राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में बीच वालीबॉल का मैदान बनेगा। इसके लिए खेल विभाग ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में कुल तीन मैदान बनने हैं जिसमें एक बीच वालीबॉल का होगा।
खेल विभाग साइंस कॉलेज के मैदान में मिली 34 एकड़ जमीन को खेल हब बनाने में जुटा है। इस मैदान में फिलहाल तीरंदाजी और हॉकी के अस्थाई मैदान बनाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। खेल विभाग में वालीबॉल के भी एक एनआईएस प्रशिक्षक हरगुलशन सिंह की नियुक्ति हुई है। खेल संचालक जीपी सिंह की मंशा है कि विभाग द्वारा साइंस कॉलेज के मैदान में जितने ज्यादा खेलों के नियमित प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ हो सके, किए जाए। ऐसे में राज्य शासन को यहां पर वालीबॉल के तीन मैदान बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव के साथ हॉकी के दो मैदान और तीरंदाजी का भी एक मैदान बनाने का प्रस्ताव है। वालीबॉल में इस समय चूंकि बीच वालीबॉल का भी प्रचलन चल रहा है ऐसे में खिलाड़ियों को अभ्यास का मौका यहीं मिल सके यही सोचकर इस मैदान का प्रस्ताव भेजा गया है। प्रशिक्षक हरगुलशन सिंह बताते हैं कि इस मैदान में रेत डालकर इसको बिलकुल बीच वालीबॉल मैदान की तरह तैयार किया जाएगा। यहां खिलाड़ी अभ्यास करके आसानी से राष्ट्रीय बीच वालीबॉल में खेलने जा सकते हैं।
खेल विभाग साइंस कॉलेज के मैदान में मिली 34 एकड़ जमीन को खेल हब बनाने में जुटा है। इस मैदान में फिलहाल तीरंदाजी और हॉकी के अस्थाई मैदान बनाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। खेल विभाग में वालीबॉल के भी एक एनआईएस प्रशिक्षक हरगुलशन सिंह की नियुक्ति हुई है। खेल संचालक जीपी सिंह की मंशा है कि विभाग द्वारा साइंस कॉलेज के मैदान में जितने ज्यादा खेलों के नियमित प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ हो सके, किए जाए। ऐसे में राज्य शासन को यहां पर वालीबॉल के तीन मैदान बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव के साथ हॉकी के दो मैदान और तीरंदाजी का भी एक मैदान बनाने का प्रस्ताव है। वालीबॉल में इस समय चूंकि बीच वालीबॉल का भी प्रचलन चल रहा है ऐसे में खिलाड़ियों को अभ्यास का मौका यहीं मिल सके यही सोचकर इस मैदान का प्रस्ताव भेजा गया है। प्रशिक्षक हरगुलशन सिंह बताते हैं कि इस मैदान में रेत डालकर इसको बिलकुल बीच वालीबॉल मैदान की तरह तैयार किया जाएगा। यहां खिलाड़ी अभ्यास करके आसानी से राष्ट्रीय बीच वालीबॉल में खेलने जा सकते हैं।
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