प्रदेश के खेल विभाग ने राज्य के खिलाड़ियों को तराशने के लिए कई स्थानों पर प्रशिक्षण शिविर लगाकर प्रशिक्षकों को सीधे सामान देने का फैसला किया है। इससे खिलाड़ियों को भी सीधे लाभ मिल सकेगा। वैसे विभाग हर जिले में अलग से प्रशिक्षण शिविर भी लगाता है जो पहले की तरह ही जारी रहेंगे।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए विभाग अलग-अलग तरह की योजनाएं बनाकर खिलाड़ियों को तराशने के प्रयास में है। पहली बार राज्य के प्रशिक्षकों की बैठक पिछले माह ली गई थी। इस बैठक में राज्य के 40 प्रशिक्षक शामिल हुए थे। अब विभाग ने इन्हीं प्रशिक्षकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके उनसे पूछा है कि वे खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए क्या सामान चाहते हैं। खेल संचालक कहते हैं कि इन प्रशिक्षकों को जितने सामान की जरूरत होगी, खेल विभाग देगा। वे कहते हैं कि अगर एक प्रशिक्षक को दस से बीस हजार के भी सामान देने पड़े तो दिए जाएंगे। श्री सिंह कहते हैं कि अगर कुछ लाख खर्च करके दो से तीन दर्जन अच्छे खिलाड़ी राज्य को मिल जाते हैं तो यह एक उपलब्धि होगी। उन्होंने पूछने पर बताया कि विभाग जिलों में जो ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर लगाता है उनको जारी रखा जाएगा। खेल संचालक ने बताया कि शिविरों के लिए जिलों को राशि भी भेजी जा चुकी है।
श्री सिंह ने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि जिन क्षेत्रों में प्रशिक्षक हैं, उनको अगर वहीं पर सुविधाएं दिला दी जाएं तो जरूर वे और ज्यादा लगन से काम करके अच्छे खिलाड़ी तैयार कर सकते हैं। इसी के साथ ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को प्रशिक्षण के लिए यहां तक आने की भी जरूरत नहीं होगी।
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