खेल संचालनालय में जिला खेल अधिकारियों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया। डीएसओ को उपसंचालक ओपी शर्मा ने पायका में जानकारी जुटाने के लिए सरल उपाए बताएं और कहा कि जानकारी जुटाने के लिए समय की जरूरत है तो समय दिया जाएगा।
पायका की समीक्षा बैठक में 12 जिलों बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर, कोरिया, धमतरी, महासमुन्द, कांकेर, कोरबा, कबीरधाम, रायगढ़, राजनांदगांव और जांजगीर-चांपा के डीएसओ शामिल हुए। इस बैठक में सबसे पहले डीएसओ को 26 बिंदुओं में जो जानकारी मांगी गई थी उसके बारे में पूछा गया। कुछ डीएसओ द्वारा इतने बिंदुओं में जानकारी कम समय में एकत्रित न हो पाने की बात करने पर उनको उपसंचालक ओपी शर्मा ने बताया कि दरअसल सही चैनल से काम न करने के कारण उनको ऐसा लग रहा है कि जानकारी जुटा पाना संभव नहीं है। श्री शर्मा ने बताया कि कुछ जिलों ने सही चैनल से चलते हुए जानकारी जुटाने में सफलता प्राप्त की है। बैठक में उन्होंने बताया कि बिलासपुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और रायगढ़ के डीएसओ जिलाधीश की मदद लेकर जानकारी जुटाने में लगे हैं। पायका के प्रभारी श्री शर्मा ने सभी से कहा कि जिलाधीश की मदद से जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विकासखंड के शिक्षा अधिकारियों तक पत्र भिजवाया जाए तो जिलों में बैठे-बैठे जानकारी मिल जाएगी। स्कूलों के प्राचार्य खुद जानकारी एकत्रित करके भेज देंगे। उन्होंने कहा कि जानकारी जुटाने के लिए गांवों में जाना कताई जरूरी नहीं है।
एक साल से जानकारी मांग रहे हैं
बैठक के बाद उपसंचालक ओपी शर्मा ने हरिभूमि को बताया कि यह कहना गलत है कि विभाग ने महज दस दिनों के समय में 26 बिंदुओं में जानकारी मांगी है। जो जानकारी अभी मांगी गई है, वह पिछले एक साल से लगातार मांगी जा रही है, लेकिन डीएसओ जानकारी नहीं भेज रहे हैं। आज जब यह बात सामने आई है कि उनको जानकारी जुटाने में परेशानी हो रही है तो उसका समाधान कर दिया गया है।
खेल पुरस्कारों की जानकारी लाए
श्री शर्मा ने बताया कि बैठक का एक अहम एजेंडा राज्य के खेल पुरस्कार और खेलवृत्ति के साथ नकद राशि पुरस्कारों के आवेदन थे। उन्होंने बताया कि जिन 12 जिलों के डीएसओ बैठक में आए सभी पुरस्कारों की जानकारी लेकर आए थे। दो जिलों जशपुर और सरगुजा के डीएसओ 8 जुलाई को आएंगे बाकी जिलों के बाद में आएंगे।
पायका की समीक्षा बैठक में 12 जिलों बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर, कोरिया, धमतरी, महासमुन्द, कांकेर, कोरबा, कबीरधाम, रायगढ़, राजनांदगांव और जांजगीर-चांपा के डीएसओ शामिल हुए। इस बैठक में सबसे पहले डीएसओ को 26 बिंदुओं में जो जानकारी मांगी गई थी उसके बारे में पूछा गया। कुछ डीएसओ द्वारा इतने बिंदुओं में जानकारी कम समय में एकत्रित न हो पाने की बात करने पर उनको उपसंचालक ओपी शर्मा ने बताया कि दरअसल सही चैनल से काम न करने के कारण उनको ऐसा लग रहा है कि जानकारी जुटा पाना संभव नहीं है। श्री शर्मा ने बताया कि कुछ जिलों ने सही चैनल से चलते हुए जानकारी जुटाने में सफलता प्राप्त की है। बैठक में उन्होंने बताया कि बिलासपुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और रायगढ़ के डीएसओ जिलाधीश की मदद लेकर जानकारी जुटाने में लगे हैं। पायका के प्रभारी श्री शर्मा ने सभी से कहा कि जिलाधीश की मदद से जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विकासखंड के शिक्षा अधिकारियों तक पत्र भिजवाया जाए तो जिलों में बैठे-बैठे जानकारी मिल जाएगी। स्कूलों के प्राचार्य खुद जानकारी एकत्रित करके भेज देंगे। उन्होंने कहा कि जानकारी जुटाने के लिए गांवों में जाना कताई जरूरी नहीं है।
एक साल से जानकारी मांग रहे हैं
बैठक के बाद उपसंचालक ओपी शर्मा ने हरिभूमि को बताया कि यह कहना गलत है कि विभाग ने महज दस दिनों के समय में 26 बिंदुओं में जानकारी मांगी है। जो जानकारी अभी मांगी गई है, वह पिछले एक साल से लगातार मांगी जा रही है, लेकिन डीएसओ जानकारी नहीं भेज रहे हैं। आज जब यह बात सामने आई है कि उनको जानकारी जुटाने में परेशानी हो रही है तो उसका समाधान कर दिया गया है।
खेल पुरस्कारों की जानकारी लाए
श्री शर्मा ने बताया कि बैठक का एक अहम एजेंडा राज्य के खेल पुरस्कार और खेलवृत्ति के साथ नकद राशि पुरस्कारों के आवेदन थे। उन्होंने बताया कि जिन 12 जिलों के डीएसओ बैठक में आए सभी पुरस्कारों की जानकारी लेकर आए थे। दो जिलों जशपुर और सरगुजा के डीएसओ 8 जुलाई को आएंगे बाकी जिलों के बाद में आएंगे।
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