एक लाख की इनामी राशि राज्य मैराथन को अब खेल विभाग 42.197 किलो मीटर करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए विशेषज्ञों से चर्चा करने खेल भवन में गुरुवार को एक बैठक का आयोजन सुबह 11 बजे किया गया है।
प्रदेश का खेल विभाग 2001 से ब्लाक से लेकर राज्य स्तर तक मैराथन का आयोजन कर रहा है। 2003 में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गृहनगर कवर्धा में जब मैराथन का आयोजन किया गया तो मुख्यमंत्री ने मैराथन विजेता के लिए एक लाख की इनामी राशि देने की घोषणा कर दी। तब से राज्य के महिला और पुरुष विजेता को एक लाख की इनाम राशि मिलती है। इसी के साथ टॉप 10 खिलाड़ियों को भी नकद पुरस्कार दिया जाता है। अब तक राज्य मैराथन में पुरुषों के लिए 30 किलो मीटर और महिलाओं के लिए 20 किलो मीटर की दूरी रहती है। जिला स्तर पर यह दूरी 20 और 10 किलो मीटर और ब्लाक स्तर पर 10 और पांच किलो मीटर है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 42.197 किलो मीटर की मैराथन होती है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में एक दशक से मैराथन होने के बाद भी राज्य का कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेलने नहीं जा सका है। खेल विभाग ने अब इस दिशा में गंभीरता से सोचते हुए राज्य मैराथन की दूरी बढ़ाने का फैसला किया है। इस फैसले को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों से चर्चा की जाएगी। खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि कोई भी फैसला करने से पहले मैराथन से जुड़े लोगों के भी विचार जाने जाएंगे ताकि किसी को शिकायत न रहे। श्री सिंह ने बताया कि कई बार विभाग के सामने खेलों के विशेषज्ञ मैराथन की दूरी बढ़ाने की बात कह चुके हैं।
प्रदेश का खेल विभाग 2001 से ब्लाक से लेकर राज्य स्तर तक मैराथन का आयोजन कर रहा है। 2003 में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गृहनगर कवर्धा में जब मैराथन का आयोजन किया गया तो मुख्यमंत्री ने मैराथन विजेता के लिए एक लाख की इनामी राशि देने की घोषणा कर दी। तब से राज्य के महिला और पुरुष विजेता को एक लाख की इनाम राशि मिलती है। इसी के साथ टॉप 10 खिलाड़ियों को भी नकद पुरस्कार दिया जाता है। अब तक राज्य मैराथन में पुरुषों के लिए 30 किलो मीटर और महिलाओं के लिए 20 किलो मीटर की दूरी रहती है। जिला स्तर पर यह दूरी 20 और 10 किलो मीटर और ब्लाक स्तर पर 10 और पांच किलो मीटर है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 42.197 किलो मीटर की मैराथन होती है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में एक दशक से मैराथन होने के बाद भी राज्य का कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेलने नहीं जा सका है। खेल विभाग ने अब इस दिशा में गंभीरता से सोचते हुए राज्य मैराथन की दूरी बढ़ाने का फैसला किया है। इस फैसले को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों से चर्चा की जाएगी। खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि कोई भी फैसला करने से पहले मैराथन से जुड़े लोगों के भी विचार जाने जाएंगे ताकि किसी को शिकायत न रहे। श्री सिंह ने बताया कि कई बार विभाग के सामने खेलों के विशेषज्ञ मैराथन की दूरी बढ़ाने की बात कह चुके हैं।
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