छत्तीसगढ़ ओलंपिक में खेलों के महाकुंभ की तैयारी में जुटे खेल विभाग को अब तक एक पैसे का बजट सरकार से नहीं मिला है। इस आयोजन में जिला स्तर के आयोजन में अब महज पांच दिन ही बचे हैं।
खेल विभाग को अब तक बजट न मिलने की बात खेलमंत्री लता उसेंंडी ने खुद बताते हुए कहा कि हमारे विभाग को अब तक कोई बजट नहीं मिला है, लेकिन बजट बहुत जल्द मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट कोई मुद्दा नहीं है। हमारा विभाग काम में जुटा है और इस आयोजन को हम लोग बैटन रिले की तरह की ऐतिहासिक बनाना चाहते हैं।
बेशक खेलमंत्री की मंशा अच्छी है कि मिनी ओलंपिक को भी खेल विभाग बैटन रिले की तरह ऐतिहासिक बनाना चाहता है लेकिन इस बात में भी शक नहीं है कि बजट की स्थिति साफ न होने की वजह से ही जिलों के आयोजन में भी अब तक भ्रम की स्थिति बनी हुई है। खेल विभाग ने जिलों को जो एक खेल लिए २० हजार की राशि देने की बात की जा रही है, उसको लेकर जिलों में परेशानी का माहौल है। भले खेलमंत्री कहती हैं कि जिलों में स्थानीय स्तर पर भी आयोजन के लिए मदद जुटाई जाएगी, लेकिन विभाग का बजट साफ न होने के कारण हर तरफ भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
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