कबड्डी को ओलंपिक में शामिल होने के लिए २०२० के ओलंपिक का इंतजार करना पड़ेगा। अभी विश्व में ३० देश ही इस खेल से जुड़े हैं। जिस दिन ५० देशो में कबड्डी खेला जाने लगेगा यह ओलंपिक में शामिल हो जाएगा। हमारा लक्ष्य २०२० का ओलंपिक है।
ये बातें भारतीय कबड्डी फेडरेशन के सचिव के. जगदीश्वर यादव कहते हैं। उन्होंने बताया कि यह भारत के लिए ऐतिहासिक है कि भारत ने इस बार एशियाड में कबड्डी में दोहरा स्वर्ण जीता। पहली बार ही महिला कबड्डी को शामिल किया गया और हमारी टीम स्वर्ण जीतने में सफल रही। उन्होंने पूछने पर बताया कि १९९० के बीजिंग एशियाड से लगातार भारत की पुरुष टीम लगातार स्वर्ण जीत रही है। श्री यादव ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस समय ३० देश विश्व में इस खेल को खेलते हैं। ओलंपिक में कबड्डी को शामिल होने के लिए यह जरूरी है कि यह खेल ५० देशों में खेला जाए। इसके लिए लगातार अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन के साथ भारतीय फेडरेशन भी यह प्रयास कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा देश इस खेल से जुड़े। भारतीय संघ विदेशी टीमों को अपने कोच भी उपलब्ध करवाने का काम कर रहा है। एशियाड में खेलने आईं ईरान, थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया की टीमों के कोच भारतीय थे।
एक सवाल के जवाब में श्री यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ की टीमों को अब सफलता मिलने लगी है। यहां की सब जूनियर और जूनियर टीमें अच्छी है। छत्तीसगढ़ की बालिका खिलाडिय़ों में ज्यादा दम है। उन्होंने पूछने पर कहा कि अगर छत्तीसगढ़ संघ चाहेगा तो फेडरेशन यहां पर प्रशिक्ष्रण देने राष्ट्रीय कोच भेज सकता है।
ये बातें भारतीय कबड्डी फेडरेशन के सचिव के. जगदीश्वर यादव कहते हैं। उन्होंने बताया कि यह भारत के लिए ऐतिहासिक है कि भारत ने इस बार एशियाड में कबड्डी में दोहरा स्वर्ण जीता। पहली बार ही महिला कबड्डी को शामिल किया गया और हमारी टीम स्वर्ण जीतने में सफल रही। उन्होंने पूछने पर बताया कि १९९० के बीजिंग एशियाड से लगातार भारत की पुरुष टीम लगातार स्वर्ण जीत रही है। श्री यादव ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस समय ३० देश विश्व में इस खेल को खेलते हैं। ओलंपिक में कबड्डी को शामिल होने के लिए यह जरूरी है कि यह खेल ५० देशों में खेला जाए। इसके लिए लगातार अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन के साथ भारतीय फेडरेशन भी यह प्रयास कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा देश इस खेल से जुड़े। भारतीय संघ विदेशी टीमों को अपने कोच भी उपलब्ध करवाने का काम कर रहा है। एशियाड में खेलने आईं ईरान, थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया की टीमों के कोच भारतीय थे।
एक सवाल के जवाब में श्री यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ की टीमों को अब सफलता मिलने लगी है। यहां की सब जूनियर और जूनियर टीमें अच्छी है। छत्तीसगढ़ की बालिका खिलाडिय़ों में ज्यादा दम है। उन्होंने पूछने पर कहा कि अगर छत्तीसगढ़ संघ चाहेगा तो फेडरेशन यहां पर प्रशिक्ष्रण देने राष्ट्रीय कोच भेज सकता है।
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