मंगलवार, 30 जून 2009
सुरभि को दोहरा खिताब
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में खेली गई इस चैंपियनशिप में महिला वर्ग में खिताबी मुकाबले में आशा के अनुरुप सुरभि मोदी ने प्रियंका सिंह को सीधे सेटों में ३-० से मात दी। इससे पहले राष्ट्रीय खिलाड़ी सुरभि मोदी के साथ प्रियंका सिंह ने लीग मैचों में ६-६ मैच जीते थे। उधर पुरुष वर्ग में मुकाबला कठिन हुआ क्योंकि यहां पर २४ खिलाड़ी मैदान में थे जिनको दो पूलों में बांटकर मैच करवाए गए। इस वर्ग में सेमीफाइनल मैच भी करवाने पड़े। पहले सेमीफाइनल मैच में अंशुमन राय ने संदीप खंडेलवाल को कड़े मुकाबले में ३-२ से मात दी। दूसरे सेमीफाइनल में सागर घाटगे ने अमिताभ शुुक्ला को सीधे सेटों में ३-० से हराया। फाइनल मैच में सागर घाटगे ने अंशुमन राय को ३-० से हराया। फाइनल मैचों के बाद हुए पुरस्कार वितर समरोह के मुख्यअतिथि नगर निगम के सभापति रतन डागा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष शरद शुक्ला ने की। विशेष अतिथि रायपुर जिला टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष इंदरचंद घाड़ीवाल थे। कार्यक्रम में प्रदेश संघ के महासचिव अमिताभ शुक्ला के साथ संदीप खंडेलवाल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचलन रूपेन्द्र चौहान ने किया।
विनय बैसवाड़े ने बताया कि इस चैंपियनशिप में खेलने का फायदा खिलाडिय़ों को राज्य रैंकिंग चैंपियनशिप में होगा जो कि ४ जुलाई से धमतरी मेंहोने वाली है। इसके लिए खिलाड़ी लगातार अभ्यास कर रहे हैं।
सोमवार, 29 जून 2009
सुरभि-भावेश चैंपियन
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में चल रही चैंपियनशिप में यूथ वर्ग में राष्ट्रीय खिलाड़ी सुरभि मोदी ने खिताब जीत लिया। दूसरे स्थान पर प्रियंका सिंह और तीसरे स्थान पर सोनल जाधवानी रहीं। इस वर्ग में सुरभि ने प्रियंका सिंह, मधुर, सोनल, महिमा, मेघा और सागरिका को सीधे सेटों में ३-० से मात दी। प्रियंका ने मधुर, सोनल, महिमा, मेघा, एवं सागरिका को ३-० से हराया। इसी तरह से तीसरे स्थान पर रहने वाली सोनल ने मधुर को ३-१, महिमा, मेघा और सागरिका को ३-० से हराया। यूथ बालक वर्ग में अंशुमान ने यमन, अभिनव, वरूण, एवं आशु वर्मा को ३-० से हराया। सागर घाटगे ने स्वप्निल, आदित्य, भावेश, अभिनव, और वरूण को ३-० से मात दी। भावेश ने अभिनव, अनुराग, स्वप्निल, यमन, वरूण और सागर दास को ३-० से परास्त किया। स्वप्निल ने अभिनव, यमन औप वरूण को ३-० से हराया।
जूनियर बालक वर्ग का खिताब भावेश आप्टे ने जीता। भावेश ने अनुराग, तौफीक और सागर दास गुप्ता को ३-१, दिव्यम को ३-० से हराया। दूसरे स्थान पर रहने वाले अनुराग ने सागर दास को ३-१, दिव्यम को ३-०, कल्पेश को ३-२, तौफीक को ३-१ से मात दी। तीसरे स्थान पर रहने वाले सागर दास गुप्ता ने दिव्यम और कल्पेश को ३-२, तौफीक को ३-१, सौरभ को ३-२ से हराया।
महिला वर्ग में खिताब की प्रबल दावेदार सुरभि मोदी ने सोनल और मधुर को ३-० से, प्रियंका ने मधुर को ३-० एवं सोनल को ३-० से, सोनल ने मधुर को ३-० से पराजित किया।
पुरुष वर्ग में अमिताभ शुक्ला ने विजय को ३-०, संदीप खंडेलवाल ने सौरभ, वरूण, गिरीराज और स्वप्निल को ३-० से , विनय बैसवाड़े ने आदित्य, सुरेश, आशु को ३-० से हराया। अंशुमन ने अभिताभ और आदित्य को ३-० से हराया। सागर घाटगे ने सौरभ को ३-२, संदीप को ३-० से हराया। सौरभ ने हरप्रीत, गिरीराज और भावेश को ३-० से हराया।
भिलाई को ४ स्वर्ण
राज्य जूनियर जूडो चैंपियनशिप का आयोजन खेल विभाग द्वारा रायगढ़ में किया गया था। इस इनामी राशि वाली चैंपियनशिप में भिलाई के लिए अंकिता सिंह ने ओपन वेट में स्वर्ण जीता। इसके अलावा श्राव्या राव ने ४० किलो वजन वर्ग में, पीयूष नारंग ने ५० किलो वजन में और राबिन सिंह ने ६६ किलो वजन समूह में स्वर्ण पदक जीते। ४५ किलो वजन वर्ग में लोकेश्वर देवांगन ने रजत और ४८ किलो वजन वर्ग में पायल हिरवानी के साथ सूरज चौहान ने कांस्य पदक जीते। इन सभी खिलाडिय़ों के प्रशिक्षक वीआर प्रेमी हैं।
रविवार, 28 जून 2009
लड़कों के साथ खेलकर ही निखरेगा खेल
शेरा क्रीड़ा समिति ने अपने ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में इस बार एक नई परंपरा का प्रारंभ किया। यहां पर फुटबॉल की लड़कियों और लड़कों के बीच में लगातार मैच करवाए गए। इस कड़ी को समापन के दिन भी दोहराया गया और एक नहीं बल्कि दो मैच करवाए गए। पहला मैच जूूनियर लड़के और लड़कियों के बीच तथा दूसरा सीनियर लड़के-लड़कियों के बीच। इन मैचों की सबसे बड़ा खासियत यह रही कि दोनों मैच काफी साफ-सुधरे रहे। जूनियरों का मैच तो मैच गोल रहित बराबर रहा। इस मैच का रोमांच इतना था कि दर्शक भी मैच देखकर दंग थे कि लड़कियां इतना अच्छा खेल रही हैं। लड़कियों ने लड़कों को गोल करने का कोई मौका ही नहीं दिया। दोनों टीमों ने मैच जीतने की पूरी कोशिश की, पर सफलता किसी को नहीं मिली। लेकिन सीनियरों के मैच में जरूर लड़कों ने ३-० से बाजी मार ली। इन मिक्स मैचों का आयोजन इसलिए किया गया ताकि लड़कियों के खेल में निखार आ सके। लड़कियों की कोच सरिता कुजूर का मानना है कि ऐसे मैचों से लड़कियों का खेल निखरेगा। ऐसे मैच लगातार होने चाहिए।
फाइनल मुकाबले अब सोमवार को
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में समर लीग चैंपियनशिप चल रही है। इस चैंपियनशिप में केडेट के साथ सब जूनियर, जूनियर, यूथ और सीनियर वर्ग में बालक और बालिका खिताबों के लिए मुकाबले हो रहे हैं। शुक्रवार को सब जूनियर वर्ग के तो विजेता तय हो गए, पर बाकी वर्गों के विजेता अब तक तय नहीं हो सके हैं। शुक्रवार की शाम से टेबल टेनिस हॉल में बिजली आपूर्ति बंद होने के कारण कल शाम के साथ आज सुबह के सत्र के मैच नहीं सके। ऐसे में अब चैंपियनशिप को एक दिन आगे बढ़ा दिया गया है। पूर्व में रविवार को फाइनल मैच होने थे, पर अब सोमवार को फाइनल मुकाबलों के बाद पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम होगा।
शनिवार, 27 जून 2009
छत्तीसगढ़ को खेलों में नंबर वन बनायेंगे
सुश्री उसेंडी यहां पर शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा आयोजित फुटबॉल प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर बोल रही थीं। उन्होंने शेरा समिति को इसलिए बधाई दी कि उसने राजधानी में फुटबॉल का स्कूल प्रारंभ करने का काम किया है। इस स्कूल के लिए ही प्रशिक्षण शिविर से ५५ खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इन खिलाडिय़ों के नामों की घोषणा करते हुए खेल मंत्री ने कहा कि इन खिलाडिय़ों को बधाई और साथ ही इन खिलाडिय़ों से यह उम्मीद है कि वे फुटबॉल स्कूल में प्रशिक्षण लेकर अपने राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रौशन करें। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी बात है कि खेलों के लिए काम करने वाली संस्था ने फुटबॉल स्कूल खोलने का ऐसा काम किया है जैसा काम प्रदेश में अब तक किसी ने नहीं किया है। उन्होंने बताया कि सरकार भी इसी तरह की योजना पर काम कर रही है। सरकार ने भी खिलाडिय़ों को गोद लेने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि प्रतिभाखोज कार्यक्रम के तहत गांवों से लेकर जिलों तक प्रतिभाओं की खोज करके उनको निखारने के लिए प्रशिक्षण दिलाने का काम सरकार करेगी। सरकार की भी बोर्डिंग की योजना है। इसके लिए भी जहां योजना बना ली गई है, वहीं भारतीय खेल प्राधिकरण की मदद से प्रदेश में कई स्थानों पर साई के प्रशिक्षण केन्द्र खोले जा रहे हैं। खेलमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार खेलों को इतनी मदद करना चाहती है कि छत्तीसगढ़ खेलों में नंबर वन हो जाए। अंत में उन्होंने शेरा समिति के लिए ५० हजार रुपए देने की घोषणा की।
इससे पहले खेलमंत्री के साथ जहां कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महापौर सुनील सोनी , विधायक कुलदीप जुनेजा औैर नगर निगम के सभापति के साथ फुटबॉल मैच खेलने वाली महिला और पुरुष टीमों के खिलाडिय़ों से परिचय प्राप्त किया, वहीं प्रशिक्षण शिविर के खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र के साथ पुरस्कार देकर सम्मानित किया। शेरा समिति के बारे में जानकारी समिति के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने दी। उन्होंने बताया कि समिति अब फुटबॉल के बाद हॉकी का भी डे बोर्डिंग स्कूल प्रारंभ करेगी।
५५ खिलाडिय़ों का चयन
फुटबॉल स्कूल के लिए पूर्व में ४५ खिलाडिय़ों का चयन किया जाना था, पर खिलाडिय़ों की संख्या को देखते हुए ५५ खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इन खिलाडिय़ों के नामों की घोषणा खेलमंत्री लता उसेंडी ने की। चुने गए खिलाड़ी इ प्रकार हैं- अमित कुमार, राजादीप, सतीश दीप, सुनील तांड़ी, राकेश ध्रुव, साबर, दीपक जाल, प्रेम कुमार, नीलकंठ, कुंदम दीप, पद्मनम बघेल, बंटी बघेल, सुभाष, लतेश्वर यादव, विक्की क्षत्रीय, अयाज अहमद, धीरेन्द्र बघेल, अंजर खान, नितिन दीप, करण ठाकुर, रजत पाल, अतुल जगत, हेमंत जगत, जय मुलवानी, लोकनाथ यादव, नितीन सोनी, सनी बंछोर, प्रणीण सिधार, रोहित अठवानी, सचिन चिलमवार, मिर्जा नवाज, भास्कर, पांडे, प्रभजोत सिंह, हिमालय सेंदरे, शिव उपाध्याय, अर्श उल्ला खान, सोनु यादव, विवेक यदु, समीर, प्रणय डेकाटे, बृजेश जैन, तुषार गुप्ता, आशुतोष, षभ दुबे, अनिकेत अतुलकर, गौरव शिवहरे, आशुतोष पाल, टिकेश्वर वर्मा, सिद्धार्थ तांडी, रोहित जाल, राजेश वर्मा और शंभूं तांडी। इन चुने गए खिलाडिय़ों को १५ अगस्त से डे बोर्डिंग स्कूल में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
न तुम जीते न हम हारे
शिविर के समापन जूनियर बालक और जूनियर बालिकाओं के साथ ही सीनियर महिला खिलाडिय़ों और पुरुष खिलाडिय़ों के बीच एक दोस्ताना मैच खेला गया। इन मैचों की सबसे बड़ा खासियत यह रही कि जहां दोनों मैच काफी साफ-सुधरे रहे। जूनियरों का मैच तो मैच गोल रहित बराबर रहा। ऐसा नहीं है कि गोल करने के लिए प्रयास नहीं किए गए। दोनों टीमों ने मैच जीतने की पूरी कोशिश की, पर सफलता किसी को नहीं मिली। लेकिन सीनियरों के मैच में जरूर पुरुष वर्ग ने ३-० से बाजी मार ली।
शिवम-मेघा ने उड़ाए खिताब
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में खेली जा रही इस चैंपियनपि में शुक्रवार को सब जूनियर वर्ग के खिताबों रका फैसला हुआ। बालक वर्ग में शिवम सिंह ने सौरभ दास गुप्ता को ३-० एवं रोमिल, नवजोत और सूरज तिवारी को परास्त कर खिताब जीता। बालिका वर्ग में मेघा खन्ना ने सागरिका दास गुप्ता, महिमा राजिमवाले, रशमीन कौर को ३-० से परास्त कर खिताब जीता।
अन्य मुकाबलों में पुरुष वर्ग में संदीप ने सौरभ को ३-१, स्वप्निल को ३-०, अमिताभ ने आदित्य ने ३-१, विजय, प्र्रवीण, अभिनव, दिव्यम को ३-० से मात दी। यूथ वर्ग में सागर ने अनुराग को ३-१, दिव्यम ने अनिरूद्ध को ३-०, अनशुमन ने अनुराग को ३-१, भावेश, तौफीक, अनिरूद्ध को ३-० से हराया। जूनियर बालक वर्ग में अनुराग ने शिवम, रोमिल, सौरभ दास तीनों को ३-० से हराया। शिवम ने सौरभ एवं रोमिल को ३-० से, भावेश ने रोमिल, एवं सौरभ दास को ३-०, सागर दास ने रोमिल, शिवम को ३-० से परास्त किया। महिला वर्ग में सुरभि मोदी ने गीती पंडत को ३-०, प्रिया ने गीता पंडित को ३-० से एवं मधुर चन्द्रकार ने भी गीता पंडित को ३-० से मात दी। फाइनल मुकाबले रविवार को होंगे। इसके बह पुरस्कार वितरण होगा।
शुक्रवार, 26 जून 2009
फुटबॉल स्कूल के लिए ४५ खिलाडिय़ों का चयन
शेरा समिति द्वारा राजधानी में ८२ दिनों का प्रशिक्षण शिविर चलाया जा रहा था। छत्तीसगढ़ के फुटबॉल खिलाडिय़ों को ३४ सालों से तैयार करने का काम करने के साथ ही फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन करने वाली शेरा क्रीड़ा समिति अब फुटबॉल का एक स्कूल १५ अगस्त से राजधानी में प्रारंभ करने जा रही है। इस स्कूल के लिए ४५ खिलाडिय़ों का चयन कर लिया गया है। अब इनके नामों की घोषणा प्रशिक्षण शिविर के समापन में शुक्रवार को खेलमंत्री सुश्री लता उसेंडी करेंगी। शेरा क्रीड़ा समिति की १९७५ में स्थापना करने वाले फुटबॉल खिलाड़ी मुश्ताक अली प्रधान ने फुटबॉल का एक स्कूल राजधानी में खोलने का फैसला किया है। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। सप्रे स्कूल में इसका आगाज १५ अगस्त को किया जाएगा। इस स्कूल में खिलाडिय़ों को डे बोर्डिंग के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्कूल के लिए प्रशिक्षण शिविर से ४५ खिलाडिय़ों का चयन कर लिया है। चुने गए ज्यादातर खिलाड़ी गरीब तबके के खिलाड़ी हैं।
श्री प्रधान ने पूछने पर बताया कि जिन खिलाडिय़ों का चयन किया गया है उनको गोद दिलाने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक खिलाड़ी के पीछे माह में महज ६०० रुपए का खर्च आएगा। इन पैसों के खिलाडिय़ों के लिए सामान और उनके लिए खाने आदि का इंतजाम किया जाएगा। बकौल श्री प्रधान उनकी संस्था का इरादा ४५ ऐसे लोगों को संस्था से जोडऩे का है जो एक-एक खिलाड़ी का खर्च उठा सकें। उन्होंने बताया कि आगे चल कर जिले के १५ विकासखंडों से भी एक-एक खिलाड़ी का चयन किया जाएगा। इनके रहने के साथ शिक्षा का खर्च भी समिति वहन करेगी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर के समापन में महिला और पुरुष खिलाडिय़ों के बीच एक दोस्ताना मैच शाम को होगा इसके बाद होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्यअतिथि खेल मंत्री लता उसेंडी रहेंगी। अध्यक्षता महापौर सुनील सोनी करेंगे। विशेष अतिथि नगर निगम के सभापति रचन डागा, विधायक कुलदीप जुनेजा के साथ प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अनिल वर्मा होंगे। इसी के साथ सभी खेल संघों के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है।
गुरुवार, 25 जून 2009
श्रेयांस भारतीय टीम में

प्रदेश के शतरंज खिलाड़ी श्रेयांस डाकलिया भारत की जूनियर शतरंज टीम में स्थान बनाने वाले छत्तीसगढ़ के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। वे अब भारत की टीम के साथ श्रीलंका में होने वाली एशियन चैंपियनशिप में खेलने के लिए जाएंगे। यह चैंपियनशिप वहां पर एक से ८ जुलाई तक होगी। इसके बाद नीदरलैंड में होने वाली तीन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी श्रेयांस खेलने जाएंगे।
यह जानकारी देते हुए श्रेयांस के साथ उनके पिता नरेन्द्र डाकलिया ने बताया कि श्रेयांसने इस बार औरंगाबाद में खेली गई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जहां दूसरा स्थान प्राप्त किया, वहीं आन्ध्र प्रदेश में खेली गई राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप में पांचवां स्थान प्राप्त किया। इन दो चैंपियनशिप में किए गए उनके प्रदर्शन के आधार पर एशियन चैंपियनशिप में खेलने जाने वाली ६ सदस्यों की टीम में श्रेयांस को भी शामिल किया गया है। यह चैंपियनशिप श्रीलंका में १ से ८ जुलाई तक होगी। इस चैंपियनशिप के साथ भारत सरकार ने भारत की इसी शतरंज टीम को नीदरलैंड में तीन चैंपियनशिप खेलने के लिए भी भेजने का फैसला किया है। यह चैंपियनशिप वहां पर १० जुलाई से ८ अगस्त तक होगी। श्रेयांस ने बताया कि वह नीदरलैंड में तीन के स्थान पर दो चैंपियनशिप में भाग लेंगे और फिर दिल्ली वापस आ जाएंगे। वापस आने का कारण उन्होंने बताया कि दिल्ली में १ से ३ अगस्त तक अंडर १८ साल की एशियन चैंपियनशिप होगी जो उनके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है।
श्रेयांस ने पूछने पर बताया कि इस समय अंडर १८ साल में उनकी भारत में ८वीं और एशिया में २४वीं रंकिंग हैं। उन्होंने बताया कि पिछले माह भुवनेश्वर मे खेली गई रेटिंग चैंपियनशिप में वे अंतरराष्ट्रीय मास्टर का एक नार्म पाने से चूक गए थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने यूक्रेन की महिला ग्रैंड मास्टर जेड. नतालिया के साथ बंगलादेश के नियाज मोसीद से तो बाजी जीत ली, पर अपने देश के ग्रैंड मास्टर पी. कोंगुवेल से मात खा गए। ऐसे में उनको नार्म नहीं मिल पाया। अगर तीन जीएम या एएम से बाजी जीतने का मौका मिलता है तो अंतरराष्ट्रीय मास्टर का एक नार्म मिल जाता है। उन्होंने बताया कि ओलंपियन मो. रफीक खान को उन्होंने नागपुर की एक चैंपियनशिप में मात दी थी। श्रेयांस ने पूछने पर बताया कि वे अब तक ३० राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल चुके हैं।
नौकरी के लिए खेलों का प्रशिक्षण देंगे
यह जानकारी देते हुए संस्था के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि इस समय पुलिस विभाग में भर्ती होनी है। पुलिस में भर्ती के लिए प्रतियोगियों को खेलों की कई विधाओं से गुजरा पड़ता है। ऐसे में जिनको इसके बारे में जानकारी नहीं रहती है वे प्रतियोगी फेल हो जाते हैं। ऐसे में संस्था ने फैसला किया है कि पुलिस भर्ती के लिए प्रतियोगियों को खेलों की जानकारी देने के साथ उनको फिटनेस की भी जानकारी देने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण खासकर खिलाडिय़ों के लिए लगाया जा रहा है। किसी भी खेल से जुड़े खिलाड़ी यह प्रशिक्षण लेने के लिए सप्रे स्कूल के शेरा क्लब के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। प्रशिक्षण सप्रे स्कूल के मैदान में दिया जाएगा। खिलाडिय़ों के अलावा दूसरे प्रतियोगी भी प्रशिक्षण ले सकते हैं।
नियमित प्रशिक्षण के लिए ३५ खिलाडिय़ों का चयन
यह जानकारी देते हुए अकादमी के कोच चिंतामणी पद्मवार ने बताया कि अकादमी का प्रशिक्षण शिविर १५ अप्रैल से २१ जून तक सप्रे स्कूल में लगाया गया। इस शिविर के पहले भी शिविर के लिए खिलाडिय़ों का चयन ट्रायल के आधार पर किया गया था। शिविर में करीब ७० खिलाडिय़ों को न सिर्फ प्रशिक्षण दिया गया बल्कि उनके खेल को निखारने के लिए खिलाडिय़ों की अलग-अलग टीमें बनाकर उनके बीच टी-१० मैचों की चैंपियनशिप करवाई गई। इस चैंपियनशिप का खिताब रेड इलेवन ने जीता। समापन समारोह में जहां विजेता टीमों को पुरस्कार दिए गए, वहीं ३५ ऐसे खिलाडिय़ों को चयन किया है जिनको साल भर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बुधवार, 24 जून 2009
गांवों में लगेंगे जिम

प्रदेश का खेल विभाग इस समय प्रदेश में पाइका योजना को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर है। इस योजना का लाभ उठाकर विभाग प्रदेश के हर गांव में खेलों का विकास करना चाहता है। पाइका योजना में चिंहित हर गांव के लिए केन्द्र सरकार से खेल मैदानों के लिए एक-एक लाख रुपए का अनुदान मिलना है, ऐसे में खेल विभाग यह योजना बनाने में लगा है कि इन पैसों का ज्यादा से ज्यादा अच्छा उपयोग किस तरह से किया जाए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने यह योजना बनाई है कि क्यों ने हर गांव में एक-एक जिम बना दिया जाए। इसके लिए वे लगातार उन चिंहित गांवों के खेलों से जुड़े लोगों से बात भी कर रहे हैं और यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि जिम लगाना उचित रहेगा या नहीं। वैसे भी पाइका के लिए पहले चरण में प्रदेश के १८ जिलों के जिन ९०० से ज्यादा गांवों को चिंहित किया गया है, उन गांवों के मैदानों में ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। ऐसे में यही सोचा गया कि मैदानों में बिना वजह पैसे खर्च करने की बजाए यदि सभी गांवों में जिम लगा दिए जाए तो इसका बहुत ज्यादा फायदा खिलाडिय़ों को मिलेगा। वैसे भी जिम की पहुंच गांवों तक नहीं हो पाती है और आज खिलाडिय़ों की फिटनेस के लिए यह जरूरी साधनों में गिना जाता है।
खेल संचालक खेल संचालनालय में सभी जिलों के खेल अधिकारियों की जो बैठक ले रहे हैं उस बैठक में खेल अधिकारियों को उन चिंहित गांवों में जिम लगाने के स्थान के बारे में जानकारी लेकर आने के लिए कहा गया है। इस बैठक में पाइका योजना के साथ विभाग द्वारा लगाए गए गीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर के बारे में भी पूरी जानकारी मंगाई गई है। जिलों के खेल विभाग ने जिला खेल संघों को जो अनुदान पिछले साल दिया है उसके उपयोगिता प्रमाणपत्र भी खेल अधिकारियों को लाने होंगे। इसके अलावा जिलों में चल रहे स्टेडियम निर्माण की पूरी जानकारी मंगाई गई है। विभाग की योजना जिले के स्टेडियम में साई का सेंटर खोलने की है। ऐसे में खेल संचालक की यह जानने में रूचि है कि जिलों में स्टेडियमों की क्या स्थिति है। बैठक में खेल अधिकारियों को ये निर्देश दिए जाने हैं कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जिस भी जिले के दौरे में किसी भी गांव जाएं तो वहां पर खेल अधिकारियों को भी उपस्थित रहना है। .
रायपुर ओवरआल चैंपियन

रायगढ़ में खेल विभाग द्वारा १९ से २१ जून तक आयोजित इस चैंपियनशिप में रायपुर के लिए अभय केशरवानी, नरेन्द कुमार वर्मा, भीषम वर्मा, आदित्य सिंह ठाकुर, सती बाघमार, आशना और मेहंदी यादव ने स्वर्ण, अविनाश त्रिपाठी, गोविंद दीवान, के. हेमंत कुमार, भुनेश्वर सिंहा, भारती साहू, वैशाली, अंतरा सारथी ने रजत, अमोल तिवारी, अजय राय, सूरज वर्मा और राजेन्द्र साहू ने कांस्य पदक जीते। चैंपियनशिप में रायपुर जहां पहले स्थान पर रहा, वहीं भिलाई ९ पदकों के साथ दूसरे और बस्तर ४ स्वर्ण सहित ६ पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। पहले स्थान पर रहने वाले खिलाडिय़ों को एक हजार, दूसरे स्थान पर रहने वाालें को सात सौ पचास और तीसरे स्थान पर रहने वालों को पांच सौ का नगद इनाम दिया गया।
मंगलवार, 23 जून 2009
सायना की जीत से छलका उत्साह

भारत की बैडमिंटन की सुपर स्टार सायना नेहवाल के धमाकेदार प्रदर्शन से राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ी भी उत्साहित हैं। सभी खिलाडिय़ों का एक स्वर में मानना है कि सायना की जीत छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि पूरे देश के खिलाडिय़ों को एक नई राह दिखाएगी। खिलाडिय़ों का ऐसा मानना है कि सभी खिलाड़ी चाहेंगे कि वे भी सायना की तरह सफलता की राह पर जाएं ताकि वे भी अपने राज्य और देश का नाम कर सकें।
सायना ने इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीत कर इतिहास रचा है। सायना की इस जीत को राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ी बैडमिंटन के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानते हैं। खिलाडिय़ों को बैडमिंटन के गुर सिखाने वाली पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कविता दीक्षित के साथ अनुराग दीक्षित का ऐसा मानना है कि जिस तरह से लॉन टेनिस में सानिया मिर्जा के साथ लिएंडर पेस और महेश भूपति की सफलता से एक बूम आया है, उसी तरह का बूम अब बैडमिंटन में भी आने की पूरी संभावना है। एक बार देश में तब बैडमिंटन में बूम आया था जब प्रकाश पादुकोण ने आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीत कर इतिहास रचा था। सायना ने तो बैडमिंटन के इतिहास में काफी आगे जाने का काम किया है। इंडोनेशिया ओपन के पहले उनका ओलंपिक में किया गया प्रदर्शन कौन भूल सकता है। तभी से ऐसा लगा था कि सायना कुछ भी कमाल कर सकती हैं।
३२ बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाली राखी अलोनी के साथ उनकी बहन रश्मि अलोनी कहती हैं कि वह बता नहीं सकती हैं सायना की जीत के बाद उनमें कितना जोश आ गया है। राखी इस समय भोपाल में अपने माता-पिता के पास हैं। वह कहती हैं कि उनको ऐसा लग रहा है कि कब मैं रायपुर आऊं और बैडमिंटन कोर्ट में जाकर खेलना प्रारंभ कर दूं। उनका कहना है कि सायना की यह जीत छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों में इतना ज्यादा उत्साह भर देगी कि यहां के खिलाड़ी भी चाहेंगे कि उनको भी ऐसी कोई सफलता मिल जाए। राष्ट्रीय खिलाड़ी देवव्रत दास गुप्ता के साथ सप्रे बैडमिंटन हॉल में नियमित अभ्यास करने वाले खिलाड़ी वैभव ताम्बे, प्रखर दीक्षित, संयम शुक्ला के साथ अनुंशा पिल्ले, करिश्मा चौधरी, विशाळ मुरङाानी, स्नेहीत चटर्जी, दीक्षा चौधरी एवं एश्वर्या यदु का एक स्वर में मानना है कि उनको जब से मालूम हुआ है कि सायना ने इंडोनेशिया ओपन की सुपर सीरीज जीती तो सभी खिलाड़ी उत्साहित हैं। इन्होंने एक स्वर में कहा कि हम लोगों का भी मनोबल बढ़ा है कि जब अपने देश की एक खिलाड़ी जीत सकती हैं तो हम लोग भी उनकी तरह मेहनत करें तो हम लोगों को भी सफलता क्यों नहीं मिल सकती है। इन खिलाडिय़ों ने बताया कि वैसे भी जब सायना को ओलंपिक में सफलता मिली थी, तब से राजधानी में बैडमिंटन के प्रति लोगों में दीवानगी बढ़ी है। महंगा खेल होने के बाद भी प्रशिक्षण शिविर में ५० से ज्यादा खिलाड़ी आए थे। खिलाडिय़ों ने बताया कि यहां रोज कई खिलाड़ी नियमित अभ्यास करने आते हैं। इनका ऐसा मानना है कि अब जबकि सायना को इतनी बड़ी सफलता मिली है इसका एक फायदा यह भी होगा कि खिलाडिय़ों में बैडमिंटन का क्रेज बढ़ेगा।
सोमवार, 22 जून 2009
अब होगा खेलों का विकास

प्रदेश के स्कूलों में खेल पीरियड को अनिवार्य करने के स्कूली शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए खेलमंत्री सुश्री लता उसेंडी का कहना है कि अब प्रदेश में खेलों का समुचित विकास हो सकेगा। उनका कहना कि खेलों की नींव का काम ही स्कूली खेल करते हैं। ऐसे में स्कूलों में खेलों की अनिवार्यता के कारण खेलों में अब प्रतिभाएं सामने आएंगी।
खेलमंत्री लता उसेंडी ने अपने निवास में चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश की हमारी भाजपा सरकार का पहला मकसद प्रदेश में खेलों का विकास करना है। इसके लिए जो भी अच्छा काम हो सकता है उसको किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुखिया डॉ। रमन सिंह की रूचि खेलों में बहुत ज्यादा है। ऐसे में उनसे चर्चा के बाद यह तय किया गया कि खेलों के विकास के लिए यह जरूरी है कि स्कूलों में खेलों का पीरियड अनिवार्य कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वैसे तो स्कूलों में खेल होते हैं, पर पीरियड की अनिवार्यता के बाद अब ज्यादा खिलाड़ी निकल सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह बात सभी जानते हैं कि खेलों का असली बेस स्कूली खेल हैं। स्कूली खेलों से निकल कर ही खिलाड़ी ओपन वर्ग में जाते हैं। और स्कूलों में ही खेलों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो खिलाड़ी कैसे निकलेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चूंकि पहले खेलमंत्री भी रहे हैं ऐसे में वे भी खेलों के बारे में ज्यादा अच्छे से जानते हैं।
सुश्री उसेंडी ने पूछने पर कहा कि खेल विभाग भी खेलों के विकास के लिए कई योजनाएं बना रहा है। उन्होंने बताया कि प्रतिभाखोज के तहत स्कूल स्तर से लेकर विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर प्रतिभाओं की खोज की जाएगी। इन प्रतिभाओं को निखारने की पूरी व्यवस्था सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि खेलों की हर सुविधा राज्य में देने का हमारी सरकार का इरादा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल मैदानों की कमी न हो इसीलिए राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का भी फैसला किया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सहमति मिलने के बाद अब खेल विभाग प्रस्ताव बनाने में जुटा है।
जापानी प्रशिक्षक ने सिखाएं जूडो के गुर

यह जानकारी देते हुए प्रदेश जूडो संघ के महासचिव अरूण द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश के खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा सफलता मिल सके और उनका चयन भारतीय टीम में हो सके इस बात को ध्यान में रखते हुए जापान की अंतरराष्ट्रीय कोच तोमोमी मत्सबूरा को प्रदेश के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने के लिए भिलाई बुलाया गया था। जापानी कोच को उपलब्ध कराने का भारतीय जूडो महासंघ ने किया। इस प्रशिक्षण शिविर के लिए प्रदेश के सभी जिलों से ५४ ऐसे खिलाडिय़ों का चयन किया गया था जो राष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं। इन चुने गए खिलाडिय़ों को २४ दिनों तक सुबह और शाम जापानी कोच ने प्रशिक्षण दिया। श्री द्विवेदी ने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर का खिलाडिय़ों को आने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जरूर फायदा होगा।
रविवार, 21 जून 2009
डिंपल-फारूख बने राज्य चैंपियन

गास मेमोरियल में महिला वर्ग के फाइनल में डिंपल ने कोरबा की अंजली समङादार को सीधे सेटों में ११-५, १२-५ से मात देखकर खिताब जीत लिया। इससे पहले खेल गए सेमीफाइनल मैचों में डिंपल ने रायपुर की कृतिका को ११-६, ११-३ और अंजली समङादार ने रायपुर की अंजली बुहार को कड़े मुकाबले में २-१ से मात दी।

पुरुष वर्ग के फाइनल में रायपुर के मो. फारूख ने केजे पाल को ९-७, १०-७ से परास्त कर खिताब जीता। इसके पहले खेले गए सेमीफाइनल मैचों में केजे पाल ने राहुल टेकाम को १२-१०, १२-३ और मो. फारूख ने मो. तारिक को १६-०, १८-० से मात दी। मैचों के बाद विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार दिए गए। इस कार्यक्रम के मुख्यअतिथि प्रदेश कैरम संघ के महासचिव विजय कुमार थे। राज्य चैपियनशिप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले खिलाड़ी अब सिलगुड़ी में होने वाली ईस्ट जोन राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने के लिए जाएंगे। यह चैंपियनशिप वहां पर ५ से ८ जुलाई तक होगी। प्रदेश के १६ खिलाडिय़ों और ५ अधिकारियों की टीम यहां से २ जुलाई को रवाना होगी।
राजनांदगांव में साई की शाखा खोलने का प्रस्ताव
भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई की मदद से प्रदेश में खेलों को निखारने के प्रयास में लगे खेल विभाग ने अब साई से राजनांदगांव में भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय की एक शाखा खोलने का प्रस्ताव रखने का फैसला किया है। इस शाखा के यहां खुल जाने से साई के किसी काम के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। इस प्रस्ताव को लेकर खेल संचालक जीपी सिंह २२ जून को भोपाल में साई के निदेशक सयान चटर्जी से चर्चा करेंगे। उनके सामने बस्तर में भी एक बड़े सेंटर के साथ कुछ और जिलों में सेंटर खोलने की मांग रखी जाएगी। फिलहाल राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से बनने वाले सेंटर को मंजूरी मिल चुकी है।
भारतीय खेल प्राधिकरण राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से एक बड़ा खेल परिसर बनाने जा रहा है। इस खेल परिसर को मंजूरी मिलने के बाद अब खेल विभाग ने सोचा है कि अगर राजनांदगांव में ही साई के क्षेत्रीय कार्यालय की एक शाखा खुल जाए तो अच्छा होगा। ऐसे में अब खेल संचालक एक प्रस्ताव लेकर भोपाल जा रहे हैं जहां वे साई के निदेशक सयान चटर्जी से चर्चा करेंगे। उनकी यह मुलाकात २२ जून को होगी। इस बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि वे इस शाखा के साथ कुछ और प्रस्ताव लेकर जा रहे हैं। उनका कहना है कि यहां पर अगर साई की शाखा खुल जाएगी तो हर काम के लिए भोपाल जाने की जरूरत समाप्त हो जाएगी।
बस्तर में एक बड़ा सेंटर बनाने की योजना
श्री सिंह ने बताया कि जिस तरह से राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से एक बड़ा सेंटर बनेगा, उसी तरह से बस्तर में भी एक बड़ा सेंटर खोलने की योजना है। इस योजना की प्रारंभिक तैयारी कर ली गई है और इसके बारे में भी साई के निदेशक से बात की जाएगी। उन्होंने बताया बस्तर में कम से कम पांच खेलों का सेंटर पहले प्रारंभ किया जाएगा, इसके बाद खेलों को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बस्तर के साथ बिलासपुर में जिम्नास्टिक, तैराकी, वुशू और बैडमिंटन, रायपुर में वालीबॉल, भारोत्तोलन, हैंडबॉल एवं वुशू के साथ अम्बिकापुर में भी कुछ खेलों के सेंटर के लिए चर्चा की जाएगी। उन्होंने पूछने पर बताया कि राजनांदगांव में शुरुआत में नेटबॉल, साफ्टबॉल, तलवारबाजी, हैंडबॉल, कबड्डी, कराते और वुशू को रखा गया है। इसके बाद दूसरे खेलों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस खेल परिसर में १०० खिलाडिय़ों के रहने की भी व्यवस्था रहेगी। इस परिसर के लिए साई के साथ एमओयू को अंतिम रूप देकर खेल विभाग ने एमओयू साई के भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दिया है। श्री सिंह ने बताया कि साई के निदेशक के सामने यहां पर ६ सप्ताह का एनआईएस का प्रमाणपत्र कोर्स करवाने की भी मांग रखी जाएगी। यहां पर प्रशिक्षकों की कमी है। अगर यह कोर्स प्रारंभ हो गया तो यहां पर प्रशिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि साई के सामने छत्तीसगढ़ को अंतराष्ट्रीय स्तर के खेल सामान भी देने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
शनिवार, 20 जून 2009
नए खिलाड़ी बनेंगे चैंपियन

प्रदेश कैरम संघ द्वारा आयोजित राज्य कैरम चैंपियनशिप का प्रारंभ यहां आज गास मेमोरियल में हुआ। इस चैंपियनशिप में १२ जिलों के खिलाड़ी खेल रहे हैं। महिला वर्ग में जहां ५२ खिलाड़ी हैं, वहीं पुरुष वर्ग में ७८ खिलाड़ी खेल रहे हैं। इस बार महिला वर्ग की चैंपियन सबा जरीवाला के साथ उपविजेता एस। जाली और पुरुष वर्ग के विजेता सम्राट सोनी किसी कारणवश नहीं खेल रहे हैं। सबा जरीवाला ने तो जिले की चैंपियनशिप खेली थी और विजेता भी बनी थी। पर राज्य चैंपियनशिप में वह नहीं खेल पा रही हैं। ऐसे में नए खिलाडिय़ों में इस बात का उत्साह है कि उनको चैंपियन बनने का मौका मिल सकता है।
शुक्रवार को हुए महिला वर्ग के मुकाबलों में कोरबा की शकुंतला कारक ने महासमुन्द की राशि कोचर को २०-०, २३-०, कांकेर की माधुरी रात्रे ने रायपुर की अंकिता शर्मा को २१-३, २३-३, जगदलपुर की सुषमा ठाकुर ने बिलासपुर की अपूर्वा जैन को १७-०, २२-६, रायगढ़ की रजनी शर्मा ने दुर्ग की आयूषी चौहान को २२-६, १८-०, कोरबा की अंजना समङादार ने रायपुर की रिया कौशल को २३-०, २३-०, रायपुर की साक्षी भार्गव ने महासमुन्द की स्वाति सचदेव को २२-०, २१-० से, कांकेर की दीपाली राव ने बिलासपुर की रश्मि मुरमु को २१-११, ७-८, १३-० से मात दी।
पुरुष वर्ग में रायपुर के राहुल तेहान ने जगदलपुर के मंयक केदार को २३-०, २२-०, रायगढ़ के सौरभ शर्मा ने कवर्धा के अंति चौरसिया को २०-०, २३-०, रायगढ़ के रवि काम्बले ने जांजगीर के दुर्गेश शर्मा को २०-२१, २१-३, २३-०, रायपुर के मो। जासिफ ने महासमुन्द के संजय टंडन को २३-०, २२-०, रायपुर के एकांत शर्मा ने दुर्ग के राजकुमार जैन को २२-०, २३-३, रायपुर के धीरू जगत ने महासमुन्द के दुर्गा प्रसाद देवांगन को १९-२, १८-२, राजनांदगांव के जयंत साहू ने जांजगीर के संजय जैन को २०-७, २०-७ एवं रायपुर के भागवत ने कांकेर के शिवम रिजवानी को २३-०, १५-० से मात दी। मैच के मुख्य निर्णायक आलोक गुहा हैं।
इससे पहले दोपहर को चैंपियनशिप का उद्घाटन महापौर सुनील सोनी ने किया। इस असवर पर उन्होंने कैरम संघ की मांग पर संघ को स्पोट्र्स काम्पलेक्स में कार्यालय के साथ खिलाडिय़ों के अभ्यास के लिए एक बड़ा कमरा देने का आश्वासन दिया। संतकुमार पासवान ने खिलाडिय़ों से राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रौशन करने की बात कही।
ब्लेक-रेड इलेवन ने मारी बाजी

पहले मैच में ब्लेक इलेवन ने पहले बल्लेबाजी करते हुए ५ विकेट पर ८२ रन बनाए। विवेक बर्मन ने सबसे ज्यादा २६ रन बनाए। ८३ रनों की चुनौती के सामने ग्रीन इलेवन की टीम ७२ रन बना सकी और १० रनों से हार गई। दूसरे मैच में रेड इलेवन ने पहले खेलते हुए चैतन्य गांगुली के २४, सत्यम के २३ और मोरध्वज सोनवानी के २२ रनों की मदद से ७ विकेट पर १०५ रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में ब्लू इलेवन की टीम ८५ रन बी बना सकी। शनिवार को चैंपियनशिप में सेमीफाइनल मैच खेले जाएंगे।
जंप रोप भी स्कूली खेलों में शामिल हो

प्र्रदेश के स्कूली खेलों में जंप रोप को भी शामिल करवाने का प्रयास संघों द्वारा किया जा रहा है। इसी प्रयास के तहत जनदर्शन में गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से जंप रोप के खिलाडिय़ों ने मुलाकात करके जहां उनको राष्ट्रीय स्तर पर मिल रही सफलता के बारे में बताया वहीं जंप रोप को स्कूली खेलों में शामिल करवाने की मांग की। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि बाकी राज्यों में यह खेल स्कूली खेलों में शामिल है।
मुख्यमंत्री के जनदर्शन में गुरुवार को जंपरोप के खिलाडिय़ों ने पहुंचकर उनसे मुलाकात की। खेलों में विशेष रूचि रखने वाले मुख्यमंत्री ने खिलाडिय़ों से काफी गंभीरता से चर्चा की और उनकी बातों को सुना। खिलाडिय़ों ने उनको राष्ट्रीय स्तर पर लगातार मिल रहे पदकों की जानकारी देते हुए कहा कि उनका खेल स्कूली खेलों में शामिल न होने के कारण यहां की टीम राष्ट्रीय चैंपियनशिप में नहीं खेल पा रही है। मुख्यमंत्री ने खिलाडिय़ों को आश्वासन दिया कि खेल को स्कूली खेलों में शामिल करवाने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री से मिलने वाले खिलाडिय़ों में राष्ट्रीय पदक विजेता श्वेता, एश्वेर्य, प्रभाजोत, आस्कर, शिखर, सुप्रिया, सुमन, शरनजीत, अंजली, पूजा, राजदीप सिंग के साथ कोच अखिलेश दुबे शामिल थे। इसके पहले स्कूली शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से भी मिलकर संघ ने अपनी मांग रखी है।
रायपुर की जूडो टीम घोषित
यह जानकारी देते हुए रायपुर जिला जूडो संघ के अध्यक्षल अनीस मेमन ने बताया कि ९वीं राज्य जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा रायगढ़ में किया गया है। इस चैंपियनशिप में शामिल होने वाली रायपुर जिले की टीम की घोषणा यहां की गई। टीम इस प्रकार है: कार्तिका नायर, ऐनी ठाकुर, पायल यादव, किंजल चावड़ा, सोनी साहू, भारती साहू, अंतरा साच्ची, नीलिमा यादव, पिंकी सेन, शक्ति बाघमार, इरफान, दीपक, सतेन्द्र, अमोल, चंदन, निषाद, हितेश परमार, संजय सिंह परमार, राहुल परमार, रविकांत साहू, अकरम अंसारी, गोविंद दीवान, राजेन्द्र साहू, जी. दामोदर, भुवनेश्वर सिंहा, अविनाश और रजत। अधिाकिरयों के रूप में एस. राव, श्वेता यादव, विजय नाग, इलियास नाग, श्रीधर राजा, आशीष यादव और अभय केसरवानी जाएंगे।
शुक्रवार, 19 जून 2009
राजधानी में फुटबॉल स्कूल

शेरा क्रीड़ा समिति की १९७५ में स्थापना करने वाले फुटबॉल खिलाड़ी मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि रायपुर में पिछले ३४ सालों से फुटबॉल के साथ हॉकी को जिंदा रखने वाली इस संस्था ने अब पहले कदम पर फुटबॉल का एक स्कूल राजधानी में खोलने का फैसला किया है। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। सप्रे स्कूल में इसका आगाज १५ अगस्त को किया जाएगा। इस स्कूल में खिलाडिय़ों को डे बोर्डिंग के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्कूल के लिए प्रशिक्षण शिविर से ४५ खिलाडिय़ों का चयन कर लिया है। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि इस समय समिति का सप्रे स्कूल में ८२ दिनों का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। जिसमें १७२ खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन्हीं खिलाडिय़ों में से ४५ खिलाडिय़ों का चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया गया है। चुने गए ज्यादातर खिलाड़ी गरीब तबके के खिलाड़ी हैं। इन सभी खिलाडिय़ों के नामों की घोषणा खेलमंत्री लता उसेंडी से २ जुलाई को शिविर के समापन के दिन करवाई जाएगी।
खिलाडिय़ों को दिलाएंगे गोद - श्री प्रधान ने पूछने पर बताया कि जिन खिलाडिय़ों का चयन किया गया है उनको गोद दिलाने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक खिलाड़ी के पीछे माह में महज ६०० रुपए का खर्च आएगा। इन पैसों के खिलाडिय़ों के लिए सामान और उनके लिए खाने आदि का इंतजाम किया जाएगा। बकौल श्री प्रधान उनकी संस्था का इरादा ४५ ऐसे लोगों को संस्था से जोडऩे का है जो एक-एक खिलाड़ी का खर्च उठा सकें। उन्होंने बताया कि आगे चल कर जिले के १५ विकासखंडों से भी एक-एक खिलाड़ी का चयन किया जाएगा। इनके रहने के साथ शिक्षा का खर्च भी समिति वहन करेगी। खिलाडिय़ों के रहने के लिए समिति का कार्यालय है जहां पर १५ खिलाडिय़ों को रखने की पर्याप्त जगह है। उन्होंने पूछने पर बताया कि स्कूल प्रारंभ करने का मकसद पहले कदम पर राजधानी के साथ रायपुर जिले के खिलाडिय़ों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मैचों में खेलने का मंच देना है। खिलाडिय़ों के लिए प्रशिक्षकों को मानदेय देकर रखा जाएगा।
गुरुवार, 18 जून 2009
भिलाई-रायपुर का वर्चस्व टूटा
प्रदेश में क्रिकेट में एक समय रायपुर और भिलाई की ही तूती बोलती थी। कोई भी चैंपियनशिप हो ऐसा लगता था कि विजेता का ताज इन दोनों में से किसी एक टीम के सिर ही जुड़ेगा। लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है। आज प्रतिस्पर्धा इतनी ज्यादा हो गई है कि छोटे जिलों की टीमें भी कमाल का प्रदर्शन करने लगी हैं। सीनियर वर्ग में भिलाई को मात देकर जहां बिलासपुर ने खिताब जीता था, वहीं रायपुर को सेमीफाइनल में भिलाई से मात खानी पड़ी थी। जूनियर वर्ग अंडर १९ में भी बिलासपुर ने ही खिताब जीता। अब जहां तक अंडर १६ साल की टीम का सवाल है तो इसमें सरगुजा की टीम से बाजी मारी थी। ये सारे परिणाम इस बात को साबित करते हैं कि अब यह बात करना कि रायपुर और भिलाई की टीम में ही अच्छे खिलाड़ी रहते हैं गलत है। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजेश चौहान भी इस बात को मानते हैं कि अब भिलाई और रायपुर की दादागिरी नहीं चलने वाली है। उनका कहना है कि जिस टीम के खिलाड़ी मेहनत करेंगे सफलता उसी को मिलेगी। आज प्रतिस्पर्धा बढ़ गइ है ऐसे में जो मेहनत नहीं करेगा उसका हश्र क्या होगा यह बताने की जरूरत नहीं है। नतीजा सामने है आज बिलासपुर और सरगुजा की टीमें जीत रहीं हैं कल और कहीं की टीमें जीत सकती हैं। रायपुर के खिलाडिय़ों को इस बात का मलाल है कि उनके पास कोई मैदान नहीं है जहां पर अभ्यास किया जा सके। वास्तव में यह राजधानी के लिए दुर्भाग्यजनक है कि राजधानी के खिलाडिय़ों के पास क्रिकेट के लिए भी मैदान की कमी है।
छत्तीसगढ़ को रजत
पांडिचेरी में खेली गई इस चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के महासचिव राजेश पटेल ने बताया कि इस इनामी आमंत्रण चैंपियनशिप के फाइनल में छत्तीसगढ़ का मुकाबला चेन्नई की रेलवे की टीम से हुआ। इस मुकाबले में छत्तीसगढ़ की ७६-९० से हार गई। चेन्नई की टीम में कई अंतरराष्र्ट्रीय खिलाड़ी थी। फाइनल में छत्तीसगढ़ के लिए अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों सीमा सिंह ने १०, एम. पुष्पा ने २०, भारतीय नेताम ने १०, आकांक्षा सिंह ने ८ अंक बनाए। छत्तीसगढ़ ने इससे पहले अपने पूल के मैचों में महाराष्ट्र को ८५-६६, केरला को ६९-४७ एवं तमिलनाडु को ६४-५२ से हराया था। छत्तीसगढ़ को रजत पदक के साथ ६६ हजार रुपए की नगद रशि भी मिली।
टीम की खिलाड़ी इस प्रकार थीं- अंजू लकड़ा, सीमा सिंह, एम. पुष्पा, भारती नेताम, शोषण तिर्की, अरूणा किंडो, कविता. एल. दीपा, मंजीता कौर, निकिता गोदामकर, अनिशा सिंह। टीम के कोच सुखदेव सिंह और मैनेजर राजकुमारी थीं।
बुधवार, 17 जून 2009
अंतर अकादमी चैंपियनशिप की तैयारी
राजधानी रायपुर के साथ ही प्रदेश की सबसे बड़ी अकादमी रियाज अकादमी के कोच विजय नायडु की पहल पर अब प्रदेश में अंतर अकादमी चैंपियनशिप की रूप रेखा तैयार की जा रही है। इसकी पहल यहां पर रियाज अकादमी के प्रशिक्षण शिविर के समापन पर की गई। इस शिविर के समापन में आए भिलाई की चौहान अकादमी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजेश चौहान ने भी इस योजना पर अपनी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि जरूर ऐसी योजना बनाई जाए और हर साल राज्य चैंपियनशिप का आयोजन किया जाए। उन्होंने रियाज अकादमी की इस पहल कास् स्वागत करते हुए रियाज अकादमी को सलाह दी कि वे बाहर के खिलाडिय़ों के लिए एक छात्रावास की व्यवस्था करके अकादमी का बड़े पैमाने पर विस्तार करने का काम करें। उन्होंने इसी के साथ कहा कि अकादमी को दो-तीन स्कूलों के साथ अनुबंध करके अकादमी के खिलाडिय़ों को वहां शिक्षा दिलाने काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज खेल से ज्यादा महत्व पालक पढ़ाई को देते हैं ऐसे में पढ़ाई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। श्री चौहान ने रियाज अकादमी द्वारा एक वेबसाइड बनाने की योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इस वेबसाइट को ऐसा बनाना चाहिए जिसमें प्रदेश की सारी अकादमियां आ जाएँ। उन्होंने सभी अकादमियों को जोड़कर एक बेवसाइड बनाने की सलाह दी। इसी के साथ यह भी कहा कि अकादमियों के बीच अंतर अकादमी चैंपियनशिप बनाने की योजना अच्छी है, इसकी शुरुआत जल्द करनी चाहिए। जितने ज्यादा मैच खेलने के लिए खिलाडिय़ों को मिलेंगे उतना ही खिलाडिय़ों का फायदा होगा। उन्होंने बताया कि वैसे मेरी अकादमी में रियाज अकादमी की टीम पिछले साल मैच खेलने आई थी। उन्होंने कहा कि सभी अकादमियों को आपस में मैच खेलने चाहिए।
इस समय राजधानी रायपुर में ही करीब आधा दर्जन अकादियां हैं। रियाज अकादमी के साथ राजय सिंह परिहार की गुरुकुल अकादमी, जितेन्द्र वेगड़ की छत्तीसगढ़ अकादमी, मो. अनवर की न्यू नेशनल स्पोट्र्स अकादमी, चिंतमणी पद्मवार की ब्लू स्टार स्पोट्र्स अकादमी है। भिलाई के अलावा और कुछ शहरों में अकादमी है। सारी अकादमियों की जानकारी एकत्रित करके इनके बीच एक आयोजन किया जाएगा।
मंगलवार, 16 जून 2009
नजरें सेमीफाइनल पर

राज्य जूनियर बास्केटबॉल में खेलने गई रायपुर की बालिका टीम को इस बार सेमीफाइनल तक पहुंचने का भरोसा है। इस टीम में खेलने वाली आधा दर्जन खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने का अनुभव है। टीम के रवाना होने से पहले खिलाडिय़ों ने उम्मीद जताई कि वे इस बार पिछले साल से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
टीमें इस प्रकार है- बालिका टीम- अमिता मिंज, दीपाली मतेलकर, ज्योति सिंग, फिजा परवीन, अंशु श्रीवास, अंशुल मिश्रा, साधना मरावी, मीनाक्षी, अनमोल, प्रेया शर्मा, ज्योत्सना, कविता शर्मा, ङारना ठाकुर, छोटी ठाकुर, पूजा ठाकुर, श्वेता शर्मा। टीम की कोच फरहत अंजुम, निकिता आडिल हैं।
८४ खिलाड़ी नियमित हुए रियाज अकादमी में
रियाज अकादमी द्वारा इस बार पहली बार दो माह का प्रशिक्षण शिविर लगाया था। इस शिविर में १५० से ज्यादा खिलाड़ी आए। इन खिलाडिय़ों में से ८४ खिलाडिय़ों ने सालाना सदस्य लेकर साल भर अकादमी में बने रहने का मन बनाया और इसके लिए फार्म भरकर प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन जमा भी कर दिए। अकादमी के अध्यक्ष अनिल नजरानी ने बताया कि हमारा लक्ष्य तो प्रशिक्षण शिविर से ५० का चयन करने का था। लेकिन प्रशिक्षण लेने वाले खिलाडिय़ों का मजमा लग गया और १५० से ज्यादा खिलाडिय़ों ने इसमें रूचि दिखाई। इसके बाद जब खिलाडिय़ों से नियमित प्रशिक्षण की चर्चा की गई तो ८४ खिलाड़ी इसके लिए तैयार हुए हैं। उन्होंने बताया कि अब इन खिलाडिय़ों को नियमित प्रशिक्षण देने के लिए बाहर से भी कोच बुला जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस साल अकादमी के लिए एक रोलर मशीन ली गई है। अब बालिंग मशीन लेने की योजना है इसी के साथ एक जिम भी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अकादमी के चेयरमैन गंगाराम शर्मा की मंशा अकादमी को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनाने की है।
सोमवार, 15 जून 2009
राजेश की बातें राजतंत्र में
अनीस आस को दोहरा खिताब

मेडिकल कॉलेज में खेली गई इस चैंपियनशिप में चार वर्गों के मुकाबले हुए। इनमें सब जूनियर वर्ग में अनीस आस ने खिताब जीता। उसने लीग में सबसे ज्यादा मैच जीते। दूसरे नंबर पर संकेत अग्रवाल रहे। जूनियर वर्ग में भी अनीस आस ने खिताब जीता। यहां पर दूसरा स्थान शांतुन अमीन को मिला।
रायपुर की टीमें जांजगीर रवाना

यह जानकारी देते हुए रायपुर जिला बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष अनिल पुसदकर ने बताया कि जांजगीर में १५ से १७ जून तक राज्य जूनियर बास्केटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है। इस चैंपियनशिप में सभी जिलों की बालक और बालिका टीमें भाग लेंगी। रायपुर की टीम को चैंपियनशिप में भेजने से पहले पुलिस मैदान में प्रशिक्षण दिया गया है।
टीमें इस प्रकार है- बालिका टीम- अमिता मिंज, दीपाली मतेलकर, ज्योति सिंग, फिजा परवीन, अंशु श्रीवास, अंशुल मिश्रा, साधना मरावी, मीनाक्षी, अनमोल, प्रेया शर्मा, ज्योत्सना, कविता शर्मा, ङारना ठाकुर, छोटी ठाकुर, पूजा ठाकुर, श्वेता शर्मा। टीम की कोच फरहत अंजुम, निकिता आडिल हैं।
बालक टीम- रिजवान, मो. शफी,करण शुक्ला, हीरा जगत, लंकेश सागर, लोकेश कवर, प्रतीक मिश्रा, भावेश यादव, विक्रम सिंह, मो. पूजेन, दाऊद जकरिया, अब्बास जकरिया, शरद यादव। कोच सुनील सिंग एनं नलिन शर्मा हैं।
रविवार, 14 जून 2009
विश्व भारोत्तोलन में खेलेगा अजय
रोमानिया में १५ से २१ जून तक जूनियर विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है। इस चैंपियनशिप के लिए भारत की टीम में सात बालक और सात बालिका खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। इन चुने गए खिलाडिय़ों को एक माह तक पटियाला के भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षण सेंटर में निखारा गया और पदक जीतने के लिए तैयार किया गया। अब खिलाड़ी पूरी तरह से तैयार होकर रविवार को रोमानिया के लिए रवाना हो रहे हैं। प्रदेश के अजय दीप को पहली बार अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिल रहा है। इसके पहले उनके भाई रूस्तम सारंग न सिर्फ जूनियर विश्व चैंपियनशिप में खेले हैं बल्कि पदक भी जीत चुके हैं। अब अजय से भी उम्मीद की जा रही है कि वे भी अपने भाई की तरह पदक जीतकर आएंगे और अपने राज्य के साथ देश का नाम रौशन करेंगे। प्रदेश के इन दोनों खिलाडिय़ों रूस्तम और अजय दीप को ही ओलंपिक में पदक जीतने का दावेदार माना जा रहा है। भारोत्तोलन से जुड़े खेल विशेषज्ञों का साफ तौर पर कहना है कि अगर इन दोनों खिलाडिय़ों को सुविधाएं दिलाई जाएं तो ये प्रदेश का नाम ओलंपिक में भी कर सकते हैं। इन दोनों खिलाडिय़ों के पिता बुधराम सारंग अपने समय के काफी अच्छे राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं उनको मप्र के विक्रम पुरस्कार भी मिल चुका है। बुधराम अपने पुत्रों को प्रशिक्षण देने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। उनको अंतरराष्ट्रीय पर न खेल पाने का जो मलाल है उसको वे अपने पुत्रों के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं।
विमल-अनीस शीर्ष पर
जिला टेबल टेनिस संघ द्वारा आयोजित समर लीग में शनिवार को खेले गए मुकाबलों में एक बार फिर से विमल नायर का दबदबा रहा। विमल ने जीएल अग्रवाल, हर्षित गुप्ता, पलाश रावलानी और प्रदीप दास गुप्ता को सीधे सेंटों में मात दी। एक मात्र मैच में उनको मोहन आप्टे से हार का सामना करना पड़ा। मोहन आप्टे ने प्रशांत कविश्वर, अनीस आस, शांतुन अमीन और ललित को मात दी। आप्टे को अभी १० मैच और खेलने हैं ऐसे में उनका विजेता बनना तय माना जा रहा है। पुरुष वर्ग में अर्जुन वाधवा तीसरे स्थान पर चल रहे हैं। उनके खाते में १४ अंक हैं। उन्होंने प्रशांत बंसोड़, जीएल अग्रवाल को मात दी जबकि वे प्रदीप दास गुप्ता से हार गए।
जूनियर वर्ग में अनीस आस २४ अंकों के साथ पहले स्थान पर हैं। उन्होंने पलाश को २-१, संकेत अग्रवाल को २-१, शांतुन अमीन को २-०, अथर्व बांधे को २-१, अभय कुटारे को २-० से हराया। इस वर्ग में शांतुन अमीम्न २२ अंकों के साथ दूसरे और संकेत अग्रवाल तीसरे स्थान पर हैं।
पुरस्कार मिले-चेहरे खिले
सप्रे टेबल टेनिस हॉल में रायपुर जिला टेबल टेनिस संघ के साथ खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में खिलाडिय़ों का खेल निखारने के लिए उनके बीच मैच भी करवाए गए। मैचों के लिए खिलाडिय़ों को चार वर्गों में बांटा गया था। पहला वर्ग जो कि कक्षा पांचवीं तक था उसके विजेता शंशाक अहिरराव और उपविजेता जसप्रीत सिंह रहे। दूसरा वर्ग जो कि आठवीं तक था इसके विजेता मनीष पंडा और उपविजेता चिन्तन तन्ना रहे। तीसरे वर्ग में १२ तक के खिलाडिय़ों को रखा गया था। इस वर्ग में प्रभांशु अग्रवाल विजेता और अंकित ननवानी उपविजेता रहे। बालिका वर्ग में सागरिका दास विजेता और सौम्या रायजादा उपविजेता रहीं। प्रशिक्षण शिविर के समापन में विजेता खिलाडिय़ों को पुरस्कार बांटे गए। इसी के साथ शिविर में आए भी खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र भी दिए गए। प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों विनय बैसवाड़े, विजय बैसवाड़े और सौरभ मोदी को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में अमिताभ शुक्ला और इंदरचंद घाड़ीवाल उपस्थित थे।
शनिवार, 13 जून 2009
तलाश कर तराशेंगे प्रतिभाएं

इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की खेल नीति में ही ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने की बात है। ऐसे में प्रतिभा खोज योजना के तहत प्रदेश के हर गांव में प्रतिभाएं तलाशने के लिए विस्तृत योजना बना ली गई है। इस योजना के अंत में राज्य स्तर पर चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना चार चरणों में होगी। पहले चरण में स्कूल स्तर को रखा गया है, इसके बाद विकासखंड स्तर फिर जिला स्तर और अंत में राज्य स्तर है। इस योजना में १० से १४ साल के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि बच्चा किसी खेल से जुड़ा हो, लेकिन उसकी खेलों में रूचि होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जो खिलाड़ी सब जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं उनको सीधे प्रवेश की पात्रता होगी।
स्कूल-विकासखंड में ऐसी होगी प्रक्रिया - खेल संचालक जीपी सिंह ने पूछने पर बताया कि स्कूल स्तर पर प्रतिभाओं के चयन के लिए जिम्मा स्कूलों के प्रधान पाठक को दिया जाएगा। इसके लिए प्रतिभाओं की लंबाई के साथ उनकी तेजी देखने के लिए ५० मीटर की दौड़ करवाई जाएगी। इसमें १० से लेकर १४ वर्ष तक के बच्चों के लिए हर वर्ग में अलग-अलग चयन किया जाएगा। हर वर्ग में बालक और बालिकाओं में पहले तीन स्थानों पर आने वालों का चयन होगा। विकासखंड स्तर पर हर वर्ग में ५-५ बालक-बालिकाओं का चयन किया जाएगा। यहां भी बच्चों की लंबाई के साथ दौड़ में उनकी तेजी देखी जाएगी। विकासखंड स्तर पर चयन का जिम्मा विकासखंड अधिकारियों को दिया जाएगा। स्कूल स्तर पर जहां खेल दिवस के दिन २९ अगस्त को सभी गांवों में प्रतिभा खोज दौड़ का आयोजन किया जाएगा, वहीं विकासखंड स्तर पर चयन गांधी जयंती पर दो अक्टूबर को होगा।
जिला स्तर की प्रक्रिया होगी कड़ी- स्कूल स्तर और विकासखंड स्तर से आने वाले खिलाडिय़ों की प्रतिभाओं को परखने के लिए जिला स्तर पर आयोजन किया जाएगा। हर जिले में यह जिम्मा जिले के खेल अधिकारियों का होगा। यहां पर भी जहां बच्चों की लंबाई को देखा जाएगा, वहीं ५० मीटर की दौड़ के अतिरिक्त क्रिकेट बॉल को फेंकने की प्रतिस्पर्धा होगी। इन तीनों के अंक जोड़कर ही जिनके अंक ज्यादा होंगे उनका चयन किया जाएगा। यहां पर हर वर्ग से ४-४ प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। ये प्रतिभागी ही राज्य स्तर की चयन स्पर्धा में शामिल हो सकेंगे।
राज्य स्तर की चयन प्रक्रिया होगी कठिन- हर जिले से हर वर्ग के जो बच्चे चुनकर आएंगे उनके लिए एक चयन स्पर्धा का आयोजन राजधानी रायपुर में किया जाएगा। दो दिनों की इस प्रतिस्पर्धा में पूरे राज्य से कम से कम ४०० प्रतिभागी शामिल होंगे। इन प्रतिभागियों में से हर वर्ग में ५-५ खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा, यानी कम से कम ५० प्रतियोगियों का अंतिम चयन होगा। यहां पर चयन प्रक्रिया कुछ ज्यादा कठिन होगी। चयन के पहले दिन सबसे पहले लंबाई के बाद प्रतियोगियों का सीना देखा जाएगा कि उनका सीना फूलाने पर कितना होता है। इसके बाद लंबी कूद में प्रतियागियों को परखा जाएगा। यहां पर बास्केटबॉल को बैठकर थ्रो करने की प्रतियोगिता होगी। इसके अलावा ८०० मीटर की दौड़ होगी। यह दौड़ साधारण जूतों के साथ या फिर नंगे पैर होगी। दूसरे दिन खड़े होकर कूदने की प्रतियोगिता के साथ क्रिकेट बॉल थ्रो, ३० मीटर की तेज दौड़ के साथ ही १० मीटर जाना और १० मीटर वापस आने की दौड़ होगी। इन सब मुकाबलों में जिनके ज्यादा होंगे वही पहले पांच स्थानों पर आने वाले प्रतियोगी चुने जाएंगे। यहां पर प्रतियोगियों के चयन के लिए एक चयन समिति बनाई जाएगी। किसी भी स्तर पर शामिल होने वाले प्रतियोगियों के परिजनों से यह लिखवाया जाएगा कि उनका चयन होने पर उनको वे छात्रावास में रहने की अनुमति दे रहे हैं। राज्य स्तर का चयन नवंबर माह में करवाने की योजना है। प्रतियोगियों के चयन के बाद उनकी खेलों में रूचि के हिसाब से उनको प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था खेल विभाग करेगा। इस योजना में हर साल प्रतिभाओं की खोज की जाएगी।
शुक्रवार, 12 जून 2009
अंतिम गांव तक खेल की सुविधाएं पहुंचाएंगे

सुश्री उसेंडी यहां पर नेताजी स्टेडियम में शाम को प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार खेलों के प्रति बहुत गंभीर है प्रदेश के हर गांव को खेलों से जोडऩा चाहती है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द केन्द्र सरकार की एक योजना पाइका के साथ खेलों की सुविधाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपना बजट भी जारी कर दिया है और पहले चरण के सभी जिलों के गांवों को चिंहित करके केन्द्र सरकार के पास भी भेज दिया गया है।
अभ्यास नियमित जारी रखें- प्रशिक्षण शिविर में शामिल दो हजार से ज्यादा बच्चों को संबोधित करते हुए खेलमंत्री ने कहा कि आप लोगों ने २८ दिनों के प्रशिक्षण शिविर में जो कुछ सीखा है उसका अभ्यास नियमित जारी रखेंगे तभी खेलों में सफलता मिल सकेगी। उन्होंने खिलाडिय़ों से सवाल किया कि खेल के लिए क्या जरूरी है, तो खिलाडिय़ों की तरफ से जवाब आया कि अनुशासन और लगन के साथ मेहनत। खेलमंत्री ने कहा कि आप में दृढ़ इच्छाशक्ति है तो आपके लिए कोई भी मंजिल दूर नहीं है। उन्होंने खिलाडिय़ों से कहा कि प्रशिक्षण शिविर के अपने अच्छे औैर बुरे अनुभव उनके साथ खेल संचालक जीपी सिंह को लिखकर जरूर भेजें ताकि इस बार के शिविर में कुछ कमियां रह गई हों तो उनको अगली बार दूर किया जा सके।
शिविरों से ही प्रतिभाएं सामने आएंगी: सिंह- इससे पहले खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि खेल विभाग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन इसलिए करता है क्योंकि इन शिविरों से ही प्रतिभाएं सामने आती हैं। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में ९५०० खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने भी खिलाडिय़ों से आव्हान किया कि उन्होंने प्रशिक्षण शिविरों में जो सीखा है उसका वे नियमित अभ्यास करें।
२१ खेल २०३५ खिलाड़ी- रायपुर के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने शिविरों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राजधानी के साथ चार विकासखंड़ों को मिलकर २१ खेलों का ४२ स्थानों पर प्रशिक्षण शिविर लगाया गया जिसमें २०३५ खिलाडिय़ों ने प्रशिक्षण लिया। शिविरों के लिए खेल विभाग ने एक लाख २० हजार का अनुदान दिया।
सभी खेलों के खिलाड़ी सम्मानित- कार्यक्रम के अंत में सभी खेलों के चुने गए खिलाडिय़ों का सम्मान खेल मंत्री लता उसेंडी ने किया। सम्मानित होने वाले खिलाडिय़ों में फुटबॉल के बंटी बघेल, राजादीप, प्रणय डेकाटे, लतेश्वर यादव, अयाज अहमद, शंभु बाग, निकिता स्विज पन्ना, वंदना ध्रुव। साफ्टबॉल के दयासागर तांड़ी, ज्योति पारख, हितेश साहू, डागर्शी। हैंडबॉल रजनी, प्रीति। हॉकी रूचि बुंदेल, दीपिका नायक, जुनैद अहमद, अरशद। वालीबॉल सांमवी मुलकुले, नितेश गेजम, राकेश, सूरज वर्मा, हेमंत कुमरी। कराते अनुष्का पाठक, ब्लेसी राजन। बैडमिंटन एश्वर्या यदु, अनमोल करकरे। टेबल टेनिस शंशाक अहिराव, रायजादा, संकेत अग्रवाल, नम्रता गुप्ता। नेटबॉल अक्षत पांडे, जोन। एथलेटिक्स उत्कृष्ठ डामेश्वर। बास्केटबॉल कृष्णा नायक, ममता देवांगन, रीना नायक, निशा सिंग, शंशाक कोठारी। टेनीक्वाइट दिलीप पांडे, सुनील यादव। ताइक्वांडो संदीप साहू, राजन टांडी, ममता पाणिग्रही, रीना जंघेल, निखिलेश यादव, रश्मिा साहू, म्यू-थाई आकांक्षा गौते, अंशुल साहू। मुक्केबाजी मो. गुलाम। जंप रोप सुमन जोशी, योगेश। जिम्नास्टिक एकता भोई। वूशू प्रभाष जोशी, भावना वर्मा। कबड्डी हेमलता साहू, सोनल नायक। बास्केटबॉल-नेटबॉल भाटापारा सुमित्रा राजपूत, माधवी बाजपेयी। वालीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल बैकुंठ गौरव वर्मा, माधुरी साहू सिद्धार्थ शर्मा। गरियाबंद के राकेश शुक्ला, नरेश रात्रे कमलेश देवांगन। कसडोल के शैलेन्द्र राव प्रभात एवं गौरी कैवत्र्य शामिल हैं।
जंप रोप का जादू- खिलाड़ी बेकाबू

नेताजी स्टेडियम में संगीत की धुन पर खिलाड़ी रस्सियों से खेल रहे थे मंच पर बैठीं खेल मंत्री लता उसेंडी, खेल संचालक जीपी सिंह के साथ सभी खेलों के पदाधिकारी और करीब २००० खिलाड़ी सांसे थामे खिलाडिय़ों के करतब देख रहे थे। अब तक जंप रोप के बारे में सिर्फ सुनने वाले खिलाडिय़ों को जब इस खेल से रूबरू होने का मौका मिला तो सभी खिलाडिय़ों इसको देखने के लिए बेकाबू हो गए और अपने-अपने स्थानों ेसे उठकर मंच के करीब आ गए।
नेताजी स्टेडियम में २१ खेलों के समापन समारोह में जब नए खेल रस्सी कूद का प्रदर्शन किया गया तो किसी को मालूम नहीं था कि वास्तव में रस्सी के खेल में कैसे-कैसे कमाल दिखाए जा सकते हैं। लेकिन खिलाडिय़ों से अलग-अलग करतब दिखाने का काम किया तो खेलमंत्री,खेल संचालक के साथ सभी खेलों के खिलाड़ी वाह-वाह कर उठे। वैसे भी यह खेल हर खेलों का बेस माना जाता है। किसी भी खेल का ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं होगा जिसने फिटनेस के लिए रस्सी कूदने का सहारा न लिया होगा। लेकिन रस्सी कूदने वाले खिलाड़ी नहीं जानते थे कि रस्सी कूदने में ऐसा भी होता है। सभी खिलाडिय़ों ने कहा कि वास्तव में कमाल का है यह खेल। कोई भी खिलाड़ी इस खेल के करतब से वंचित नहीं होना चाहता था, सभी ने खेल देखने के लिए अपना-अपना स्थान छोड़कर मंच के सामने ही घेरा बना लिया था, सभी खिलाड़ी बड़ी उत्सुकता से खेल देख रहे थे। खेल समाप्त होने पर सभी ने खिलाडिय़ों का सम्माने तालियां बजाकर किया।
बुधवार, 10 जून 2009
एस्ट्रो-टर्फ के लिए साइंस कॉलेज ही उपयुक्त

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह द्वारा राजधानी में एस्ट्रो टर्फ के लिए साइंस कॉलेज मैदान को मंजूरी देने का हॉकी बिरादरी ने एक स्वर में स्वागत करते हुए कहा कि साइंस कॉलेज ही उपयुक्त स्थान है एस्ट्रो टर्फ लगाने के लिए। साइंस कॉलेज के मैदान में पार्किंग से लेकर मैदान के रखरखाव में कोई समस्या आने वाली नहीं है।
प्रदेश के खेल विभाग ने एक नई योजना के तहत राजधानी में नेताजी स्टेडियम और कोटा स्टेडियम में बनने वाले एस्ट्रो टर्फ का स्थान बदल कर साइंस कॉलेज कर दिया है। ऐसा करने के पीछे कारण यह रहा है कि जहां नेताजी स्टेडियम तकनीकी रूप से गलत बना है और छोटा है वहीं कोटा स्टेडियम में जमीन का विवाद चल रहा है, साथ ही रविशंकर विवि उसका उपयोग बीपीएड और एमपीएड के लिए करना चाहता है। ऐसे में खेल विभाग ने साइंस कॉलेज में पड़ी खेल विभाग की ३४ एकड़ जमीन पर ही एस्ट्रो टर्फ लगाने की योजना बनाकर इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह से मंजूरी ले ली है। मुख्यमंत्री की मंजूरी से हॉकी खिलाड़ी काफी खुश हैं। हालांकि कुछ खिलाड़ी नेताजी स्टेडियम में भी एस्ट्रो टर्फ लगाने के पक्ष में हैं, लेकिन सरकार के फैसले का सबने स्वागत ही किया है। हॉकी से बरसों से जुड़े रहने वाली कोच मुश्ताक अली प्रधान के साथ पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी शेख समीर, कोच नजीर अहमद, पूर्व खिलाड़ी नासीर अली, रवि राज पिल्ले, शहनवाज सुल्तान, परवेज शकीलुद्दील, अरूण शर्मा के अलावा एथलेटिक क्लब के सचिव मंसूर अहमद खान का एक स्वर में कहना है कि खेल विभाग का फैसला स्वागत योग्य है। इनका साफ तौर पर कहना है कि जब आज की तारीख में नेताजी स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ नहीं लगा है तो इसका रखरखाव नहीं हो पा रहा है। नगर निगम इस दिशा में ध्यान ही नहीं देता है। स्टेडियम को कभी भी किसी भी आयोजन के लिए दे दिया जाता है, इसको जब मर्जी हो अस्थाई जेल बना दिया जाता है। ऐसे में अगर यहां पर एस्ट्रो टर्फ लगा दिया गया तो फिर क्या गारंटी है कि इसका उपयोग अन्य किसी कार्य के लिए नहीं किया जाएगा। इनका कहना है कि एक तो मैदान की दिशा भी गलत है और मैदान काफी छोटा भी है। ऐसे में साइंस कॉलेज का मैदान ज्यादा उपयुक्त है। इसका चयन किया गया है तो यह बिलकुल सही फैसला है। हॉकी के राष्ट्रीय अंपायर नोमान अकरम हामिद कहते हैं कि साइंस कॉलेज में एस्ट्रो टर्फ लगाने का फैसला सही है, पर नेताजी स्टेडियम को भी इस सुविधा ने वंचित नहीं करना चाहिए। इनका कहना है कि अगर थोड़ी सी मेहनत की जाए तो दिशा को ठीक किया जा सकता है।
महिला खिलाड़ी ज्यादा खुश- साइंस कॉलेज में एस्ट्रो टर्फ लगने की खबर से महिला खिलाड़ी ज्यादा खुश हैं कारण यह कि इनके पास आज तक एक मैदान नहीं है खेलने के लिए अभी महिला खिलाड़ी पुलिस मैदान में अभ्यास करती हैं लेकिन यह मैदान इनको नियमित नहीं मिल पाता है। एनआईएस कोच रश्मि तिर्की के साथ पुलिस मैदान में अभ्यास करने वाली खिलाडिय़ों चन्द्रकांता साहू, ललिता जांगड़े, रूचि बुंदेल, पूजा गिरी, निकिता धनकर, संध्या पाल उषा गिरी, वंदना ध्रुव, अंकिता पांडे, किरण यदु, लता जांगड़े, धनलक्ष्मी आचार्य, गायत्री धनकर ने एक स्वर में कहा साइंस कॉलेज में एस्ट्रो टर्फ लगने के बाद उनकी मैदान की समस्या का अंत हो जाएगा ऐसा उनको लगता है। इन्होंने एक स्वर में कहा कि सरकार का फैसला सही है, हम सब इसका स्वागत करती हैं।
फारूख-सबा बने चैंपियन
गास मेमोरियल मैदान में मंगलवार को खेले गए पुरुष वर्ग के फाइनल में मो। फारूख ने मो. सईद को १७-०, ११-०४ से हराया। इसके पहले सेमीफाइनल में मो. फारूख ने लाखन सोनी को १४-०२, १३-०० से, मो. सईद ने मुजीब को १६-०६, १७-०९ को मात दी। क्वार्टर फाइनल मैचों में फारूख ने केजेपाल को १४-०२, १६-०६ लाखन सोनी ने एतेसाम को २०-०४, १९-०७, मो. मुजीब ने मनीश शर्मा को १६-०३, १४-१३ एवं मो. सईद ने मयंक को २०-०४, १५-०० से मात दी।
महिला वर्ग के फाइनल में सबा जालियवाला ने डिम्पल को २०-०७ एवं २१-०० से मात देकर खिताब जीत लिया। इससे पहले सेमीफाइनल में सबा ने मेघा को २०-०४, २३-०० एवं डिम्पल ने कृतिका को १७-००, १५-०६ से हाराया था। इस चैंपियनशिप में प्री क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाने वाले खिलाड़ी राज्य चैंपियनशिप में खेलेंगे। विजेता खिलाडिय़ों को प्रदेश संघ के महासचिव विजय कुमार ने पुरस्कार बांटे। इस अवसर पर रवि सोनी, माखन लाल एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
मंगलवार, 9 जून 2009
मनोज की राजेश पर धमाकेदार जीत
गास मेमोरियल में प्रारंभ हुई इस चैंपियनशिप में आज खेले गए मुकाबलों में सबसे बड़ा उटलफेर करने का काम मनोज सिंग ने किया। उन्होंने विश्व चैंपियन को मात देने वाले राष्ट्रीय खिलाड़ी राजेश नवानी को सीधे सेटों में १२-९, ९-५ से मात देकर चैंपियनशिप से ही बाहर कर दिया। अन्य मुकाबलों में मो। फारूख ने शिव बघेल को २०-७, १२-४ , लाखन सोनी ने भरत सागरिया को १६-०, १७-३, भागवत ने अशफाक को १०-९, ११-९, कैलाश तांड़ी ने सिद्धार्थ डोंगरे को २३-०, १६-४, सौरभ खांडेकर ने सुरेश यादव को १७-७, २३-१५, सागर शर्मा ने अरूण को १३-८, १०-६ औक दिलशाद ने ओम किरण को २४-७, १६-० से मात दी। पुरुष वर्ग में ८४ और महिला वर्ग में ३६ खिलाड़ी मैदान में हैं। इस चैंपियनशिप के आधार पर ही जिला की टीम बनेगी जो राज्य चैंपियनशिप में खेलेगी। यह चैंपियनशिप १९ एवं २० जून को गास मेमोरियल सेंटर रायपुर में ही होगी।
जिला चैंपियनशिप का उद्घाटन इससे पहले सुबह को राज्य कैरम संघ के उपाध्यक्ष अनिल चोपड़ा, बीजी सक्सेना एवं महासचिव विजय कुमार ने किया। इस अवसर पर माखनलाल ताम्रकार, रवि सोनी, बलदेव मिश्रा एवं रफीक अहमद उपस्थित थे।
लड़कों ने बाजी मारी
शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविर में जूनियर लड़कों का लड़कियों के साथ दोस्ताना मैच करवाया जा रहा है। हर शुक्रवार को होने वाला यह मैच शुक्रवार को न हो पाने के कारण सोमवार को करवाया गया। इस मैच में लड़कों ने चार गोल से बाजी मारी। दो गोल करण और एक-एक बंटी और राकेश ने किया। लड़कियों ने पहले हॉफ के बाद दूसरे हॉफ में जोरदार दिखाया पर कोई गोल नहीं कर सकीं। पिछला मैच लड़कियों ने जीता था, आज के मैच में कुछ अच्छी खिलाडिय़ों के होने के कारण उनको हार का सामना करना पड़ा।
सोमवार, 8 जून 2009
तीन साल बाद रायपुर के तीन खिलाड़ी राष्ट्रीय जूडो चैंपियनशिप में खेलेंगे
रायपुर के जूडो खिलाडिय़ों को एक बार फिर से एनआईएस कोच नरेन्द्र कम्बोज का साथ मिलने से उनका खेल निखरने लगा। अपनी वापसी के चंद महीनों में ही उन्होंने फिर से बालाजी स्कूल में खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया है। उसका नतीजा यह हुआ है कि रायपुर के तीन खिलाडिय़ों रक्षा, अजय तिवारी और अजय राय को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिल गया है। यह चैंपियनशिप ११ जुलाई को इंदौर में होनी है। इसके लिए चुनी गई प्रदेश की टीम में इन तीन सब जूनियर खिलाडिय़ों को भी रखा गया है। श्रीमती कम्बोज ने पूछने पर बताया कि अब उनको उम्मीद है कि फिर से रायपुर के खिलाड़ी उसी तरह से प्रदेश की विभिन्न टीमों में स्थान बनाने में सफल होंगे जिस तरह से तीन साल पहले बनाते थे। उन्होंने बताया कि खेल विभाग द्वारा बालाजी स्कूल में लगाए गए प्रशिक्षण शिविर में इस बार बहुत खिलाड़ी नए आए थे, इनको भी अब रायपुर और प्रदेश की टीमों के लिए तैयार किया जा रहा है।
यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि एनआईएस कोच नरेन्द्र कम्बोज का जब यहां से भोपाल तबादला हो गया था तो यहां के खिलाडिय़ों में निराशा आ गई थी। उनके न रहने के कारण रायपुर के खिलाडिय़ों को प्रदेश की टीम में स्थान ही नहीं मिल पा रहा था, अब फिर से शुरुआत हो गई।
प्रशिक्षण शिविर में निखरे खिलाड़ी आएंगे प्रदेश के काम
रेलवे के मैदान में ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में करीब एक माह तक ५० खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम राष्ट्रीय खिलाड़ी स्वर्ण सिंह कलसी ने किया। शिविर में न सिर्फ खिलाडिय़ों को खेल की जानकारी दी गई, बल्कि उनके खेल को निखारने के लिए उनके मैच भी करवाए गए। अब जबकि रविवार को शिविर का समाप किया तो समापन में २० खिलाडिय़ों को चुना गया जिनके बारे में ऐसा माना जा रहा है कि इनमें आगे चलकर रायपुर की टीम से खेलने की संभावना है। कोच स्वर्ण सिंह कलसी ने बताया कि इन खिलाडिय़ों में कुछ गेंबजाज, बल्लेबाज और आलराउंडर हैं जिनसे उम्मीद है कि वे अच्छे खिलाड़ी हो सकते हैं। इनके खेल को निखारने के लिए इनको फिटनेस पर मेहनत करवाने के साथ बाकी कमजोरियों के बारे में भी लगातार बताया जाएगा। उन्होंने बताया कि ये खिलाड़ी भविष्य में रायपुर की टीम के साथ प्रदेश की टीम के भी काम आएंगे। उन्होंने बताया कि इन खिलाडिय़ों में से जो खिलाड़ी अच्छे होंगे उनको रेलवे की अखिल भारतीय चैंपियनशिप में भी खिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेलवे की इस चैंपियनशिप में चार पेशेवर खिलाड़ी रखने की इजाजत रहती है।
समापन समारोह में राजधानी में चल रहे प्रशिक्षण शिविरों के प्रशिक्षकों को भी बुलाया गया था ताकि उनसे भी खिलाड़ी कुछ सीख सके। समापन में आने वाले प्रशिक्षकों में मुख्य रूप से केएस नायडु, राजेश शाह, सुभाशीष सरकार, चिंतामणी पद्मवार के साथ मुंबई चेम्पस से खेलने वाले रायपुर के खिलाड़ी श्रीधर अय्यर थे। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ से महासचिव राजेश दवे, उपाध्यक्ष राजय सिंह परिहार थे। इनके अलावा वरिष्ठ खिलाड़ी अमृत टांक और विजय नायडु , रेलवे के खेल अधिकारी आरके सिंह भी उपस्थित थे।
रविवार, 7 जून 2009
कुपोषण रैली में राजधानी के खिलाड़ी छाए
प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरे राज्य में शनिवार को कुपोषण रैली का आयोजन किया गया। राजधानी रायपुर की रैली में खिलाडिय़ों ने अपनी भागीदारी देते हुए सबको चौका दिया। वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे द्वारा इस रैली की योजना बनाई गई थी। उन्होंने राजधानी में चलाए जा रहे विभाग के प्रशिक्षण शिविर के सभी खिलाडिय़ों को रैली में शामिल होने का आव्हान किया था। इस समय विभाग का २१ खेलों का शिविर चल रहा है। इन खेलों, फुटबॉल, कराते, हॉकी, वालीबॉल, बास्केटबॉल, मुक्केबाजी, जूडो, जिम्नास्टिक, ताइक्वांडो, जंप रोप, नेटबॉल, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, वूशू, भारोत्तोलन, एथलेटिक्स के आदि खेलों के करीब ८०० खिलाड़ी शाम को नेताजी स्टेडियम में जुटे। इन खिलाडिय़ों के साथ इनके कोच और खेल संघों के पदाधिकारी भी आए। खेल संघों में कैरम संघ और एथलेटिक क्लब के भी पदाधिकारी शामिल हुए। इन सभी को पगड़ी पहनाकर इनका सम्मान किया गया। खिलाडिय़ों की रैली में उनका हौसला बढ़ाने के लिए खेल संचालक जीपी सिंह भी आए।
इसके बाद बाजे-गाजे के साथ यह रैली निकाली गई जो गास मेमोरियल सेंटर पहुंची। वहीं से मुख्य रैली का आयोजन किया गया था। यहां पर रैली के पहुंचते ही एक माहौल बन गया। इसके पहले सभी वहां पर पंडाल में शांत बैठे थे, लेकिन खिलाडिय़ों की रैली के पहुंचते ही सभी में उत्साह आ गया। थोड़ी देर बाद ही अचानक बारिश शुरू हो गई। इसमें भी खिलाडिय़ों का उत्साह कम नहीं हुआ और खिलाड़ी संगीत की धुन पर थिरकते रहे। बारिश बंद होते ही खिलाडिय़ों ने रैली में सबसे सामने मोर्चा संभाल लिया। यह रैली गास मेमोरियल से मेडिकल कॉलेज के सभागृह तक गई जहां पर मुख्य कार्यक्रम होना था।
खेलवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित
खेलवृत्ति के बारे में जानकारी देते हुए खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि जिन खिलाडिय़ों ने १ अप्रैल २००८ से ३१ मार्च २००९ तक किसी भी खेल में राज्य स्तर पर पदक जीते हैं, वे खेलवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। सब जूनियर खिलाडिय़ों को १८००, जूनियर खिलाडिय़ों को २४०० और सीनियर खिलाडिय़ों को ३००० हजार रुपए की खेलवृत्ति दी जाएगी। आवेदन खेल विभाग के जिला कार्यालय नेताजी स्टेडियम में ३० जून तक लिए जाएंगे। खिलाड़ी ३० जून को सीधे खेल भवन में भी जाकर शाम ५ बजे तक आवेदन दे सकते हैं।
शनिवार, 6 जून 2009
जंप रोप-स्केटिंग को स्कूली खेलों में शामिल करवाने की कवायद

प्रदेश में इस समय जंप रोप के साथ स्केटिंग भी काफी लोकप्रिय हो रहा है। जंप रोप में जहां लगातार प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक जीत रहे हैं, वहीं स्केटिंग में भी खिलाडिय़ों की रूचि बढ़ी है। राजधानी में लगे प्रशिक्षण शिविर में १०० से ज्यादा बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसी के साथ जब

नन्हें-मुन्ने भी सीख रहे बास्केटबॉल के गुर
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे २१ खेलों के प्रशिक्षण शिविरों में से बास्केटबॉल का प्रशिक्षण शिविर पुलिस मैदान में चलाया जा रहा है। इस शिविर में ५० से ज्यादा लड़के प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं। प्रशिक्षण लेने वाले खिलाड़ी हर उम्र के हैं। इन छोटे-छोटे खिलाडिय़ों के साथ कई बड़े खिलाड़ी भी प्रशिक्षण ले रहे हैं। ज्यादातर खिलाडिय़ों ने एक स्वर में कहा कि उनको समर कैम्प के बाद भी नियमित खेलना है। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले उमेश सिंह ठाकुर बताते हैं कि यह बास्केटबॉल के लिए काफी अच्छी बात है कि कम उम्र की खिलाड़ी खेलने आ रहे हैं, लेकिन इनको प्रशिक्षण देना आसान नहीं है। बास्केटबॉल लंबे खिलाडिय़ों का खेल माना जाता है, ऐसे में कम उम्र की खिलाडिय़ों के लिए बास्केट करना कठिन है, इसके बाद भी इनको प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने पूछने पर बताया कि खिलाडिय़ों को बास्केटबॉल के बेस के बारे में बताया जा रहा है। खिलाडिय़ों को ड्रिब्लिंग, पासिंग और शूटिंग सिखाई जा रही है। खिलाडिय़ों की टीमें बनाकर उनके बीच मैच भी करवाए जा रहे हैं। खिलाडिय़ों के फिटनेस के लिए जहां मैदान के बाहर एक चक्कर लगाने कहा जाता है, वहीं मैदान के पांच चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्होंने बताया कि शिविर के लिए सारा सामाना खेल विभाग ने दिया है।
खिलाडिय़ों को सम्मानित करेंगी खेल मंत्री

राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि खेल विभाग द्वारा राजधानी में २१ खेलों का प्रशिक्षण शिविर विभिन्न मैदानों में लगाया गया है। इसी के साथ जिले के पांच विकासखंडों में भी कुछ खेलों का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। इन शिविर में १८ सौ खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कई खेलों के खिलाड़ी अब नियमित रूप से प्रशिक्षण लेने के इच्छुक है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर तो सात जून को समाप्त हो जाएँगे। पूर्व में ये शिविर ३१ मई को समाप्त होने थे, पर खिलाडिय़ों की रूचि को देखते हुए शिविरों का समय एक सप्ताह बढ़ाया गया। सात को समापन करना था पर खेल मंत्री के न रहने के कारण समापन समारोह ११ जून को शाम ५ बजे नेताजी स्टेडियम में रखा गया है। इस समारोह में खिलाडिय़ों को खेल मंत्री लता उसेंडी सम्मानित करेंगी।
शुक्रवार, 5 जून 2009
उत्कृष्ट खिलाडिय़ों के जारी होंगे नाम- मिलेगा काम
प्रदेश सरकार ने खिलाडिय़ों को रोजगार देने के लिए उनको उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करके नौकरी देने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत ही ऐसे पात्र खिलाडिय़ों के आवेदन खेल विभाग ने मंगाए थे जो उत्कृष्ट खिलाड़ी बन सकते हैं। प्रदेश के करीब २५० खिलाडिय़ों ने उत्कृष्ट खिलाड़ी होने का दावा करते हुए अपने फार्म करीब ६ माह पहले ही जमा कर दिए थे। पहले विधानसभा चुनाव और बाद में लोकसभा चुनाव के कारण खिलाडिय़ों की सूची ही जारी नहीं हो सकी। मार्च में लोकसभा के लिए आचार संहिता लगने से पहले मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह के निवास में एक मार्च में खिलाडिय़ों के सम्मान समारोह में उत्कृष्ट खिलाडिय़ों की सूजी जारी होने की बात की जा रही थी, पर यह सूची जारी नहीं हो सकी। उस समय खेल मंत्री लता उसेंडी ने कहा भी था कि सूची बन गई है और उसे जल्द जारी कर दिया जाएगा। लेकिन अब तक सूची जारी नहीं हो सकी है। खेल विभाग में सूची के बारे में जानकारी लेने पर संचालक जीपी सिंह ने बताया कि अब इस मामले में उनके विभाग की तरफ से कोई काम बाकी नहीं है। हमारे विभाग का काम सिर्फ इतना था कि आवेदन मंगाकर उनको सामान्य प्रशासन के पास भेजना है। उन्होंने बताया कि जो भी पात्र खिलाड़ी हैं उनके सहित उन सभी नामों को सामान्य प्रशासन के पास भेज दिया गया है जो उत्कृष्ट खिलाड़ी होने का दावा करते हैं। उन्होंने बताया कि अब सूची जारी करने का काम सामान्य प्रशासन का है। उन्होंने बताया कि वैसे वे भी बीच-बीच में सामान्य प्रशासन से इस संदर्भ में बात करते रहते हैं क्योंकि उनके पास भी लगातार खिलाड़ी जानकारी के लिए आते रहते हैं।
कुल मिलाकर अब खिलाडिय़ों को नौकरी मिलने का मामला सामान्य प्रशासन के पास है और वहां से सूची जारी होने के बाद ही खिलाडिय़ों को काम मिल सकेगा। खिलाडिय़ों को सूची के जारी होने का बेताबी से इंतजार है। एक जानकारी के अनुसार पहले चरण में करीब ८० खिलाडिय़ों के नाम जारी होने वाले हैं।
छत्तीसगढ़ ओवरआल चैंपियन बनने के करीब
बेंगलूर में चल रही इस चैंपियनशिप के बारे में जानकारी देते हुए टीम के कोच अनीस मेमन ने बताया कि यहां चल रही चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ ने अब तक १० स्वर्ण पदक जीते हैं। स्वर्ण जीतने वाले खिलाडिय़ों में मयंक शिव, यश सलूजा, पंकज डोंगरे, महेश्वर ठाकुर, सागर नाथ, योगी कुजूर, मुकेश शेंडे, विजय कश्यप, सूरज लाल और महेश साहू शामिल हैं। रजत पदक जीतने वाले नमन जैन, एस. चन्द्र, मुनेश्वर ठाकुर, विद्या भारती, एवं शुभम गरेलवार हैं। कांस्य पदक सुभम ठक्कर, आशीष सिंह और अवीष तालमले ने जीते। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ का अब ओलवर आल चैंपियनशिप बनना तय है। अब तक छत्तीसगढ़ ने ही सबसे ज्यादा पदक जीते हैं। चैंपियनशिप में प्रदेश के ६१ खिलाड़ी खेल रहे हैं।
महंगे खेल बैडमिंटन में भी खिलाडिय़ों की रूचि
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे २१ खेलों के प्रशिक्षण शिविर में एक खेल बैडमिंटन भी शामिल है। इस खेल को सबसे महंगा खेल माना जाता है। लेकिन खिलाडिय़ों का रूङाान इस खेल की तरफ देखते हुए लगता नहीं है कि इस महंगे खेल से खिलाडिय़ों का मोह भंग हो गया है। महंगा खेल होने के बाद भी इस खेल में जिस तरह से फिटनेस अच्छी रहती है उसी को देखते हुए इस खेल की तरफ खिलाड़ी खींचे चले आते हैं। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने काम पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कविता दीक्षित के साथ उनके पति अनुराग दीक्षित कर रहे हैं। करीब ३० बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी खिलाडिय़ों का एक स्वर में कहना है कि वे नियमित खेलना चाहते हैं। वैसे भी सप्रे हॉल में नियमित रूप में प्रशिक्षण चलता रहता है।
रायपुर को दोहरा खिताब
पहली बार नक्सली क्षेत्र बचेली में आयोजित इस चैंपियनशिप में रायपुर नगर की पुरुष टीम ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में स्थान बनाया। रायपुर एवं कोरबा के बीच खेला गया फाइनल मैच काफी रोमांचक और कांटे का रहा। अंतिम समय तक यह समङा में नहीं आ रहा था कि खिताब पर किसका कब्जा होगा। अंत में रायपुर ने २८-२७ से बाजी मारते हुए खिताब जीत लिया। इससे पहले रायपुर ने जहां पहले सेमीफाइनल में जांजगीर को २८-१४ से मात दी, वहीं दूसरे सेमीफाइनल में कोरबा ने छत्तीसगढ़ पुलिस को २९-२६ से हराया।
महिला वर्ग में रायपुर ने फाइनल मुकाबले में भिलाई को १७-१४ से हराया। इससे पहले सेमीफाइनल में रायपुर ने छत्तीसगढ़ पुलिस को २२-१८ एवं भिलाई ने महासमुन्द को ४१-१५ से मात दी। चैंपियनशिप में रायपुर की अन्नु विश्वकर्मा बेस्ट प्लेयर और राकेश ध्रुव बेस्ट केचर घोषित किए गए। अब इस चैंपियनशिप में प्रदर्शन के आधार पर ही प्रदेश की टीम बनेगी जो राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने जाएगी।
राष्ट्रीय कबड्डी संघ का चुनाव सात को- राष्ट्रीय कबड्डी फेडरेशन का चुनाव सात जून को पटना में होगा। इसमें शामिल होने के लिए प्रदेश कबड्डी संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी एवं महासचिव रामबिसाल साहू पांच जून को यहां से रवाना होंगे। चुनाव चार साल के कार्यकाल के लिए होगा।
गुरुवार, 4 जून 2009
रायपुर में साई सेंटर जल्द
राजधानी के बूढ़ापारा तालाब में स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स का काम जहां अंतिम चरण में है, वहीं यहां पर साई का पांच खेलों का प्रशिक्षण केन्द्र भी खोलने की तैयारी चल रही है। इसके लिए खेल विभाग ने प्रयास करके इस मामले को अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। प्रदेश का खेल विभाग खिलाडिय़ों को भारतीय खेल प्राधिकरण से ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दिलाने के प्रयास में लगा है। इसी कड़ी में रायपुर के स्पोट्र्स काम्पलेक्स को भी साई का सेंटर बनाने की तैयारी हो गई है। इस स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में भी कुछ खेलों का सेंटर खोलने के लिए प्रस्ताव साई ने ही दिया था, जिस पर अमल करते हुए खेल विभाग ने इस दिशा में काम किया है। स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स को देने के एवज निगम किराया चाहता था, लेकिन खेल संचालक जीपी सिंह ने इस योजना की पूरी जानकारी निगम आयुक्त को देते हुए उनको इस बात के लिए सहमत कर लिया है कि निगम किराया नहीं मांगेगा। साई सेंटर के लिए साई की जो शर्ते हैं उनके लिए निगम और साई के बीच में एक एमओयू होगा।
एमओयू के लिए साई ने सारे कागज भेज दिए हैं। इन कागजों को खेल विभाग ने निगम को सौंप दिया है। अब जैसे ही निगम इस एमओयू पर हस्ताक्षर कर देगा साई यहां पर अपना सेंटर खोलने का काम तेजी से प्रारंभ कर देगा। स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में वालीबॉल, बास्केटबॉल, भारोत्तोलन, जिम्नास्टिक और कराते के ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे। एमओयू को जल्द करवाने के लिए मंगलवार को खेल संचालक जीपी सिंह ने महापौर सुनील सोनी से भी चर्चा की। उन्होंने इसमें रूचि दिखाते हुए कहा कि एमओयू जल्द कर दिया जाएगा। इधर संपर्क करने पर महापौर ने कहा कि निगम भी चाहता है कि राजधानी में खेलों की ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं हों। ऐसे में अगर स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में साई का सेंटर खुल जाता है तो इससे खिलाडिय़ों को मिलने वाली सुविधाओं में इजाफा होगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि इस मामले को एमआईसी की बैठक में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी उनके पास जैसे की फाइल आएगी इस प्रकरण को निपटा दिया जाएगा।
जीपी सिंह ने बताया कि जैसे ही निगम से एमओयू करने की सूचना मिलेगी साई के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल से अधिकारियों को बुलाकार यहां एमओयू करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु से उनकी बात हो गई है एमओयू होते ही १५ दिनों में साई सेंटर का काम प्रारंभ हो जाएगा।
बुधवार, 3 जून 2009
टीटी के गुर सीख रहे हैं खिलाड़ी

सप्रे टेबल टेनिस हॉल में १० मई से खेल एवं युवा कल्याण विभाग का टेनिस का प्रशिक्षण शिविर चल रहा है। इस शिविर में ३० से ज्यादा बच्चे नए आएं हैं जो टेबल टेनिस में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। प्रशिक्षण लेने के लिए कई छोटे-छोटे बच्चे भी आए हैं। इन खिलाडिय़ों नवजोत सिंह भाटिया, संजना जैन, प्रखर जैन, शंशाक अहीराव, महिला राजिमवाले, रसमीत कौर भाटिया, सौम्या रायजादा, अदिति जाधवानी, कागज खंडेलवाल, अभिषेक श्रीवास्तव, कुशल रस्तोगी, कार्तिक खरे, कुणाल पेढ़कर, संजय खंडेलवाल, नमन बरडिया, तन्य घाटगे, अंतु कृण्णन पिल्ले, सागरिका दास गुप्ता, कुमारी पलक, सौम्या रायजादा का कहना है कि वे पहली बार यहां टेबल टेनिस के गुर सीखने आए हैं और अब चाहते हैं कि उनको नियमित प्रशिक्षण मिले ताकि वे भी अपने राज्य और देश का नाम रौशन कर सकें। सभी खिलाडिय़ों ने पूछने पर बताया कि उनको मशीन से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मशीन के माध्यम से बैकहैंड, फोरहैंड, रिटर्न आदि के गुर सीखाएं जा रहे हैं।
खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले राष्ट्रीय विनय बैसवाड़े ने बताया कि खिलाडिय़ों को खेल के गुर सीखने के साथ ही उनकी फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी के साथ खिलाडिय़ों का खेल परखने के लिए उनके बीच आपस में मैच भी करवाए जा रहे हैं। उन्होंने पूछने पर मशीन के बारे में बताया कि इसमें एक मिनट में ९० बॉल निकलती है।