बारिश की चौतरफा मार के बाद राजधानी के सारे मैदान बदहाल हो गए हैं, लेकिन इसके बाद भी खेल विभाग छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोत्सव ११ दिसंबर से करवाने पर अड़ा है। खेल संघों के पदाधिकारी चाहते हैं कि आयोजन आगे बढ़ाया जाए, लेकिन विभाग मानने तैयार नहीं हैं। खेलमंत्री लता उसेंडी ने गुरुवार को आयोजन का जायजा लेने के लिए सभी खेल मैदानों का निरीक्षण किया और पाया कि मैदानों की हालत खराब है। एक तरफ खेलमंत्री से विभागीय अधिकारी यही कहते रहे कि आयोजन हो जाएगा, तो दूसरी तरफ खेल संघों के पदाधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि मैदानों की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि मौसम साफ होने के बाद भी मैदानों को ठीक होने पर दो से तीन दिन का समय लग जाएगा। इतना सब जानने के बाद भी अंतत: खेलमंत्री ने विभागीय अधिकारियों की बात मानी और आयोजन ११ दिसंबर से ही करने के निर्देश दे दिए हैं।
दो दिन से हो रही बारिश के कहर के बाद छत्तीसगढ़ राज्य खेल महोसत्व के आयोजन पर नजर आ रहे संकट के बादलों के बीच गुरुवार को खेलमंत्री लता उसेंडी खुद राजधानी के मैदानों का जायजा लेने पहुंचीं। उन्होंने सबसे पहले स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में आयोजन के उद्घाटन स्थल का निरीक्षण किया। जैसे ही खेलमंत्री के स्टेडियम में पहुंचने की जानकारी खेल संघों के पदाधिकारियों को लगी तो थोड़ी ही देर में तीरंदाजी संघ के कैलाश मुरारका, वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान और ट्रायथलान संघ के विष्णु श्रीवास्तव भी वहां पहुंच गए। खेलमंत्री ने सबसे पहले खाने के लिए बनाए गए डोम का निरीक्षण किया। इसके बाद उनको स्टेडियम के पीछे का वह स्थान दिखाया गया जहां से खिलाडिय़ों को मार्च पास्ट के लिए अंदर प्रवेश करना है। इसके बाद जब मंत्री मैदान के अंदर पहुंची तो मैदान की हालत देखकर वह भी सोच में पड़ गई कि ऐसे मैदान में कैसे खेल हो सकता है। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि इस मैदान में कौन-कौन से खेल होने हैं। उनको बताया गया कि यहां पर महिला फुटबॉल के साथ हैंडबॉल का आयोजन होना है। मंत्री ने कहा कि इस मैदान में तो इतना ज्यादा पानी है और कीचड़ से मैदान इतना खराब है कि खिलाड़ी फिसल कर गिर जाएंगे। मंत्री को यह कहते हुए संतुष्ट करने का प्रयास अधिकारियों ने किया कि फुटबॉल तो बारिश में भी हो जाता है।
एक तरफ अधिकारी मंत्री को यह समङााने का प्रयास करते रहे कि आज बारिश रूक गई तो मैदान ठीक हो जाएंगे, वहीं खेल संघों के पदाधिकारी लगातार यह कहते रहे कि आयोजन की तिथि बढ़ाने में ही भलाई है। खेल संघों की मांग पर खेल विभाग के अधिकारियों का कहना था आयोजन की तैयारी पर लाखों रुपए खर्च कर दिए गए है। इसी के साथ खिलाडिय़ों के ठहारने के लिए जिन भवनों को लिया गया है, वे भवन बाद में नहीं मिल पाएंगे क्योंकि आगे शादियों का सीजन है।
अपनों के लिए भड़की खेलमंत्री
आउटडोर स्टेडियम में जोनल स्पर्धा के लिए नारायणपुर के खिलाडिय़ों को ठहरा गया है। मंत्री जब खिलाडिय़ों को ठहराने के स्थान को देखने के लिए अंदर गईं तो वहां पर गंदगी देखकर भड़क गईं। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। मंत्री को यह कहते हुए संतुष्ट करने की काशिश की जाने लगी कि खिलाड़ी बाथरुम में तोडफ़ोड़ कर देते जिससे गंदगी हो जाती है। इस पर मंत्री ने भड़कते हुए कहा कि खिलाडिय़ों को विदेशी कमोड देेंगे तो ऐसा ही होगा। ग्रामीण खिलाड़ी जानकारी के अभाव में बार-बार फ्लैश को दबाते हैं जिसके कारण टूट-फूट हो जाती है, कोई खिलाड़ी जानबूङाकर तोडफ़ोड़ नहीं करता है। मंत्री के तेवर देखकर विभाग के अधिकारी खबरा गए थे।
हर मैदान है खराब
खेलमंत्री ने आउटडोर स्टेडियम के बाद पुलिस मैदान का निरीक्षण किया, वहां पर कीचड़ में खिलाड़ी कबड्डी और खो-खो खेल रहे थे। मंत्री ने खिलाडिय़ों से बात की। मंत्री को वालीबॉल मैदान भी दिखाया गया जहां पर पानी भरा था। उनको बताया गया कि यहां मैच संभव नहीं थे, ऐसे में मैदान के पास में मैदान बनाकर मैच करवाए जा रहे हैं। पुलिस मैदान के बाद खेलमंत्री ने साइंस कॉलेज के उस मैदान का भी निरीक्षण किया जहां पर खिलाडिय़ों को १० दिसंबर को आकर पंजीयन करवाने के बाद ठहराए गए स्थानों के लिए रवाना होना है। मंत्री ने रविशंकर विश्वविद्यालय के उन मैदानों का भी निरीक्षण किया जहां पर एथलेटिक्स के साथ और कुछ खेल होने हैं। यहां पर अधिकारी लगातार यही कहते रहे कि मैदान ठीक है और एक दिन भी मौसम खुला तो मैदान ठीक हो जाएंगे।
खराब मौसम में आयोजन पैसों की बर्बादी
पूर्व मंत्री और छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा का कहना है कि ऐसे खराब मौसम में आयोजन के लिए अड़े रहने का मतलब है पैसों की बर्बादी। उन्होंने कहा तिथि को आगे बढ़ाने में क्या परेशानी है। इधर तीरंदाजी संघ के कैलाश मुरारका का कहना है कि हम लोगों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आग्रह किया था कि आयोजन की तिथि बढ़ाई जाए क्योंकि ऐसे मौसम में खेल संभव नहीं है। लेकिन खेल विभाग कोई बात सुनने तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तो आयोजन की तैयारी में कुछ ही लाख बर्बाद हुए हैं, लेकिन उद्घाटन के दिन बारिश हो गई और सारी टीमें आ गईं तब सरकार के कितने पैसों की बर्बादी होगी। उन्होंने कहा कि आयोजन की तिथि आगे बढ़ानी चाहिए। ऐसे मौसम में किसी भी कीमत पर खेल संभव नहीं है।
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