मंगलवार, 28 सितंबर 2010

स्कूली खिलाडिय़ों को भी मिलेगा मौका

मुख्ममंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलों के लिए हुई बैठक में स्कूली स्तर के साथ ओपन वर्ग की स्पर्धाएं करवाने पर सहमति बनी। स्कूली वर्ग की स्पधाओं का जिम्मा शिक्षा विभाग को सौंपा गया है। ओपन वर्ग का आयोजन खेल विभाग के जिम्मे होगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बनते ही यह घोषणा की थी कि छत्तीसगढ़ राज्य के दस साल पूरे होने पर राज्य में छत्तीसगढ़ ओलंपिक के नाम से खेलों का एक महाकुंभ आयोजित किया जाएगा। इस महाकुंभ के आयोजन के लिए क्या योजना है और किस तरह का आयोजन किया जाना इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंत्रालय में खेल विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति एं अनुसूचित जाति किास भिाग की शैक्षणिक संस्थाओं के अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में खेल विभाग द्वारा आयोजन के लिए बनाई गई योजनाओं का खाका सामने रखा गया। खेल विभाग ने तीन स्तर पर आयोजन करने की योजना बनाई थी। इसमें एक पायका योजना, दूसरी १९ साल के खिलाडिय़ों की स्कूली स्पर्धाएं और तीसरी १९ साल से ज्यादा उम्र के खिलाडिय़ों की जिसमें कॉलेज के खिलाड़ी और ओपन वर्ग के खिलाड़ी शामिल होंगे, प्रमुख थी। इन योजनाओं पर चर्चा करने के बाद अंतत: बैठक में यह सहमति बनी कि दो वर्गों की स्पर्धाओं का आयोजन करना ठीक रहेगा। पहले वर्ग के तौर पर स्कूल स्तर की स्पर्धाएं जिसमें १९ साल तक के खिलाड़ी शामिल होंगे, और दूसरे वर्ग में १९ साल से ज्यादा आयु के खिलाड़ी शामिल होंगे।
स्कूली स्पर्धाएं शिक्षा विभाग के हवाले
स्कूली स्पर्धाओं का आयोजन करने का जिम्मा शिक्षा विभाग को दिया गया है। इन दोनों विभाग द्वारा सभी १८ जिलों में स्पर्धाओं का आयोजन करके राज्य स्तर के लिए टीमें तय की जाएगी। शिक्षा विभाग की तरफ से एक सुङााव आया कि स्कूली स्पर्धाओं के लिए राज्य को ९ जोनों में बांटा गया है, उसी तो ध्यान में रखते हुए स्पर्धाएं करवाई जा सकती है। इधर खेल विभाग ने संभाग स्तर का भी प्रस्ताव रखा था। जानकारों का कहना है कि अगर जोनों को देखते हुए स्पर्धाएं करवाई जाएंगी तो बहुत ज्यादा खिलाड़ी हो जाएंगे। ऐसे में आयोजन में मजा नहीं आएगा।
ओपन वर्ग का जिम्मा खेल विभाग को
१९ साल से ज्यादा वर्ग का स्पर्धाएं करवाने का जिम्मा पहले उच्च शिक्षा विभाग को दिए जाने की बात हो रही थी, लेकिन कॉलेज वर्ग में इस तरह की सुविधाएं नहीं हैं कि जिले की टीमें आ सकें, ऐसे में इसका जिम्मा खेल विभाग को दिया गया और यह तय किया गया कि राज्य स्तर पर होने वाली स्पर्धाओं में रविवि की टीमें को प्रवेश दिया जाएगा।
दस खेल रखे जाने की संभावना
छत्तीसगढ़ ओलंपिक में कितने खेलों को शामिल किया जाए, यह एक अहम सवाल था, ऐसे में इस सुङााव पर अमल करने की बात सामने आई कि जिलों जो खेल प्रचालित हैं और जिन खेलों में जिला स्तर पर कम से कम ४ टीमों वाले खेल हों उन खेलों को ही रखा जाए। इसी के साथ यह भी देखा जाएगा कि ऐसे खेल होने चाहिए जिनमें राज्य स्तर पर कम से ८ जिलों की टीमें बन सकें। ऐसे में १० खेल ही ऐसे खेल नजर आते हैं जिनको शामिल किया जाएगा। वैसे भी जानकारों की मानें तो ज्यादा खेलों को शामिल करने से भीड़ बढऩे के अलावा कुछ होना नहीं है। दो वर्गों में खेल होने से यह बात तय है कि १८ जिलों की टीमें आती हैं तो दस हजार से ज्यादा खिलाड़ी हो जाएंगे। ऐसे में संभाग स्तर पर आयोजन के बाद हर खेल में चार टीमों को शामिल करने की बात पर जानकार जोर दे रहे हैं।
राष्ट्रीय खेलों की तैयारी है यह:मुख्यमंत्री
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अपने राज्य की मेजबानी में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के रूप में ही हम छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलों का आयोजन कर रहे हैं। इस आयोजन से राज्य के हर कौने से आने वाली प्रतिभाओं की पहचान हो पाएगी और उनका आगे चयन करके उनको राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, जरूरत उन्हें खोजने और निखारने की है।

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