साई सेंटर के बोर्डिंग में प्रशिक्षणरत 90 खिलाड़ियों की पढ़ाई का जिम्मा उनके पालकों को ही उठाना पड़ेगा। साई में खिलाड़ियों की पढ़ाई का खर्च उठाने का कोई प्रावधान नहीं है। साई एक खिलाड़ी को रसीद प्रस्तुत करने पर साल में एक हजार रुपए की सहायता करता है। वैसे सेंटर के खिलाड़ियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने की कवायाद प्रारंभ हो गई है और इसका जिम्मा प्रशिक्षकों को दिया गया है।
रायपुर के साई सेंटर में जो 39 खिलाड़ी बोर्डिंग और 51 डे-बोर्डिंग में हैं, इन खिलाड़ियों की पढ़ाई के लिए कवायद प्रारंभ तो हो गई है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए यह दुखद खबर है कि उनको पढ़ाई के खर्च के लिए पालकों का सहारा लेना पड़ेगा। साई सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान बताते हैं कि साई में खिलाड़ियों के पढ़ाई का खर्च उठाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। वे बताते हैं कि सेंटर में प्रवेश देने से पहले ही खिलाड़ियों के सामने इस बात का खुलासा कर दिया जाता है कि उनको पढ़ाई का खर्च नहीं मिलेगा। वे बताते हैं कि साई से एक हजार की मदद हर खिलाड़ी को साल में एक बार दी जाती है, लेकिन इसके लिए स्कूल की रसीद प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
प्रवेश दिलाने का जिम्मा प्रशिक्षकों को
श्री खान पूछने पर बताते हैं कि वैसे तो खिलाड़ियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने का जिम्मा उनके पालकों का होता है, लेकिन मानवता के नाते जिन खेलों से खिलाड़ी जुड़े होते हैं, उनके प्रशिक्षकों से कहा गया है कि वे ऐसे स्कूलों में खिलाड़ियों को प्रवेश दिलाने की व्यवस्था करें जिन स्कूलों में खिलाड़ियों को खेलने के लिए समय देने में परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि नूतन स्कूल, हिन्दू हाई स्कूल, कालीबाडी, राष्ट्रीय विद्यालय, बालाजी, खालसा स्कूल आदि में खिलाड़ियों को प्रवेश दिलाने के लिए चर्चा की जा रही है। जहां उपयुक्त होगा वहां प्रवेश दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शाम के सत्र में 4.30 बजे से प्रशिक्षण सत्र रहता है, ऐसे खिलाड़ियों को जिन स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा, उनसे कहा जाएगा कि खिलाड़ियों को 3.30 बजे छुट्टी दे दें।
भारोत्तोलन के कोच से पद संभाला
भारोत्तोलन के कोच गजेन्द्र पांडे ने सोमवार को सेंटर में प्रशिक्षक का पद संभाल लिया। वैसे तो श्री पांडे साई के ही कोच हैं, लेकिन वे अपने सेवाएं राज्य के खेल विभाग में दे रहे थे। साई से पत्र जाने के बाद खेल विभाग ने उनको भार मुक्त करके सेंटर में पद संभालने का पत्र जारी कर दिया है। खेल विभाग से फुटबॉल की प्रशिक्षक सरिता कुजूर को भी साई ने मांगा है, लेकिन इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इधर सेंटर के प्रभारी श्री खान ने बताया कि बहुत जल्द एथलेटिक्स के एक कोच भी आने वाले हैं।
रायपुर के साई सेंटर में जो 39 खिलाड़ी बोर्डिंग और 51 डे-बोर्डिंग में हैं, इन खिलाड़ियों की पढ़ाई के लिए कवायद प्रारंभ तो हो गई है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए यह दुखद खबर है कि उनको पढ़ाई के खर्च के लिए पालकों का सहारा लेना पड़ेगा। साई सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान बताते हैं कि साई में खिलाड़ियों के पढ़ाई का खर्च उठाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। वे बताते हैं कि सेंटर में प्रवेश देने से पहले ही खिलाड़ियों के सामने इस बात का खुलासा कर दिया जाता है कि उनको पढ़ाई का खर्च नहीं मिलेगा। वे बताते हैं कि साई से एक हजार की मदद हर खिलाड़ी को साल में एक बार दी जाती है, लेकिन इसके लिए स्कूल की रसीद प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
प्रवेश दिलाने का जिम्मा प्रशिक्षकों को
श्री खान पूछने पर बताते हैं कि वैसे तो खिलाड़ियों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने का जिम्मा उनके पालकों का होता है, लेकिन मानवता के नाते जिन खेलों से खिलाड़ी जुड़े होते हैं, उनके प्रशिक्षकों से कहा गया है कि वे ऐसे स्कूलों में खिलाड़ियों को प्रवेश दिलाने की व्यवस्था करें जिन स्कूलों में खिलाड़ियों को खेलने के लिए समय देने में परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि नूतन स्कूल, हिन्दू हाई स्कूल, कालीबाडी, राष्ट्रीय विद्यालय, बालाजी, खालसा स्कूल आदि में खिलाड़ियों को प्रवेश दिलाने के लिए चर्चा की जा रही है। जहां उपयुक्त होगा वहां प्रवेश दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शाम के सत्र में 4.30 बजे से प्रशिक्षण सत्र रहता है, ऐसे खिलाड़ियों को जिन स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा, उनसे कहा जाएगा कि खिलाड़ियों को 3.30 बजे छुट्टी दे दें।
भारोत्तोलन के कोच से पद संभाला
भारोत्तोलन के कोच गजेन्द्र पांडे ने सोमवार को सेंटर में प्रशिक्षक का पद संभाल लिया। वैसे तो श्री पांडे साई के ही कोच हैं, लेकिन वे अपने सेवाएं राज्य के खेल विभाग में दे रहे थे। साई से पत्र जाने के बाद खेल विभाग ने उनको भार मुक्त करके सेंटर में पद संभालने का पत्र जारी कर दिया है। खेल विभाग से फुटबॉल की प्रशिक्षक सरिता कुजूर को भी साई ने मांगा है, लेकिन इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इधर सेंटर के प्रभारी श्री खान ने बताया कि बहुत जल्द एथलेटिक्स के एक कोच भी आने वाले हैं।
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