राजधानी रायपुर में खुलने वाले भारतीय प्राधिकरण के साई सेंटर के लिए अब प्रदेश के खिलाडिय़ों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश का खेल विभाग और साई एक साथ इस प्रयास में लगा है कि छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव के अंतर्गत तीन फरवरी से होने वाले फेडरेशन कप बास्केटबॉल के उद्घाटन अवसर पर साई सेंटर का भी प्रारंभ कर दिया जाए। सेंटर के रास्ते में जो भी बाधाएं थीं, उन्हें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर दूर कर दिया गया है।
राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में साई सेंटर प्रारंभ करने की कवायद पिछले एक साल से चल रही है। इस कवायद को अंतिम रूप दे भी दिया गया था, लेकिन बाद में मालूम हुआ कि नगर निगम को साई की दो शर्तो पर आपति है। पहली शर्त ३० साल की लीज और दूसरी शर्त साई सेंटर के लिए जो भी राशि खर्च करेगा उस राशि का कुछ प्रतिशत निगम तो उस स्थिति में देना पड़ेगा जब साई ३० बाद सेंटर छोडऩे की स्थिति में रहेगा। अगर सेंटर नहीं छोड़ा गया तो निगम को कोई राशि नहीं देनी होगी। इन शर्तों को समङाने के बाद निगम ने अपनी एमआईसी की बैठक में काफी पहले मंजूर कर लिया है। इस मंजूरी के बाद अंतिम मंजूरी के लिए फाइनल नगरीय निकाय मंत्रालय को भेजी गई थी। यह फाइनल पिछले छह माह से वहीं अटकी हुई थी। इस फाइल के बारे में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को जब साई सेंटर भोपाल के आरके नायडू से मालूम हुआ तो उन्होंने इस फाइल को तत्काल निकालने के आदेश दे दिए हैं।
श्री नायडू का कहना है कि हमें जैसे ही नगरीय निकाय से मंजूरी मिलेगी, हमारा काम प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने साई सेंटर को प्रारंभ करने में रूचि दिखाई है, उसके बाद कोई कारण नहीं है कि यह सेंटर जल्द प्रारंभ न हो सके। उन्होंने पूछने पर बताया कि हमारे दिल्ली से मुख्यालय से सेंटर को प्रारंभ करने की मंजूरी मिल चुकी है।
जानकारों का कहना है कि खेल विभाग के साथ साई सेंटर के अधिकारी इस प्रयास में है कि नए साल में जब तीन फरवरी को स्पोट्र्स कॉम्मलेक्स के इंडोर स्टेडियम में फेडरेशन कप बास्केटबॉल का आगाज हो तो उसी अवसर पर साई सेंटर को प्रारंभ करने की घोषणा भी कर दी जाए। इसके लिए पूरी तैयारी चल रही है। खेलमंत्री लता उसेंडी भी इस प्रयास में जुटी है कि जल्द से जल्द नगरीय निकाय से फाइल निकल कर साई के भोपाल कार्यालय में पहुंच जाए।
राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में साई सेंटर प्रारंभ करने की कवायद पिछले एक साल से चल रही है। इस कवायद को अंतिम रूप दे भी दिया गया था, लेकिन बाद में मालूम हुआ कि नगर निगम को साई की दो शर्तो पर आपति है। पहली शर्त ३० साल की लीज और दूसरी शर्त साई सेंटर के लिए जो भी राशि खर्च करेगा उस राशि का कुछ प्रतिशत निगम तो उस स्थिति में देना पड़ेगा जब साई ३० बाद सेंटर छोडऩे की स्थिति में रहेगा। अगर सेंटर नहीं छोड़ा गया तो निगम को कोई राशि नहीं देनी होगी। इन शर्तों को समङाने के बाद निगम ने अपनी एमआईसी की बैठक में काफी पहले मंजूर कर लिया है। इस मंजूरी के बाद अंतिम मंजूरी के लिए फाइनल नगरीय निकाय मंत्रालय को भेजी गई थी। यह फाइनल पिछले छह माह से वहीं अटकी हुई थी। इस फाइल के बारे में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को जब साई सेंटर भोपाल के आरके नायडू से मालूम हुआ तो उन्होंने इस फाइल को तत्काल निकालने के आदेश दे दिए हैं।
श्री नायडू का कहना है कि हमें जैसे ही नगरीय निकाय से मंजूरी मिलेगी, हमारा काम प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने साई सेंटर को प्रारंभ करने में रूचि दिखाई है, उसके बाद कोई कारण नहीं है कि यह सेंटर जल्द प्रारंभ न हो सके। उन्होंने पूछने पर बताया कि हमारे दिल्ली से मुख्यालय से सेंटर को प्रारंभ करने की मंजूरी मिल चुकी है।
जानकारों का कहना है कि खेल विभाग के साथ साई सेंटर के अधिकारी इस प्रयास में है कि नए साल में जब तीन फरवरी को स्पोट्र्स कॉम्मलेक्स के इंडोर स्टेडियम में फेडरेशन कप बास्केटबॉल का आगाज हो तो उसी अवसर पर साई सेंटर को प्रारंभ करने की घोषणा भी कर दी जाए। इसके लिए पूरी तैयारी चल रही है। खेलमंत्री लता उसेंडी भी इस प्रयास में जुटी है कि जल्द से जल्द नगरीय निकाय से फाइल निकल कर साई के भोपाल कार्यालय में पहुंच जाए।
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