भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा प्रारंभ किए जा रहे क्लब नेशनल गेम्स में जोनल नेशनल चैंपियनशिप की मेजबानी छत्तीसगढ़ को दी है। इस चैंपियनशिप में सात खेलों को नए तरह से खेला जाएगा। चैंपियनशिप में सेंट्रल जोन की पांच राज्यों की टीमें शामिल होंगी। प्रदेश ओलंपिक संघ ने इस आयोजन को करने के लिए प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग को पत्र लिखा है। अब खेल विभाग इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजेगा और इसके लिए बजट की मांग करेगा।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि भारतीय ओलंपिक संघ ने पूरे देश में खेलों का क्लब कल्चर विकसित करने के लिए एक नई योजना बनाई है। इस योजना में सात खेलों वालीबॉल, फुटबॉल, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, हॉकी और खो-खो को शामिल किया गया है। इन सात खेलों की जो क्लब चैंपियनशिप होगी वह कुछ इस तरह से होगी कि इन खेलों के लिए अलग तरह से छोटे मैदान बनाए जाएंगे। इसी के साथ हर खेल में जो खिलाड़ी रहते हैं वे भी कम होंगे। वालीबॉल में तीन खिलाड़ी, दो अतिरिक्त खिलाड़ी के साथ एक अधिकारी होंगे। इसी तरह से फुटबॉल में ५ खिलाडिय़ों की टीम बनेगी। इसमें पांच खिलाड़ी अतिरिक्त रहेंगे। हैंडबॉल में चार खिलाडिय़ों की टीम बनेगी। इसमें तीन खिलाडिय़ों को अतिरिक्त रखा जाएगा। बास्केटबॉल टीम में तीन खिलाड़ी, तीन खिलाड़ी अतिरिक्त, कबड्डी में ५ खिलाड़ी, दो खिलाड़ी अतिरिक्त, हॉकी में ११ के स्थान पर ६ खिलाडिय़ों की टीम बनेगी। खो-खो में पांच खिलाडिय़ों की टीम रहेगी। ज्यादातर खेलों में मुख्य खेल की तुलना में आधे ही खिलाड़ी टीम में रहेंगे और इन खिलाडिय़ों को कुछ नए नियमों से छोटे मैदान में खिलाया जाएगा।
पांच राज्यों की टीमें खेलेंगी- श्री खान ने बताया कि छत्तीसगढ़ को जो सेंट्रल जोन की मेजबानी मिली है इसमें मेजबान छत्तीसगढ़ के साथ मप्र, दिल्ली, उत्तराखंड और उप्र की टीमें शामिल होंगी। कुल मिलाकर ६ जोन बनाए गए हैं। सबसे बड़ा नार्थ-ईस्ट जोन है जिसमें ८ राज्यों को रखा गया है। तीन जोन में जहां ६-६ राज्यों की टीमें शामिल हैं, वहीं तीन जोन में पांच-पांच राज्य रखे गए हैं। छत्तीसगढ़ में होने वाली चैंपियनशिप २००९ के अंत में होगी। उन्होंने बताया कि सेंट्रल जोन की मेजबानी छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ को दी गई है। लेकिन यह आयोजन राष्ट्रीय खेलों की तरह ही प्रदेश सरकार आयोजित करेगी। ऐसे में एक पत्र लिखकर इसकी जानकारी खेल विभाग को दी गई है। अब खेल विभाग की भारतीय ओलंपिक संघ को सूचना देगा कि वह यह आयोजन करने के लिए तैयार है।
आयोजन के लिए अलग बजट मांगेगे- खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि उनके पास प्रदेश ओलंपिक संघ का एक पत्र आया है। इस पत्र के बाद अब प्रदेश ओलंपिक संघ को एक पूरी योजना बनाकर देने के लिए कहा गया है ताकि इस योजना के साथ सरकार से चैंपियनशिप के लिए बजट मांगा जाए। उन्होंने कहा कि यह नए तरह का आयोजन है जिसको खेल विभाग जरूर करवाना चाहेगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में क्लब कल्चर से प्रदेश में खेलों का विकास होगा। इस आयोजन से प्रदेश में खेलों के क्लब बनेंगे और पहले चरण में कम से कम उन सात खेलों का विकास होगा जो इस आयोजन में शामिल हैं।
गुरुवार, 30 अप्रैल 2009
बुधवार, 29 अप्रैल 2009
नए खिलाडिय़ों में सचिन-धोनी बनने की धुन

ब्लू स्टार क्रिकेट अकादमी द्वारा राजधानी के क्रिकेटरों के लिए ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में इस समय करीब ८० खिलाड़ी सुबह शाम क्रिकेट की बारीकियां सीखने में लगे हैं। विकेट कीपर के साथ बल्लेबाजी का भी प्रशिक्षण लेने वाले सार्थक ठाकुर, सागर ज्ञवाली, राहुल सिंहा, तुषार मंडावी और हर्षल सोनी कहते हैं कि उनकी तमन्ना भी अपने देश के स्टार भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की तरह बनने की है। विकेट कीपरों में ये लोग धोनी के साथ एडम गिलक्रिस्ट का नाम भी लेते हैं।
एक खिलाड़ी कहता है कि उसको मैकुअलम की तरह बनना है। इधर गेंदबाजी के गुर सीखने वाले पुष्पराज सिंग, मिहीर राजिमवाले, दीनानाथ यादव और निर्भय सदानी कहते हैं कि वे जहीर खान, ईशांत शर्मा और इरफान पठान की तरह ही तेज गेंदबाज बनना चाहते हैं। पूछने पर ये खिलाड़ी कहते हैं कि आज जमाना तेज गेंदबाजों का है। ऐसे में स्पिनर बनने का कोई मतलब नहीं है। खिलाड़ी कहते हैं कि भारत के बाहर तो विकेट ज्यादातर तेज गेंदबाजों को ही मदद करने वाले होते हैं। बल्लेबाजी के गुर सीखने वाले राव आदित्य विक्रम सिंह, प्रखर जैन, अमन मंडावी, प्रियंशु यादव, करण गाड, शैफ अली, ओजस अग्रलाल, उत्कर्ष अग्रवाल, तुषार रुपरेला, कहते हैं कि उनकी इच्छा भारत के स्टार सचिन तेंदुलकर की तरह बनने की है। जो भी खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं उन सभी खिलाडिय़ों में सचिन और धोनी का क्रेज ज्यादा है।
२० साल से चल रहा है प्रशिक्षण देने का सिलसिला- खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले कोच चिंतामणी पद्मवार बताते हैं कि उनकी अकादमी पिछले २० सालों से रायपुर में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दे रही है। उनसे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ५० से ज्यादा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। वे बताते हैं कि खिलाडिय़ों की फिटनेस पर ध्यान दिया जाता है। इसी के साथ खिलाडिय़ों को खेल में परिपूर्ण करने के लिए शाम के सत्र में टीमें बनाकर मैच भी करवाए जा रहे हैं। मैच होने से बल्लेबाजी, गेंदबाजी के साथ क्षेत्ररक्षण का भी अभ्यास हो जाता है।
उन्होंने पूछने पर बताया कि पिछले सत्र में सेंटर जोन के कप्तान प्रवीण हिगणीकर को बुलाया गया था। इस साल भी उनके आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में खिलाडिय़ों को उम्र के हिसाब से चार वर्गों में बांटा गया है। श्री पद्मवार ने बताया कि उनकी अकादमी की टीमें पंजाब, चेन्नई, दिल्ली, हरियाणा, नैनीताल जाकर वहां की टीमें से मैच खेलती हैं ताकि अकादमी के खिलाडिय़ों का खेल निखर सके। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के बाद ऐसे खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा जो अकादमी में नियमित प्रशिक्षण लेना चाहते हैं।
मंगलवार, 28 अप्रैल 2009
हैंडबॉल के ८ खिलाड़ी जाएंगे एनआईएस का कोर्स करने
प्रदेश हैंडबॉल संघ द्वारा ८ खिलाडिय़ों को एनआईएस का कोर्स करने के लिए संघ के खर्च पर भेजने का फैसला किया गया है। ये खिलाड़ी अगले माह कोर्स करने मुंबई जाएंगे। यह जानकारी देते हुए प्रदेश हैंडबॉल संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने बताया कि एनएमडीसी हैंडबॉल प्रोत्साहन समिति एवं हैंडबॉल संघ द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं खिलाडिय़ों को एनआईएस का सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए भेजे जाने का फैसला किया गया है। इस कोर्स के किए एक खिलाड़ी का खर्च १० हजार रुपए आएगा। संघ से प्रदेश् के ८ खिलाडिय़ों जितेन्द्र तिवारी (जांजगीर चांपा), सैय्यद इमरान अली (महासमुन्द), वाजिद खान (कांकेर), संजय पाल (सरगुजा), शेख मौला (भिलाई), ए। प्रभाष (भिलाई), संजय सिंह (दुर्ग( एवं मुकेश मंडल ( दंतेवाड़ा) का चयन किया है। ये सभी खिलाड़ी और अधिकारी १८ मई से २६ जून तक भारतीय खेल प्राधिकरण के साई ट्रेनिंग सेंटर अकुर्ली रोड कांदिवली मुंबई में कोर्स करने के लिए जाएंगे। श्री खान ने बताया कि संघ खिलाडिय़ों को एनआईएस कोर्स इसलिए करवा रहा है ताकि प्रदेश केहर जिले में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देेने में आसानी हो।
लेबल:
एनआईएस,
कांदिवली मुंबई,
हैंडबॉल
रविवार, 26 अप्रैल 2009
नन्हें-मुन्हें सीख रहे हैं फुटबॉल के गुर

शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा यहां पर १० अप्रैल से सप्रे शाला के मैदान में ८२ दिनों के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में पहले दिन से हर उम्र के खिलाडिय़ों को कोच मुश्ताक अली प्रधान ड्रिब्लिंग के साथ पासिंग और बॉल लेकर खिलाडिय़ों को छकाते हुए आगे बढऩे के गुर के साथ फिटनेस के लिए रनिंग भी करवा रहे हैं । श्री प्रधान ने पूछने पर बताया कि प्रशिक्षण शिविर में हर वर्ग सब जूनियर, जूनियर और सीनियर खिलाड़ी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि १४ अप्रैल को परीक्षाएं समाप्त होने के बाद अब खिलाडिय़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय करीब १०० खिलाड़ी आने लगे हैं। कॉलेज की परीक्षाएं समाप्त होने के बाद खिलाड़ी बढ़ेंगे और यह संख्या १५० के करीब पहुंच जाएगी। पिछले साल जो खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविर में आए थे उन खिलाडिय़ों में जहां २८ खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेले, वहीं ७० खिलाडिय़ों ने जिले की टीम में स्थान बनाकर राज्य चैंपियनशिप में खेलने में सफलता प्राप्त की। बकौल मुश्ताक अली खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण शिविर में इस तरह से तैयार किया जाता है कि कोई भी नया खिलाड़ी थोड़ी सी मेहनत करके कम से कम जिले की टीम में जगह बना ही सकता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन करीब ४५-५० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा जिनको साल भर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बिहार की टीम आएगी क्रिकेट खेलने
छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने अपने ग्रीष्मकालीन क्रिकेट कार्यक्रम की घोषणा कर दी जिसके तहत राजनांदगांव और दुर्ग में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन और रायपुर में मैचों का आयोजन किया जाएगा। इसी के साथ बिहार की टीम मैच खेलने रायपुर और छत्तीसगढ़ की टीम मैच खेलने बिहार जाएगी। इसके अलावा सीनियर टीम अगले माह से राजनांदगांव में शुरु होने वाली अखिल भारतीय रानी सूर्यमुखी क्रिकेट स्पर्धा में शिरकत करेगी।
सचिव राजेश दवे ने बताया कि अगले वर्ष भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के तैयार होने वाले खेल कैलेंडर को देखते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है और आने वाले प्रतियोगिताओं में छत्तीसगढ़ की टीम उतारने का यह आगाज है। उन्होंने बताया कि बिहार की अंडर १९ टीम छत्तीसगढ़ में खेलने के लिए आएगी और छत्तीसगढ़ की अंडर १६ टीम बिहार खेलने जाएगी। इस दौरान दोनों ही प्रांतों के बीच ३ एक दिवसीय और ३ दो दिवसीय मैच खेले जाएंगे, इसके अलावा अंतर जिला सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता भी अगले माह प्रारंभ होगी जिसका फायनल १७ मई को खेला जाएगा। अंडर १९ चयन ट्रायल २६ अप्रैल को होगा तथा चुने गए संभावित २५ खिलाडिय़ों का प्रशिक्षण शिविर ६ मई से १९ मई तक राजनांदगांव में आयोजित किया गया है। २६ मई से बिहार की टीम छत्तीसगढ़ के दौरे पर आएगी। बिहार के साथ होने वाले सभी मैच रायपुर में खेले जाएंगे। अंडर १६ के लिए चयन ट्रायल ३० अप्रैल को रखा गया है, संभावित खिलाडिय़ों को १ से १२ मई तक दुर्ग में प्रशिक्षण दिया जाएगा। १३ मई को छत्तीसगढ़ की टीम बिहार दौरे पर रवाना हो जाएगी।
अंतर जिला सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता १० मई से प्रारंभ होगी १७ मई को इस प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला जाएगा। यह प्रतियोगिता राज्य के सभी १६ जिलों में होगी। १८ मई से राजनांदगांव में प्रारंभ होने वाली अखिल भारतीय रानी सूर्यमुखी देवी क्रिकेट प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की टीम शिरकत करेगी।
सचिव राजेश दवे ने बताया कि अगले वर्ष भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के तैयार होने वाले खेल कैलेंडर को देखते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है और आने वाले प्रतियोगिताओं में छत्तीसगढ़ की टीम उतारने का यह आगाज है। उन्होंने बताया कि बिहार की अंडर १९ टीम छत्तीसगढ़ में खेलने के लिए आएगी और छत्तीसगढ़ की अंडर १६ टीम बिहार खेलने जाएगी। इस दौरान दोनों ही प्रांतों के बीच ३ एक दिवसीय और ३ दो दिवसीय मैच खेले जाएंगे, इसके अलावा अंतर जिला सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता भी अगले माह प्रारंभ होगी जिसका फायनल १७ मई को खेला जाएगा। अंडर १९ चयन ट्रायल २६ अप्रैल को होगा तथा चुने गए संभावित २५ खिलाडिय़ों का प्रशिक्षण शिविर ६ मई से १९ मई तक राजनांदगांव में आयोजित किया गया है। २६ मई से बिहार की टीम छत्तीसगढ़ के दौरे पर आएगी। बिहार के साथ होने वाले सभी मैच रायपुर में खेले जाएंगे। अंडर १६ के लिए चयन ट्रायल ३० अप्रैल को रखा गया है, संभावित खिलाडिय़ों को १ से १२ मई तक दुर्ग में प्रशिक्षण दिया जाएगा। १३ मई को छत्तीसगढ़ की टीम बिहार दौरे पर रवाना हो जाएगी।
अंतर जिला सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता १० मई से प्रारंभ होगी १७ मई को इस प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला जाएगा। यह प्रतियोगिता राज्य के सभी १६ जिलों में होगी। १८ मई से राजनांदगांव में प्रारंभ होने वाली अखिल भारतीय रानी सूर्यमुखी देवी क्रिकेट प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की टीम शिरकत करेगी।
लेबल:
क्रिकेट,
बिहार,
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड
शनिवार, 25 अप्रैल 2009
नहीं रूकेगा क्रिकेट-मशीन से बनेगा विकेट

यह जानकारी देते हुए अकादमी के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि अकादमी में इस समय समर कैम्प में करीब २०० बच्चे आए हैं। इन बच्चों का जब कैम्प के लिए पंजीयन किया गया था तो उनसे पहला सवाल यही किया गया था कि वे महज समर कैम्प के हिसाब से प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं या फिर आगे नियमित खेलेंगे। इसके जवाब में ७० प्रतिशत बच्चों ने नियमित रहने की बात कही थी। इस बातों को ध्यान में रखते हुए ही यह फैसला किया गया कि अब रोलर मशीन लेनी जरूरी है। वैसे तो अकादमी काफी पहले से यह चाह रही थी कि उसके पास अपनी रोलर मशीन हो। लेकिन इसके महंगे होने की वजह से हिम्मत नहीं जुटाई जा रही थी। लेकिन अब जबकि यह लगने लगा कि अकादमी में ज्यादा खिलाड़ी हो जाएंगे और विकेट बनाने में समय लगेगा तो इससे खिलाडिय़ों के अभ्यास में बाधा आएगी। इसलिए अकादमी ने अपने सदस्यों की मदद से तीन लाख पच्चीस हजार की मशीन ली है। यह मशीन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से मान्यता प्राप्त कंपनी से ही ली गई है। यह एक टन क्षमता वाली हाईड्रोलिक हापो कंपनी की मशीन है जिसका ब्रांड टाइगर है। इस मशीन से अब काफी कम समय में विकेट ठीक हो जाएंगे। श्री नचरानी ने बताया कि अकादमी में पांच विकेट हैं जिन पर खिलाड़ी अभ्यास करते हैं।
अमय खुरासिया आएंगे प्रशिक्षण देने- श्री नचरानी ने बताया कि इस समय प्रशिक्षण शिविर में आ रहे २०० खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम केविन कास्टर, विजय नायडु, जसपाल धाड़ीवाल, विजय होतवानी, अजय रामनानी एवं एसपी सिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मप्र के अमय खुरासिया से बात हो गई है, वे कुछ दिनों के लिए खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने आएंगे। इसी के साथ सेंट्रल जोन टीम के कप्तान रहे प्रवीण हेगणीकर भी एक सप्ताह के लिए खिलाडिय़ों को क्रिकेट की बारीकियां बताने आएंगे। उन्होंने पूछने पर बताया कि १५ अप्रैल से प्रारंभ हुआ प्रशिक्षण शिविर ५ जून तक चलेगा।
अब बनेगा जिम और आएगी बालिंग मशीन- श्री नचरानी ने बताया कि अकादमी खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के प्रयास में है। उन्होंने कहा कि हमारा ऐसा प्रयास है कि हमारी अकादमी देश की नामी अकादमी के रूप में जानी जाए। उन्होंने बताया कि अकादमी के पास जो १० हजार फीट जमीन है उसमें अब जिम बनाने का काम प्रारंभ होने वाला है। इसके लिए सांसद रमेश बैस ने अपनी सांसद निधि से १० लाख रुपए दिए हैं। उन्होंने बताया कि जिम के लिए बनने वाले हॉल में एक बड़ा कांफ्रेस हाल भी रहेगा जहां खिलाडिय़ों को विडियो रिकार्डिंग से खेल की बारीकियों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अकादमी एक बालिंग मशीन भी लेने वाली है ताकि खिलाडिय़ों को अभ्यास में सुविधा हो।
लेबल:
अमय खुरासिया,
क्रिकेट अकादमी,
जिम,
बालिंग मशीन,
रोलर मशीन
शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009
हमको भी बनना है चैंपियन

सप्रे टेबल टेनिस हॉल में १६ अप्रैल से टेबल टेनिस का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। इस शिविर में ३० से ज्यादा बच्चे नए आएं हैं जो टेबल टेनिस में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। प्रशिक्षण लेने के लिए कई छोटे-छोटे बच्चे भी आए हैं। सभी खिलाडिय़ों संजय खंडेलवाल, नमन बरडिया, तन्य घाटगे, अंतु कृण्णन पिल्ले, सागरिका दास गुप्ता, नवजोत सिंह भाटिया, संजना जैन, प्रखर जैन, शंशाक अहीराव, महिला राजिमवाले, रसमीत कौर भाटिया, सौम्या रायजादा, अदिति जाधवानी, कागज खंडेलवाल, कुमारी पलक, अभिषेक श्रीवास्तव, कुशल रस्तोगी, कार्तिक खरे, कुणाल पेढ़कर ने एक स्वर में कहा कि वे पहली बार यहां टेबल टेनिस के गुर सीखने आए हैं और अब चाहते हैं कि उनको नियमित प्रशिक्षण मिले ताकि वे भी अपने राज्य के चैंपियन विनय बैसवाड़े की तरह चैंपियन बनकर अपने राज्य और देश का नाम रौशन कर सकें। सभी खिलाडिय़ों ने पूछने पर बताया कि मशीन से सीखने में आसानी रही है। खिलाडिय़ों ने बताया कि उनको मशीन के माध्यम से बैकहैंड, फोरहैंड, रिटर्न आदि के गुर सीखाएं जा रहे हैं। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले राष्ट्रीय खिलाडिय़ों सौरभ मोदी एवं विजय बैसवाड़े ने बताया कि खिलाडिय़ों को खेल के गुर सीखने के साथ ही उनकी फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन्होंने बताया कि मशीन से एक मिनट में ९० बॉल निकलती है। इन्होंने कहा कि ज्यादा खिलाड़ी होने के कारण सभी पर ध्यान नहीं दिया जा सकता है ऐसे में मशीन कारगर साबित हो रही है। इन्होंने बताया कि इस समय शिविर में ३० नए और करीब २० पुराने खिलाड़ी हैं। पूछने पर इन्होंने कहा कि खिलाड़ी बढ़ते हैं तो प्रदेश संघ जरूर और ज्यादा मशीनों का इंतजाम करेगा। फिलहाल एक मशीन पर्याप्त है।
लेबल:
कैरियर,
टेबल टेनिस,
फोरहैंड,
बैकहैंड,
रिटर्न
गुरुवार, 23 अप्रैल 2009
हैंडबॉल के आदिवासी खिलाडिय़ों को निखारने की पहल

लेबल:
एनआईएस कोच,
एनएमडीसी,
ग्रामीण खिलाड़ी,
राष्ट्रीय कोच,
हैंडबॉल
संतोष ट्रॉफी में खेलेगी छत्तीसगढ़ की टीम

लेबल:
छत्तीसगढ़,
फुटबॉल,
संतोष ट्रॉफी
बुधवार, 22 अप्रैल 2009
बीएसपी ने चौथी बार उड़ाया खिताब

राष्ट्रीय तैराकी के लिए टीम में स्थान बनाने होगी मशक्कत

लेबल:
जूनियर चैंपियनशिप,
तैराकी
रविवार, 19 अप्रैल 2009
राष्ट्रीय कबड्डी रायपुर में

प्रदेश कबड्डी संघ की बैठक में राष्ट्रीय जोनल चैंपियनशिप की मेजबानी का भी फैसला किया गया। इस चैंपियनशिप सेंट्रल जोन की आठ टीमें शामिल होंगी। इस चैंपियनशिप को लेने के लिए रायपुर के साथ कोरबा ने भी प्रस्ताव रखा था। इन प्रस्तावों पर चर्चा के बार अंत: में इसकी मेजबानी रायपुर को देने का फैसला किया गया। यह चैंपियनशिप दिसंबर में या फिर अगले साल जनवरी में होगी। बैठक में एक अहम फैसला यह भी किया गया कि अब रेलवे और पुलिस टीमों के खिलाडिय़ों की मनमर्जी बर्दाश्त नहीं जाएगी। यहां पर यह बताना लाजिमी है कि हमेशा इन दोनों टीमों के खिलाड़ी प्रदेश की टीमों में चुने जाने के बाद छुट्टी न मिलने की बात कहते हुए प्रशिक्षण शिविरों में नहीं आते हैं। ऐसे में संघ ने ऐसे खिलाडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बनाया और इस मुद्दे को सामान्य सभा की बैठक में रखा गया। बैठक में सभी जिलों से आए अध्यक्ष और सचिवों ने ऐसे खिलाडिय़ों को टीम में ही न रखने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद यह तय किया गया कि पहले कदम पर रेलवे और पुलिस टीमों के संघों को चेतावनी के रूप में नोटिस दिया जाए और उनसे जवाब मांगते हुए उनकी मान्यता समाप्त करने की बात की जाए। इस बात पर सबकी सहमति बनी। इसी के साथ यह भी कहा गया कि जिलों की टीमों में चुने जाने वाले ऐसे किसी भी खिलाड़ी से घोषणापत्र लिए जाएंगे जिनके बारे में आशंका रहेगी कि वह प्रदेश की टीम में चुने जाने पर प्रशिक्षण शिविर में शामिल नहीं होगा।
नक्सली क्षेत्र में राज्य चैंपियनशिप- राज्य चैंपियनशिपों की मेजबानी के फैसलों में दंतेवाड़ा को भारी मशक्कत के बाद अंतत: सीनियर वर्ग की मेजबानी मिली। दंतेवाड़ा की मेजबानी पर पहले तो कई जिलों संघों ने यह कहते हुए आपति की कि दंतेवाड़ा का क्षेत्र नक्सली क्षेत्र है और वहां जाकर खेलना सभी टीमों के लिए खतरनाक होगा। दंतेवाड़ा को मेजबानी से वंचित रखने के लिए पाकिस्तान में श्रीलंका टीम पर हुए हमले का उदाहरण भी दिया गया। लेकिन अंत में जब सभी जिला संघों को दंतेवाड़ा कबड्डी संघ के सचिव डी. साहू ने यह भरोसा दिलाया कि जहां पर चैंपियनशिप का आयेजन होने है, वहां कभी नक्सली घटनाएं नहीं हुईं है तब जाकर सभी संघों से हामी भरी। अन्य चैंपियनशिप में धमतरी को सब जूनियर चैंपियनशिप दी गई। यह चैंपियनशिप १० से १५ सितंबर के बीच होगी क्योंकि एक अक्टूबर से राष्ट्रीय चैंपियनशिप होने है। जूनियर वर्ग की मेजबानी भिलाई को दी गई। भिलाई को जहां अगले साल की बीच कबड्डी की भी मेजबानी दी गई, वहीं इस साल का बीच कबड्डी का आयोजन बिलसपुर की अअरपा नदी के किनारे होगा। यह चैंपियनशिप २२ से २४ मई तक होगी। बैठक में प्रदेश कबड्डी संघ के महासचिव रामबिसाल साहू के साथ उपाध्यक्ष डीडी साहू. बंसत शर्मा, संगठ सचिव बंसत अंचल, रेफरी बोर्ड के चेयरमैन शंकर यादव, तकनीकी कमेटी के चेयरमैन ओपी जायसवाल, चयन समिति के चेयरमैन जीपी सिंह के साथ सभी मान्यता प्राप्त जिला संघों के अध्यक्ष एवं सचिव उपस्थित थे।
शनिवार, 18 अप्रैल 2009
प्रदेश में अच्छे अंपायर तैयार करने लगी क्लास
छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से मान्यता मिलने के बाद उससे मिली ५० लाख की सहायता राशि के बाद अब तेजी से प्रदेश में क्रिकेट के विकास के लिए काम करना प्रारंभ किया है। इसी कड़ी में सबसे पहले राज्य से ज्यादा से ज्यादा अच्छे अंपायर बनाने के लिए यहां पर दो दिनों की क्लास लगाने का काम किया गया है। इस क्लास को लेने का जिम्मा अंतरराष्ट्रीय अंपायर एवं बीसीसीआई के मान्यता प्राप्त तथा छत्तीसगढ़ के लिए अधिकृत गिरीधरन को दिया गया है। उनके साथ एक और अंतरराष्ट्रीय अंपायर टी. रामचन्द्रन भी शामिल हैं। शनिवार को लगी क्लास के बारे में जानकारी देते हुए गिरीधरन ने बताया कि प्रदेश संघ राज्य में अच्छे अंपायर बनाना चाहता है ताकि यहां पर स्तरीय क्रिकेट हो सके। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के ऐसे वरिष्ठ खिलाडिय़ों को यहां बुलाया गया है जिनकी रूचि अंपायरिंग में है। ऐसे ५५ लोग यहां आए हैं जिनको आज अंपायरिंग के बारे में जानकारी दी गई। इनको बताया गया है कि क्रिकेट के नियमों के मुताबिक किस तरह से खिलाडिय़ों को आउट दिया जाता है। नवोदित अंपायरों को क्रिकेट के ४२ नियमों के बारे में पूरी जानकारी देने के साथ उनको मैदान में ले जाकर प्रैक्टिकल भी कराया गया और बताया गया कि कैसे रन आउट, पगबाधा, क्लीन बोल्ड, कैच आउट आदि दिया जाता है। गिरीधरन ने बताया कि अगर उनको अंपायरिंग के बारे में जानकारी देने के लिए किसी भी जिले में जाना पड़ेगा तो वे जरूर राज्य संघ की तरफ जाएंगे। गिरीधरन ने बताया कि अब इन अंपायरों की लिखित परीक्षा रविवार को होगी।
उन्होंने बताया कि यहां पर अंपायरों की परीक्षा और क्लास लेने के लिए वही बीसीसीआई से अधिकृत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे अभी मुंबई में लेबल दो अंपायरों की क्लास में गए थे। यहां पर आस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ आए थे जिन्होंने जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड के साथ बीसीसीआई का एक समाङाौता है जिसके तहत उनके विशेषज्ञ यहां आते हैं। इस क्लास में शामिल होने वाले गिरीधरन छत्तीसगढ़ से अकेले थे। वैसे देश भर से इस क्लास में २० अंपायर शामिल हुए थे।
चयन के बाद न आने वाले खिलाडिय़ों की अब खैर नहीं

यह जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के महासचिव रामबिसाल साहू ने बताया कि संघ की सामान्य सभा की वार्षिक बैठक रविवार को सुबह ११ बजे होटल शुभ में होगी। इस बैठक में सभी जिला संघों के पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में अहम मुद्दे के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अक्सर यह देखा जा रहा है कि प्रदेश की टीमों में चुने जाने के बाद भी खिलाड़ी प्रशिक्षण शिविर में नहीं आते हैं। ऐसे में दूसरे प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों का नुकसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे खिलाडिय़ों के खिलाफ अब संघ ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। बैठक में तय किया जाएगा कि ऐसे खिलाडिय़ों के खिलाफ क्या कार्रवाई होनी चाहिए। इसी के साथ बैठक में जोनल राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी तय की जाएगी। दिसंबर में होने वाली इस चैंपियनशिप का जिम्मा छत्तीसगढ़ को मिला अब इसको कराने के लिए कौन सा जिला तैयार होता है यह फैसला रविवार के होगा। इस चैंपियनशिप में आठ राज्यों छत्तीसगढ़ के साथ मप्र, गोवा, राजस्थान, विदर्भ, महाराष्ट्र एवं गुजरात की टीमें भाग लेंगी। इस चैंपियनशिप के साथ ही राज्य की सब जूनियर, जूनियर, यूथ और सीनियर चैंपियनशिप के साथ बीच कबड्डी चैंपियनशिप के आयोजन के मेजबान भी तय होंगे।
शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009
छत्तीसगढ़ में गोल्फ कोर्स बनाने की तैयारी

छत्तीसगढ़ बनने के बाद यहां पर कई नए खेलों के लिए सरकार ने काफी कुछ किया है। एक तरफ जहां पुराने खेलों के लिए सरकार काफी कुछ कर रही है और खेलमंत्री बृजमोहन अग्रवाल की पहल पर जहां नई राजधानी में सौ करोड़ की लागत का क्रिकेट स्टेडियम बन गया है, वहीं नए खेलों के भी मैदान बनाने में कोई कसर नहीं रखी जा रही है। पुलिस लाइन में रोलर स्केटिंग का एक मैदान बना दिया गया है। इधर प्रदेश में लगातार बड़े-बड़े उद्योग घरानों के साथ विदेशी उद्योग घराने भी आने लगे हैं उसके बाद से यहां पर एक गोल्फ कोर्स की कमी महसूस की जाने लगी थी। इस मैदान के लिए वर्तमान राजधानी में तो कोई ऐसा स्थान बचा ही नहीं है जहां पर मैदान बन सके। गोल्फ के मैदान के लिए काफी बड़ी जगह की जरुरत होती है। ऐसे में नई राजधानी की योजना में इसको शामिल किया गया है। इसका काम भी नई राजधानी को बनाने वाली कंपनी के हवाले हैं। इस मैदान के लिए सौ एकड़ जमीन रखी गई है। इस मैदान की तरफ सरकार ने ध्यान देना प्रारंभ किया है। इसको बनने में हालांकि काफी समय लगेगा लेकिन गोल्फ के मैदान की योजना की जानकारी से ही इस खेल के शौकीनों में काफी उत्साह है। गोल्फ खेलने वालों में केन्द्र सरकार के कई विभागों से जुड़े आला अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के कई आला अधिकारियों के अलावा बड़े उद्योग घरानों से जुड़े लोग इस खेल का शौक रखते हैं। लेकिन प्रदेश में इस खेल का मैदान न होने के कारण अपना शौक लोग पूरा नहीं कर पाते हैं। कई अधिकारी और गोल्फ के शौकीन अपनी छुट्टियों के अलावा जब अपने काम से मप्र या फिर दिल्ली जाते हैं तो वहां पर अपना शौक पूरा करते हैं। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में कार्यरत एक अधिकारी अशोक सिंह जो कि प्रदेश सायकल पोलो संघ के अध्यक्ष भी हैं वे कहते हैं कि प्रदेश में गोल्फ का एक मैदान तो होना ही चाहिए। गोल्फ खेलने का अपना एक अलग मजा होता है, गोल्फ कोर्स में कई बड़े उद्योगपति अपनी कई योजनाएं भी बनाते हैं। गोल्फ के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह फिटनेस के लिए भी कारगर रहता है। इस खेल की तरफ कपिल देव जैसे खिलाड़ी ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब रूख किया था। भारत में इस समय इस खेल के लिए सबसे अच्छे खिलाड़ी के रूप में उड़ान सिख मिल्खा सिंह के पुत्र जीव मिल्खा सिंह जाने जाते हैं। वैसे गोल्फ के भारत में भी काफी अच्छे खिलाड़ी हैं। लेकिन इसके देश में काफी कम मैदान होने के कारण इस खेल के खिलाड़ी नहीं निकल पाते हैं। अब छत्तीसगढ़ में इसका मैदान बन रहा है तो यहां से भी उम्मीद की जा सकती है कि यहां से भी जीव मिल्खा सिंह जैसे खिलाड़ी निकल सकेंगे।
लेबल:
कपिल देव,
गोल्फ,
जीव मिल्खा सिंह
मंगलवार, 14 अप्रैल 2009
इटली में लहराया तिरंगा

सोमवार, 13 अप्रैल 2009
भारत फाइनल में

गए गिल-हॉकी गई खिल

अजलान शाह कप हॉकी का खिताब उड़ाकर भारतीय हॉकी टीम से यह बता दिया है कि भारत हॉकी अभी चूकी नहीं है। भारत की इस जीत से पूरे देश में उत्साह है। हर कोई इस जीत को अमूल्य बता रहा है। भारत की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पांच सदस्यों की कमेटी के एक सदस्य हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के पुत्र पूर्व ओलंपियन अशोक कुमार ने कहा कि वास्तव में यह खुशी की बात है कि भारत के हाथ १३ साल बाद इतनी बड़ी सफलता लगी है। उन्होंने कहा हमारी कमेटी तो हॉकी को निखारने के लिए हर संभव प्रयास रही है। उन्होंने कहा कि इस जीत से जरूर टीम का उत्साह बढ़ेगा और टीम आगे ज्यादा अच्छा करेगी। पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी नीता डुमरे ने कहा कि भारतीय टीम के कप्तान संदीप ने जो कहा वह कर दिखाया। उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद अजलान शाह कप जीतना सुखद है। उन्होंने कहा कि यह जीत भारतीय हॉकी के लिए आक्सीजन का काम करेगी। बकौल नीता हॉकी को जिंदा रखने के लिए अब लगातार जीत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वैसे भी अब भारतीय टीम का प्रदर्शन लगातार निखर रहा है। इसके पीछे उन्होंने भी भारतीय संघ का खिलाडिय़ों के हाथ में आना माना।
जूनियर विश्व कप की संभावित टीम में शामिल छत्तीसगढ़ के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मृणाल चौबे ने कहा कि भारत की जीत से सभी खिलाडिय़ों में उत्साह है। उन्होंने कहा कि सीनियर खिलाडिय़ों की यह जीत हम जूनियर खिलाडिय़ों को प्रेरणा देगी और हमारी टीम जून में होने वाले विश्व कप में कमाल करने का प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि अजलान शाह कप जीतने वाली टीम से ही हमारी जूनियर टीम का भोपाल में एक मैच होने वाला है। यह टीम वहां से सीधे यहां आने वाली है। मृणाल के भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में शामिल टीम के कप्तान उत्तर प्रदेश के दिवाकर राम के साथ जय करण और उड़ीसा के अमददीप इक्का ने कहा कि भारत की जीत ने साबित कर दिया है कि भारतीय हॉकी में अभी बहुत दम है।
हॉकी के कोच और राष्ट्रीय अंपायर नोमान अकरम हामिद ने कहा कि अब यह बात साबित हो गई है कि भारतीय संघ की कमान पांच सदस्यों जफर इकबाल, अशोक कुमार, धनराज पिल्ले, अजीत पाल सिंह और असलम शेर खान के हाथों में आने से ही हॉकी फिर से निखरने लगी है। उन्होंने कहा कि होना तो यही चाहिए कि भारतीय संघ खिलाडिय़ों के पास ही रहे। इसी तरह की बातें हॉकी के कोच मुश्ताक अली प्रधान ने भी कहीं। उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत की जीत हॉकी खिलाडिय़ों की जीत है। इस जीत के लिए संघ की कमान संभाल रहे उन खिलाडिय़ों को बधाई देनी चाहिए जिनके कारण आज भारतीय टीम के चयन में राजनीति नहीं हो रही है। अगर सही खिलाडिय़ों का चयन होगा तो भारतीय हॉकी को आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता है।
लेबल:
अजलान शाह कप,
ओलंपिक,
हॉकी
रविवार, 12 अप्रैल 2009
भारत सेमीफाइनल में

ट्रायल के बाद ही मौका मिलेगा प्रशिक्षण शिविर में

फुटबॉल के गुर सीखने लगा खिलाडिय़ों का जमावड़ा

शनिवार, 11 अप्रैल 2009
फेडरेशन कप हैंडबॉल की मेजबानी छत्तीसगढ़ को

चार हजार खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा

लेबल:
कराते,
जूडो,
टेबल टेनिस,
फुटबॉल,
बैडमिंटन
शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009
कई खेलों में जंग कराने की तैयारी

मंगलवार, 7 अप्रैल 2009
अकरम अब मैनेजर

म्यू-थाई खिलाडिय़ों ने साल भर में ५४ पदक जीते

प्रदेश की फुटबॉल टीम चेन्नई जायेगी
राष्ट्रीय यूथ चैंपियनशिप में खेलने जाने वाली प्रदेश की फुटबॉल टीम का चयन ८ अप्रैल से बिलासपुर में होगा। यहां पर चलने के बाद टीम का प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। इसके बाद टीम यहां से १८ अप्रैल को चेन्नई के लिए रवाना होगी। यह जानकारी देते हुए प्रदेश फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि अंडर २१ साल की यूथ फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन चेन्नई में २० अप्रैल से किया गया है। इस चैंपियनशिप में खेलने जाने वाली प्रदेश की फुटबॉल टीम का चयन ट्रायल बिलासपुर में ८ से १० अप्रैल तक किया गया है। इस ट्रायल में रायपुर के साथ बिलासपुर, कोरबा, कोरिया एवं दुर्ग के करीब ५० से ज्यादा खिलाड़ी शामिल होंगे। श्री प्रधान ने बताया कि चूकि इस समय कॉलेज की परीक्षाएं चल रही हैं ऐसे में खिलाडिय़ों के कम आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि टीम से संभावित खिलाडिय़ों के चयन के बाद प्रशिक्षण शिविर बिलासपुर में ही लगाया जाएगा। अंतिम टीम का चयन १८ अप्रैल को करने के लिए टीम चेन्नई के लिए रवाना होगी।
रविवार, 5 अप्रैल 2009
वालीबॉल दल में मो. अकरम तकनीकी अधिकारी

राजधानी रायपुर में पहली बार स्केटिंग का प्रशिक्षण

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009
मेट्रो कोलकाता-बिलासपुर नाकआउट में

गुरुवार, 2 अप्रैल 2009
राष्ट्रीय फुटबॉल की मेजबानी मांगी छत्तीसगढ़ ने

नंदी के बल्ले से निकली जीत

बुधवार, 1 अप्रैल 2009
राउरकेला की खिताबी जीत

लगी लाइट- होगी मैचों की फाइट

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