प्रदेश के खेल विभाग और खेल संघों के संयुक्त तत्वावधान में होनी वाली राज्य स्पर्धाओं पर रोक लग गई है। अब खेल विभाग इस प्रयास में है कि जिन खेलों को उद्योगों ने गोद लिया है, उन खेलों का आयोजन संघ उन उद्योगों के साथ मिलकर करे।
पिछले पांच साल से खेल विभाग सब जूनियर और जूनियर वर्ग की राज्य स्पर्धाओं का आयोजन खेल संघों के साथ मिलकर कर रहा था, लेकिन इस साल आयोजन पर वित्त विभाग ने रोक लगा दी। वित्त विभाग के पास जब यह मामला गया तो उन्होंने इसके नियमों की जानकारी मांगी, विभाग में ऐसा कोई नियम न होने पर इस तरह के आयोजन पर वित्त विभाग ने रोक लगा दी।
संयुक्त आयोजन पर रोक लगने से खेल संघ परेशान हैं। ऐसे में खेल संचालक जीपी सिंह ने संघों को राहत देने के लिए एक रास्ता यह सुझाया है कि संघ उन उद्योगों के साथ मिलकर आयोजन करें जिन उद्योगों ने खेलों को गोद लिया है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर 6 मार्च को प्रदेश के 32 खेलों को उद्योगों ने गोद लिया है। बड़े उद्योगों से संघों को 40 से 50 लाख और छोटे उद्योगों से 25 से 30 लाख की राशि हर साल दिलाई जाएगी।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि विभाग प्रयास करेगा कि उद्योग खेल संघों के साथ आयोजन करे। उन्होंने पूछने पर बताया कि पूर्व की तरह खेल संघों को राज्य स्पर्धाओं के आयोजन के लिए 50 हजार की राशि मिलती रहेगी, इसी के साथ जिले की टीमों को आने-जाने का खर्च भी विभाग देता रहेगा।
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