राज्य के खेल पुरस्कारों के नामों पर मैराथन बैठक के बाद मुहर लग गई है। जूिनयर, सीनियर खिलाड़ियों के साथ प्रशिक्षकों और निर्णायकों को दिए जाने वाले पुरस्कारों के नामों की सूची खेलमंत्री लता उसेंडी के अनुमोदन के बाद घोषित की जाएगी।
राज्य खेल पुरस्कारों के चयन समिति की बैठक खेल सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में मंत्रालय में सुबह को 11 बजे प्रारंभ हुई। लगभग चार घंटे तक चली बैठक में चयन समिति के सदस्यों ने हर वर्ग के पुरस्कारों के दावेदारों का बारिकी से अध्ययन किया। पिछली बार डोपिंग के दोषी खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम तय हो जाने के कारण इस बार ज्यादा सावधानी बरती गई कि किसी अपात्र खिलाड़ी का चयन न हो सके। कुछ नए खेलों के बारे में जानकारी न होने पर दिल्ली फोन करके भारत सरकार के खेल मंत्रालय से पूछा गया कि ये खेल मान्यता प्राप्त है या नहीं। जिन खेल संघों में विवाद की स्थिति बनी हुई है, ऐसे खेल संघों के दावेदारों के नामों पर विचार नहीं किया गया। इस बार भी टीम वर्ग के दावों को किनारे किया गया। पिछले कुछ समय से टीम खेलों में पुरस्कार दिए जाने से विवाद की स्थिति बन रही थी।
जूनियर खिलाड़ियों को दिए जाने वाले शहीद कौशल यादव पुरस्कार में दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी होने के कारण दोनों को संयुक्त रुप से शामिल किया गया जिसके कारण इस वर्ग में पांच के स्थान पर छह नाम तय किए गए हैं। सीनियर वर्ग में दिए जाने वाले शहीद राजीव पांडे पुरस्कार में पांच, शहीद पंकज विक्रम में पांच और खेल विभूति में भी पांच नाम तय किए गए हैं। खेल विभूति में इस बार विश्व कप हॉकी में खेलने वाले विसेंट लकड़ा का नाम भी शामिल किया गया है। खेल विभूति सम्मान इस बार से शहीद वीके चौबे के नाम से दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है। वीर हुनमान सिंह पुरस्कार के लिए एक प्रशिक्षक और एक निर्णायक का नाम तय किया गया है। चयन समिति में पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नीता डुमरे, एनआईएस कोच गजेन्द्र पांडे, खेल विभूति से सम्मानित एलएन पांडे, ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा, साई सेंटर राजनांदगांव के प्रभारी राजेश्वर राव के साथ सामान्य प्रशासन का एक प्रतिनिधि और खेल संचालक जीपी सिंह भी उपस्थित थे।
राज्य खेल पुरस्कारों के चयन समिति की बैठक खेल सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में मंत्रालय में सुबह को 11 बजे प्रारंभ हुई। लगभग चार घंटे तक चली बैठक में चयन समिति के सदस्यों ने हर वर्ग के पुरस्कारों के दावेदारों का बारिकी से अध्ययन किया। पिछली बार डोपिंग के दोषी खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम तय हो जाने के कारण इस बार ज्यादा सावधानी बरती गई कि किसी अपात्र खिलाड़ी का चयन न हो सके। कुछ नए खेलों के बारे में जानकारी न होने पर दिल्ली फोन करके भारत सरकार के खेल मंत्रालय से पूछा गया कि ये खेल मान्यता प्राप्त है या नहीं। जिन खेल संघों में विवाद की स्थिति बनी हुई है, ऐसे खेल संघों के दावेदारों के नामों पर विचार नहीं किया गया। इस बार भी टीम वर्ग के दावों को किनारे किया गया। पिछले कुछ समय से टीम खेलों में पुरस्कार दिए जाने से विवाद की स्थिति बन रही थी।
जूनियर खिलाड़ियों को दिए जाने वाले शहीद कौशल यादव पुरस्कार में दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी होने के कारण दोनों को संयुक्त रुप से शामिल किया गया जिसके कारण इस वर्ग में पांच के स्थान पर छह नाम तय किए गए हैं। सीनियर वर्ग में दिए जाने वाले शहीद राजीव पांडे पुरस्कार में पांच, शहीद पंकज विक्रम में पांच और खेल विभूति में भी पांच नाम तय किए गए हैं। खेल विभूति में इस बार विश्व कप हॉकी में खेलने वाले विसेंट लकड़ा का नाम भी शामिल किया गया है। खेल विभूति सम्मान इस बार से शहीद वीके चौबे के नाम से दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है। वीर हुनमान सिंह पुरस्कार के लिए एक प्रशिक्षक और एक निर्णायक का नाम तय किया गया है। चयन समिति में पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नीता डुमरे, एनआईएस कोच गजेन्द्र पांडे, खेल विभूति से सम्मानित एलएन पांडे, ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा, साई सेंटर राजनांदगांव के प्रभारी राजेश्वर राव के साथ सामान्य प्रशासन का एक प्रतिनिधि और खेल संचालक जीपी सिंह भी उपस्थित थे।
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