राष्ट्रीय निशानेबाजी की पहली सीढ़ी मावलंकर का टिकट पाने के इरादे से प्रदेश के 170 निशानेबाज राज्य स्पर्धा में किस्मत आजमाने माना शूटिंग रेंज में जुटे हैं। पहले दिन उद्घाटन के बाद खिलाड़ियों ने अभ्यास किया। बुधवार से मुकाबले प्रारंभ होंगे।
प्रदेश संघ ने 10वीं राज्य निशानेबाजी का आयोजन माना की नई शूटिंग रेंज में किया है। इस रेंज का निर्माण करीब 50 लाख की लागत से जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की मदद से किया गया है। स्पर्धा में जूनियर, सीनियर महिला पुरुष वर्ग के खिलाड़ियों के बीच मुकाबला होना है। स्पर्धा का उद्घाटन करते हुए वन विभाग के मुख्य वन सरंक्षक मुदित कुमार सिंह ने कहा कि यह राज्य के खिलाड़ियों का सौभाग्य है कि उनको इतनी अच्छी शूटिंग रेंज जिंदल कंपनी ने उपलब्ध कराई है। अब यह रेंज मिल गई है तो इसके रखरखाव पर विशेष ध्यान देना होगा। सुविधाएं जुटा तो ली जाती हैं, पर इसका रखरखाव न होने से ही सुविधाएं खराब हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि निशानेबाजी का खेल एकाग्रता का खेल है। पहली गोली ही चलाने में झिझक होती है इसके बाद सब सामान्य हो जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आर्मी के कमांडर आरपी सिंह ने कहा कि मुझे यहां पर लगा था कि यह पुलिस की रेंज होगी, लेकिन जब मालूम हुआ कि इसका निर्माण प्रदेश संघ ने कराया है, तो सुखद आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा कि आर्मी ने ही देश को राजवर्धन सिंह राठौर जैसा ओलंपियन दिया है। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि श्री राठौर को अपना आदर्श मानकर खेले आपको सफलता जरूर मिलेगी।
प्रदेश संघ के सामान्य सचिव राकेश गुप्ता ने बताया कि जिंदल स्टील प्लांट की मदद से ही राज्य में निशानेबाजी का खेल आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश के खिलाड़ियों को किसी भी स्तर पर खेलने भेजने के लिए संघ हमेशा तैयार रहता है।
सचिव और कोच दुर्गेश वशिष्ठ ने बताया कि स्पर्धा में पहले दिन खिलाड़ियों ने शाम तक अभ्यास किया। अब बुधवार को पुरुष वर्ग में एयर पिस्टल, महिला और जूनियर वर्ग में स्पोर्ट्स पिस्टल के साथ एयर रायफल और 50 मीटर रायफल के मुकाबले होंगे।
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