हॉकी इंडिया के सामने छत्तीसगढ़ ने जो राष्ट्रीय सब जूनियर हॉकी की मेजबानी का दावा किया है, उस पर फैसला अब 31 मई को होने वाली बैठक में होगा। छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड और हैदराबाद ने भी मेजबानी मांगी है। छत्तीसगढ़ का दावा एस्ट्रो टर्फ की कमी के कारण कुछ कमजोर है, लेकिन सब जूनियर स्पर्धा के लिए एस्ट्रो टर्फ जरूरी नहीं होता है।
दिल्ली में हुई बैठक में शामिल होकर लौटे हॉकी छत्तीसगढ़ के सचिव फिरोज अंसारी ने बताया कि बैठक में हमने तयशुदा कार्यक्रम के तहत सब जूनियर चैंपियनशिप की मेजबानी का दावा किया। हमारे दावे का कुछ राज्यों ने यह कहते हुए समर्थन नहीं किया कि छत्तीसगढ़ में एक भी एस्ट्रो टर्फ नहीं है। वैसे सब जूनियर स्पर्धा के लिए एस्ट्रो टर्फ की अनिवार्यता नहीं है, लेकिन छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड और हैदराबाद ने भी मेजबानी मांगी है। श्री अंसारी ने बताया कि हैदराबाद दो बार मेजबानी लेने के बाद आयोजन नहीं करवा सका है, ऐसे में वह अब आयोजन करवाने के लिए ज्यादा उत्सुक है। इधर झारखंड में राष्ट्रीय खेलों के बाद मैदानों की कमी नहीं है। ऐसे में झारखंड चाहता है कि उसको मेजबानी मिल जाए।
हॉकी इंडिया की कार्यकारिणी ने तीन दावेदार होने के कारण अभी फैसला सुरक्षित रखा है और कहा है कि 31 मई की बैठक में मेजबानी तय की जाएगी। श्री अंसारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की मेजबानी की हमेशा सराहना हुई है और यहां के आयोजन के बारे में सभी राज्य जानते हैं, ऐसे में उम्मीद है कि एस्ट्रो टर्फ न होने के बाद भी हमें मेजबानी मिल सकती है। अगर हमारे हाथ से एस्ट्रो टर्फ की कमी के कारण मेजबानी जाती है तो यह राज्य का दुर्भाग्य होगा।
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