प्रदेश के खेल पुरस्कारों के नियम में संशोधन की कवायद खेल विभाग ने प्रारंभ कर दी है। विभाग केन्द्रीय खेल मंत्रालय के साथ भारतीय ओलंपिक संघ से मान्यता प्राप्त खेल संघों की जानकारी जुटाने में लगा है। जानकारी जुटाने के बाद मान्यता प्राप्त खेल संघों के खिलाड़ियों को ही पुरस्कार का पात्र माना जाएगा, ऐसे नियम बनेंगे।
प्रदेश के खेल पुरस्कारों को लेकर लगातार विवाद सामने आ रहे हैं। इस साल के पुरस्कार में पावरलिफ्टिंग के कोच को पुरस्कार दिए जाने के बाद संघ ने विवाद खड़ा कर दिया। जिस संघ ने पहले कोच के नाम की अनुशंसा की थी, उसी ने अनुशंसा वापस लेने का पत्र विभाग को लिखा। विभाग ने हालांकि इस पत्र को नहीं माना क्योंकि पत्र में दिए गए तथ्यों में दम नहीं था। इस विवाद से सबक लेते हुए खेल विभाग ने अब पुरस्कार नियमों में संशोधन का मन बनाया है। विभाग ने इसके लिए तय किया है कि केन्द्रीय खेल मंत्रालय से ही जिन खेलों को मान्यता प्राप्त है, उन्हीं खेलों के खिलाड़ियों को पुरस्कार का पात्र माना जाएगा। वैसे विभाग ओलंपिक संघ से मान्यता प्राप्त खेल संघों की भी जानकारी जुटा रहा है। इसी के साथ ऐसा कुछ किया जाएगा जिससे विवाद की स्थिति न बने।
भारतीय ओलंपिक संघ की वेबसाइड में जहां 34 खेलों को मान्यता है, वहीं केन्द्रीय खेल मंत्रालय की वेबसाइड में भारतीय ओलंपिक संघ और स्कूल फेडरेशन आॅफ इंडिया सहित कुल 64 खेल संघों को मान्यता प्राप्त है। केन्द्रीय मंत्रालय की वेबसाइड में जिन खेलों को मान्यता प्राप्त है, उन खेलों में से छत्तीसगढ़ में 43 खेल खेले जाते हैं। छत्तीसगढ़ में कई खेल ऐसे हैं जो खेले जाते हैं, पर उन खेलों को भारत सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं है, ऐसे खेलों म्यूथाई, थांग-ता, जंप रोप, साफ्ट टेनिस, रग्बी, टेनिस फुटबॉल शामिल हैं।
अच्छे नियम बनाएंगे: खेल संचालक
खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि खिलाड़ियों को फायदा पहुंचाने वाले नियम बनाने की कवायद चल रही है, इसके लिए परीक्षण किया जा रहा है कि कौन से नियम अच्छे हो सकते हैं। भारत सरकार के नियमों के साथ दूसरे राज्यों के नियमों को भी देखा जा रहा है।
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