कनाडा में होने वाली विश्व ड्रेगन बोट चैंपियनशिप में पहली बार भारतीय टीम भाग लेगी। टीम के कोच हंगरी से विशेष कोर्स करके आए छत्तीसगढ़ के नवीन साहू को बनाया गया है। इसी के साथ भारत की कैनोइंग और कयाकिंग की टीम एशियन चैंपियनशिप में भाग लेने जाएगी।
भारतीय कैनोइंग-कयाकिंग फेडरेशन ने भारतीय टीम के चयन के लिए भोपाल में चयन ट्रायल आयोजित किया था। इसके लिए बनाई गई चयन समिति में नवीन साहू भी शामिल थे। चयन ट्रायल में जहां एशियन चैंपियनशिप के लिए देश के 68 खिलाड़ियों का चयन किया गया, वहीं ड्रेगन बोट चैंपियनशिप के लिए 20 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। इन खिलाड़ियों में से 12 की टीम खेलने जाएगी। भोपाल से टीम के चयन के बाद लौटे नवीन साहू ने बताया कि यह पहला मौका है जब भारतीय कयाकिंग फेडरेशन ने ड्रेगन बोट विश्व चैंपियनशिप में टीम को भेजने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए चुनी गई टीम में सभी खिलाड़ी कयाकिंग से जुड़े हुए हैं। भारत में अब तक ड्रेगन बोट के अलग से खिलाड़ी नहीं हंै। लेकिन अब फेडरेशन इस दिशा में प्रयास करेगा। उन्होंने बताया कि कनाडा में 21 जुलाई से होने वाली स्पर्धा के लिए वीजा लेने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वैसे कनाडा के लिए वीजा लेने एक माह पहले आवेदन करना पड़ता है, लेकिन फिर भी प्रयास किए जा रहे हैं कि वीजा मिल जाए। अगर किसी कारणवश वीजा नहीं मिली तभी टीम का जाना टल सकता है।
नवीन ने बताया कि उनको टीम का कोच इसलिए बनाया गया है क्योंकि वे हंगरी में विशेष कोर्स में ड्रेगन बोट की भी प्रशिक्षण लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि इस खेल की बारीकियों से अवगत होने के कारण ही भारतीय फेडरेशन ने कोच की जिम्मेदारी मुझे दी है। वे पूछने पर बताते हैं कि विश्व स्तर पर हंगरी और कनाडा का ड्रेगन बोट में दबदबा है। जहां तक एशिया का सवाल है तो इसमें इंडोनेशिया और ईरान का वर्चस्व है।
भारतीय कैनोइंग-कयाकिंग फेडरेशन ने भारतीय टीम के चयन के लिए भोपाल में चयन ट्रायल आयोजित किया था। इसके लिए बनाई गई चयन समिति में नवीन साहू भी शामिल थे। चयन ट्रायल में जहां एशियन चैंपियनशिप के लिए देश के 68 खिलाड़ियों का चयन किया गया, वहीं ड्रेगन बोट चैंपियनशिप के लिए 20 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। इन खिलाड़ियों में से 12 की टीम खेलने जाएगी। भोपाल से टीम के चयन के बाद लौटे नवीन साहू ने बताया कि यह पहला मौका है जब भारतीय कयाकिंग फेडरेशन ने ड्रेगन बोट विश्व चैंपियनशिप में टीम को भेजने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए चुनी गई टीम में सभी खिलाड़ी कयाकिंग से जुड़े हुए हैं। भारत में अब तक ड्रेगन बोट के अलग से खिलाड़ी नहीं हंै। लेकिन अब फेडरेशन इस दिशा में प्रयास करेगा। उन्होंने बताया कि कनाडा में 21 जुलाई से होने वाली स्पर्धा के लिए वीजा लेने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वैसे कनाडा के लिए वीजा लेने एक माह पहले आवेदन करना पड़ता है, लेकिन फिर भी प्रयास किए जा रहे हैं कि वीजा मिल जाए। अगर किसी कारणवश वीजा नहीं मिली तभी टीम का जाना टल सकता है।
नवीन ने बताया कि उनको टीम का कोच इसलिए बनाया गया है क्योंकि वे हंगरी में विशेष कोर्स में ड्रेगन बोट की भी प्रशिक्षण लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि इस खेल की बारीकियों से अवगत होने के कारण ही भारतीय फेडरेशन ने कोच की जिम्मेदारी मुझे दी है। वे पूछने पर बताते हैं कि विश्व स्तर पर हंगरी और कनाडा का ड्रेगन बोट में दबदबा है। जहां तक एशिया का सवाल है तो इसमें इंडोनेशिया और ईरान का वर्चस्व है।
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