साइंस कॉलेज के मैदान में बने खेल विभाग के हास्टल के लिए 13 लाख रुपए की प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है। इन पैसों से बिजली का काम होगा। इंटीरियल के लिए अब तक 6 लाख की मंजूरी नहीं मिल सकी है।
खेल विभाग ने साइंस कॉलेज के मैदान में विभाग को मिली 34 एकड़ जमीन में 100 बिस्तरों का हास्टल बनाया है। इस 2.31 करोड़ की लागत से बने हास्टल में जहां 13 लाख रुपए का बिजली का काम शेष है, वहीं करीब 6 लाख रुपए का इंटीरियल का काम बाकी है। खेलमंत्री लता उसेंडी की मंजूरी के बाद अधोसंरचना मद से विभाग को 13 लाख की राशि मिल गई है। यह राशि एक-दो दिनों में लोक निर्माण विभाग के खाते में हस्तातरित कर दी जाएगी, ताकि बिजली का काम प्रारंभ हो सके। विभागीय सूत्र कहते हैं कि बिजली का ही काम होने से कुछ नहीं होने वाला है, मुख्यरूप से इंटीरियल का काम है जिसमें खिलाड़ियों के कमरों में छोटे-छोटे काम होने हैं, इन कामों के बिना खिलाड़ियों को कमरों में रहना संभव नहीं होगा। इसके लिए राशि मंजूर होने के बाद ही हास्टल पूरा हो सकेगा। इंटीरियल के लिए राशि मंजूर करने का काम भी खेलमंत्री के हाथों में है।
खेल विभाग ने साइंस कॉलेज के मैदान में विभाग को मिली 34 एकड़ जमीन में 100 बिस्तरों का हास्टल बनाया है। इस 2.31 करोड़ की लागत से बने हास्टल में जहां 13 लाख रुपए का बिजली का काम शेष है, वहीं करीब 6 लाख रुपए का इंटीरियल का काम बाकी है। खेलमंत्री लता उसेंडी की मंजूरी के बाद अधोसंरचना मद से विभाग को 13 लाख की राशि मिल गई है। यह राशि एक-दो दिनों में लोक निर्माण विभाग के खाते में हस्तातरित कर दी जाएगी, ताकि बिजली का काम प्रारंभ हो सके। विभागीय सूत्र कहते हैं कि बिजली का ही काम होने से कुछ नहीं होने वाला है, मुख्यरूप से इंटीरियल का काम है जिसमें खिलाड़ियों के कमरों में छोटे-छोटे काम होने हैं, इन कामों के बिना खिलाड़ियों को कमरों में रहना संभव नहीं होगा। इसके लिए राशि मंजूर होने के बाद ही हास्टल पूरा हो सकेगा। इंटीरियल के लिए राशि मंजूर करने का काम भी खेलमंत्री के हाथों में है।
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