साइंस कॉलेज के मैदान में खेल विभाग हॉकी और वालीबॉल के मैदान बनाने जा रहा है। इसी के साथ तीरंदाजी के लिए सेड लगाया जाएगा। तीन खेलों के मैदानों की सुविधाओं के लिए विभाग ने 17 लाख 92 हजार 779 रुपए का प्रस्ताव बनाकर खेल मंत्रालय को भेजा है।
साइंस कॉलेज के मैदान में खेल विभाग को करीब 34 एकड़ जमीन मिली है। इसी जमीन पर हॉकी के दो मैदान बनाए जाएंगे। 120 मीटर चौड़े और 100 मीटर लंबे दो मैदानों के लिए सात लाख 14 हजार की राशि मांगी गई है। हॉकी मैदान में करीब ढाई फीट की दीवार चारों तरफ उठाई जाएगी। वालीबॉल के तीन मैदान बनाने के लिए 6 लाख 92 हजार मांगे गए हैं। वालीबॉल मैदानों में एक मैदान रेत का होगा। इस मैदान पर बीच वालीबॉल की सुविधाएं होंगी। वालीबॉल के मैदानों में 9 फीट ऊंची लोहे की जाली लगाई जाएगी। इसी के साथ तीरंदाजी के लिए एक सेड बनाया जाएगा। सेड 30 मीटर चौड़ा और पांच मीटर लंबा होगा। सेड में जमीन में फ्लोरिंग की जाएगी।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि हम साइंस कॉलेज के मैदान को खेल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमने यहां पर तीरंदाजी का नियमित प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया है अब हॉकी और वालीबॉल का भी नियमित प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगे। वैसे हॉकी का प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। इन तीनों खेलों के विभाग के पास एनआईएस कोच हैं।
साइंस कॉलेज के मैदान में खेल विभाग को करीब 34 एकड़ जमीन मिली है। इसी जमीन पर हॉकी के दो मैदान बनाए जाएंगे। 120 मीटर चौड़े और 100 मीटर लंबे दो मैदानों के लिए सात लाख 14 हजार की राशि मांगी गई है। हॉकी मैदान में करीब ढाई फीट की दीवार चारों तरफ उठाई जाएगी। वालीबॉल के तीन मैदान बनाने के लिए 6 लाख 92 हजार मांगे गए हैं। वालीबॉल मैदानों में एक मैदान रेत का होगा। इस मैदान पर बीच वालीबॉल की सुविधाएं होंगी। वालीबॉल के मैदानों में 9 फीट ऊंची लोहे की जाली लगाई जाएगी। इसी के साथ तीरंदाजी के लिए एक सेड बनाया जाएगा। सेड 30 मीटर चौड़ा और पांच मीटर लंबा होगा। सेड में जमीन में फ्लोरिंग की जाएगी।
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि हम साइंस कॉलेज के मैदान को खेल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमने यहां पर तीरंदाजी का नियमित प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया है अब हॉकी और वालीबॉल का भी नियमित प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगे। वैसे हॉकी का प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। इन तीनों खेलों के विभाग के पास एनआईएस कोच हैं।
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