राजधानी में खुलने वाले साई सेंटर में बालिका फुटबॉल को शामिल न करने से खिलाड़ी निराश हैं और एक ही सवाल कर रही हैं कि जब रायपुर में बालिका खिलाड़ियों की भरमार है तो यहां इसको शामिल क्यों नहीं किया गया है। जिला फुटबॉल संघ ने इस संदर्भ में साई के निदेशक से बात करने का मन बनाया है।
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में खुलने वाले साई सेंटर में बालक फुटबॉल को तो रखा गया है, लेकिन बालिका फुटबॉल को न तो बोर्डिंग में स्थान दिया गया है और न ही डे-बोर्डिंग में। दो बार भारतीय टीम से खेल चुकीं खिलाड़ियों निकिता स्विसपन्ना और सुप्रिया कुकरेती के साथ कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने वाली प्रेरणा मिश्रा, डाली क्षत्री, अन्नपूर्णा रावत, रंजना ठाकुर, शालिनी यादव, आकांक्षा सोनी, सुमन सोमानी, नेहा निषाद, चंचल ध्रुव एक स्वर में कहतीं है कि हमें जब रायपुर में साई सेंटर खुलने की जानकारी मिली थी, तो हम खुश थीं कि चलो अब हमारे खेल की खिलाड़ी भी निखर सकेंगी। लेकिन यहां तो बालिका फुटबॉल को शामिल ही नहीं किया गया है। इन खिलाड़ियों का कहना है कि बालक फुटबॉल से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन हमारी टीमों का रहता है, ऐसे में बालिकाओं को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है।
हमारे पास दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
जिला फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान कहते हैं कि हमारे पास निकिता स्विसपन्ना और सुप्रिया कुकरेती जैसी दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। दोनों एक बार नहीं बल्कि दो बार भारतीय टीम से श्रीलंका खेलने गई हैं। इसी के साथ वंदना ध्रुव का चयन भी एक बार भारत की संभावित टीम में हो चुका है। उन्होंने कहा कि सब जूनियर और जूनियर वर्ग में राजधानी में बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। साई को कम से कम डे-बोर्डिंग में जरूर बालिका फुटबॉल को शामिल करना था। श्री प्रधान ने कहा कि हमारा संघ साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु से इस संबंध में बात करेगा और उनसे आग्रह किया जाएगा कि बालिका फुटबॉल को शामिल किया जाए।
एनआईएस कोच भी है
मुश्ताक अली प्रधान कहते हैं कि खेल विभाग के पास तो महिला एनआईएस कोच सरिता कुजूर भी हैं। वह नियमित रूप से जिला फुटबॉल संघ के साथ मिलकर खिलाड़ियों को तैयार करने का काम भी कर रही हैं। इनकी सेवाएं ली जा सकती हैं। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि जब साई के डीजी गोपाल कृष्ण 10 फरवरी को रायपुर आए थे तो उनको भी बताया गया था कि खेल विभाग में फुटबॉल की एक महिला एनआईएस कोच हैं, तब उन्होंने खेल संचालक जीपी सिंह से कहा भी था कि उनकी सेवाएं हम ले सकते हैं।
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में खुलने वाले साई सेंटर में बालक फुटबॉल को तो रखा गया है, लेकिन बालिका फुटबॉल को न तो बोर्डिंग में स्थान दिया गया है और न ही डे-बोर्डिंग में। दो बार भारतीय टीम से खेल चुकीं खिलाड़ियों निकिता स्विसपन्ना और सुप्रिया कुकरेती के साथ कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने वाली प्रेरणा मिश्रा, डाली क्षत्री, अन्नपूर्णा रावत, रंजना ठाकुर, शालिनी यादव, आकांक्षा सोनी, सुमन सोमानी, नेहा निषाद, चंचल ध्रुव एक स्वर में कहतीं है कि हमें जब रायपुर में साई सेंटर खुलने की जानकारी मिली थी, तो हम खुश थीं कि चलो अब हमारे खेल की खिलाड़ी भी निखर सकेंगी। लेकिन यहां तो बालिका फुटबॉल को शामिल ही नहीं किया गया है। इन खिलाड़ियों का कहना है कि बालक फुटबॉल से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन हमारी टीमों का रहता है, ऐसे में बालिकाओं को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है।
हमारे पास दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
जिला फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान कहते हैं कि हमारे पास निकिता स्विसपन्ना और सुप्रिया कुकरेती जैसी दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। दोनों एक बार नहीं बल्कि दो बार भारतीय टीम से श्रीलंका खेलने गई हैं। इसी के साथ वंदना ध्रुव का चयन भी एक बार भारत की संभावित टीम में हो चुका है। उन्होंने कहा कि सब जूनियर और जूनियर वर्ग में राजधानी में बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। साई को कम से कम डे-बोर्डिंग में जरूर बालिका फुटबॉल को शामिल करना था। श्री प्रधान ने कहा कि हमारा संघ साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु से इस संबंध में बात करेगा और उनसे आग्रह किया जाएगा कि बालिका फुटबॉल को शामिल किया जाए।
एनआईएस कोच भी है
मुश्ताक अली प्रधान कहते हैं कि खेल विभाग के पास तो महिला एनआईएस कोच सरिता कुजूर भी हैं। वह नियमित रूप से जिला फुटबॉल संघ के साथ मिलकर खिलाड़ियों को तैयार करने का काम भी कर रही हैं। इनकी सेवाएं ली जा सकती हैं। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि जब साई के डीजी गोपाल कृष्ण 10 फरवरी को रायपुर आए थे तो उनको भी बताया गया था कि खेल विभाग में फुटबॉल की एक महिला एनआईएस कोच हैं, तब उन्होंने खेल संचालक जीपी सिंह से कहा भी था कि उनकी सेवाएं हम ले सकते हैं।
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