राजधानी की हॉकी खिलाड़ियों को दस साल के इंतजार के बाद अंतत: साइंस कॉलेज के मैदान में एक स्थाई हॉकी मैदान मिल गया है। मैदान मिलने से खुश खिलाड़ी कहती हैं कि अब मैदान से बाहर होने का डर नहीं है। पुलिस मैदान से तो हमें कभी भी बाहर कर दिया जाता था जिसके कारण हम अभ्यास नहीं कर पाती थीं।
ये बातें साइंस कॉलेज के मैदान में शाम को अभ्यास में जुटीं खिलाड़ियों राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेल चुकीं मोनिका, दीपिका वैरागड़े, शोभा वर्टी, वंदान ध्रुव, धनलक्ष्मी आचार्य, निकिता धनगर, चन्द्रकांता साहू और शैल साहू ने कहीं। इन्होंने एक स्वर में बताया कि पहले ये सभी पुलिस मैदान में अभ्यास करती थीं। कई बार ऐसा हुआ कि राष्ट्रीय स्पर्धा में जाने के समय ही मैदान नहीं मिल पाता था जिसके कारण हम लोग अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती थीं। लेकिन अब खेल विभाग ने एक स्थाई मैदान यहां दिला दिया है तो हमें इस बात की खुशी है कि अब यह हमारा अपना मैदान है और हमें इससे कोई बेदखल नहीं कर सकेगा।
पुरानी खिलाड़ियों के साथ कई नई खिलाड़ी भी नियमित अभ्यास के लिए मैदान आ रही हैं। इन खिलाड़ियों में दुर्गा सेठी, रानी साहू, आशा पाल, सुमित्रा साहू शामिल हैं। बालिका खिलाड़ियों को अभ्यास करते देखकर गुरुवार से ही कुछ बालक खिलाड़ी जिनमें आनंद सिंह, पोमेश चन्द्राकर, सुखविंदर सिंग और किशन नेताम शामिल हैं, हॉकी खेलने आए। ये खिलाड़ी पहले साफ्टबॉल और क्रिकेट खेलते थे। लेकिन अब इन्होंने भी हॉकी खेलने का मन बनाया है और कहते हैं कि हम नियमित रुप से हॉकी खेलेंगे। यहां वैसे भी एक और मैदान बनाया जाना है जिसमें बालक खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मैदान सुरक्षित होने से ज्यादा खिलाड़ी आएंगी
एनआईएस कोच रश्मि तिर्की का कहना है कि अभी मैदान खुला होने के कारण परेशानी हो रही है। सुबह के समय बहुत ज्यादा परेशानी होती है। इस मैदान को लंबे समय से आप-पास के लोगों से ओपन शौचालय बना रखा है जिसकी वजह से सुबह के समय अभ्यास में परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि खेल विभाग से मैदान को सुरक्षित रखने के लिए एक प्रस्ताव खेल मंत्रालय गया है। वहां से मंजूरी मिलने पर मैदान में चारों तरफ बाऊंड्री बन जाएगी तो और खिलाड़ी आने लगेंगी। रश्मि ने बताया कि इस समय 45 खिलाड़ी सुबह और शाम के सत्र में आ रही हैं। अब स्कूल प्रारंभ हो गए हैं तो हम सभी स्कूलों में जाकर बता रहे हैं कि खेल विभाग ने हॉकी का नियमित प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ कर दिया है जो बच्चे आना चाहते हैं आ सकते हैं, यहां नि:शुल्क प्रशिक्षण के साथ खिलाड़ियों को सामान भी नि:शुल्क दिया जाएगा।
ये बातें साइंस कॉलेज के मैदान में शाम को अभ्यास में जुटीं खिलाड़ियों राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेल चुकीं मोनिका, दीपिका वैरागड़े, शोभा वर्टी, वंदान ध्रुव, धनलक्ष्मी आचार्य, निकिता धनगर, चन्द्रकांता साहू और शैल साहू ने कहीं। इन्होंने एक स्वर में बताया कि पहले ये सभी पुलिस मैदान में अभ्यास करती थीं। कई बार ऐसा हुआ कि राष्ट्रीय स्पर्धा में जाने के समय ही मैदान नहीं मिल पाता था जिसके कारण हम लोग अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती थीं। लेकिन अब खेल विभाग ने एक स्थाई मैदान यहां दिला दिया है तो हमें इस बात की खुशी है कि अब यह हमारा अपना मैदान है और हमें इससे कोई बेदखल नहीं कर सकेगा।
पुरानी खिलाड़ियों के साथ कई नई खिलाड़ी भी नियमित अभ्यास के लिए मैदान आ रही हैं। इन खिलाड़ियों में दुर्गा सेठी, रानी साहू, आशा पाल, सुमित्रा साहू शामिल हैं। बालिका खिलाड़ियों को अभ्यास करते देखकर गुरुवार से ही कुछ बालक खिलाड़ी जिनमें आनंद सिंह, पोमेश चन्द्राकर, सुखविंदर सिंग और किशन नेताम शामिल हैं, हॉकी खेलने आए। ये खिलाड़ी पहले साफ्टबॉल और क्रिकेट खेलते थे। लेकिन अब इन्होंने भी हॉकी खेलने का मन बनाया है और कहते हैं कि हम नियमित रुप से हॉकी खेलेंगे। यहां वैसे भी एक और मैदान बनाया जाना है जिसमें बालक खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मैदान सुरक्षित होने से ज्यादा खिलाड़ी आएंगी
एनआईएस कोच रश्मि तिर्की का कहना है कि अभी मैदान खुला होने के कारण परेशानी हो रही है। सुबह के समय बहुत ज्यादा परेशानी होती है। इस मैदान को लंबे समय से आप-पास के लोगों से ओपन शौचालय बना रखा है जिसकी वजह से सुबह के समय अभ्यास में परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि खेल विभाग से मैदान को सुरक्षित रखने के लिए एक प्रस्ताव खेल मंत्रालय गया है। वहां से मंजूरी मिलने पर मैदान में चारों तरफ बाऊंड्री बन जाएगी तो और खिलाड़ी आने लगेंगी। रश्मि ने बताया कि इस समय 45 खिलाड़ी सुबह और शाम के सत्र में आ रही हैं। अब स्कूल प्रारंभ हो गए हैं तो हम सभी स्कूलों में जाकर बता रहे हैं कि खेल विभाग ने हॉकी का नियमित प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ कर दिया है जो बच्चे आना चाहते हैं आ सकते हैं, यहां नि:शुल्क प्रशिक्षण के साथ खिलाड़ियों को सामान भी नि:शुल्क दिया जाएगा।
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