अपने गांवों से खिलाड़ियों निकालने के लिए यह जरूरी है कि हर गांव के क्रीड़ाश्री अपनी सुविधा के मुताबिक सुबह या फिर शाम के समय मैदान में एक घंटे का समय दें।
ये बातें तीन विकासखंडों आरंग, अभनपुर और धरसीवां के क्रीड़ाश्री की बैठक में राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने कहीं। उन्होंने कहा कि सभी क्रीड़ाश्री को विभाग ने प्रशिक्षण देकर तैयार कर दिया है और अब क्रीड़ाश्री का काम है कि वे अपने गांवों से खिलाड़ी निकालने के लिए मैदान में अनिवार्य रूप से रहें। इसके लिए सभी तय कर लें कि उनको नियमित रूप से एक घंटे का समय देना ही है। बैठक में बताया गया कि हर गांव में खेल सामान के लिए जिला पंचायतों को राशि दे दी गई है। इसी के साथ गांवों में मैदान बनाने या फिर जिम लगाने के लिए एक-एक लाख की राशि भी दी गई है। किस गांव में इस राशि का उपयोग किसके लिए करना है, यह क्रीड़ाश्री को देखना है। अगर गांव में में जिम लगाया जाना है तो इसके लिए स्थान भी जरूरी है।
श्री डेकाटे ने बैठक के बाद बताया कि वे रायपुर जिले के सभी 15 विकासखंडों का दौरा करके बैठक ले रहे हैं। यह तीसरे चरण की बैठक थी। अब अंतिम चरण में 14 मई को कसडोल में बैठक होगी। इसमें कसडोल के साथ पलारी और बिलाईगढ़ विकासखंड के क्रीड़ाश्री शामिल होंगे
ये बातें तीन विकासखंडों आरंग, अभनपुर और धरसीवां के क्रीड़ाश्री की बैठक में राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने कहीं। उन्होंने कहा कि सभी क्रीड़ाश्री को विभाग ने प्रशिक्षण देकर तैयार कर दिया है और अब क्रीड़ाश्री का काम है कि वे अपने गांवों से खिलाड़ी निकालने के लिए मैदान में अनिवार्य रूप से रहें। इसके लिए सभी तय कर लें कि उनको नियमित रूप से एक घंटे का समय देना ही है। बैठक में बताया गया कि हर गांव में खेल सामान के लिए जिला पंचायतों को राशि दे दी गई है। इसी के साथ गांवों में मैदान बनाने या फिर जिम लगाने के लिए एक-एक लाख की राशि भी दी गई है। किस गांव में इस राशि का उपयोग किसके लिए करना है, यह क्रीड़ाश्री को देखना है। अगर गांव में में जिम लगाया जाना है तो इसके लिए स्थान भी जरूरी है।
श्री डेकाटे ने बैठक के बाद बताया कि वे रायपुर जिले के सभी 15 विकासखंडों का दौरा करके बैठक ले रहे हैं। यह तीसरे चरण की बैठक थी। अब अंतिम चरण में 14 मई को कसडोल में बैठक होगी। इसमें कसडोल के साथ पलारी और बिलाईगढ़ विकासखंड के क्रीड़ाश्री शामिल होंगे
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