रविशंकर विश्वविद्यालय की महिला वालीबॉल टीम के चयन में पक्षपात का आरोप प्रदेश संघ के सचिव मो. अकरम खान ने लगाते हुए इस मामले की शिकायत राज्यपाल शेखर दत्त के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने करने की बात कही है। मो. अकरम खान ने हरिभूमि को बताया कि रविवि की टीम को पहली बार अखिल भारतीय अंतर विवि में खेलने की पात्रता मिली है। इसके लिए चुनी गई रविवि की टीम में बेहतर खिलाडिय़ों को रखा जाना था, ताकि टीम का प्रदर्शन अच्छा होता, लेकिन चयनकर्ताओं की मनमर्जी की वजह से टीम के चयन में पूरी तरह से कोटा सिस्टम चला जिसकी वजह से अच्छी खिलाडिय़ों की अनदेखी हुई है। उन्होंने खुला आरोप लगाया कि रविवि टीम का चयन करने के लिए जिन दो चयनकर्ताओं प्रकाश ठाकुर और रवि धनगर को रखा था उनका वालीबॉल से कोई सरोकार नहीं है। जिनको जिस खेल के बारे में जानकारी ही नहीं है, वे उस खेल के खिलाडिय़ों का क्या चयन करेंगे। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि हमेशा रविवि की टीमों के चयन में उन खेल के विशेषज्ञों को दूर रखकर कॉलेज के क्रीड़ा अधिकारियों को चयनकर्ता बना दिया जाता है, फिर भले उनको उस खेल की जानकारी हो या न हो। इस मामले में रविवि की खेल संचालक रीता वेणुगोपाल का कहना है कि टीम के चयन में किसी तरह का पक्षपात नहीं किया गया है और सही खिलाडिय़ों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि चयनकर्ताओं को वालीबॉल की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हर क्रीड़ा अधिकारी को हर खेल की जानकारी होती है।
रविवि खेल संचालक को भी हटाने की मांग
इस मामले में प्रदेश वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान ने सीधे रविवि की खेल संचालक रीता वेणुगोपाल पर निशाना लगाते हुए कहा कि उनका संघ राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से वालीबॉल टीम के चयन में हुई गड़बड़ी की शिकायत तो करेगा ही साथ ही रविवि में खेलों के जानकार को खेल संचालक बनाने की मांग करेगा। अकरम खान ने बताया कि वालीबॉल टीम के चयन में राज्य की सबसे बेहतर खिलाड़ी माधुरी वर्मा जो कि लिब्ररो की पोजीशन में खेलती हैं, उनका चयन ही नहीं किया गया। एक और खिलाड़ी खुशबू वर्मा को भी पहले टीम में नहीं रखा जा रहा था, विरोध करने पर इस खिलाड़ी को रख लिया गया। उन्होंने कहा कि रविवि की टीम में कुछ ऐसी खिलाडिय़ों को भी रख लिया गया है जो कभी वालीबॉल खेली ही नहीं है। इस सारे मामले में राज्यपाल और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की जाएगी, ताकि भविष्य में रविवि की टीमों के चयन में किसी भी खिलाड़ी के साथ अन्याय न हो सके। उन्होंने कहा कि रविवि की हारती है तो उसकी पूरी जवाबदारी चयनकर्ताओं की होगी।
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