कामनवेल्थ में जब मंगलवार को दोपहर ६२ किलो भारोत्तोलन में मुकाबले प्रारंभ होंगे, तो समूचे छत्तीसगढ़ के खेल जगत की नजरें अपने चहेते खिलाड़ी रुस्तम सारंग पर होंगी। रुस्तमसे ही पदक की उम्मीद है। रूस्तम का कहना है कि उन्होंने मेहनत तो बहुत की है और पदक की आशा भी है। मुकाबला छह खिलाडिय़ों के बीच होगा।
कामनवेल्थ में तीसरे दिन भारोत्तोलन के मुकाबले होंगे तो इसमें ६२ किलो ग्राम में किस्मत आजमाने के लिए छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी रुस्तम सारंग भी मैदान में उतरेंगे। रुस्तम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुके हैं। पहली बार उन्होंने तासकंद में २००५ में खेली गई यूथ एशियन चैंपियनशिप में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था। इसके बाद २००९ में उन्होंने कामनवेल्थ चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते। यह स्पर्धा मलेशिया में खेली गई। इसके बाद इस साल २०१० में उन्होंने ढाका में खेले गए सैफ खेलों में तीन कांस्य पदक जीते। रुस्तम ने कामनवेल्थ के लिए लगातार कड़ी मेहनत की है। उन्होंने पूछने पर बताया कि उनके ६२ किलो वर्ग में छह खिलाडिय़ों के बीच मुकाबला है। इन खिलाडिय़ों में उनके साथ एक और भारतीय, एक साइब्रेरियन, दो मलेशिया और एक खिलाड़ी श्रीलंका का है। उन्होंने पूछने पर बताया कि साइब्रेरियन खिलाड़ी ही एक ऐसा खिलाड़ी नजर आता है जिनकी वरीयता ऊंची है। इधर रायपुर जिले के भारोत्तोलन संघ के अध्यक्ष रज्जन श्रीवास्तव और सचिव राजेन्द्र सिंह यादव के साथ रुस्तम सारंग के पिता और कोच बुधराम सारंग से राज्य के खेल प्रेमियों से अपील की है कि वे रुस्तम की जीत की दुआ करते हुए उनको अपनी शुभकामनाएं दें।
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