अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में क्यूरेटर शमीम मिर्जा की टीम विकेट बनाने में जुटी है। यहां पर ग्रीट टॉप और हार्ड का मिलाजुला ऐसा विकेट बनाया जा रहा है जो ऐसा जानदार होगा कि बल्लेबाजों के साथ गेंदबाजों को भी पूरी मदद करेगा। इस विकेट पर एक शानदार मैच होने की संभावना जताई जा रही है। पहला मैच २१ नवंबर को विश्व कप में खेलने वाली कनाडा टीम का छत्तीसगढ़ की टीम के साथ होगा। इन्हीं टीमों के बीच दूसरा वनडे २३ नवंबर को होगा। ये दोनों मैच डे-नाइट होंगे।
कनाडा और छत्तीसगढ़ की टीम के बीच होने वाले तीन वनडे मैचों में से दो मैच राजधानी के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में होने हैं। इन मैचों के लिए विकेट बनाने का काम प्रारंभ हो गया है। विकेट बनाने का जिम्मा शमीम मिर्जा की टीम के पास है। विकेट को ऐसा बनाया जा रहा है कि इस मैच का आनंद लेने आने वाले दर्शकों को बल्ले के कमाल के साथ गेंदों के भी जौहर देखने का मौका मिला। क्यूरेटर शमीम मिर्जा बताते हैं कि विकेट पर कुछ घास रखी जा रही है ताकि गेंदबाजों को भी मदद मिल सके। इसी के साथ विकेट हार्ड भी है। इससे बल्लेबाजों को भी बल्ले चलाने में आसानी होगी। उन्होंने पूछने पर बताया कि हम मैचों के लिए तीन विकेट तैयार कर रहे हैं। स्टेडियम में १० विकेट हैं। तीसरे और पांचवें नंबर के विकेट २१ और २३ नवंबर के मैच के लिए हैं। छठे नंबर का विकेट रिजर्व है। इसका उपयोग जरूरत पडऩे पर किया जाएगा। पहले और आठवें नंबर का विकेट कनाडा टीम को १९ और २० नवंबर को अभ्यास के लिए दिया जा रहा है।
श्री शमीम के साथ सहायक क्यूरेटर राज रंजन ने बताया कि आउटफील्ड को ठीक करने का काम विकेट को ठीक करने के बाद किया जाएगा। हम लोग आउटफील्ड को आकर्षक डिजाइन में बना रहे हैं। विकेट के सामने सीधी पट्टी रहेगी और बाकी में गोल आकार में फील्ड को ऐसा बनाया जाएगा कि देखने वाले देखते रह जाएंगे। इन्होंने बताया कि इनके साथ विकेट को ठीक करने का काम उमेश कुमार बघेल, गौतम चन्द्राकर, चेतन निर्मलकर, जागेश्वर प्रसाद टंडन और जितेन्द्र पाल कर रहे हैं। स्टेडियम की सुरक्षा में लगे ललित कुमार, राहुल विश्वकर्मा और साधुराम आडिल ने बताया कि स्टेडियम की सुरक्षा को देखते हुए स्टेडियम के हर प्रवेश द्वार पर ताले लगा कर रखे गए हैं। बिना सुरक्षा अधिकारी की मंजूरी के किसी को भी स्टेडियम में प्रवेश नहीं दिया जाता है।
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