छत्तीसगढ़ को ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। छत्तीसगढ़ के हर खिलाड़ी के लिए अब सबसे पहला लक्ष्य अपनी मेजबानी में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने का होना चाहिए। इसी के साथ कामनवेल्थ की बैटन छत्तीसगढ़ में आए तो सभी खिलाडिय़ों को इस मौके का फायदा उठाते हुए इसमें शामिल होना चाहिए। ऐसा मौका जिंदगी में खिलाड़ी को एक बार ही मिलता है।
ये बातें यहां पर प्रदेश की खेलमंत्री लता उसेंडी ने फुटबॉल खिलाडिय़ों को सम्मानित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह राज्य के एक सुखद बात है कि यहां पर कम सुविधाएं होने के बाद भी हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जबकि छत्तीसगढ़ को ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है तो छत्तीसगढ़ के हर खेल के खिलाड़ी को यह प्रयास अभी से करना चाहिए कि वह अपने राज्य के लिए पदक जीत सके। अगर सभी खिलाड़ी इस दिशा में ध्यान देंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि छत्तीसगढ़ को अपनी मेजबानी में ंज्यादा पदक मिलेंगे। खेलमंत्री ने कामनवेल्थ की बैटन का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव की बात है कि बैटन का यहां पर ११ अगस्त आगमन हो रहा है। इसके बाद अगले दिन यहां पर बैटन रिले का आयोजन होगा। यह आयोजन ऐसा है जिसमें शामिल होने के लिए हर खिलाड़ी को आना चाहिए। एक तो पहली बार भारत में कामनवेल्थ खेल हो रहे हैं। इसके बाद कभी आगे ऐसा मौका मिलेगा या नहीं कहा नहीं जा सकता है।
खेलमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार खेलों में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अपने वादे के मुताबिक उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को नौकरी देने का काम प्रारंभ कर दिया है, जल्द ही खिलाडिय़ों को नौकरी मिलेगी। कार्यक्रम के अंत में खेलमंत्री ने शेरा क्लब के प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए २५० खिलाडिय़ों में से ९५ खिलाडिय़ों का पुरस्कार देकर सम्मान किया। क्लब के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि खिलाडिय़ों से शिविर में जहां कोई शुल्क नहीं दिया गया, वहीं प्रतिभाशाली २५ खिलाडिय़ों को पुरस्कार के रूप में स्कूल ड्रेस दी गई। इस अवसर पर जिला फुटबॉल संघ के दिवाकर थिटे के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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