छत्तीसगढ़ में होने वाले मिनी ओलंपिक में स्कूली खेलों की जिला स्तर पर स्पर्धाएं करवाने का मलतब ही नहीं है। स्कूली खेलों के लिए जिन १२ खेलों का चयन किया गया है, उनकी जिला स्तर की स्पर्धाएं हो चुकी हैं और उनकी टीमें भी बन गई हैं। वैसे तो ज्यादातर खेलों की राज्य स्पर्धाओं का भी आयोजन हो गया है, लेकिन एक बार राज्य स्पर्धाओं का आयोजन करवाया जा सकता है। जिला स्तर पर फिर से स्पर्धाओं के आयोजन से खिलाडिय़ों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी।
मिनी ओलंपिक में स्कूल स्तर की जिला स्तर पर स्पर्धाएं करवाने पर सवाल उठने लगे हैं। खेलों के जानकारों के साथ स्कूली शिक्षा से जुड़े खेल शिक्षकों के साथ अधिकारियों का भी ऐसा मानना है कि जिन खेलों की जिला स्तर पर स्पर्धाओं का आयोजन पहले ही हो चुका है, उनके आयोजन का मतलब है पैसों की बर्बादी। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि एक रायपुर जिले ने ही विकासखंड स्तर से लेकर क्षेत्रीय और जिला स्तर के आयोजन के लिए ४५ लाख का बजट बना दिया है। ऐसा ही बजट अन्य जिले भी बनाएंगे तो एक अनुमान के मुताबिक स्कूली स्तर की जिला स्पर्धाओं में ही पांच करोड़ से ज्यादा का खर्च हो जाएगा। स्कूली शिक्षा विभाग ने जिन १२ खेलों एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हैंडबॉल, वालीबॉल, हॉकी, कबड्डी, खो-खो, बैंडमिंटन, टेबल टेनिस, नेटबॉल, और क्रिकेट का आयोजन करने की योजना बनाई है, वो सभी खेल जिला स्तर के साथ राज्य स्तर पर भी हो चुके हैं।
फुटबॉल संघ से जुड़े मुश्ताक अली प्रधान, कराते संघ के अजय साहू, वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान, सिटी स्पोट्र्स क्लब के जनकराम यादव सहित कई खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ स्कूली शिक्षा से जुड़े खेल शिक्षक साफ कहते हैं कि मिनी ओलंपिक में स्कूली स्तर की स्पर्धा का आयोजन सीधे राज्य स्तर पर करवाया जाना ही ज्यादा ठीक है। इनका कहना है कि स्कूल वर्ग में सात जोन रायपुर जोन के साथ दुर्ग, बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, राजनांदगांव और जशपुर जोन खेलते हैं। इन जोनों की टीमें पहले से ही बनी हुई हैं। उन्हीं टीमों को बुलाकर राज्य स्तर के आयोजन करवा देने चाहिए। फिर से आयोजन करने पर खिलाड़ी तो वहीं खेलेंगे और टीमें भी लगभग वही बनेगी। लेकिन इन आयोजनों से खिलाडिय़ों की पढ़ाई जरूर प्रभावित हो जाएगी।
शिक्षा विभाग बजट देने तैयार नहीं होगा
जिला स्तर पर स्कूली खेलों का जो आयोजन किया जाना है, उसका बजट शिक्षा विभाग को देना है। ऐसे में यह बात तय है कि शिक्षा विभाग से बजट मिलने वाला नहीं है। रायपुर जिले की शिक्षा अधिकारी आर. बाम्बरा का कहना है कि हमारे विभाग के पास बजट नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे स्कूली खेलों का जिला स्तर का आयोजन हो चुका है, फिर से आयोजन करने के लिए विभाग से बजट मिलना संभव नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह ठीक रहेगा कि सीधे राज्य स्पर्धा का आयोजन करवाया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे जोन की टीमों का चयन हो गया है हम अपने जोन की टीमें दे देंगे। जिस तरह से रायपुर जोन की टीमें तैयार हैं, उसी तरह से अन्य जोन की भी टीमें तैयार हैं। इन टीमों को बुलाकार राज्य स्पर्धा का आयोजन ही करवाने की बात हर कोई कर रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें