुर, भिलाई-दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, महासमुन्द, बस्तर, दंतेवाड़ा और राजनांदगांव के खिलाड़ी भाग लेंगे। श्री शुक्ला ने बताया कि कुल १२५ से ज्यादा खिलाड़ी कैडेट, सब जूनियर, जूनियर, यूथ और सीनियर वर्ग में खेलेंगे। उन्होंने पूछने पर बताया कि बड़े जिलों को छोड़कर बाकी जिलों से काफी कम खिलाड़ी आते हैं।

रैंकिंग चैंपियनशिप के बारे में उन्होंने बताया कि जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग चैंपियनशिप होती है, उसी तरह से प्रदेश में दो रैंकिंग के साथ एक राज्य चैंपियनशिप का आयोजन किया जाता है। रैंकिंग चैंपियनशिप में विजेता बनने वाले खिलाडिय़ों को ९० अंक, उपवविजेता को ६०, सेमीफाइनल में पहुंचने वालों को ४५-४५, क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वालों को ३०-३० और प्रीक्वार्टर फाइनल तक जाने वाले खिलाडिय़ों को १५-१५ अंक मिलते हैं। दोनों रैंकिंग के साथ एक राज्य चैंपियनशिप के अंक मिलाकर ही प्रदेश के खिलाडिय़ों की रैंकिंग तय होती है। राज्य चैंपियनशिप में अंक बढ़ जाते हैं। विजेता को ९० के स्थान पर १३५ अंक मिलते हैं। इसी अनुपात में अन्य स्थानों के भी अंक तय किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि रायपुर से ३० से ज्यादा खिलाड़ी चैंपियनशिप में खेलने गए हैं। बस्तर से भी इस समय अच्छे खिलाड़ी निकल रहे हैं और १७ खिलाडिय़ों की जानकारी है।

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