राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज में हॉकी का मैदान मिलते ही खिलाड़ियों की भीड़ जुटने लगी है। इस समय 50 बालिकाएं और 70 बालक प्रशिक्षण ले रहे हैं।
रायपुर के हॉकी खिलाड़ी राज्य बनने के एक दशक बाद भी हॉकी मैदान के लिए तरस रहे थे। ऐसे में इन खिलाड़ियों को मैदान की सौगात देने का काम खेल विभाग ने साइंस कॉलेज में किया है। अभी तो यहां पर अस्थाई मैदान ही बनाया गया है, पर इस मैदान पर ही प्रशिक्षण लेने बहुत ज्यादा खिलाड़ी आने लगे हैं। सबसे पहले मैदान पर बालिका खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने का काम एनआईएस प्रशिक्षक रश्मि तिर्की ने किया था। बालिका खिलाड़ियों को खेलते देखकर आस-पास के स्कूलों में पढ़ने वाले बालक खिलाड़ी भी खेलने आने लगे। आज स्थिति यह है कि स्कूली बच्चों के साथ पढ़ाई न भी करने वाले बच्चे प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं। बालकों के कोच राकेश टोपो बताते हैं कि बालक खिलाड़ियों में प्रशिक्षण लेने का एक जुनून है। खिलाड़ियों को शाम के सत्र में चार बजे बुलाया जाता है, लेकिन बहुत से खिलाड़ी दोपहर दो बजे ही आ जाते हैं और खेल भवन से स्टिक और बॉल लाकर खेलने लगते हैं।
श्री टोपो और सुश्री तिर्की ने बताया कि जब मैदान स्थाई बन जाएगा तो प्रशिक्षण लेने आने वाले खिलाड़ियों का ट्रायल करके अच्छे खिलाड़ियों को चुना जाएगा और उनको नियमित रुप से साल भर प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाएगा। इन्होंने बताया कि ज्यादा खिलाड़ी होने से परेशानी तो नहीं है, लेकिन ज्यादा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने से स्तर नहीं पाएगा, यही वजह है कि कुछ समय बाद ट्रायल का आयोजन करेंगे।
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