डोपिंग के दोषी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम पुरस्कार के लिए प्रस्ताव करने की गलती मानी
डोपिंग के दोषी खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करने की अपनी गलती मानते हुए प्रदेश भारोत्तोलन संघ के कार्यकारी अध्यक्ष पी. रत्नाकार ने इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने अध्यक्ष को सौंपा है।
पी. रत्नाकार ने संपर्क करने पर बताया कि उन्होंने इस मामले में पूरा दोष अपने पर लेते हुए अध्यक्ष बीवी भदरिया को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि सारे मामले में प्रदेश संघ को कटघरे में खड़ा कर दिया गया है और लगातार सभी को दोषी माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्री मिश्रा का नाम हमने खेल विभाग को भेजा था ऐसे में मैं अपने को पहला दोषी मानता हूं।
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि सिद्धार्थ मिश्रा का नाम शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए प्रस्ताव करने की वजह से ही खेल विभाग ने प्रदेश संघ की मान्यता समाप्त कर दी है। खेल विभाग के नोटिस के जवाब में प्रदेश संघ ने विभाग को जो पत्र भेजा था उस पत्र में संघ ने गलती मानते हुए माफी मांगी थी, लेकिन विभाग ने गलती को क्षमा योग्य न मानते हुए संघ की मान्यता समाप्त कर दी है। इधर विभाग द्वारा संघ के खिलाफ अपराध दर्ज न करवाने जाने की मामला उठाते हुए प्रदेश भारोत्तोलन संघ के महिला विग की पूर्व अध्यक्ष गुरमीत धनई ने राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री डॉ. रमन ङ्क्षसह, खेलमंत्री लता उसेंडी के साथ खेल संचालक जीपी सिंह को एक पत्र लिखकर संघ के खिलाफ अपराध दर्ज करवाने की मांग कुछ दिनों पहले की थी। इस मांग पर ही खेल विभाग ने संघ के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए मामला दुर्ग पुलिस अधीक्षक को भेज दिया है। इससे पहले की दुर्ग पुलिस कोई कार्रवाई करवती, संघ के कार्यकारी अध्यक्ष पी. रत्नाकार ने इस्तीफा दे दिया है।
इधर संघ के कार्यसारी अध्यक्ष के इस्तीफा दिए जाने को अपनी जीत मानते हुए प्रदेश संघ को नए सिरे से बनाने की कवायद में जुटे खिलाडिय़ों का कहना है कि एक के इस्तीफा दिए जाने से क्या होता है, सिद्धार्थ मिश्रा के नाम प्रस्ताव करवाने वाले आवेदन में संघ के ११ पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं, सभी को अपना इस्तीफा देना चाहिए। अगर ये इस्तीफा नहीं देते हैं तो वैसे भी उनको २४ नवंबर को होने वाले चुनाव में हटा दिया जाएगा।
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