राजधानी रायपुर के साई सेंटर से पालकों का मोहभंग होने लगा है। पालकों से साई जो अनुबंध पत्र ले रहा है उस पत्र की कुछ शर्तों पर पालकों को आपत्ति है। इस शर्ता के कारण ही दल्लीराजहरा की 10 एथलीटों का आना खटाई में पड़ने की संभावना है। इन खिलाड़ियों के कोच ने साफ कहा है कि शर्तोें की वजह से पालक अपनी बच्चियों को भेजने तैयार नहीं हो रहे हैं।
रायपुर में चल रहे साई सेंटर में जिन खिलाड़ियों का चयन किया गया है, उनके पालकों से एक अनुबंध पत्र पांच रुपए के स्टाम्प पेपर पर लिया गया है। इस अनुबंध पत्र को बालक खिलाड़ियों के पालकों ने तो भर कर दे दिया है, लेकिन अब जबकि 11 जुलाई से बालिकाओं का भी प्रशिक्षण केंद्र प्रारंभ होने वाला है तो इस बार यह बात सामने आ रही है कि बालिकाओं के पालकों को अनुबंध पत्र की कुछ शर्ता पर आपत्ति है।
इन शर्तों पर है आपत्ति
जिन शर्तों पर पालकों को आपत्ति है उनके बारे में खुलासा करते हुए दल्लीराजहरा के एनआईएस कोच सुदर्शन कुमार सिंह बताते हैं कि अनुबंध पत्र में एक शर्त यह है कि पालक अपने बच्चे को अपनी मर्जी से हास्टल ने नहीं निकाल सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान बच्चे को घटना-दुर्घटना में कुछ हो जाता है तो पालक इसके लिए कोई भी दावा नहीं कर सकते हैं। पत्र में लिखा गया है कि मैंने खेल हास्टल की योजना को भली-भांति समझ लिया है और मैं इसे स्वीकार करता हूं, मेरा बच्चा किसी भी तरह की लापरवाही करता है तो उसे हास्टल से निकाला जा सकता है। इस शर्त के बारे में श्री सुदर्शन कहते हैं कि किसी भी पालक को नियमों की जानकारी नहीं दी गई है। इसी तरह से एक शर्त में लिखा गया है कि मैंने हास्टल की कार्य पद्धति को समझ लिया है और इसके क्रियाकलापों से परिचित हूं, जबकि किसी भी पालक को कुछ नहीं बताया गया है।
दल्लीराजहरा की एथलीटों का आना संदिग्ध
बालिकाओं के सेंटर के लिए सबसे ज्यादा 10 एथलीट दल्लीराजहरा की चुनी गर्इं हैं, लेकिन इन एथलीटों का आना संदिग्ध है। बकौल कोच सुदर्शन किसी भी खिलाड़ी के पालक अपनी बच्चियों को भेजने तैयार नहीं हो रहे हैं किसी को भी साई के नियम रास नहीं आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास जिस तरह की जानकारी है, उससे यह तय है कि दल्लीराजहरा की कोई एथलीट साई सेंटर में नहीं आएगी।
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