मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के स्क्वैश संघ को गोद लेने वाले उद्योग से मदद ही नहीं मिल रही है। संघ के 38 लाख की योजना बनाकर भी दे ेदी है, लेकिन इसके बाद भी संघ को पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की पहल पर ही राज्य के 33 खेल संघों को उद्योगों ने 13 मार्च को गोद लिया था, लेकिन अब तक दो ही संघों को मदद मिल सकी है।
प्रदेश स्क्वैश संघ को गोद लेने वाले उद्योग वंदना ग्रुप को संघ ने 38 लाख 15 हजार सात सौ रुपए की योजना बनाकर प्रस्ताव दिया है। इस योजना में प्रशिक्षण के लिए बाहर से लेवल वन प्रशिक्षक बुलाए जाने के साथ खिलाड़ियों को दिए जाने वाले सामान और स्पर्धाओं के आयोजन की योजना है। प्रस्ताव को संघ ने खेल विभाग के माध्यम से वंदना ग्रुप के पास भेजने के साथ संघ के पदाधिकारी लगातार बात कर रहे हैं, लेकिन कोई भी नतीजा सामने नहीं आ रहा है। संघ को मदद न मिलने से संघ के पदाधिकारियों के साथ स्क्वैश के खिलाड़ी भी निराश हैं।
छत्तीसगढ़ में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए ही मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के छोटे और बड़े उद्योगों को खेल संघों को हर साल एक तयशुदा राशि देने के लिए बैठक में सहमत किया था। इस सहमति के बाद खेल विभाग ने तय किया था कि हर खेल संघों को गोद लेने वाले उद्योगों का एक प्रतिनिधि संघ में उपाध्यक्ष के रूप में रखना होगा और पूरी योजना बनाकर देनी होगी। एक तरफ बहुत कम खेल संघों ने योजना दी है, तो दूसरी तरफ उद्योग भी चुप बैठे हुए हैं। अब तक सिर्फ तैराकी और वालीबॉल संघ को ही मदद मिली है। तैराकी संघ को भिलाई स्टील प्लांट से 15 लाख और वालीबॉल संघ को हीरा ग्रुप से पांच लाख की राशि मिली है।
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