सोमवार, 10 जनवरी 2011

नवोदितों का दमदार खेल

अंतर रेलवे तीरंदाजी में खेलने आए स्टार खिलाड़ियों में ओलंपियन मंगल चाम्प्पिया और राहुल बेनर्जी को छोड़कर कोई भी नहीं चल सका। मेजबान एसईसीआर के खिलाड़ियों ने जैसा खेल दिखाया उसके सामने स्टार खिलाड़ी फेल हो गए।
स्पर्धा में खेलने के लिए करीब एक दर्जन स्टार तीरंदाज आए थे। इन खिलाड़ियों में ओलंपियन मंगल सिंह चाम्पिया, कामनवेल्थ और एशियाड के साथ विश्व कप की स्वर्ण पदक विजेता डोला बेनर्जी, बोम्बाइला देवी, ओलंपियन रीना कुमारी, कामनवेल्थ के स्वर्ण विजेता राहुल बेनर्जी, राजू, सुषमा, प्रभात, प्रतिमा शामिल थे। इनके सामने कम नामी लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक दिखा चुके मेजबान एसईसीआर के खिलाड़ी मंजूधा सोय, नमिता यादव, पल्टन हसदा, रिमिल , लक्ष्मी मांझी, के साथ रौशनी गोरले, परणिता साकरो बेसरा थे। जब स्पर्धा में स्टार खिलाड़ियों के आने की चर्चा हुई थी तो लगा था कि इन स्टार खिलाड़ियों का खेल वास्तव में लाजवाब होगा और यही सब पदक उड़ाने में सफल होंगे। लेकिन स्पर्धा के नतीजे जब सामने आए तो वे नजीजे चौकाने वाले रहे। यह तो किसी ने सोचा नहीं था कि डोला बेनर्जी जैसी स्टार खिलाड़ी को पदक के लिए तरसना पड़ेगा। डोला के खाते में एक मात्र रजत पदक आया। राहुल बेनर्जी के खाते में जरूर दो स्वर्ण पदक आए, लेकिन वे दर्शकों को प्रभावित करने में सफल नहीं हुए। इसके विपरीत मंगल चाम्पिया एक मात्र स्टार खिलाड़ी रहे जिनके खेल की सभी ने खुले दिल से सराहना की।
सबसे ज्यादा हैरतअंगेज कारनामा करने का काम मेजबान एसईसीआर के खिलाड़ियों जिनमें मंजूधा, वृशाली, रिमिल , नमिता यादव, लक्ष्मी मांझी, शिवनाथ नगेशिया, पल्टन हसदा शामिल हैं ने किया। इन खिलाड़ियों ने न सिर्फ अपने खेल से सबका दिल जीता, बल्कि 10 स्वर्ण पदक उड़ाते हुए स्टार खिलाड़ियों की ईस्टन रेलवे की टीम को दूसरे नंबर पर कर दिया।
Justify Fullमैदान पर सब फिदा
डब्ल्यूआर एस के जिस मैदान में स्पर्धा का आयोजन किया गया, उस मैदान पर मंगल सिंह चाम्पिया, राहुल डोला बेनर्जी सहित सभी खिलाड़ी फिदा रहे। इनका ऐसा मानना था कि ऐसे मैदानों मेंं ही स्पर्धाएं होने से ओलंपिक जैसे मुकाबलों में फायदा होता है। बकौल मंगल चाम्पिया खुले मैदान में हर तरफ से हवा आने के कारण खिलाड़ियों को हर परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जब ओलंपिक में कोर्ट बदल दिए जाते हैं तो फिर हवा का रूख चाहे किसी भी तरह हो खिलाड़ियों को परेशानी नहीं होती है। खिलाड़ियों की मानें तो रायपुर के रेलवे के इस मैदान में आसानी से कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा भी हो सकती है।


कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में