साई सेंटर के मूल्यांकन शिविर में कोंडागांव का एक फुटबॉल खिलाड़ी अपात्र मिला है। इस खिलाड़ी को प्रमाणपत्र लाने कहा गया है, अगर खिलाड़ी स्पर्धा में खेलने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं कर पाता है तो उसे सेंटर से बाहर किया जाएगा। इधर सेंटर में अब तक 92 खिलाड़ी आ चुके हैं और बचे खिलाड़ियों का आना जारी है। खिलाड़ियों के मूल्यांकन का दौर भी चल रहा है।
सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर में जांच के दौरान कोंडागांव से जुड़े एक फुटबॉल खिलाड़ी को अपात्र पाया गया है। इस खिलाड़ी के पास जिला स्तर पर खेलने का भी प्रमाणपत्र नहीं है। उन्होंने बताया कि सेंटर के नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर खेले खिलाड़ियों के बाद राज्य स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को ही प्रवेश दिया जाता है। सेंटर के लिए जिन 119 खिलाड़ियों का चयन हुआ है सभी को राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने के आधार पर चुना गया है। ऐसे में एक खिलाड़ी के पास प्रमाणपत्र न होने पर उनको मूल्यांकन शिविर के समाप्त होने से पहले प्रमाणपत्र लाने कहा गया है। श्री खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर का मकसद ही ऐसे खिलाड़ियों की छटनी करना है जो चयन ट्रायल में गलती से चुन लिए गए हैं।
खिलाड़ियों की संख्या हुई 92
सेंटर के प्रभारी ने बताया कि पहले दिन तो 53 खिलाड़ी ही आ सके थे, लेकिन बुधवार को खिलाड़ियों की संख्या 92 हो गई है। उन्होंने एक बार फिर से हैरानी जताते हुए कहा कि मप्र, उप्र और राजस्थान के खिलाड़ियों को तो सूचना मिल गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को कैसे नहीं मिली। उन्होंने बताया कि आज रात तक राजस्थान के खिलाड़ी भी आ जाएंगे। उन्होंने किसी भा हालत में मूल्यांकन शिविर को लंबे करने से इंकार किया और कहा कि 16 जून से नियमित क्लास प्रारंभ हो जाएगी।
जारी है खिलाड़ियों को परखना
मूल्यांकन शिविर में खिलाड़ियों को परखने का कम्र जारी है। अलग-अलग मैदानों में सुबह के सत्र में खिलाड़ियों की फिटनेस पर ध्यान दिया जा रहा है। शाम के सत्र में खिलाड़ियों में खेल की बारीकियों को परखा जा रहा है, इसी के साथ उनको खेल के बारे में बताया जा रहा है।
मिशन जयहिंद
सेंटर के खिलाड़ियों को अभिवादन के लिए जय हिंद ही बोलने की इजाजत है। जब भी खिलाड़ी अपने प्रशिक्षकों से मिलते हैं तो वे जयहिंद कहते हैं। इसी के साथ खिलाड़ियों को यह भी हिदायत है कि किसी भी बड़े से वे बात करें तो अभिवादन में जयहिंद का ही उपयोग करें। सेंटर के प्रभारी ने बताया कि यह नियम देश के हर सेंटर में लागू है।
सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर में जांच के दौरान कोंडागांव से जुड़े एक फुटबॉल खिलाड़ी को अपात्र पाया गया है। इस खिलाड़ी के पास जिला स्तर पर खेलने का भी प्रमाणपत्र नहीं है। उन्होंने बताया कि सेंटर के नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर खेले खिलाड़ियों के बाद राज्य स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को ही प्रवेश दिया जाता है। सेंटर के लिए जिन 119 खिलाड़ियों का चयन हुआ है सभी को राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने के आधार पर चुना गया है। ऐसे में एक खिलाड़ी के पास प्रमाणपत्र न होने पर उनको मूल्यांकन शिविर के समाप्त होने से पहले प्रमाणपत्र लाने कहा गया है। श्री खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर का मकसद ही ऐसे खिलाड़ियों की छटनी करना है जो चयन ट्रायल में गलती से चुन लिए गए हैं।
खिलाड़ियों की संख्या हुई 92
सेंटर के प्रभारी ने बताया कि पहले दिन तो 53 खिलाड़ी ही आ सके थे, लेकिन बुधवार को खिलाड़ियों की संख्या 92 हो गई है। उन्होंने एक बार फिर से हैरानी जताते हुए कहा कि मप्र, उप्र और राजस्थान के खिलाड़ियों को तो सूचना मिल गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को कैसे नहीं मिली। उन्होंने बताया कि आज रात तक राजस्थान के खिलाड़ी भी आ जाएंगे। उन्होंने किसी भा हालत में मूल्यांकन शिविर को लंबे करने से इंकार किया और कहा कि 16 जून से नियमित क्लास प्रारंभ हो जाएगी।
जारी है खिलाड़ियों को परखना
मूल्यांकन शिविर में खिलाड़ियों को परखने का कम्र जारी है। अलग-अलग मैदानों में सुबह के सत्र में खिलाड़ियों की फिटनेस पर ध्यान दिया जा रहा है। शाम के सत्र में खिलाड़ियों में खेल की बारीकियों को परखा जा रहा है, इसी के साथ उनको खेल के बारे में बताया जा रहा है।
मिशन जयहिंद
सेंटर के खिलाड़ियों को अभिवादन के लिए जय हिंद ही बोलने की इजाजत है। जब भी खिलाड़ी अपने प्रशिक्षकों से मिलते हैं तो वे जयहिंद कहते हैं। इसी के साथ खिलाड़ियों को यह भी हिदायत है कि किसी भी बड़े से वे बात करें तो अभिवादन में जयहिंद का ही उपयोग करें। सेंटर के प्रभारी ने बताया कि यह नियम देश के हर सेंटर में लागू है।
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