पायका में रायपुर विकासखंड में हो रही विकासखंड स्तरीय स्पर्धाओं में ही रिकॉर्डतोड़ खिलाड़ी आ रहे हैं। आज यह स्थिति तब है जब कि राज्य में सिर्फ ३० प्रतिशत विकासखंडों के खिलाड़ी खेलने आ रहे हैं। आने वाले समय में ऐसा हो जाएगा कि विकासखंड स्तर पर ही पांच दिनों तक आयोजन करना पड़ेगा। रायपुर जिले के ज्यादातर विकासखंडों में स्पर्धाओं का आयोजन हो गया है। अब छुरा में ९ और १० अक्टूबर को जिला स्पर्धा के आयोजन की तैयारी चल रही है।
पायका में इस समय रायपुर जिला पहले नंबर पर चल रहा है। यहां के विकासखंडों में इतने ज्यादा खिलाड़ी आ रहे हैं कि आयोजकों को लगातार परेशानी हो रही है। परेशानी इसलिए हो रही है क्योंकिे खिलाडिय़ों के रहने और खाने के लिए उतने बजट की व्यवस्था ही नहीं है। विकासखंड स्तर पर पांच खेलों का आयोजन होना है और इसके लिए केन्द्र सरकार से पचास हजार का ही बजट मिल रहा है। इतने बजट में आयोजन के साथ खिलाडिय़ों को खाना खिलाना संभव ही नहीं है। वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि पिछले दो दिनों में पांच विकासखंडों में आयोजन हुए हैं। सिमगा और मैनपुर में तो १२-१२ सौ खिलाड़ी आए थे। आरंग और भाटापारा में सात-सात सौ खिलाड़ी और गरियाबंद में ६५ पंचायतों के ५०० खिलाड़ी आए थे। किसी भी विकासखंड में ५०० से कम खिलाड़ी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अगर ५०० खिलाड़ी भी आते हैं तो खिलाडिय़ों को एक दिन का खाना खिलाने के लिए शासन द्वारा तय ५० रुपए के हिसाब के २५ हजार रुपए हो जाते हैं। आयोजन कहीं भी एक दिन में नहीं हो पा रहा है। दो दिनों के आयोजन में खाने पर ही पचास हजार का खर्च हो जा रहा है। जहां पर ५०० से ज्यादा खिलाड़ी आ रहे हैं, वहां ज्यादा परेशानी हो रही है। जो हाल विकासखंड स्तर का है, वही हाल जिला स्तर की स्पर्धाओं का भी है। इसके लिए भी बजट कम हो रहा है। अभी पहले चरण में जिला स्तर की स्पर्धाएं छुरा में हो रही हैं। अगर इसके बाद रायपुर में होने वाले जिला स्तर के दूसरे पड़ाव में बजट नहीं मिला तो यहां का आयोजन खटाई में पड़ सकता है।
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