प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा पीटीआई को खेल विशेषज्ञ बनाने की दिशा में खेल विभाग काम कर रहा है। इनके खेल विशेषज्ञ बनने से ही छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ी तैयार में मदद मिलेगी। पहले चरण में भोपाल में होने वाले पांच खेलों के प्रमाणपत्र कोर्स के लिए 70 पीटीआई और खेल से जुड़े लोगों को भेजा जाएगा। इसके बाद लगातार पीटीआई को कोर्स करवाने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
यह जानकारी यहां पर आदिम जाति कल्याण विभाग के पीटीआई की बैठक में खेल संचालक जीपी सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है कि पीटीआई बीपीएड और एमपीएड करने वाले होते हैं। लेकिन यह डिप्लोमा लेने से कोई खेल विशेषज्ञ नहीं हो सकता है। ऐसे में जबकि छत्तीसगढ़ की मेजबानी में 37वें राष्ट्रीय खेल होने हैं और खेल विभाग को यह मालूम है कि अपने राज्य में प्रशिक्षकों की कमी है, तो विभाग ने तय किया है कि शुरुआती दौर में प्रशिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए साई का छह सप्ताह का प्रमाणपत्र कोर्स करवाने पीटीआई को भेजा जाए। भोपाल के क्षेत्रीय सेंटर में पांच खेलों हॉकी, जिम्नास्टिक, हैंडबॉल, कबड्डी और भारोत्तोलन का कोर्स 17 मई से होने वाला है। छत्तीसगढ़ को इस कोर्स में साई ने 70 का कोटा दिया है। इस कोर्स को करने में रुचि रखने वालों में आदिमजाति कल्याण विभाग के पीटीआई ने ज्यादा रुचि दिखाई है और आप लोगों के विभाग से 56 नाम आए हैं। वैसे मुझे यहां की उपस्थित देखकर भी लग रहा है कि आप लोगों की रुचि इस कोर्स में ज्यादा है। मुझे बताया गया है कि यहां पर 180 पीटीआई आए हैं। खेल संचालक ने पीटीआई को पायका के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि इसमें भी आप लोगों की मदद की जरूरत है, क्योंकि पायका की नींव भी स्कूलों से प्रारंभ होती है। खेल संचालक ने बताया कि हम पायका से जुड़े 20 खेलों के प्रशिक्षक पहले तैयार करेंगे। इसके लिए साई के हर सेंटर में हम यहां के लोगों को कोर्स करने भेंजेगे।
आदिम जाति कल्याण विभाग के राज्य खेल अधिकारी चन्द्रनाथ बाजपेयी ने बताया कि प्रदेश में विभाग के 13 खेल परिसर हैं जिनमें से 8 बालकों के हैं। इसके हर परिसर में 8 पीटीआई हैं। बालिकाओं के पांच खेल परिसर हैं जिनमें हर परिसर में 9 पीटीआई हैं। इसी के साथ विभाग के स्कूलों में भी पीटीआई हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विभाग प्रदेश में होने वाले राष्ट्रीय ्नखेलों में खिलाड़ी तैयार में सहभागी बनना चाहता है। हमारे विभाग के सभी पीटीआई प्रशिक्षक का कोर्स करने के इच्छुक हैं।
यह जानकारी यहां पर आदिम जाति कल्याण विभाग के पीटीआई की बैठक में खेल संचालक जीपी सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है कि पीटीआई बीपीएड और एमपीएड करने वाले होते हैं। लेकिन यह डिप्लोमा लेने से कोई खेल विशेषज्ञ नहीं हो सकता है। ऐसे में जबकि छत्तीसगढ़ की मेजबानी में 37वें राष्ट्रीय खेल होने हैं और खेल विभाग को यह मालूम है कि अपने राज्य में प्रशिक्षकों की कमी है, तो विभाग ने तय किया है कि शुरुआती दौर में प्रशिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए साई का छह सप्ताह का प्रमाणपत्र कोर्स करवाने पीटीआई को भेजा जाए। भोपाल के क्षेत्रीय सेंटर में पांच खेलों हॉकी, जिम्नास्टिक, हैंडबॉल, कबड्डी और भारोत्तोलन का कोर्स 17 मई से होने वाला है। छत्तीसगढ़ को इस कोर्स में साई ने 70 का कोटा दिया है। इस कोर्स को करने में रुचि रखने वालों में आदिमजाति कल्याण विभाग के पीटीआई ने ज्यादा रुचि दिखाई है और आप लोगों के विभाग से 56 नाम आए हैं। वैसे मुझे यहां की उपस्थित देखकर भी लग रहा है कि आप लोगों की रुचि इस कोर्स में ज्यादा है। मुझे बताया गया है कि यहां पर 180 पीटीआई आए हैं। खेल संचालक ने पीटीआई को पायका के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि इसमें भी आप लोगों की मदद की जरूरत है, क्योंकि पायका की नींव भी स्कूलों से प्रारंभ होती है। खेल संचालक ने बताया कि हम पायका से जुड़े 20 खेलों के प्रशिक्षक पहले तैयार करेंगे। इसके लिए साई के हर सेंटर में हम यहां के लोगों को कोर्स करने भेंजेगे।
आदिम जाति कल्याण विभाग के राज्य खेल अधिकारी चन्द्रनाथ बाजपेयी ने बताया कि प्रदेश में विभाग के 13 खेल परिसर हैं जिनमें से 8 बालकों के हैं। इसके हर परिसर में 8 पीटीआई हैं। बालिकाओं के पांच खेल परिसर हैं जिनमें हर परिसर में 9 पीटीआई हैं। इसी के साथ विभाग के स्कूलों में भी पीटीआई हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विभाग प्रदेश में होने वाले राष्ट्रीय ्नखेलों में खिलाड़ी तैयार में सहभागी बनना चाहता है। हमारे विभाग के सभी पीटीआई प्रशिक्षक का कोर्स करने के इच्छुक हैं।
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