राजधानी के साई सेंटर में स्थान पाने के लिए आधा दर्जन खेलों में खिलाड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। सबसे ज्यादा खिलाड़ी फुटबॉल में हैं। हर खेल में खिलाड़ी भरी गर्मी में पसीना बहाते हुए इस प्रयास में हैं कि उनको साई में स्थान मिल जाए। कुल 150 खिलाड़ियों का चयन होना है। वैसे पात्र खिलाड़ी ज्यादा होने पर यह संख्या बढ़ भी सकती है।
रायपुर के अलग-अलग मैदानों में सुबह से लेकर शाम तक साई सेंटर के लिए तय खेलों में खिलाड़ियों के मुकाबले होते रहे। सबसे कड़ा मुकाबला आउटडोर स्टेडियम के फुटबॉल मैदान में देखने को मिला। जिला फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि फुटबॉल में 115 लड़के हैं। इनके बीच सुबह के सत्र में मुकाबला करवाने के बाद शाम के सत्र में हर खिलाड़ी की स्कील, जगलिंग, हेडिंग, किक देखी गई।
जूडो में 22 बालिका और 45 बालक खिलाड़ियों के बीच मुकाबला हुआ। एनआईएस कोच नरेन्द्र कम्बोज ने बताया कि खिलाड़ियों की स्कील देखने के साथ खेल की बेसिक जानकारी देख रहे हैं। हेवीवेट पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इसी के साथ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खिलाड़ी हास्टल में रहना चाहता है या नहीं।
वालीबॉल के बारे में मो. अकरम खान ने बताया कि इसमें 77 बालक और 35 बालिका खिलाड़ी मैदान में हैं। इन खिलाड़ियों की टीमें बनाकर मैच करवाए गए और देखा गया कि किस खिलाड़ी कि बैटिंग, सर्विस, अंडरहैंड, स्मैशिंग और ब्लाक सबसे अच्छे हैं।
भारोत्तोलन में केवल बालक खिलाड़ी ही मैदान में हैं। इस खेल में महज 27 खिलाड़ी हैं, जबकि 30 खिलाड़ियों को बोर्डिंग और डे बोर्डिंग में रखना है। तेजासिंह साहू ने बताया कि खिलाड़ियों की लिफ्टिंग, स्कील, थाई पावर के लिए स्कॉट और सोलर पॉवर के लिए चिनअप करवाकर देखा गया। शाम के सत्र में खिलाड़ियों की फिटनेस देखी गर्ई। कयाकिंग में 10 खिलाड़ियों के बीच ट्रायल हुआ। यह खेल डे बोर्डिंग में शामिल है। एथलेटिक्स में दौड़, लंबी और ऊंची कूद के साथ खिलाड़ियों को परखा गया।
स्थानीय को प्राथमिकता
साई सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान ने बताया कि ट्रायल में छत्तीसगढ़ के अलावा उप्र और हरियाणा के भी खिलाड़ी आए हैं, लेकिन पहली प्राथमिकता छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी के साथ यह भी देखना जरूरी होगा कि स्थानीय खिलाड़ियों में वह प्रतिभा है या नहीं। अगर स्थानीय खिलाड़ी पात्र नहीं होंगे तो जरूरी दूसरे राज्य के खिलाड़ियों को रखा जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि वैसे तो 150 खिलाड़ियों को रखना है, लेकिन पात्र खिलाड़ी ज्यादा होने पर संख्या बढ़ा भी सकते हैं।
रायपुर के अलग-अलग मैदानों में सुबह से लेकर शाम तक साई सेंटर के लिए तय खेलों में खिलाड़ियों के मुकाबले होते रहे। सबसे कड़ा मुकाबला आउटडोर स्टेडियम के फुटबॉल मैदान में देखने को मिला। जिला फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि फुटबॉल में 115 लड़के हैं। इनके बीच सुबह के सत्र में मुकाबला करवाने के बाद शाम के सत्र में हर खिलाड़ी की स्कील, जगलिंग, हेडिंग, किक देखी गई।
जूडो में 22 बालिका और 45 बालक खिलाड़ियों के बीच मुकाबला हुआ। एनआईएस कोच नरेन्द्र कम्बोज ने बताया कि खिलाड़ियों की स्कील देखने के साथ खेल की बेसिक जानकारी देख रहे हैं। हेवीवेट पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इसी के साथ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खिलाड़ी हास्टल में रहना चाहता है या नहीं।
वालीबॉल के बारे में मो. अकरम खान ने बताया कि इसमें 77 बालक और 35 बालिका खिलाड़ी मैदान में हैं। इन खिलाड़ियों की टीमें बनाकर मैच करवाए गए और देखा गया कि किस खिलाड़ी कि बैटिंग, सर्विस, अंडरहैंड, स्मैशिंग और ब्लाक सबसे अच्छे हैं।
भारोत्तोलन में केवल बालक खिलाड़ी ही मैदान में हैं। इस खेल में महज 27 खिलाड़ी हैं, जबकि 30 खिलाड़ियों को बोर्डिंग और डे बोर्डिंग में रखना है। तेजासिंह साहू ने बताया कि खिलाड़ियों की लिफ्टिंग, स्कील, थाई पावर के लिए स्कॉट और सोलर पॉवर के लिए चिनअप करवाकर देखा गया। शाम के सत्र में खिलाड़ियों की फिटनेस देखी गर्ई। कयाकिंग में 10 खिलाड़ियों के बीच ट्रायल हुआ। यह खेल डे बोर्डिंग में शामिल है। एथलेटिक्स में दौड़, लंबी और ऊंची कूद के साथ खिलाड़ियों को परखा गया।
स्थानीय को प्राथमिकता
साई सेंटर के प्रभारी शहनवाज खान ने बताया कि ट्रायल में छत्तीसगढ़ के अलावा उप्र और हरियाणा के भी खिलाड़ी आए हैं, लेकिन पहली प्राथमिकता छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी के साथ यह भी देखना जरूरी होगा कि स्थानीय खिलाड़ियों में वह प्रतिभा है या नहीं। अगर स्थानीय खिलाड़ी पात्र नहीं होंगे तो जरूरी दूसरे राज्य के खिलाड़ियों को रखा जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि वैसे तो 150 खिलाड़ियों को रखना है, लेकिन पात्र खिलाड़ी ज्यादा होने पर संख्या बढ़ा भी सकते हैं।
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