राजधानी के साई सेंटर में चुने गए दो एथलीटों को भोपाल साई सेंटर में भेजने का फैसला किया गया है। यह फैसला खिलाड़ियों की कम संख्या के कारण किया गया है। इसी के साथ अभी साई सेंटर में एथलेटिक्स का न तो ट्रेक है और न ही अब तक प्रशिक्षक नियुक्त किया जा सका है। इधर दस दिनों के मूल्यांकन शिविर के बुधवार को समाप्त होने के बाद गुरुवार को खिलाड़ियों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। शुक्रवार से खिलाड़ियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रायपुर के साई सेंटर में सात खेलों को शामिल किया गया है। इन खेलों में एथलेटिक्स ऐसा खेल है जिसके लिए महज दो खिलाड़ी ही मिले हैं। इन खिलाड़ियों का भी मूल्यांकन शिविर में परीक्षण किया गया है। अब इन खिलाड़ियों को भोपाल के सेंटर में भेजने की तैयारी की जा रही है। इनका वहां के सेंटर में भेजा जाना तय है। सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान बताते हैं कि अब तक एथलेटिक्स के लिए कोच की व्यवस्था नहीं हो सकी है, इसी के साथ अभी हमारे पास ट्रेक भी नहीं है। वैसे आउटडोर स्टेडियम में ट्रेक बनाया जाएगा, लेकिन यह अभी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि वे भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु से बात करके दो एथलीटों को भोपाल भेज देंगे ताकि उनको वहां पर अच्छी तरह से प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने बताया कि ये खिलाड़ी भले वहां के सेंटर में रहेंगे, लेकिन इनका सारा खर्च यहां का सेंटर करेगा। जब यहां पर एथलेटिक्स का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा तो इन खिलाड़ियों को वापस बुला लिया जाएगा। श्री खान ने बताया कि जब सेंटर में बालिका खिलाड़ियों को शामिल कर लिया जाएगा तो एथलेटिक्स का भी प्रशिक्षण शुरू होगा। एथलेटिक्स में बालिका खिलाड़ियों की ही संख्या ज्यादा है।
4-5 खिलाड़ी होंगे बाहर
दस दिनों के मूल्यांकन शिविर के बाद खिलाड़ियों की रिपोर्ट सभी खेलों के प्रशिक्षक गुरुवार को जमा कर देंगे। इसके बाद पात्र खिलाड़ियों की सूची बनाकर भोपाल अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। शाहनवाज खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर में शामिल 95 खिलाड़ियों में से 4 या 5 खिलाड़ी ही अपात्र होने की संभावना है। लेकिन इसका फैसला सभी खिलाड़ियों की रिपोर्ट आने के बाद होगा। जिन खिलाड़ियों के अपात्र होने की संभावना है उन खिलाड़ियों के पास खेलों के प्रमाणपत्र नहीं हैं। खिलाड़ियों को अपने प्रमाणपत्र जमा करने का समय मूल्यांकन शिविर के अंतिम दिन तक दिया गया था। इसके बाद भी प्रमाणपत्र जमा न करने वाले खिलाड़ियों के बारे में यही माना जाएगा कि उनके पास प्रमाणपत्र नहीं हैं और उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
रायपुर के साई सेंटर में सात खेलों को शामिल किया गया है। इन खेलों में एथलेटिक्स ऐसा खेल है जिसके लिए महज दो खिलाड़ी ही मिले हैं। इन खिलाड़ियों का भी मूल्यांकन शिविर में परीक्षण किया गया है। अब इन खिलाड़ियों को भोपाल के सेंटर में भेजने की तैयारी की जा रही है। इनका वहां के सेंटर में भेजा जाना तय है। सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान बताते हैं कि अब तक एथलेटिक्स के लिए कोच की व्यवस्था नहीं हो सकी है, इसी के साथ अभी हमारे पास ट्रेक भी नहीं है। वैसे आउटडोर स्टेडियम में ट्रेक बनाया जाएगा, लेकिन यह अभी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि वे भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु से बात करके दो एथलीटों को भोपाल भेज देंगे ताकि उनको वहां पर अच्छी तरह से प्रशिक्षण मिल सके। उन्होंने बताया कि ये खिलाड़ी भले वहां के सेंटर में रहेंगे, लेकिन इनका सारा खर्च यहां का सेंटर करेगा। जब यहां पर एथलेटिक्स का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा तो इन खिलाड़ियों को वापस बुला लिया जाएगा। श्री खान ने बताया कि जब सेंटर में बालिका खिलाड़ियों को शामिल कर लिया जाएगा तो एथलेटिक्स का भी प्रशिक्षण शुरू होगा। एथलेटिक्स में बालिका खिलाड़ियों की ही संख्या ज्यादा है।
4-5 खिलाड़ी होंगे बाहर
दस दिनों के मूल्यांकन शिविर के बाद खिलाड़ियों की रिपोर्ट सभी खेलों के प्रशिक्षक गुरुवार को जमा कर देंगे। इसके बाद पात्र खिलाड़ियों की सूची बनाकर भोपाल अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। शाहनवाज खान ने बताया कि मूल्यांकन शिविर में शामिल 95 खिलाड़ियों में से 4 या 5 खिलाड़ी ही अपात्र होने की संभावना है। लेकिन इसका फैसला सभी खिलाड़ियों की रिपोर्ट आने के बाद होगा। जिन खिलाड़ियों के अपात्र होने की संभावना है उन खिलाड़ियों के पास खेलों के प्रमाणपत्र नहीं हैं। खिलाड़ियों को अपने प्रमाणपत्र जमा करने का समय मूल्यांकन शिविर के अंतिम दिन तक दिया गया था। इसके बाद भी प्रमाणपत्र जमा न करने वाले खिलाड़ियों के बारे में यही माना जाएगा कि उनके पास प्रमाणपत्र नहीं हैं और उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
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