प्रदेश के खेल विभाग के खेल अधिकारियों (डीएसओ) ने अंतत खेलमंत्री लता उसेंडी से मिलकर उनसे पायका में जानकारी के लिए विभाग द्वारा बार-बार परेशान करने की जानकारी दी। डीएसओ ने स्टॉफ कम होने का हवाला देते हुए जानकारी के लिए बार-बार पत्र न लिखे जाने के निर्देश विभाग को दिए जाने की मांग की।
पायका की बैठक में इस बार एक साथ 26 बिंदुओं में जानकारी मांगे जाने से खफा प्रदेश के ज्यादातर जिलों के डीएसओ एक हो गए और इन्होंने 7 जुलाई की बैठक में अपनी नाराजगी से पायका के प्रभारी और उपसंचालक ओपी शर्मा को अवगत करवाया। डीएसओ की नाराजगी को बैठक में दूर करने का प्रयास किया गया, लेकिन डीएसओ इससे संतुष्ट नहीं हुए और पहले खेल सचिव सुब्रत साहू ने मिले और उनको अपनी परेशानी से अवगत कराया फिर सभी डीएसओ खेलमंत्री के दरबार पहुंच गए। खेलमंत्री से सभी ने एक स्वर में कहा कि पायका को लेकर खेल संचालनालय से लगातार पत्र लिखे जाते हैं। डीएसओ ने कहा कि जितना हो सकता है सभी जानकारी जुटाने में लगे हैं, लेकिन बार-बार पत्र लिखे जाने के कारण परेशानी होती है। डीएसओ ने मंत्री से स्टॉफ कम होने की भी बात कहते हुए नए सेटअप को जल्द स्वीकृति दिलाने की मांग की। खेलमंत्री ने डीएसओ की मांग पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है।
पायका की बैठक में इस बार एक साथ 26 बिंदुओं में जानकारी मांगे जाने से खफा प्रदेश के ज्यादातर जिलों के डीएसओ एक हो गए और इन्होंने 7 जुलाई की बैठक में अपनी नाराजगी से पायका के प्रभारी और उपसंचालक ओपी शर्मा को अवगत करवाया। डीएसओ की नाराजगी को बैठक में दूर करने का प्रयास किया गया, लेकिन डीएसओ इससे संतुष्ट नहीं हुए और पहले खेल सचिव सुब्रत साहू ने मिले और उनको अपनी परेशानी से अवगत कराया फिर सभी डीएसओ खेलमंत्री के दरबार पहुंच गए। खेलमंत्री से सभी ने एक स्वर में कहा कि पायका को लेकर खेल संचालनालय से लगातार पत्र लिखे जाते हैं। डीएसओ ने कहा कि जितना हो सकता है सभी जानकारी जुटाने में लगे हैं, लेकिन बार-बार पत्र लिखे जाने के कारण परेशानी होती है। डीएसओ ने मंत्री से स्टॉफ कम होने की भी बात कहते हुए नए सेटअप को जल्द स्वीकृति दिलाने की मांग की। खेलमंत्री ने डीएसओ की मांग पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है।
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