साइंस कॉलेज के मैदान में सुबह के समय अब महिला हॉकी खिलाड़ियों को एनआईएस कोच रश्मि तिर्की के साथ राकेश टोपो प्रशिक्षण दे रहे हैं। फिलहाल तो इस प्रशिक्षण केन्द्र में एक दर्जन खिलाड़ी ही आ रही हैं। आगे जानकारी होने पर और खिलाड़ियों के आने की उम्मीद प्रशिक्षक जता रहे हैं। यह प्रशिक्षण केन्द्र अब नियमित चलेगा। फिलहाल अस्थाई रुप से मैदान बनाया गया है। यहां पर दो मैदान बनाने की योजना है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग में नियुक्त की गई हॉकी की एनआईएस कोच रश्मि तिर्की ने पहल करते हुए साइंस कॉलेज के मैदान में हॉकी का प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ कर दिया है। इस प्रशिक्षण केन्द्र में एक दर्जन खिलाड़ियों को वह सुबह के सत्र में रोज प्रशिक्षण देने का काम कर रही हैं। उनके साथ हॉकी के ही एनआईएस कोच राकेश टोपो भी खिलाड़ियों को खेल के गुर सिखाने में मदद कर रहे हैं। वैसे साइंस कॉलेज के इस मैदान में खेल विभाग की हॉकी के दो मैदान बनाकर बालक और बालिका खिलाड़ियों को नियमित प्रशिक्षण देने की योजना है। हॉकी के प्रशिक्षण के लिए सामान भी मंगा लिया गया है, लेकिन खेल संचालक जीपी सिंह के ट्रेनिंग में जाने की वजह से मैदान निर्माण नहीं हो पा रहा है। श्री सिंह दो माह बाद लौटेंगे। ऐसे में हॉकी की प्रशिक्षक रश्मि तिर्की ने सोचा कि समय खराब करना बेकार है और उन्होंने बिना गोल पोस्ट और मैदान की मार्किंग किए बिना ही पुलिस मैदान में अभ्यास करने वाली कुछ जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों को एकत्रित करके प्रशिक्षण केन्द्र का आगाज कर दिया है। रश्मि कहती हैं कि जब खिलाड़ियों को तैयार करना है तो इसके लिए इंतजार क्या करना। खेल विभाग में मेरी नियुक्ति हुई है तो मुझे काम करना ही है, लंबे समय तक खाली बैठने की मतलब नहीं है, ऐसे में मैंने विभाग के अधिकारियों से बात करके अस्थाई रुप से मैदान प्रारंभ कर दिया है।
खेल संचालक जीपी सिंह ने साइंस कॉलेज के मैदान में तीरंदाजी का तो नियमित प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ करा दिया है। इसके बाद हॉकी और वालीबॉल के प्रशिक्षकों की नियुक्ति के साथ उन्होंने दोनों खेलों के नियमित प्रशिक्षण केन्द्र की योजना बना रखी है, लेकिन उनके ट्रेनिंग में जाने के कारण यह योजना अटकी हुई है, उनके वापस आने पर ही इस योजना पर सही तरीके से अमल होगा।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग में नियुक्त की गई हॉकी की एनआईएस कोच रश्मि तिर्की ने पहल करते हुए साइंस कॉलेज के मैदान में हॉकी का प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ कर दिया है। इस प्रशिक्षण केन्द्र में एक दर्जन खिलाड़ियों को वह सुबह के सत्र में रोज प्रशिक्षण देने का काम कर रही हैं। उनके साथ हॉकी के ही एनआईएस कोच राकेश टोपो भी खिलाड़ियों को खेल के गुर सिखाने में मदद कर रहे हैं। वैसे साइंस कॉलेज के इस मैदान में खेल विभाग की हॉकी के दो मैदान बनाकर बालक और बालिका खिलाड़ियों को नियमित प्रशिक्षण देने की योजना है। हॉकी के प्रशिक्षण के लिए सामान भी मंगा लिया गया है, लेकिन खेल संचालक जीपी सिंह के ट्रेनिंग में जाने की वजह से मैदान निर्माण नहीं हो पा रहा है। श्री सिंह दो माह बाद लौटेंगे। ऐसे में हॉकी की प्रशिक्षक रश्मि तिर्की ने सोचा कि समय खराब करना बेकार है और उन्होंने बिना गोल पोस्ट और मैदान की मार्किंग किए बिना ही पुलिस मैदान में अभ्यास करने वाली कुछ जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों को एकत्रित करके प्रशिक्षण केन्द्र का आगाज कर दिया है। रश्मि कहती हैं कि जब खिलाड़ियों को तैयार करना है तो इसके लिए इंतजार क्या करना। खेल विभाग में मेरी नियुक्ति हुई है तो मुझे काम करना ही है, लंबे समय तक खाली बैठने की मतलब नहीं है, ऐसे में मैंने विभाग के अधिकारियों से बात करके अस्थाई रुप से मैदान प्रारंभ कर दिया है।
खेल संचालक जीपी सिंह ने साइंस कॉलेज के मैदान में तीरंदाजी का तो नियमित प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ करा दिया है। इसके बाद हॉकी और वालीबॉल के प्रशिक्षकों की नियुक्ति के साथ उन्होंने दोनों खेलों के नियमित प्रशिक्षण केन्द्र की योजना बना रखी है, लेकिन उनके ट्रेनिंग में जाने के कारण यह योजना अटकी हुई है, उनके वापस आने पर ही इस योजना पर सही तरीके से अमल होगा।
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