शनिवार, 6 नवंबर 2010

हर जिले से निकले निशानेबाज

निशानेबाजी में जिस तरह से अब लगातार कई जिलों के खिलाड़ी सामने आने लगे हैं उसके बाद लगने लगा है कि यदि थोड़ा सा और प्रयास निशानेबाजी संघ के साथ खेल विभाग करे तो राज्य के हर जिले से निशानेबाज निकल सकते हैं।
ये बातें माना शूटिंग रेंज में राज्य निशानेबाजी के समापन अवसर पर मुख्यअतिथि डीजीपी विश्वरंजन ने कहीं। उन्होंने कहा कि जब मैं पिछली बार यहां आया था तो मैंने संघ के पदाधिकारियों से कहा था कि इस शूटिंग रेंज का विकास किया जाए और आज इस शूटिंग रेंज को एक नए रूप में देखकर खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ में निशानेबाजी में भी बहुत अच्छे खिलाड़ी निकल सकते हैं जो राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कामनवेल्थ और ओलंपिक में देश के खिलाडिय़ों को निशानेबाजी में मिली सफलता के बाद इस खेल का क्रेज भी बढ़ा है। ऐसे में अब अपने राज्य में थोड़ा सा प्रयास करने की ही जरुरत है। अगर प्रदेश संघ खेल विभाग के साथ मिलकर प्रयास करेगा तो राज्य के हर जिले से निशानेबाज निकल जाएंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत खेल में खिलाड़ी में क्षमता हो और वह मेहनत करे तो उसे आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता है।
इस अवसर पर खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि निशानेबाजी का खेल रायपुर और रायगढ़ तक ही सीमित है इसे राज्य के हर जिले में पहुंचाने की जरुरत है। इसके लिए खेल विभाग से जिस भी तरह की मदद संघ चाहेगा खेल विभाग करने तैयार है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की मेजबानी में ३७वें राष्ट्रीय खेल होने हैं ऐसे में यह जरूरी है कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा निशानेबाज निकले ताकि छत्तीसगढ़ को इस खेल में भी ज्यादा पदक मिल सके।
कोचिंग कैम्प हों: सिसोदिया
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के ओएसडी और निशानेबाज विक्रम सिंह सिसोदिया ने कहा कि उनको लगता है कि अगर निशानेबाजी में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाए तो राज्य को और अच्छे खिलाड़ी मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश संघ ने माना की शूटिंग रेंज को एक नया रूप दे दिया है इससे अब खिलाडिय़ों को खेलने में सुविधा हो रही है। १० मीटर एयर और सेंटर फायर पिस्टल के लिए अब इंडोर हॉल बन गया है।
इनको मिला मावलंकर जाने का मौका
स्पर्धा में खेलने वाले निशानेबाजों में से ११ निशानेबाजों को मावलंकर जाने का मौका मिला है। इन निशानेबाजों में विक्रम सिंह सिसोदिया, ज्योति साहू, रवीन्द्र सेडो, मो. कादिर, देवांश ब्रम्हा, आशीष नाथ, पीके मार्टिन, आनंद गोयल, हिना थापा, सुमी गुहा, विनीत कुमार शामिल हैं। इन खिलाडिय़ों के साथ सभी विजेता खिलाडिय़ों को कार्यक्रम के अंत में डीपीपी ने पदक और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।

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